Vaham ki bimari in Hindi वहम की बीमारी को भ्रम रोग या डिल्यूशन डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के मन में स्थाई भ्रम को पैदा कर सकती है। भ्रम विचित्र या अविचित्र किसी भी विषय से सम्बंधित हो सकता है। पीड़ित व्यक्ति का भ्रम पर अटल विश्वास होता है, अर्थात वह वास्तविकता और काल्पनिकता में अंतर स्पष्ट नहीं कर पाता है। वहम की बीमारी समय के साथ बढ़ती जाती है और व्यक्ति के जीवन को नष्ट कर सकती है। यह बीमारी हिंसा की भावनाओं को भी जन्म दे सकती है। अतः भ्रम रोग या वहम की बीमारी का प्रारंभिक निदान और उपचार किया जाना महत्वपूर्ण होता है। आज इस लेख के माध्यम आप जान सकते हैं कि से आप वहम की बीमारी क्या है, इसके कारण, लक्षण क्या हैं तथा इसका निदान और इलाज कैसे किया जा सकता है।
वहम की बीमारी को पहले पैरानॉयड डिसऑर्डर (paranoid disorder) भी कहा जाता था। वहम की बीमारी एक प्रकार की गंभीर मानसिक बीमारी (साइकोटिक डिसऑर्डर) है। वहम की बीमारी में व्यक्ति कल्पना और वास्तविकता में अंतर करने में असमर्थ होता है। इस रोग की मुख्य विशेषता भ्रम और कुछ असत्य बातों में अटल विश्वास हैं। वहम रोग से पीड़ित व्यक्तियों में भ्रम का अनुभव वास्तविक जीवन में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से सम्बंधित होता है, इन भ्रम सम्बंधित परिस्थितियों में- पीछा किया जाना, जहर दिया गया, धोखा दिया गया, साजिश की गई आदि शामिल हो सकती हैं। मन का भ्रम आमतौर पर गलत धारणाओं या गलत अनुभवों से सम्बंधित होता है।
भ्रम की बीमारी वाले लोग अक्सर भ्रम सम्बन्धी विषय को छोड़कर, अन्य कार्यों को सामान्य रूप से जारी रख सकते हैं, और कोई भी स्पष्ट या विचित्र व्यवहार प्रगट नहीं करते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में व्यक्ति वहम की बीमारी से इतने प्रभावित हो सकते हैं कि, उनका जीवन पूरी तरह नष्ट हो जाता है। मन का वहम अधिक सामान्य विकारों जैसे सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) (schizophrenia) का भी लक्षण हो सकता है।
वहम की बीमारी के प्रकार या वहम रोग की स्थिति में भ्रम के मुख्य प्रकार निम्न हैं:
इस प्रकार की वहम की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति यह मानता है कि, उसका किसी अन्य व्यक्ति (जो वास्तव में महत्वपूर्ण या प्रसिद्ध है) के साथ प्रेम संबंध है और इसी भ्रम के कारण उस व्यक्ति से संपर्क करने की कोशिश कर सकता है। इस भ्रम के कारण, उस व्यक्ति का पीछा करना या चुपके से नजर रखना आदि व्यवहार देखने को मिल सकते हैं।
इस प्रकार की वहम की बीमारी में व्यक्ति के पास श्रेय, शक्ति, ज्ञान या पहचान आदि की अधिकता से सम्बंधित एक अति-विस्तृत भ्रम सम्बन्धी भावना होती है। इस भ्रम से पीड़ित व्यक्ति अपने आपको एक महान प्रतिभा या एक महत्वपूर्ण खोजकर्ता के रूप में देखते हैं।
इस प्रकार के भ्रम रोग से पीड़ित व्यक्ति यह मानता है, कि उसका जीवनसाथी या यौन साथी बेवफा (unfaithful) या विश्वासघाती है।
इस प्रकार के भ्रम से पीड़ित किसी व्यक्ति को यह विश्वास होता है कि, कोई व्यक्ति या उनका करीबी, उनके साथ गलत व्यवहार कर रहा है, जासूसी कर रहा है, उन्हें बदनाम किया जा रहा है या उन्हें नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहा है। अतः इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति कानूनी अधिकारियों से बार-बार उसकी शिकायत भी कर सकते हैं।
इस प्रकार के भ्रम की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के पास शारीरिक दोष या चिकित्सा समस्या से ग्रस्त होने की भावना होती है।
इस प्रकार के वहम रोग में उन लोगों को शामिल किया जाता है जिनके पास दो या दो से अधिक प्रकार का भ्रम होता है।
वहम की बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थोड़ी अधिक सामान्य है। अनेक मानसिक विकारों के साथ-साथ भ्रम रोग या वहम की बीमारी का सही कारण अभी तक अज्ञात है। हालांकि, शोधकर्ताओं द्वारा पता लगाया गया है कि, विभिन्न आनुवंशिक, जैविक और पर्यावरणीय या मनोवैज्ञानिक कारक वहम की बीमारी के उत्पन्न होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
परिवार में स्किज़ोफ्रेनिया (schizophrenia) या स्किज़ोटाइपल (Schizotypal) का इतिहास होने पर उस परिवार के अन्य सदस्यों में भ्रम की स्थिति विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। अतः यह माना जाता है कि, यदि माता-पिता मानसिक विकारों से पीड़ित हैं तो उनकी संतानों में वहम की बीमारी उत्पन्न हो सकती है। स्किज़ोटाइपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Schizotypal personality disorder) और सिजोफ्रेनिया रोग (schizophrenia disorder) आनुवंशिक रूप से भ्रम रोग (delusional disorder) से सम्बंधित होते हैं।
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शोधकर्ताओं द्वारा इस बात पर अध्ययन किया जा रहा है कि, मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों में असामान्यताएं या बायोलॉजिकल परिवर्तन वहम रोग के विकास में कैसे योगदान दे सकती हैं। मस्तिष्क में कुछ रसायनों (न्यूरोट्रांसमीटर) के असंतुलन के कारण भी भ्रम सम्बन्धी लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। न्यूरोट्रांसमीटर ऐसे पदार्थ हैं, जो मस्तिष्क और तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य संदेश भेजने में मदद करते हैं। अतः इन रसायनों में असंतुलन की स्थिति में संदेशों के प्रसारण में हस्तक्षेप उत्पन्न हो सकता है, तथा भ्रम और अन्य लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
तनाव की स्थिति भ्रम विकार उत्पन्न करने में योगदान दे सकती है। शराब और नशीली दवाओं का अत्यधिक सेवन भी वहम की बीमारी को उत्पन्न कर सकती है। जो लोग अन्य लोगों से किसी तरह दूर हो जाते हैं, (जैसे कि आप्रवासी या खराब दृष्टि और कम सुनने वाले लोग) वह वहम की बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
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वहम की बीमारी का मुख्य लक्षण भ्रम (Delusions) है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति ऐसी चीज़ों में अटूट विश्वास रखते हैं, जो सच नहीं हैं, लेकिन वास्तविकता पर आधारित है। कुछ स्थितियों में वहम की बीमारी के लक्षणों में विचित्र और वास्तविक जीवन में घटित न होने वाली घटनाएं भी शामिल हो सकती हैं। अलग-अलग व्यक्तियों में वहम की बीमारी के अलग-अलग लक्षण और संकेत देखे जा सकते हैं। वहम की बीमारी में निम्नलिखित सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं:
यदि किसी व्यक्ति को भ्रम रोग (डिल्यूशन डिसऑर्डर) से सम्बंधित लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए। वहम (भ्रम) की बीमारी का निदान करने के लिए डॉक्टर चिकित्सकीय इतिहास से सम्बंधित प्रश्न पूंछेगा और शारीरिक परीक्षण करेगा। यद्यपि भ्रम रोग या वहम की बीमारी का निदान करने के लिए कोई विशेष प्रयोगशाला परीक्षण नहीं हैं, फिर भी डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों का कारण जाननें और शारीरिक बीमारी का पता लगाने के लिए कुछ नैदानिक परीक्षणों का उपयोग कर सकता है। इन परीक्षणों में इमेजिंग परीक्षण या ब्लड टेस्ट शामिल हो सकते हैं, जिनके द्वारा निम्न बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, जैसे:
यदि डॉक्टर को भ्रम से सम्बंधित लक्षणों का कोई भौतिक कारण ज्ञात नहीं होता है, तो वह मानसिक रोगों के निदान और उपचार के लिए मनोचिकित्सक (psychiatrist) या मनोवैज्ञानिक (psychologist) की मदद ले सकते हैं। मनोचिकित्सक व्यक्ति के लक्षणों और व्यवहार का अवलोकन कर निदान प्रक्रिया प्रारंभ कर सकते हैं। अतः लक्षणों के आधार पर रोग का पता लगाया जा सकता है।
वहम की बीमारी के उपचार में अक्सर दवा और मनोचिकित्सा (Psychotherapy) को शामिल किया जाता है। उन व्यक्तियों में भ्रम रोग (वहम की बीमारी) का इलाज करना बहुत मुश्किल हो सकता है, जो मनोरोग समस्या के बारे में नहीं जानते हैं। हालांकि एंटीसाइकोटिक दवाओं (antipsychotic medications) से वहम की बीमारी का इलाज करने पर रोगियों में आंशिक सुधार दिखाई देता है। भ्रम रोग के इलाज में शामिल की जाने वाली एंटीसाइकोटिक (antipsychotic) दवाओं में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
पारंपरिक एंटीसाइकोटिक्स को न्यूरोलेप्टिक (neuroleptics) भी कहा जाता है। वे मस्तिष्क में डोपामाइन रिसेप्टर्स (dopamine receptors) को अवरुद्ध करने का काम करते हैं। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो भ्रम जैसी भावनाओं को उत्तेजित करता है। पारंपरिक एंटीसाइकोटिक्स दवाओं में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
नोट: दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
एटिपिकल एंटीसाइकोटिक्स दवाएं अन्य एंटीसाइकोटिक्स की तुलना में कम दुष्प्रभावों को उत्पन्न करती हैं। यह दवाएं मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन रिसेप्टर्स को अवरुद्ध करने का काम करती हैं। सेरोटोनिन (Serotonin) एक अन्य न्यूरोट्रांसमीटर है, जो भ्रम रोग का कारण बनता है। इन दवाओं में शामिल हैं:
नोट: दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
सेडेटिव (Sedatives) और अवसादरोधी (antidepressants) दवाओं का उपयोग भ्रम रोग के साथ-साथ चिंता या मनोदशा से सम्बंधित लक्षणों का उपचार करने के लिए भी किया जा सकता है। यदि व्यक्ति बहुत अधिक चिंता या नींद न आने की समस्या से ग्रस्त है, तो इलाज के दौरान डॉक्टर ट्रैंक्विलाइज़र (Tranquilizers) की सिफारिश कर सकते हैं। वहम की बीमारी की स्थिति में डिप्रेशन (अवसाद) से ग्रस्त रोगियों को एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
नोट: दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
व्यक्ति को भ्रम की स्थिति का सामना करने, विचार और व्यवहार को पहचानने तथा सोच को बदलने में मदद करने के लिए विभिन्न प्रकार की मनोचिकित्सा का उपयोग किया जा सकता है, जैसे:
सिज़ोफ्रेनिया स्पेक्ट्रम और मानसिक विकार आम तौर पर एक व्यक्ति को अलग-थलग भ्रमपूर्ण विचारों के विकारों से अधिक प्रभावित करते हैं। यह कहना नहीं है, हालांकि, यह भ्रमपूर्ण विकार अत्यधिक कठिनाई का कारण नहीं होगा। भ्रम के साथ प्रत्येक व्यक्ति जीवन के किसी विशेष क्षेत्र में नकारात्मक परिणामों का अनुभव करेगा कि उसका विश्वास निम्नलिखित के साथ बातचीत करता है:
वहम की बीमारी की रोकथाम का कोई ज्ञात तरीका नहीं है। लेकिन प्रारंभिक निदान और उपचार व्यक्ति के जीवन की जटिलताओं को कम करने, परिवारिक और मित्रता संबंधों में सुधार लाने में मदद कर सकते हैं।
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