विटामिन बी3, जिसे नियासिन के रूप में भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो शरीर के प्रत्येक अंग को ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करता है। सप्लीमेंट के रूप में, नियासिन का उपयोग मस्तिष्क कार्यों को बढ़ावा देने, निम्न कोलेस्ट्रॉल और गठिया (arthritis) के इलाज में किया जा सकता है। गंभीर रूप से विटामिन बी3 या नियासिन की कमी, पेलाग्रा रोग (pellagra) का कारण बन सकती है, जो कि एक घातक स्थिति है। नियासिन के खाद्य स्रोत, जैसे कि पके हुए ब्राउन राइस (brown rice), विटामिन बी 3 की कमी को रोकने में मदद कर सकते हैं। यह लेख विटामिन बी3 (नियासिन) की जानकारी के बारे में है। इस आर्टिकल में आप विटामिन बी3 के फायदे, स्रोत, कमी के लक्षण और नुकसान के बारे में जान सकते हैं।
बी3 विटामिन, का रासायनिक नाम नियासिन है। यह आठ प्रकार के विटामिन B में से एक है। यह व्यक्तियों द्वारा खाए जाने वाले भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन बी3 (नियासिन) पानी में घुलनशील है, और शरीर में इसका संग्रह नहीं होता है, इसलिए व्यक्तियों को प्रतिदिन भोजन के रूप में इसका सेवन करने की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ आहार का सेवन कर व्यक्ति विटामिन बी3 की आवश्यकता मात्रा को आसानी से प्राप्त कर सकता है। वर्तमान में विटामिन बी3 की कमी दुर्लभ है।
विटामिन बी3 मुख्य रूप से दो रासायनिक रूपों में पाया जाता हैं और प्रत्येक शरीर पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। विटामिन बी3 के दोनों रासायनिक रूप खाद्य पदार्थों के साथ-साथ नियासिन सप्लीमेंट में भी पाया जाता है, जो निम्न हैं:
वर्तमान में विटामिन बी3 के अन्य नाम इस तरह हैं, जैसे:
ज्यादातर लोग, आहार के माध्यम से पर्याप्त विटामिन बी3 को प्राप्त करते है। लेकिन शरीर में विटामिन बी3 की कमी सम्बंधित व्यक्ति में अनेक प्रकार के लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण बनती है, जिनमें शामिल हैं:
नियासिन या विटामिन बी3 की गंभीर रूप से कमी पेलाग्रा रोग (pellagra) और मतिभ्रम (Hallucinations) का कारण बन सकती है।
नियासिन की कमी अर्थात विटामिन बी3 के निम्न स्तर का कारण बनने वाले कारकों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
ट्रिप्टोफैन (tryptophans) की उच्च मात्रा युक्त खाद्य पदार्थ में नियासिन की भी उच्च मात्रा पाई जाती है। प्रोटीन और नियासिन का निर्माण करने के लिए शरीर को ट्रिप्टोफैन की आवश्यकता होती है। विटामिन बी3 के उच्च खाद्य स्रोतों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे कि:
इसके अतिरिक्त नियासिन के विभिन्न खाद्य स्रोत में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
अतीत में, कुछ लोगों कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए स्टेटिन (statin) के साथ विटामिन बी3 का उपयोग किया जाता था। हालांकि, इस पर अनेक शोध किये गए और मिश्रित परिणाम सामने आए। स्टेटिन (statin) के साथ विटामिन बी3 का उपयोग कुछ व्यक्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
भोजन में पाए जाने वाले विटामिन बी3 की मात्रा के फलस्वरूप, किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट (Side effects) उत्पन्न नहीं होते हैं। हालांकि, सप्लीमेंट के रूप में विटामिन बी3 की उच्च मात्रा का सेवन करने से कुछ सामान्य साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
नियासिन या विटामिन बी 3 की अधिकता के अन्य दुष्प्रभाव निम्न हैं:
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नियासिन अर्थात् विटामिन बी3, शरीर के विभिन्न कार्यों में अपना योगदान देता है। मानव शरीर में विटामिन बी 3 के कार्य निम्न हैं:
कम कोलेस्ट्रॉल, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण विटामिन बी 3 अनेक प्रकार से शरीर के लिए फायदेमंद होता है। विटामिन बी 3 के स्वास्थ्य लाभ में निम्न को शामिल किया जाता है:
नियासिन (विटामिन बी 3) का उपयोग उच्च कोलेस्ट्रॉल या “खराब” LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को का इलाज करने के लिए किया जाता है(4)। LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही, यह “अच्छा” HDL कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाता है। हालांकि उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए नियासिन द्वारा इलाज केवल उन व्यक्तियों के लिए किया जाता है, जो स्टैटिन को सहन नहीं कर सकते हैं।
बी3 विटामिन, ट्राइग्लिसराइड संश्लेषण में शामिल एंजाइम के कार्य में हस्तक्षेप उत्पन्न करता है(5), और ट्राइग्लिसराइड्स को 20 से 50% तक कम कर सकता है। कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने के नियासिन (विटामिन बी3) की उचित मात्रा की आवश्यकता होती है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियासिन का सकारात्मक प्रभाव, हृदय रोग की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसी वजह से नियासिन थेरेपी (niacin therapy), हृदय रोग या हृदय रोग के उच्च जोखिम वाले लोगों में दिल के दौरे (heart attack), स्ट्रोक (stroke) या मृत्यु की संभावनाओं को कम करने में फायदेमंद होती है(7)।
NAD और NADP कोएंजाइम के रूप में नियासिन, मस्तिष्क कार्यों के लिए फायदेमंद होता है। मस्तिष्क की कोशिकाओं में होने वाली क्षति को कम करने में मदद करने के कारण विटामिन बी3 का उपयोग सिज़ोफ्रेनिया (schizophrenia), अल्जाइमर रोग, ब्रेन फॉग (brain fog) और मानसिक रोग के लक्षणों का इलाज करने के लिए किया जा सकता है(8)।
सूरज की रोशनी से त्वचा की कोशिकाओं की क्षति को रोकनें के लिए नियासिन का उपयोग मौखिक या लोशन के रूप में किया जा सकता है(9)। एक अध्ययन में पाया गया कि नॉन मेलेनोमा स्किन कैंसर (non-melanoma skin cancer) के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए निकोटिनमाइड फायदेमंद होता है, जो कि विटामिन बी3 का ही एक रूप है।
एक प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया है, कि नियासिन (विटामिन बी3) ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) के कुछ लक्षणों को कम करने, जोड़ों की गतिशीलता में सुधार करने और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स की आवश्यकता को कम करने में लाभदायक होता है (10)। इसके अलावा विटामिन बी 3, गठिया (Arthritis) से संबंधित सूजन को कम कर सकता है(11)।
गंभीर रूप से विटामिन बी 3 अर्थात् नियासिन की कमी से पेलाग्रा रोग उत्पन्न होता है। अतः पेलग्रा (Pellagra) के लिए मुख्य उपचार के रूप में, नियासिन सप्लीमेंट (niacin supplement) का उपयोग किया जाता है(12)।
इसके अतिरिक्त विटामिन बी3 या नियासिन, एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) की स्थिति से सम्बंधित ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है(6)।
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14 साल या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति, जो 2000 कैलोरी वाले आहार का सेवन करता है, को प्रतिदिन 16 मिलीग्राम विटामिन बी 3 की सिफारिश की जाती है। अतः जो व्यक्ति एक संतुलित आहार का सेवन करते हैं, वे अपने भोजन में पर्याप्त नियासिन को प्राप्त करते हैं। विटामिन बी3 (नियासिन) की आवश्यक दैनिक मात्रा का सेवन, व्यक्ति की उम्र और लिंग पर निर्भर करती है। विटामिन बी3 की सिफारिश की जाने वाली दैनिक मात्रा इस प्रकार है:
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