Virabhadrasana 3 in Hindi वीरभद्रासन-3 करने के तरीके और उसके लाभ जानकर आप भी अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ को बढ़ा सकते हैं। वीरभद्रासन-3 वीरभद्रासन योग श्रंखला का तीसरा और अंतिम योग आसन हैं। इसे अंग्रेजी में Warrior Pose 3 पोज़ के नाम से जाना जाता हैं। वीरभद्रासन-3 एक खड़े होकर करने वाली योग स्थिति हैं। यह पैरों को मजबूत करता है और एक मजबूत कोर विकसित करता है। यह वीरभद्रासन-3 योग एक मुश्किल पोज़ हो सकता हैं क्योंकि इसमें आपको एक पैर पर संतुलन बनाना पड़ता हैं। इस आसन को करने में बहुत ताकत की आवश्यकता होती है।
यह आसन गर्दन दर्द, कंधे का दर्द और पीठ के दर्द को ठीक करने में मदद करता है, वीरभद्रासन-3 सहानशक्ति को बढ़ाने में मदद करता हैं। कमजोर दिल वाले लोगों को इस आसन को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। आइये वीरभद्रासन-3 योग मुद्रा को करने की विधि और इससे होने वाले लाभों को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. वीरभद्रासन-3 क्या हैं – What is Virabhadrasana-3 in Hindi
2. वीरभद्रासन-3 करने से पहले यह आसन करें – Virabhadrasana-3 karne se pehle yeh aasan kare in Hindi
3. वीरभद्रासन-3 करने का तरीका – Steps to do Virabhadrasana-3 Pose in Hindi
4. शुरुआती लोगों के लिए वीरभद्रासन-3 करने की प्रारंभिक टिप – Beginner’s Tip to do Virabhadrasana-3 Hindi
5. वीरभद्रासन-3 के फायदे –Virabhadrasana-3 (Warrior Pose 3) Benefits in Hindi
- पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में लाभदायक वीरभद्रासन-3 – Virabhadrasana-3 Benefits for digestion in Hindi
- वीरभद्रासन-3 के फायदे सहनशक्ति को बढ़ाने में – Warrior-3 for increases stamina in Hindi
- शरीर को मजबूत करे वीरभद्रासन-3 योग मुद्रा – Virabhadrasana-3 benefit for the strong body in Hindi
- वीरभद्रासन-3 के कुछ अन्य लाभ इस प्रकार हैं – Other Benefits of Virabhadrasana-3 (Warrior-3) in Hindi
वीरभद्रासन-3 क्या हैं – What is Virabhadrasana-3 in Hindi
वीरभद्रासन योग श्रृंखला में यह आसन तीसरे नंबर पर आता हैं। इस के अन्य दो आसन वीरभद्रासन-1 और वीरभद्रासन-2 हैं। वीरभद्रासन मुद्रा का नाम भगवान शिव द्वारा निर्मित वीरभद्र पौराणिक चरित्र से लिया गया है। वीरभद्रासन शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया हैं जो दो शब्दों से मिलके बना हैं जिसमे पहला शब्द “वीर” का अर्थ “साहसी या बहादुर” हैं और दूसरा शब्द “भद्र” जिसका अर्थ “धन्य या भाग्यशाली” होता हैं। इस आसन को अंग्रेजी में Warrior-3 Pose के नाम से भी जाना जाता हैं। यह आसन योग की आगे वाली उन्नत मुद्रा को करने में आपको सक्षम बनाता हैं। यह मुद्रा आपके अन्दर आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं। आइये वीरभद्रासन-3 करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।
वीरभद्रासन-3 करने से पहले यह आसन करें – Virabhadrasana-3 karne se pehle yeh aasan kare in Hindi
वीरभद्रासन-3 आसन को करने से पहले आप नीचे दिए कुछ योग आसन को करें, इससे आपको वीरभद्रासन-3 करने में मदद मिलेगी-
वीरभद्रासन-3 करने का तरीका – Steps to do Virabhadrasana-3 Pose in Hindi
वीरभद्रासन-3 एक पैर पर संतुलन बनाने वाला आसन है, यह आसन आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण आसन हो सकता है। नीचे इस आसन को करने की कुछ सरल विधि दी जा रही है जिसकी मदद से आप इस आसन को आसानी से कर सकते हैं।
- वीरभद्रासन-3 को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ स्थान पर बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं।
- इस आसन को करने के लिए आप ताड़ासन की मुद्रा में भी खड़े हो सकते हैं।
- अब अपने दोनों पैरों को सीधे रखे हुए अपने ऊपर के शरीर को नीचे की ओर झुकाये और अपने दोनों हाथों को फर्श पर रखने का प्रयास करें।
- इसके लिय आप उत्तानासन मुद्रा का सहारा भी ले सकते हैं।
- दोनों हाथों को फर्श पर रखें हुए अपने बाएं पैर को उठायें और पीछे की ओर सीधा करने का प्रयास करें।
- इसके बाद अपने अपने दोनों हाथों को भी धीरे-धीरे ऊपर करते जाएं।
- अपने धड़ यानि ऊपर के शरीर को ऊपर करें और उसे फर्श के समान्तर ले आयें।
- अब अपने दोनों हाथों को सीधा करें और उनको भी जमीन के समान्तर ले आयें।
- इस स्थिति में आपके दोनों हाथ, धड़ (शरीर का ऊपर का हिस्सा) और पैर एक सीधी रेखा में होगें।
- अपने दायं पैर पर संतुलन बनाए और इस मुद्रा में रहने का प्रयास करें।
- इस आसन में रहते हुए 5 से 6 साँस लें और पैर को नीचे करते हुए अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।
- अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर से दोहराएं।
(और पढ़ें – उत्तानासन (हस्तपादासन) करने का तरीका और फायदे)
शुरुआती लोगों के लिए वीरभद्रासन-3 करने की प्रारंभिक टिप – Beginner’s Tip to do Virabhadrasana-3 Hindi
अगर आप एक बिगिनर हैं और योग की इस मुद्रा का अभ्यास कर रहे हैं तो आपको इस मुद्रा को करने में थोड़ी कठिनाई हो सकती हैं। वीरभद्रासन-3 को करने के लिए आपको संतुलन बनाने की आवश्यकता होती हैं इसके लिए आप दीवार या किसी कुर्सी का सहारा ले सकते हैं।
(और पढ़ें – योग की शुरुआत करने के लिए कुछ सरल आसन)
वीरभद्रासन 3 के फायदे –Virabhadrasana-3 (Warrior Pose 3) Benefits in Hindi
वीरभद्रासन 1 और 2 के जैसे वीरभद्रासन-3 के भी अनेक लाभ हैं, आइये इस आसन के लाभों को विस्तार से जानते हैं-
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में लाभदायक वीरभद्रासन-3 – Virabhadrasana-3 Benefits for digestion in Hindi
हमारे शरीर के अधिकांश रोगों का कारण पेट में भोजन का अच्छे से पाचन ना होना होता हैं। वीरभद्रासन-3 हमारे पेट के अंगों को उत्तेजित करता हैं और पाचन क्रिया में सहायता करता हैं। वीरभद्रासन-3 हमारे पेट में चयापचय की क्रिया को तेज करता हैं जो पेट में होने वाले अनेक रोगों से हमारी रक्षा करता हैं।
(और पढ़ें – मानव पाचन तंत्र कैसा होता है, और कैसे इसे मजबूत बनायें…)
वीरभद्रासन-3 के फायदे सहनशक्ति को बढ़ाने में – Warrior-3 for increases stamina in Hindi
वीरभद्रासन-3 या योद्धा-3 पोज़ संतुलन और समन्वय की भावना को बढ़ाता हैं। यह आसन शरीर को मजबूत करता हैं और आपकी सहनशक्ति भी बढ़ाने में मदद करता हैं। वीरभद्रासन-3 को करने के लिए अधिक ताकत की आवश्यकता होती हैं, जब आप इस आसन को करते हैं आपके शरीर का सम्पूर्ण भर आपके एक पैर पर होता हैं जिससे आपके पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
(और पढ़ें – पैर में दर्द का कारण और आसान घरलू उपचार…)
शरीर को मजबूत करे वीरभद्रासन-3 योग मुद्रा – Virabhadrasana-3 benefits for the strong body in Hindi
वीरभद्रासन-3 योग मुद्रा हमारे शरीर को मजबूत करने के लिए एक बहुत ही अच्छा आसन हैं, इस योग मुद्रा को करने से हमारा शरीर एक योद्धा के समान मजबूत हो जाता हैं। योद्धा-3 पोज़ शरीर को स्थिर करने और संतुलन बनाने में मदद करता है क्योंकि यह सहनशक्ति को बढ़ाता है। यह आसन आपके पैर, एड़ियों को मजबूत करता हैं इसके साथ यह आसन कंधे और पीठ की मांसपेशियां को भी मजबूत करता हैं। यह आसन पेट को टोन करता हैं।
(और पढ़ें – एड़ी में दर्द के घरेलू उपाय…)
वीरभद्रासन 3 के कुछ अन्य लाभ इस प्रकार हैं – Other Benefits of Virabhadrasana-3 (Warrior-3) in Hindi
- वीरभद्रासन-3 आसन कूल्हों से जिद्दी वसा को कम करने में मदद करता हैं।
- योद्धा-3 पोज़ सायटिका की समस्या से पीड़ितों के लिए बहुत लाभकारी हैं।
- यह आसन शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ता हैं।
- यह आसन जांघों को मजबूत करता हैं।
- गर्दन, कंधे और पीठ में अकड़न से राहत दिलाता है।
- हिप्स या कूल्हों से जिद्दी वसा को कम करता है।
- कटिस्नायुशूल से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है।
- शरीर में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है।
- घुटनों, जांघों और टखनों को मजबूत करता है।
- पेट के अंगों और पाचन को उत्तेजित करता है।
- स्टैमिना का निर्माण करता है और संतुलन और समन्वय की भावना विकसित करता है।
(और पढ़ें – हिप्स कम करने के घरेलू उपाय और एक्सरसाइज…)
वीरभद्रासन 3 करने से पहले रखें यह सावधानियां – Precautions to do Virabhadrasana-3 (Warrior-3) in Hindi
योद्धा-3 पोज़ या वीरभद्रासन-3 को करने से पहले आपको कुछ सावधानियां रखना बहुत ही आवश्यक हैं, इसकी कुछ प्रमुख सावधानियां इस प्रकार हैं-
- अगर आप ह्रदय रोगों की समस्या से परेशान हैं तो आपक को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- गंभीर गर्दन दर्द और कंधे के दर्द में इस आसन को ना करे।
- यदि आप रीढ़ की हड्डी से पीड़ित हैं तो आप इस आसन को करने से बचें।
- पीठ दर्द और घुटनों के दर्द में वीरभद्रासन-3 पोज़ का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- वीरभद्रासन एक कठिन मुद्रा हैं इसलिए इसे अधिक समय तक करने का प्रयास ना करे इससे आपको चोट लग सकती हैं।
- इस आसन को योगा शिक्षक की सलाह से करने का प्रयास करें।
(और पढ़ें – गर्दन में दर्द और अकड़न दूर करने के घरेलू उपाय…)
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