Vata Dosha Diet In Hindi: वात दोष “वायु” और “आकाश’ इन दो तत्वों से मिलकर बना है। किसी व्यक्ति के शरीर में वायु तत्व सामान्य से अधिक हो जाता है, तो इसे वात दोष कहते हैं। इसे संतुलित करने के लिए वात दोष डाइट प्लान के बारे जानकारी होना जरूरी है।
वात दोष शरीर के उन प्रमुख दोषों में एक है जो पूरे शरीरिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होते हैं। यदि आपको कोई रोग शाम के समय या देर रात को परेशान करता है तो इसका कारण असंतुलित वात दोष होता है। आपके शरीर के मोटापे का कारण भी वात दोष हो सकता है।
हमारे शरीर में वात का मुख्य स्थान पेट और आंत होता है। इसलिए वात को संतुलित रखना बहुत ज़रूरी है। आइये वात दोष को संतुलित करने के लिए डाइट प्लान के बारे जानते है।
वात दोष में त्रिफला के सेवन को सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है। यह तीन फल कब्ज में बहुत लाभकारी होते हैं। इसके अलावा आप वात दोष को संतुलित करने के लिए आप निम्न आहार का सेवन करें।
(और पढ़ें – वात दोष और आयुर्वेद)
वात दोष के लिए डाइट चार्ट में आप सब्जियों का सेवन कर सकते है। सब्जियों में आप बीन्स, मटर, तोरी, लौकी, गाजर, शकरकंद, साग और पालक आदि का सेवन करें। इसके अलावा आप बैंगन, ब्रोकली, पत्ता गोभी और फूलगोभी सब्जियों के सेवन से बचें।
असंतुलित वात दोष को संतुलित करने के लिए आप अपनी डाइट में ताजे फलों को शामिल करें। अनानास, पपीता, संतरा, अंगूर, केला, बेरीज, नींबू, पल्म, चेरी, एवोकाडो, नारियल और भिगोई गयी किशमिश आदि का सेवन कर सकते है।
वात दोष डाइट में आप चावल, गेहूं, ओट्स और जई का पका हुआ आटा आदि का सेवन करें। इसके अलावा आप जौ, मकई, बाजरा आदि अनाज के सेवन से बचें।
डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करना वात दोष डाइट में बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें आप गाय का दूध, घी, घर का बना दही, लस्सी, पनीर, क्रीम, बिना नमक वाला मक्खन आदि का सेवन करें। इससे आपको वात की समस्या नहीं होती।
आप वात दोष असंतुलित होने से रोकने के लिए दालचीनी, काली मिर्च, अदरक, हल्दी, पुदीना, जीरा, तुलसी, इलायची, धनिया, सौंफ, जायफल, सरसों के बीज, सेंधा नमक, काला नमक, सूखे आम का पाउडर, अनार के बीज का पाउडर और केसर आदि मसाले का सेवन करें। यदि आपके शरीर में पहले से ही वात दोष का असंतुलन है तो मसालों का कम मात्रा में सेवन करें।
असंतुलित वात में कुछ प्रकार की दालों को खाना फायदेमंद होता है। वात दोष के लिए डाइट प्लान में आप तुअर की दाल, मसूर की दाल, उड़द की दाल और मूंग की दाल आदि को अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
घी, तिल का तेल, सरसों का तेल, नारियल का तेल, अखरोट का तेल, ऑलिव ऑयल, आदि सभी ऑर्गेनिक ऑयल का सेवन वात दोष में करने से लाभ मिलता है।
वात दोष वाले लोग अपने आहार में नट्स और सीड्स को शामिल करें, यह उनके लिए लाभदायक होता है। इसके लिए आप बादाम, काजू, अखरोट, पिस्ता, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, तिल के बीज और अलसी के बीज को खाएं।
वात दोष डाइट प्लान में आप हर्ब्स में ताजी अदरक की जड़, लहसुन, कड़ी पत्ता, तुलसी, शहद, ताजा सौंफ, पुदीना, चीनी व उससे बने पदार्थ आदि का सेवन करें।
(और पढ़ें – वात रोग क्या है, कारण, लक्षण और उपचार)
वात दोष को संतुलित करने के लिए अपनाएं ये डाइट प्लान (Vata Dosha Diet In Hindi) का यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
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