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वीडीआरएल टेस्ट प्रक्रिया, परिणाम और कीमत – VDRL Test In Hindi

VDRL test in Hindi वीडीआरएल टेस्ट, सिफलिस (syphilis) रोग की जाँच करने के लिए एक रक्त परीक्षण है, जिसके द्वारा मरीज के रक्तप्रवाह में मौजूद एक विशिष्ट एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। इस परीक्षण के द्वारा मरीज में सिफलिस के लक्षण प्रगट होने के बगैर भी संक्रमण के सटीक परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं, क्योंकि यह सिफलिस (syphilis) संक्रमण के परिणामस्वरूप उत्पन्न एंटीबॉडी की जाँच करता है। वर्तमान में सिफलिस के कोई भी लक्षण प्रगट न होने पर भी VDRL परीक्षण का उपयोग किया जा सकता है। सिफलिस एक यौन संचारित संक्रमण है, जिसका समय पर निदान और उपचार न किया जाए तो यह हृदय रोग, मस्तिष्क क्षति, रीढ़ की हड्डी की क्षति, अंधापन और मृत्यु का कारण बन सकता है। अतः सिफलिस के निदान के लिए vdrl टेस्ट आवश्यक हो जाता है।

आज इस लेख में आप जानेगें कि वीडीआरएल टेस्ट क्या है, इसकी प्रक्रिया, तैयारी, टेस्ट के दौरान, रिजल्ट और कीमत के बारे में।

विषय सूची

  1. वीडीआरएल टेस्ट क्या है – What is vdrl test in Hindi
  2. वीडीआरएल टेस्ट की प्रक्रिया – VDRL test procedure in hindi
  3. VDRL टेस्ट कब और क्यों किया जाता है – When and Why perform a vdrl test in Hindi
  4. VDRL टेस्ट की तैयारी – VDRL test preparation in Hindi
  5. वीडीआरएल टेस्ट के दौरान – during the vdrl test in hindi
  6. VDRL टेस्ट के जोखिम – VDRL test Risks in Hindi
  7. गर्भावस्था के दौरान vdrl परीक्षण – VDRL test in pregnancy in Hindi
  8. VDRL टेस्ट के परिणाम – VDRL test results in Hindi
  9. गलत VDRL टेस्ट परिणाम – False VDRL test results in hindi
  10. वीडीआरएल टेस्ट की कीमत – VDRL test price in Hindi

वीडीआरएल टेस्ट क्या है – What is VDRL test in Hindi

vdrl का पूरा नाम वेनेरल डिजीज रिसर्च लेबोरेटरी टेस्ट (venereal disease research laboratory test) है। यह टेस्ट उपदंश (सिफिलिस), जो कि एक यौन संचारित संक्रमण (STI) है, का निदान करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। सिफलिस ट्रेपोनिमा पैलिडम (Treponema pallidum) नामक जीवाणु के कारण होता है। यह जीवाणु मुंह या जननांग क्षेत्र के अस्तर में घुसकर व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। वीडीआरएल टेस्ट सिफिलिस (syphilis) का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की खोज नहीं करता है, बल्कि यह टेस्ट ट्रेपोनिमा पैलिडम बैक्टीरिया से लड़ने के लिए शरीर द्वारा उत्पादित एंटीबॉडीज की जांच करता है।

जीवाणु द्वारा प्रभावित कोशिकाओं द्वारा उत्पादित एंटीजन के खिलाफ संक्रमित व्यक्ति का शरीर एंटीबॉडी का निर्माण करता है। एंटीबॉडी एक प्रकार का प्रोटीन है, जिसे मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बैक्टीरिया या विषाक्त पदार्थों से लड़ने के लिए उत्पन्न किया जाता है। अतः VDRL टेस्ट द्वारा इन एंटीबॉडी का परीक्षण कर डॉक्टर मरीज में सिफलिस के होने या न होने की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

(और पढ़े – सिफलिस (उपदंश) के कारण लक्षण और उपचार…)

वीडीआरएल टेस्ट की प्रक्रिया – VDRL test procedure in Hindi

vdrl टेस्ट एक सामान्य रक्त परीक्षण की तरह है। वीडीआरएल टेस्ट की प्रक्रिया में रक्त या शरीर के तरल पदार्थ में बैक्टीरियम ट्रेपोनेमा पैलिडम (bacterium Treponema pallidum) के कारण उत्पन्न होने वाली एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। यह बैक्टीरिया एक यौन संक्रमित संक्रमण सिफलिस का कारण बनता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के जननांग क्षेत्र (genital area), होंठ, मुंह या गुदा आदि अंगों को प्रभावित करता है। सिफिलिस रोग से सम्बंधित रक्त नमूने में एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाने के लिए नॉन-ट्रेपोनेमल एंटीजन (Non-treponemal antigen) जैसे- कार्डियोलिपिन-कोलेस्ट्रॉल-लेसिथिन (Cardiolipin-Cholesterol-Lecithin) का उपयोग किया जाता है।

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VDRL टेस्ट कब और क्यों किया जाता है – When and Why perform a VDRL test in Hindi

यदि किसी व्यक्ति को उपदंश (सिफलिस) होने की संभावना है, तो डॉक्टर VDRL टेस्ट का आदेश दे सकता है। कुछ प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर भी डॉक्टर इस परीक्षण की सिफारिश कर सकता है, जैसे:

  • एक छोटा, दर्द रहित घाव (sore) उत्पन्न होने पर
  • घाव के पास लिम्फ नोड्स (lymph nodes) में सूजन उत्पन्न होने पर
  • त्वचा पर खुजली रहित लाल चकत्ते उत्पन्न होने पर, इत्यादि।

इसके अतिरिक्त लक्षणों के बगैर, अन्य मामलों में भी डॉक्टर सिफिलिस के निदान के लिए VDRL टेस्ट की सिफारिश कर सकता है, उदाहरण के लिए,

  • गर्भावस्था की स्थिति में
  • एचआईवी से संक्रमित होने की स्थिति में
  • उच्च जोखिम वाली यौन गतिविधियों में लिप्त रहने की स्थिति में
  • यदि किसी व्यक्ति को पहले कभी सिफिलिस का इलाज किया गया हो, तो उस व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर निगरानी रखने के उद्देश्य से, इत्यादि।

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VDRL टेस्ट की तैयारी – VDRL test preparation in Hindi

vdrl टेस्ट के लिए सम्बंधित व्यक्ति को कोई विशेष तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस टेस्ट में किसी भी प्रकार के उपवास रखने की आवश्यकता भी नहीं होती है, तथा डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं को छोड़ने या अतिरिक्त दवाएं लेने की जरूरत नहीं पड़ती है।

इसके अतिरिक्त डॉक्टर, मरीज को VDRL परीक्षण से पहले कुछ विशेष निर्देश दे सकता है, जिनका पालन करना आवश्यक होता है।

vdrl टेस्ट के दौरान – During the VDRL test in Hindi

वीडीआरएल परीक्षण के दौरान आमतौर पर, हेल्थकेयर प्रोफेशनल द्वारा रक्त नमूना एकत्रित करने की आवश्यकता होती है। रक्त नमूना लेने के लिए सिरिंज की सहायता से मरीज की कोहनी (elbow) या हाथ की बांह में रक्त शिरा से रक्त को खींचा जाता है। रक्त का नमूना एकत्रित करने के बाद नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाता है और सिफलिस के परिणामस्वरूप उत्पन्न एंटीबॉडी की जाँच की जाती है। इसके अतिरिक्त गंभीर स्थितियों में प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ का भी नमूना लिया जा सकता है। vdrl टेस्ट के बाद यदि मरीज यौन रूप से सक्रिय रहता है, तो उस व्यक्ति के लिए 2 से 4 सप्ताह के अन्दर अन्य रक्त परीक्षण या vdrl परीक्षण को दोहराने की सिफारिश की जा सकती है।

VDRL टेस्ट के जोखिम – VDRL test Risks in Hindi

वीडीआरएल टेस्ट में कोई विशिष्ट जोखिम उत्पन्न नहीं होते है। एक रक्त नमूना लेते समय काफी मामूली जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं। रक्त खींचने के दौरान मामूली चोट या रक्तस्राव तथा हल्के दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अतिरिक्त रक्त की कमी, नस में सूजन या संक्रमण जैसी दुर्लभ समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

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गर्भावस्था के दौरान VDRL परीक्षण – VDRL test in pregnancy in Hindi

VDRL टेस्ट (वेनेरल डिजीज रिसर्च लेबोरेटरी टेस्ट) प्रेगनेंसी के दौरान किया जाना आवश्यक होता है। चूँकि सिफलिस (syphilis) एक संक्रामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैलती है। यदि कोई गर्भवती महिला सिफलिस से संक्रमित है, तो उसका जन्म लेने वाला बच्चा जन्मजात सिफलिस (congenital syphilis) के साथ पैदा हो सकता है। गर्भावस्था के किसी भी चरण में सिफलिस (उपदंश) का होना संभव है, जिसके परिणामस्वरूप यह संक्रमण भ्रूण की मृत्यु या भ्रूण के कान, आंख, जिगर, अस्थि मज्जा, त्वचा, हड्डियों और हृदय आदि के भी प्रभावित होने का कारण बन सकता है। सिफलिस रोग मरे हुए बच्चे पैदा होने (stillborn pregnancy) की संभावना को भी बढ़ा देता है। अतः इन सभी जटिलताओं से बचने के लिए गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान अन्य परीक्षणों के साथ-साथ vdrl टेस्ट कराना भी आवश्यक हो जाता है।

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VDRL टेस्ट के परिणाम – VDRL test results in Hindi

VDRL टेस्ट के दौरान दो प्रकार के परिणाम प्राप्त हो सकते हैं:  सकारात्मक (positive) और नकारात्मक (negative)।

यदि सिफिलिस एंटीबॉडी के लिए VDRL टेस्ट का परिणाम नकारात्मक प्राप्त होता है, तो यह प्रदर्शित करता है, कि सम्बंधित व्यक्ति को सिफिलिस रोग नहीं है। लेकिन सिफिलिस रोग के शुरुआती चरणों में, वीडीआरएल टेस्ट में अक्सर नकारात्मक परिणाम गलत साबित हो सकते हैं। यदि परीक्षण के दौरान सिफिलिस एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है, तो सिफिलिस (उपदंश) होने की पुष्टि की जाती है। अतः सकारात्मक परिणाम की स्थिति में डॉक्टर, परिणामों की पुष्टि करने के लिए अधिक विशिष्ट परीक्षण का आदेश दे सकते हैं। एक ट्रेपोनैमल टेस्ट (Treponemal tests) अक्सर VDRL टेस्ट के सकारात्मक परिणामों की पुष्टि करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। ट्रेपोनैमल टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है, कि क्या मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली ने सिफिलिस का कारण बनने वाले ट्रेपोनेमा पैलिडम (Treponema pallidum) नामक बैक्टीरिया के खिलाफ विशिष्ट एंटीबॉडी का उत्पादन किया है, या नहीं।

गलत VDRL टेस्ट परिणाम – False VDRL test results in Hindi

वीडीआरएल (VDRL) टेस्ट के द्वारा हमेशा सटीक परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं। कुछ मामलों में, सिफिलिस से संक्रमित व्यक्ति का शरीर एंटीबॉडी का उत्पादन नहीं कर सकता है। अतः इस स्थिति में VDRL टेस्ट के गलत परिमाण प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को तीन महीने से कम समय के लिए उपदंश (syphilis) है, तो VDRL टेस्ट के दौरान फाल्स-निगेटिव रिजल्ट (false-negative result) या नकारात्मक परिणाम गलत प्राप्त हो सकते हैं, क्योंकि उपदंश (syphilis) की स्थिति में शरीर द्वारा एंटीबॉडी के निर्माण में लंबा समय लग सकता है।

इसके अतिरिक्त वीडीआरएल टेस्ट में कुछ स्थितियों में गलत-सकारात्मक परिणाम (False positive result) भी प्राप्त हो सकते हैं, यह स्थितियां निम्न हैं:

अतः यह सभी स्थितियां vdrl टेस्ट के द्वारा सिफलिस रोग के निदान में भ्रम उत्पन्न कर सकती हैं। सिफलिस संक्रमण के परिणामस्वरूप उत्पन्न एंटीबॉडी, सिफलिस के इलाज के बाद भी व्यक्ति के शरीर में रह सकते हैं। जिस कारण से उस व्यक्ति के लिए इस परीक्षण से हमेशा ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

(और पढ़े – एचआईवी टेस्ट क्या है, प्रकार, प्रक्रिया…)

वीडीआरएल टेस्ट की कीमत – VDRL test price in Hindi

vdrl टेस्ट (वेनेरल डिजीज रिसर्च लेबोरेटरी टेस्ट) की कीमतें पैथोलॉजिकल लैब में भिन्नता के साथ भिन्न भिन्न हो सकती है। इंडिया में vdrl टेस्ट की कीमत Rs. 100 से Rs. 300 के बीच हो सकती है।

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