विटामिन डी की कमी को हाइपोविटामिनोसिस डी (hypovitaminosis D) के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन D का रासायनिक नाम कैल्सीफेरॉल है जो एक मात्र ऐसा विटामिन है, जिसका निर्माण सूर्य के प्रकाश द्वारा मनुष्य के शरीर में अपने आप होता है। यही कारण है कि विटामिन D को सनशाइन विटामिन भी कहते हैं। यह विटामिन व्यक्ति के संपूर्ण सेहत को ठीक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तव में यह विटामिन और हार्मोन दोनों होता है। विटामिन डी डेफिशियेंसी शारीरिक और मानसिक समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है, इसलिए इसका समय रहते निदान और इलाज किया जाना आवश्यक होता है। हम आज आपको विटामिन डी की कमी का कारण, लक्षण, जाँच और विटामिन डी की कमी के उपचार के बारे में बताएंगे।
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क्या है विटामिन डी की कमी – What is Vitamin D Deficiency in Hindi
विटामिन डी की कमी जिसे हाइपोविटामिनोसिस डी (hypovitaminosis D) के रूप में भी जाना जाता है, शरीर में जरुरत से कम मात्रा में विटामिन डी की पूर्ति से सम्बंधित समस्या है। जब सूरज की रोशनी त्वचा के संपर्क में आती है तो शरीर कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी बनाता है। यदि आप कम मात्रा में सूर्य का प्रकाश या धूप ले पाते हैं तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। शाकाहारी लोगों में विटामिन D की कमी होने की संभावना ज्यादा बनी रहती है और इसकी कमी होने पर व्यक्ति को तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। जो लोग मांसाहारी होते हैं वे मछली और अंडे की जर्दी का सेवन कर इसकी कमी को पूरा कर लेते हैं और मांसाहारियों में विटामिन D की समस्या कम पायी जाती है।
हालांकि विटामिन डी दो रूपों में पाया जाता है: विटामिन डी2 और विटामिन डी3। विटामिन डी 2, पौधों से होता है, जिसे एर्गोकैल्सीफेरोल भी कहा जाता है। विटामिन D3 जानवरों से प्राप्त होता है, जिसे कोलेक्लसिफेरोल भी कहा जाता है। विटामिन डी3, डी2 की अपेक्षा शरीर में तेजी से अवशोषित होता है।
विटामिन डी की कमी के कारण – Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi
शरीर में विटामिन डी की कमी होने के अनेक कारण हो सकते हैं। उनमें से कुछ कारणों के बारे हम इस लेख में जानेगें:
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धूप न लेने से होती है विटामिन डी की कमी – Lack of sunlight Causes Vitamin D Deficiency in Hindi
शरीर में विटामिन डी के निर्माण के लिए सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों की जरूरत पड़ती है। कम से कम 15 मिनट तक अच्छी धूप लेने से शरीर में जरूरी मात्रा में विटामिन D प्राप्त हो जाता है। लेकिन ऐसे लोग, जो ज्यादातर घरों या कमरों में बंद रहते हैं और बाहर नहीं निकलते या किसी वजह से धूप में नहीं आ पाते, ऐसे लोगों के शरीर को सूर्य का पर्याप्त प्रकाश न मिलने के कारण विटामिन डी की कमी हो जाती है।
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अधिक सनस्क्रीन लगाना विटामिन डी की कमी का कारण – Causes of Vitamin D Deficiency Use of Sunscreens in Hindi
स्किन कैंसर या धूप में स्किन झुलसने के डर से ज्यादातर लोग घर से बाहर निकलते समय हर वक्त सन स्क्रीन लगाकर निकलते हैं। सनस्क्रीन में उच्च मात्रा में एसपीएफ होता है जो हमारे शरीर को लाभकारी मात्रा में सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने से रोकता है। हमारी त्वचा यूवीबी किरणों की ऊर्जा का इस्तेमाल कर 7- डी हाइड्रो कोलेस्ट्रॉल (7-Dehydrocholesterol) को विटामिन डी में बदल देती है। इसलिए जो लोग सन लोशन क्रीम का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, उनमें विटामिन डी की कमी पायी जाती है।
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विटामिन डी की कमी का कारण है बढ़ती उम्र – Progression of Age Causes of Hypovitaminosis D in Hindi
उम्र का बढ़ना विटामिन डी की कमी का एक महत्वपूर्ण कारण है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारे शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होने लगती है। बूढ़े लोगों में किडनी द्वारा अपना काम अच्छे से नहीं करने के कारण उनके शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है, इसलिए बूढ़े लोगों को ज्यादा विटामिन डी की जरूरत पड़ती है।
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निश्चित आहार विटामिन डी की कमी का कारण – Food Sources Causes Vitamin D Deficiency in Hindi
मछली और मछली से बने प्रोडक्ट जैसे- कॉड लिवर ऑयल, विटामिन D का बढ़िया स्रोत है। लेकिन शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन डी के बहुत ज्यादा स्रोत मौजूद नहीं है। फोर्टिफाइड मिल्क, ब्रेड और अनाजों में बहुत कम मात्रा में विटामिन डी मौजूद होता है, इसलिए ज्यादातर शाकाहारी लोगों में विटामिन डी की कमी हो जाती है।
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गहरे रंग की त्वचा हो सकती है विटामिन डी डेफिशियेंसी का कारण – Dark skin Causes Vitamin D Deficiency in Hindi
अगर आपकी त्वचा गहरे रंग की है, तो मेलानिन नामक पिगमेंट सूर्य के प्रकाश से पर्याप्त विटामिन D लेने में बाधा पहुंचाता है। इसलिए कुछ रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों की त्वचा बहुत गहरे रंग की होती है, उनमें भी विटामिन डी की कमी होने का उच्च जोखिम होता है।
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विटामिन डी की कमी का कारण मोटापा – Obesity Causes Vitamin D Deficiency in Hindi
ज्यादातर मोटे लोगों में भी विटामिन डी डेफिशियेंसी पायी जाती है, क्योंकि विटामिन डी वसा कोशिकाओं द्वारा ब्लड से निकलता है, जो सर्कुलेशन में मदद करता है। लेकिन 30 या इससे अधिक बॉडी मॉस इंडेक्स वाले लोगों के ब्लड में विटामिन डी का लेवल नीचे होता है। इसके अलावा जो लोग क्रोहन की बीमारी, सिस्टिक फाइब्रोसिस और सेलिएक डिजीज से पीड़ित हैं, ऐसे व्यक्ति जो भी भोजन खाते हैं उनकी आंत उसे अवशोषित करने में सक्षम नहीं होता है, इसलिए इन रोगों के मरीजों में भी विटामिन डी की कमी होती है।
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विटामिन डी की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin D Deficiency in Hindi
शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर इसके संकेतों को आसानी से पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन ये लक्षण धीरे-धीरे बहुत हल्के से बहुत गंभीर अवस्था में आ जाते हैं।
- विटामिन डी डेफिशियेंसी होने पर स्किन ड्राई हो जाती है। यह सामान्यतः एंटीऑक्सीडेंट की कमी के कारण होता है। इसकी वजह से कभी-कभी मुंहासे या सोरायसिस जैसी बीमारी से भी व्यक्ति पीड़ित हो जाता है।
- विटामिन डी की कमी के लक्षण में बच्चों में अस्थमा होना, कॉर्डियोवैस्कुलर बीमारी एवं कैंसर होने से मौत का खतरा बना रहता है।
- थॉयराइड ग्लैंड को सही तरीके से काम करने के लिए विटामिन D बहुत आवश्यक है। शरीर में विटामिन D की कमी हो जाने पर थॉयराइड ग्लैंड की क्रियाओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।
- विटामिन डी की कमी होने पर स्त्री और पुरुषों में तंत्रिका संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। इसके साथ ही रक्त वाहिकाओं में ऐंठन और संकुचन पैदा हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और माइग्रेन एवं सिर दर्द की दिक्कत होने लगती है। विटामिन डी की कमी से इंसोमेनिया, सिजोफ्रेनिया, डिप्रेशन जैसी कई गंभीर बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं।
- कैल्शियम और फॉस्फेट को अवशोषित करने में विटामिन डी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर रिकेट्स नामक रोग हो जाता है। यह रोग हड्डियों से जुड़ा होता है।
- व्यक्तियों में विटामिन डी डेफिशियेंसी होने पर यादाश्त कमजोर होने लगती है। यह विटामिन D की कमी होने का सबसे बड़ा लक्षण है।
- विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर में इस विटामिन कमी से बीमार होने या संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ने लगता है।
- विटामिन डी की कमी कुछ कैंसर जैसे कि स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और पेट के कैंसर के विकास में भी योगदान कर सकती है।
इस तरह आप विटामिन डी की कमी के लक्षण को पहचान कर इसका जल्दी से जल्दी उपचार कर सकते है और अपने आप को स्वस्थ रख सकते है।
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विटामिन डी की कमी की जाँच – Vitamin D deficiency test in Hindi
डॉक्टर विटामिन डी की कमी का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण का आदेश दे सकता है। रक्त परीक्षण की मदद से ब्लड में घुले विटामिन डी की मात्रा को मापा जाता है। विटामिन डी की कमी की जाँच करने के लिए 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी या 25 (ओएच) डी सबसे सामान्य रक्त परीक्षण है।
इस प्रकार के परीक्षण के लिए मरीज को उपवास या किसी भी प्रकार की तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है। 25 (ओएच) डी टेस्ट की मदद से वर्तमान स्थिति में विटामिन डी की मात्रा का सटीक मापन किया जाता है। यह आपके द्वारा लिए गए आहार, पूरक और सूर्य प्रकाश से प्राप्त विटामिन डी की सटीक माप करता है।
विटामिन डी की कमी का इलाज – Treatment for Vitamin D Deficiency in Hindi
घरेलू उपचार के तहत विटामिन डी की कमी को दूर करने का सर्वोत्तम उपाय यह है, कि आप प्रतिदिन सूर्य का प्रकाश या धूप लेना सुनिश्चित करें। इसके लिए आपको घंटों धूप में पसीना बहाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप नियमित सुबह के दौरान सिर्फ 10 से 15 मिनट तक धूप लें।
चूँकि विटामिन डी के दो रूप D2 और D3 में से विटामिन डी3 को सप्लीमेंट के रूप में मार्केट से प्राप्त किया जा सकता है, जबकि विटामिन डी2 पौधों से प्राप्त होने वाला विटामिन है। D3 विटामिन, D2 की तुलना में अधिक आसानी से अवशोषित हो जाता है। अतः विटामिन डी की कमी होने पर डॉक्टर आपको सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। सप्लीमेंट की दैनिक खुराक और समय का निर्धारण डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए। इसके अलावा इलाज के दौरान निम्न उपाय अपनाकर विटामिन डी डेफिशियेंसी को दूर करने की सलाह दी जाती है:
- प्रतिदिन विटामिन डी से भरपूर आहार का सेवन करें। विटामिन डी की जरूरत प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग मात्रा में होती है, इसलिए इसे भोजन या विटामिन डी सप्लिमेंट्स के सेवन द्वारा पूरा किया जा सकता है।
- सनस्क्रीन जरूरत के हिसाब से ही लगाना चाहिए, क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश से प्राप्त विटामिन डी को शरीर में अवशोषित नहीं होने देती हैं।
- अगर आप मांसाहारी हैं तो भरपूर मात्रा में मछलियां खाएं तथा अण्डों का सेवन करें, इससे आपके शरीर में विटामिन डी की कमी नहीं होगी।
- बूढ़े लोगों को भी पर्याप्त धूप लेने की जरूरत होती है, ताकि विटामिन डी की कमी न हो।
(और पढ़ें – विटामिन डी वाले आहार की जानकरी)
ऊपर लेख में आपने जाना विटामिन डी की कमी का कारण, विटामिन डी की कमी के लक्षण और विटामिन डी की कमी के उपचार के बारे में। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य है इसलिए जादा से जादा धुप ले और स्वस्थ रहें ।
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