मानव शरीर को स्वस्थ रखने और दैनिक कार्यों में सहयोग करने के लिए, पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज की आवश्यकता होती है। विटामिन बी 6 केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के साथ-साथ मस्तिष्क और सम्पूर्ण शरीर को लाभ पहुंचाता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन (serotonin) और नॉरपेनेफ्रिन (norepinephrine) का उत्पादन करने और मायलिन बनाने में भाग लेता है। शरीर विटामिन बी 6 का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए दैनिक खाद्य पदार्थों के माध्यम से इसकी पूर्ति की जानी आवश्यक होती है। शरीर में विटामिन बी 6 की कमी अनेक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है, जिसके कारण इसके नियमित सेवन पर ध्यान देना चाहिए। यह लेख विटामिन बी 6 की सम्पूर्ण जानकारी के बारे में है। जिसमें आप जानेगें विटामिन बी 6 के स्रोत, फायदे, नुकसान, विटामिन बी 6 की कमी के लक्षण और कमी से होने वाले रोग के बारे में।
विटामिन बी 6, का रासायनिक नाम पायरिडोक्सिन (Pyridoxine) है, जो कि विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के आठ समूहों में से एक है। यह पानी में घुलनशील विटामिन है और शरीर में अनेक कार्यों के लिए फायदेमंद होता है। अधिकांश व्यक्तियों को अपने आहार के माध्यम से पर्याप्त विटामिन बी 6 प्राप्त होता है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को फोलेट और विटामिन बी12 की कमी हैं, तो उसको विटामिन बी 6 की कमी होने की अधिक संभावना होती है। कमी के परिणामस्वरूप विटामिन बी 6 के कार्य अवरुद्ध हो जाते हैं, और अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं।
विटामिन बी 6 शरीर में, 150 से अधिक एंजाइम प्रतिक्रियाओं में मुख्य भूमिका निभाता है। यह विटामिन शरीर द्वारा खाए जाने वाले प्रोटीन, कार्ब्स और वसा का चयापचय करने में भी मदद करता है। B6 तंत्रिका और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों से भी भाग लेता है। हाल ही में, यह पाया गया है कि विटामिन बी 6 में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लामेटरी गुण पाया जाता है। इसका मतलब है कि यह हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है।
आपको बता दें कि विटामिन बी 6 अन्य विटामिन की तरह ही एक आवश्यक विटामिन है, जो शरीर में विभिन्न प्रकार के कार्यों में अपना योगदान देता है। विटामिन बी 6 के कार्य में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
अधिकांश खाद्य पदार्थों में विटामिन बी6 पाया जाता है। विटामिन बी 6 के स्रोत में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
इसके अलावा अन्य विटामिन बी 6 के स्रोत निम्न हैं:
प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ शारीरिक कार्यों के लिए एक निश्चित मात्रा में विटामिन बी 6 की आवश्यकता होती है। अनेक प्रकार के कारक व्यक्ति की दैनिक आवश्यकता के अनुसार विटामिन बी 6 की जरूरत को प्रभावित कर सकते हैं। जो लोग उच्च प्रोटीन आहार का सेवन करते हैं, उन्हें अधिक मात्रा में विटामिन बी 6 लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। महिलाओं और पुरुषों में उनकी उम्र के अनुसार विटामिन बी 6 की अनुशंसित दैनिक आवश्यकता निम्न प्रकार है, जैसे:
ध्यान रहे कि सप्लीमेंट के रूप में अधिक मात्रा में सेवन करने से विटामिन बी 6 के साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं। इसलिए विटामिन बी 6 सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
विटामिन बी 6 प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय के साथ-साथ लाल रक्त कोशिकाओं तथा न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता है(1)। विटामिन बी 6 की पर्याप्त मात्रा का सेवन उत्तम स्वास्थ्य के साथ पुरानी बीमारियों का इलाज और बचाव कर सकता है। विटामिन बी 6 लिम्फ नोड्स, थाइमस (thymus) और प्लीहा (spleen) को स्वस्थ रखता है। विटामिन बी 6 के फायदे इस प्रकार हैं:
कुछ शोध के माध्यम से पता चला है, कि फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 सहित विटामिन बी 6 का सेवन मैक्यूलर डीजनरेशन (macular degeneration) नामक नेत्र रोग से उत्पन्न दृष्टि हानि को रोकने में मदद कर सकता है। अध्ययन में पाया गया है कि होमोसिस्टीन (homocysteine) के उच्च रक्त स्तर के कारण मैक्यूलर डीजनरेशन का जोखिम अधिक होता है(2)। चूंकि विटामिन बी 6 होमोसिस्टीन के उच्च रक्त स्तर को कम करने में मदद करता है, इसलिए पर्याप्त विटामिन बी 6 का सेवन करने से इस बीमारी का खतरा कम हो सकता है (3)।
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एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति में धमनियां सख्त हो जाती है और धमनियों में खिंचाव तथा लचीलेपन की क्षमता कम हो जाती है। एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति में विटामिन बी 6 के साथ फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 का सेवन, धमनियों को सख्त होने से रोकने में मदद करता है।
कुछ शोध बताते हैं कि विटामिन बी 6 सप्लीमेंट का सेवन गर्भावस्था के दौरान जी मिचलाने और उल्टी होने की समस्याओं में सुधार कर सकता है(4)। अतः गर्भावस्था के दौरान सुबह की बीमारी का कम समय में इलाज करने के लिए विटामिन बी 6 सप्लीमेंट की सिफारिश की जाती है।
कुछ प्रयोगों से पता चला है कि विटामिन बी 6 (पायरिडोक्सिन) सप्लीमेंट का सेवन करने से स्तन दर्द सहित प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के अन्य लक्षणों में सुधार हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर कम से कम मात्रा में विटामिन बी 6 की एक प्रभावी खुराक का सेवन किया जाना चाहिए(5).।
विटामिन बी6 मस्तिष्क कार्यों को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। मस्तिष्क में न्यूरॉन संचरण (neuron transmission) के लिए विटामिन बी 6 की आवश्यकता होती है। शोधकर्ताओं ने बताया है, कि वृद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रत्येक दिन विटामिन बी की उच्च खुराक का सेवन, अमीनो एसिड होमोसिस्टीन (homocysteine) के उच्च रक्त स्तर को कम कर डिप्रेशन (Depression) और मनोभ्रंश के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
विटामिन बी 6, हीमोग्लोबिन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके कारण एनीमिया को रोकने और इसका इलाज करने में विटामिन बी 6 मददगार हो सकता है(6)। हीमोग्लोबिन की कमी मुख्य रूप से एनीमिया का कारण बनती है। विशेष रूप से गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं में विटामिन बी 6 के निम्न स्तर के कारण एनीमिया का उच्च जोखिम होता है(7)। इसलिए व्यक्तियों को हीमोग्लोबिन की कमी और एनीमिया के जोखिम को कम करने के लिए विटामिन बी 6 के पर्याप्त सेवन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
एक अध्ययन में बताया गया है कि विटामिन बी 6 एपीजीनोम (epigenome) पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। एक एपीजीनोम (epigenome) में किसी जीव के डीएनए और हिस्टोन प्रोटीन के रासायनिक परिवर्तनों का रिकॉर्ड होता है। वायु प्रदूषण मानव शरीर के अन्दर एपिजेनेटिक परिवर्तनों (epigenetic changes) का कारण बन सकता है। अतः डॉक्टर विटामिन बी 6 को वायु प्रदूषण के खिलाफ शरीर की रक्षा करने के रूप में सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
विटामिन बी 6 बंद धमनियों और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। अनुसंधान से पता चला है कि रक्त में विटामिन बी 6 के निम्न स्तर वाले व्यक्तियों में हृदय रोग का जोखिम, विटामिन बी 6 के उच्च स्तर वाले व्यक्तियों की तुलना में लगभग दोगुना अधिक होता है (8)। इसलिए हृदय रोग के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को विटामिन बी 6 और फोलिक एसिड के अधिक सेवन की सलाह दी जाती है।
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विटामिन बी 6 रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। विटामिन बी 6 में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लामेटरी गुण पाया जाता है, जिसके कारण विटामिन बी 6 रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण उत्पन्न शरीर की सूजन को कम करने में सहायक होता है।
खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन बी 6 का अधिक मात्रा में सेवन, किसी भी प्रकार के दुष्प्रभावों को उत्पन्न नहीं करता है। लेकिन सप्लीमेंट के रूप में विटामिन बी 6 का अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है, और विटामिन बी 6 के साइड इफ़ेक्ट उत्पन्न हो सकते हैं। अधिक मात्रा में सेवन के परिणामस्वरुप विटामिन बी 6 के साइड इफ़ेक्ट निम्न हो सकते हैं जैसे:
शरीर में आवश्यकता से कम मात्रा में विटामिन बी 6 की पूर्ति को विटामिन बी 6 की कमी कहा जाता है, जिसके कारण अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विटामिन बी 6 की कमी दुर्लभ हैं, क्योंकि अधिकतर खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन बी 6 की आपूर्ति हो जाती है। संतुलित आहार का सेवन करने वाले व्यक्ति को तब तक विटामिन बी 6 की कमी नहीं आती, जब तक कि उन्हें कोई शारीरिक समस्या न हो। इसके अतिरिक्त कुछ दवाओं और लंबे समय तक अत्यधिक शराब का सेवन भी विटामिन बी 6 की कमी का कारण बन सकता है।
विटामिन बी 6 की कमी के संकेत और लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
शरीर में विटामिन बी 6 की कमी अनेक प्रकार के रोगों का कारण बन सकती है। जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
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Reference
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