विटामिन सी स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह शरीर द्वारा उत्पादित नहीं किया जा सकता है। शरीर में विटामिन सी की पूर्ति खाद्य पदार्थों के माध्यम से होती है। विटामिन सी को मानव जीवन के स्वास्थ्य लाभों से सम्बंधित माना जाता है। यह शरीर में विभिन्न ऊतकों के स्वास्थ्य और मरम्मत के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। किसी व्यक्ति द्वारा ग्रहण किये किये जाने वाले आहार में विटामिन सी की लगातार कमी स्कर्वी (scurvy) नामक गंभीर समस्या के साथ साथ अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। विटामिन सी की कमी का इलाज विटामिन सी सप्लीमेंट और विटामिन सी से भरपूर आहार के सेवन द्वारा किया जा सकता है।
आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि विटामिन C क्या है, इसके स्रोत, कमी के लक्षण और कमी के रोग क्या हैं तथा विटामिन C के फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. विटामिन C क्या है – What is Vitamin C in Hindi
2. विटामिन C का उपयोग – Vitamin C uses in hindi
3. विटामिन सी के कार्य – Vitamin C work in Hindi
4. विटामिन सी के स्रोत – Sources of vitamin C in hindi
5. विटामिन सी की कमी – Vitamin C deficiency in hindi
6. विटामिन सी की कमी के लक्षण – Vitamin C deficiency symptoms in hindi
7. विटामिन C की कमी से होने वाले रोग – vitamin c deficiency diseases in hindi
8. विटामिन सी के फायदे – Vitamin C Health Benefits in hindi
9. विटामिन सी के नुकसान – Vitamin C Side Effects in hindi
10. विटामिन सी की खुराक – Vitamin C Dosage in hindi
विटामिन सी का रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) है। विटामिन C पानी में घुलनशील एक कार्बनिक यौगिक है, इसे मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक पोषक तत्व की श्रेणी में रखा गया है। विटामिन सी वसा में अघुलनशील होने के कारण, इसका संचय शरीर में नहीं होता है। मानव शरीर में विटामिन सी के पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए प्रत्येक मनुष्य को दैनिक भोजन में विटामिन C युक्त आहार के पर्याप्त सेवन की आवश्यकता होती है। विटामिन सी की अनुशंसित दैनिक मात्रा महिलाओं के लिए 75 मिलीग्राम/दिन और पुरुषों के लिए 90 मिलीग्राम/दिन है।
विटामिन सी गर्मी के प्रति संवेदनशील होता है तथा उबालने या पकाने से भोजन में उपस्थित विटामिन C नष्ट हो सकता है। यह एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) तथा एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) गुणों से परिपूर्ण होता है। विटामिन सी को प्रयोगशाला में भी बनाया जा सकता है। परन्तु अधिकांश विशेषज्ञ विटामिन C सप्लीमेंट (supplements) लेने के बजाय विटामिन सी में उच्च आहार, फलों और सब्जियों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
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विटामिन C का उपयोग अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं के इलाज और उनकी रोकथाम में किया जाता है, जिनमे शामिल हैं:
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विटामिन सी मानव शरीर में निम्न कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे:
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विटामिन सी की उच्च मात्रा विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों से प्राप्त की जा सकती है। विटामिन सी के उत्तम स्त्रोत के रूप में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
खाद्य पदार्थों को काटकर अधिक समस्य तक रखने और गर्म करने से उनमें उपस्थित विटामिन सी में कुछ बदलाव हो सकते है और विटामिन सी की प्रभावशीलता कम हो सकती है। इसलिए फलों और सब्जियों को कच्चा या हल्का पकाकर खाना चाहिए तथा खाने के बहुत समय पहले से काटकर नहीं रखना चाहिए।
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विटामिन सी की कमी शरीर में आवश्यकता से कम मात्रा में विटामिन C की प्राप्ति होना है, जो दैनिक कार्यों और स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालती है। विटामिन सी प्राकृतिक रूप से ताजे फल और सब्जियों में पाया जाता है। इसे शरीर द्वारा निर्मित नहीं किया जा सकता है। अतः विटामिन C से सम्बंधित खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन नहीं करने पर विटामिन सी की कमी हो जाती है। विटामिन सी की कमी के लिए सबसे आम जोखिम कारकों में खराब आहार, अत्यधिक शराब का सेवन, एनोरेक्सिया, गंभीर मानसिक बीमारी, धूम्रपान और डायलिसिस शामिल हैं।
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जबकि गंभीर विटामिन सी की कमी के लक्षण विकसित होने में महीनों लग सकते हैं, वहाँ कुछ सूक्ष्म संकेत देखने के लिए हैं। विटामिन सी की कमियों के अधिक सूक्ष्म लक्षण जिन्हें विकसित होने में कई महीने लग सकते हैं:
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विटामिन C की कमी से होने वाले रोग निम्न हैं, जैसे:
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विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुरक्षित रखने, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी (antibacterial) आदि गुणों से परिपूर्ण होने के कारण अनेक प्रभावी स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
विटामिन सी एक प्रभावी एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर की प्राकृतिक रूप से रक्षा कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंट अणु प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं। ये फ्री रेडिकल (मुक्त कण) नामक हानिकारक अणुओं से कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। जब मुक्त कण जमा होते हैं, तो यह अनेक पुरानी बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। विटामिन सी रक्त एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ा सकता है। यह हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
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विटामिन C में घाव, कटौती को तेजी से ठीक करने की असीमित योग्यता होती है। घावों को तेजी से ठीक करने का गुण, विटामिन सी द्वारा कोलेजन उत्पादन को उत्तेजित करने के कारण पाया जाता है। विटामिन सी के एंटीऑक्सिडेंट गुण ऊतक की मरम्मत करने और सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके साथ-साथ विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा शरीर को संक्रमण से लड़ने में भी मदद करती है। विटामिन सी मुख्य रूप से कुपोषण से पीड़ित व्यक्तियों में श्वसन संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है।
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विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो मुक्त कणों (free radicals) को नष्ट करता है। यह मुक्त कण शरीर में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर के जोखिम बढ़ जाते हैं। अतः विटामिन की कमी, कैंसर की समस्या को उत्पन्न कर सकती है। एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण विटामिन सी को त्वचा, गर्भाशय ग्रीवा और स्तन से सम्बंधित कैंसर को रोकने में उपयोगी माना गया है।
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शरीर में विटामिन सी का निम्न स्तर अस्थमा के विकास में योगदान दे सकता है। विटामिन सी व्यायाम के कारण उत्पन्न अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। अतः अस्थमा की क्रोनिक बीमारी की रोकथाम के लिए नियमित रूप से खट्टे फलों का सेवन करने की सिफारिश की जा सकती है
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)विटामिन सी की कमी से रक्त वाहिकाओं में लीकेज, कमजोर रक्त वाहिकाएं और हृदय की कार्यक्षमता में कमी आदि हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन सी का सेवन कोरोनरी हृदय रोग के जोखिमों को कम करने में योगदान देता है। विटामिन सी रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है, जिससे हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से सम्बंधित जोखिम कम हो जाते हैं।
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एनीमिया अपर्याप्त मात्रा में विटामिन सी के सेवन से होने वाली एक बीमारी है। चूँकि विटामिन सी लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन के लिए आवश्यक आयरन को भोजन से अवशोषित करने में सहायता करता है। इसलिए विटामिन C की कमी आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को कम करती है। जिसके फलस्वरूप एनीमिया से सम्बंधित लक्षण जैसे- थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता या झुनझुनी आदि उत्पन्न हो सकते हैं। अतः विटामिन C का सेवन आयरन के अवशोषण में सुधार कर एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
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एस्कॉर्बिक एसिड शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है, जिस बजह से व्यक्ति सर्दी और खांसी से सुरक्षित रहता है। अध्ययन से यह पता चला है कि जब नियमित रूप से विटामिन सी का सेवन कर सर्दी जुकाम की अवधि को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, यह आयरन के अवशोषण की आसन बनाता है, जिससे वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरोध प्रणाली मजबूत होती है।
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विटामिन सी शरीर के अंदर और बाहर की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। अतः विटामिन C त्वचा को जवान रखने में काफी योगदान देता है, यह झुर्रियों को कम करने, त्वचा को कोमल तथा सौम्य रखने तथा उम्र बढाने की सभी संभव स्थितियों से जोड़ा गया है। विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोलेजन के उत्पादन के लिए आवश्यक होता है। कोलेजन (collagen) एक प्रोटीन है जो मृत कोशिकाओं को नष्ट कर नवीन कोशिकाओं का उत्पादन करता है तथा त्वचा को चमकीला तथा स्वास्थ्य रखने में मदद करता है। अतः विटामिन C का सेवन कोलेजन (collagen) के उत्पादन को बढ़ावा देता है।
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स्कर्वी विटामिन C (एस्कॉर्बिक एसिड) के अपर्याप्त सेवन के कारण उत्पन्न होने वाली एक गंभीर समस्या है। अतः आहार में विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल कर तथा विटामिन C सप्लीमेंट का प्रयोग कर स्कर्वी के लक्षण से छुटकारा पाया जा सकता है।
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विटामिन सी मोतियाबिंद (Cataracts) के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। प्रतिदिन 135 मिलीग्राम विटामिन सी लेने से लगभग 27% तक मोतियाबिंद के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त विटामिन C आँख की रेटिना कोशिकाओं को स्वास्थ्य रखने में समर्थन करता है। विटामिन सी के नियमित सेवन से यूवाइटिस (uveitis) (आंख की सूजन) के उपचार में सहायता मिल सकती है।
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विटामिन सी का अधिक सेवन रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को कम कर गाउट के हमले को रोकने में मदद कर सकता है। गाउट एक प्रकार का गठिया है जो रक्त में बहुत अधिक यूरिक एसिड के स्तर के कारण उत्पन्न होता है। यूरिक एसिड शरीर द्वारा उत्पादित एक अपशिष्ट उत्पाद है। अतः अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन सी रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप गाउट की रोकथाम करने में सहायता मिलती है।
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कुछ अध्ययनों से साबित हुआ है कि पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी लेने से मनोदशा में सुधार लाया जा सकता है। यह मानसिक तनाव को कम करने, याददाश्त को मजबूत बनाने तथा डिमेंशिया से छुटकारा पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययनों से पता चला है कि डिमेंशिया (dementia) से सम्बंधित व्यक्तियों में विटामिन सी का कम स्तर हो सकता है। छात्रों में चिंता को कम करने के लिए विटामिन C सप्लीमेंट का भी प्रयोग किया जा सकता है।
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विटामिन C से सम्बंधित अन्य स्वस्थ्य लाभों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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विटामिन सी को अधिकतर व्यक्तियों के लिए सप्लीमेंट के रूप में इंजेक्शन, क्रीम, दवा के रूप में प्रदान किया जा सकता है। खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन C के अत्याधिक सेवन से बहुत कम दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं, लेकिन सप्लीमेंट के माध्यम से विटामिन सी का अत्यधिक सेवन कुछ दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है, जिसमें शामिल हैं:
विटामिन सी के उच्च सेवन का सबसे अधिक दुष्प्रभाव पाचन तंत्र पर पड़ता है। आम तौर पर, विटामिन सी के पाचन सम्बन्धी दुष्प्रभाव विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाने से उत्पन्न नहीं होते हैं, बल्कि सप्लीमेंट के रूप में विटामिन लेने के दौरान उत्पन्न होते हैं। प्रतिदिन 2,000 मिलीग्राम से अधिक विटामिन सी का उपभोग करने से सम्बंधित व्यक्ति को पाचन संबंधी लक्षणों का अनुभव होने की संभावना सर्वाधिक होती है। अत्यधिक विटामिन सी के सेवन से पाचन सम्बन्धी लक्षणों में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे कि:
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विटामिन सी अधिक मात्रा शरीर से ऑक्सालेट के रूप में उत्सर्जित की जाती है, जो एक शारीरिक अपशिष्ट पदार्थ है। हालांकि कुछ स्थितियों में ऑक्सालेट का अत्यधिक उत्पादन खनिजों के साथ बंध बनाकर क्रिस्टल अवस्था का निर्माण कर सकता है अतः यह स्थिति ही किडनी स्टोन का कारण बनती है।
अतः यह कहना उचित होगा कि बहुत अधिक विटामिन सी का सेवन करने से गुर्दे की पथरी (kidney stone) के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
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विटामिन सी रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है। कुछ स्थितियों में पाया गया है कि डायबिटीज से सम्बंधित अधिक उम्र की महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 300 मिलीग्राम से अधिक मात्रा में विटामिन सी का सेवन करने से दिल की बीमारी के कारण मौत का खतरा बढ़ाता है। अतः मधुमेह की स्थिति में मल्टीविटामिन्स में पाए जाने वाले विटामिन सी का सेवन सिफारिश की गई मात्रा से अधिक नहीं करना चाहिए।
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विटामिन सी का अत्यधिक सेवन शरीर से एस्ट्रोजन के उत्सर्जन को धीमा कर सकता है। एस्ट्रोजन या एस्ट्रोजन-आधारित गर्भ निरोधकों के साथ विटामिन सी सप्लीमेंट का सेवन करने से हार्मोनल साइड इफेक्ट का खतरा बढ़ सकता है।
इसके अतिरिक्त विटामिन सी, एंटीसाइकोटिक दवा के साथ प्रतिक्रिया कर दवा की प्रभावकारिता को कम कर सकता है। विटामिन सी सप्लीमेंट कुछ कीमोथेरेपी दवाओं के प्रभाव को भी कम कर सकता है। अतः अन्य दवाओं के साथ विटामिन C का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
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पूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति में विटामिन सी की सिफारिश की गई दैनिक मात्रा इस प्रकार है:
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Reference
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