Vitamin E ke srot Hindi me विटामिन हमारे शरीर और स्किन के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं। आप इन विटामिनों को प्राप्त करने के लिए बहुत से खाद्य पदार्थों का उपभोग करते हैं। लेकिन क्या आपको विटामिन ई के स्रोत और इसके फायदे पता है। अक्सर हम इन पोषक तत्वों को प्राप्त करना चाहते हैं लेकिन हमें यह पता नहीं होता है कि यह में किस खाद्य पदार्थ से प्राप्त हो सकता है। आपकी इस समस्या का समाधान इस लेख में हैं। यहां आप जानेंगे विटामिन E के फायदे और स्रोत के बारे में। विटामिन ई के फायदे मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, हृदय रोग को दूर करने, प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने, आंखों को स्वस्थ्य रखने, अल्जाइमर का इलाज करने और त्वचा को स्वस्थ्य बनाने के लिए जाने जाते हैं। आइए विटामिन ई के बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करते हैं।
विषय सूची
1. विटामिन ई क्या है – What Is Vitamin E in Hindi
2. विटामिन ई के स्रोत – Source Of Vitamin E in Hindi
3. विटामिन ई के फायदे – Benefits Of Vitamin E in Hindi
4. विटामिन ई की दैनिक खुराक – Daily Dose of Vitamin E in Hindi
यह विटामिन यौगिकों का एक समूह है जिसमें टोकोफेरोल और टोकोट्रियनोल्स शामिल होते हैं। ये दोनों विटामिन ई के कई अलग-अलग रूपों का गठन करते हैं। एक घुलनशील वसा एंटीऑक्सीडेंट होने के नाते यह फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह हमारे शरीर में कई प्रकार से कार्य करता है जैसे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में, एंजाइम गतिविधि को नियंत्रित करने और मांसपेशियों का उचित विकास। यह जीन अभिव्यक्ति को भी प्रभावित करता है और आंखों तंत्रिका कार्यों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह हमें कई खाद्य पदार्थों से प्राप्त हो सकता है। आइये जाने विटामिन ई के स्रोत और फायदे क्या हैं।
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विटामिन ई प्राप्त करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। आपके लिए अच्छी बात यह है कि ऐसे बहुत से खाद्य पदार्थ हैं जो पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई उपलब्ध करा सकते हैं। विटामिन ई विशेष रूप से कई प्रकार के तेल, सूखे फल और बीजों से प्राप्त होता है। हम आपके लिए ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची लाये हैं जो विटामिन ई से भरपूर होते हैं। इनका उचित मात्रा में सेवन कर आप विटामिन ई की कमी को पूरा कर सकते हैं। आइये इन्हें जाने।
इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर आप शरीर में विटामिन ई की कमी को दूर कर सकते हैं। हालांकि इन खाद्यों के अलावा भी अन्य पदार्थों में विटामिन ई की मात्रा मौजूद होती है। लेकिन उपर बताए गए पदार्थों में विटामिन ई की उच्च मात्रा होती है। आइये जाने विटामिन ई युक्त भोजन और उनसे होने वाले फायदे क्या हैं।
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जब भी हम विटामिन ई के बारे में किसी से सलाह लेते हैं तो वे बादाम खाने की सलाह देते हैं। क्योंकि बादाम ऐसा फल है जो विटामिन ई का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा बादाम में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। इस कारण यह पाचन में भी सहायता करते हैं। अक्सर बादाम को कच्चे खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन आप बादाम के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं या फिर इसके दूध का भी उपभोग कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 95 ग्राम बादाम का सेवन करने पर 24.9 मिली ग्राम विटामिन प्राप्त किया जा सकता है। यह हमारी दैनिक आवश्यकता का 125 प्रतिशत होता है। इसलिए यदि आप विटामिन ई पूर को ढूंढ़ रहे हैं तो बादाम आपकी मदद कर सकता है।
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आप जानते हैं कि जैतून का तेल हमारे लिए कितना फायदेमंद होता है। लेकिन इस तेल के लाभों में विटामिन ई का भी विशेष योगदान होता है। जैतून को फल या तेल के रूप में प्रयोग कर विटामिन ई की दैनिक आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। जानकार बताते हैं कि यदि लगभग 8 ग्राम जैतून का सेवन किया जाता है तो इससे 0.1 मिलीग्राम विटामिन ई प्राप्त किया जा सकता है। जैतून में ओलेइक एसिड की भी अच्छी मात्रा होती है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित कर दिल को स्वस्थ्य रखने में सहायक होता है। आप भी जैतून के लाभ विटामिन ई की कमी को दूर करने और दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए प्राप्त कर सकते हैं।
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स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं के लिए मूंगफली का उपयोग किया जाता है। हालांकि इसमें कैलोरी की मात्रा थोड़ी अधिक होती है लेकिन यह वजन को भी कम कर सकता है। क्योंकि इसमें फाइबर की उच्च मात्रा होती है। यह विटामिन ई का अच्छा स्रोत होने के साथ ही मैग्नीशियम में भी समृद्ध है। इस कारण से यह हड्डियों का निर्माण करने में मदद करता है। मूंगफली पर किये गए अध्ययन से पता चलता है कि यदि इसकी 258 ग्राम मात्रा का सेवन किया जाए तो यह हमें 23.2 मिली ग्राम विटामिन ई उपलब्ध कराता है जो दैनिक आवश्यकता का 116 प्रतिशत है।
आप मूंगफली को अन्य व्यंजनों में उपयोग करने के साथ ही इसके मक्खन का भी उपभोग कर सकते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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कैंसर और मधुमेह जैसी अन्य जानलेवा बीमारियों से लड़ने में अजमोद मदद करता है। विटामिन ई की उपस्थिति के साथ ही इसमें विटामिन के, भी होता है जो हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। लगभग 60 ग्राम अजमोद खाने से दैनिक आवश्यकता का लगभग 2 प्रतिशत विटामिन ई प्राप्त किया जा सकता है। वैसे तो ताजा अजमोद का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है। लेकिन आप बाजार में उपलब्ध सूखे अजमोद का भी उपयोग कर सकते हैं। आप इसे सलाद के साथ मिलाकर अपने भोजन का स्वाद बढ़ा सकते हैं।
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विटामिन ई के उत्कृष्ट स्रोत में सूरजमुखी का भी प्रमुख स्थान है। यह हृदय रोग और कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। सूरजमुखी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट सामग्री हमारे शरीर कई प्रकार के जीवाणुओं के प्रभाव से बचाते हैं। आप सूरजमुखी बीजों को भोजन के दौरान सलाद में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप सूरजमुखी के तेल का भी उपभोग कर सकते हैं। सूरजमुखी बीजों की 46 ग्राम मात्रा का सेवन करने पर 15.3 मिलीग्राम विटामिन ई प्राप्त होता है जो दैनिक आवश्यकता का 76 प्रतिशत है।
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आप इसे फल या सब्जी कुछ भी कह सकते हैं। यह आपके व्यंजनों में विशेष रूप से उपयोग किया जाने वाला उत्पाद है। विटामिन ई की बात की जाए तो इसकी 149 ग्राम मात्रा का सेवन करने पर 0.8 मिलीग्राम विटामिन ई प्राप्त होता है। लेकिन टमाटर में अन्य पोषक तत्व
जैसे लाइकोपीन की अच्छी मात्रा होती है। यह एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। आप भी नियमित रूप से टमाटर का उपभोग कर इन लाभों को प्राप्त कर सकते हैं।(और पढ़े – टमाटर का सूप पीने के स्वास्थ्यवर्धक लाभ…)
मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाइन नट्स में होती है। इसके अलावा इसे विटामिन ई के लिए भी उपयोग किया जाता है। पाइन नट्स में मौजूद पोषक तत्व थकान को दूर करने में मदद करते हैं। आप इसे अपने आहार में शामिल करने के लिए पास्ता या सैंडविच के साथ उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इन्हें अपनी सलाद में भी उपयोग कर सकते हैं। पाइन नट्स की 135 ग्राम मात्रा का सेवन करने पर यह 12.6 मिलीग्राम विटामिन ई दिला सकता है।
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आप विटामिन ई की कमी को दूर करने के लिए ब्रोकोली का उपयोग कर सकते हैं। यह विटामिन ई के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है। इसके अलावा इसमें विटामिन K भी अच्छी मात्रा में होता है। इस कारण यह हड्डियों और त्वचा को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है। आप सुबह के नाश्ते के लिए उबले हुए ब्रोकोली का उपयोग कर सकते हैं या फिर इसे भोजन के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 91 ग्राम ब्रोकोली का सेवन कर दैनिक आवश्यकता का 4 प्रतिशत विटामिन ई प्राप्त किया जा सकता है।
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140 ग्राम पके हुए पपीता का सेवन करने पर 1 मिलीग्राम और दैनिक आवश्यकता का 5 प्रतिशत विटामिन ई प्राप्त होता है। पपीता में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो कई बीमारियों से शरीर की रक्षा करते हैं। इसके अलावा पपीता अपचन और सूजन के विरूध भी हमारी सहायता करता है। विटामिन ई की प्राप्ती और अन्य स्वास्थ्य लाभ के लिए आप पपीता को आहार में शामिल कर सकते हैं।
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आप सरसों के साग का स्वाद का आनंद तो उठाते हैं, लेकिन क्या इसके फायदे जानते हैं। यह हमें कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। इनमें विटामिन ई, फोलेट और विटामिन ए, विटामिन सी और के, आदि अच्छी मात्रा में होते हैं। आप सरसों के पत्तों को पकार खा सकते हैं जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं। इसके अलावा आप इन्हें सलाद के रूप में उपभोग कर सकते हैं। यह आपको बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करता है।
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एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के साथ ही शतावरी में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, जिंक, मैंगनीज और सेलेनियम की समृद्ध मात्रा होती है। वास्तव में 1 कप शतावरी में दैनिक आवश्यकता का 18 प्रतिशत विटामिन ई होता है। यह कैंसर को रोकने में भी सहायक होता है। इसके अलावा शतावरी के फायदे मधुमेह और पाचन में भी होते हैं। आप नियमित रूप से शतावरी को नाश्ते या अन्य व्यंजनों के साथ उपयोग लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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पापिका (लाल शिमला मिर्च) में आयरन की अच्छी मात्रा होती है जो ऊर्जा उत्पादन में विशेष योगदान देता है। लाल शिमला मिर्च में कैप्सैकिन होता है जो रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ्य रखने और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। आप शिमला मिर्च का उपयोग अपने व्यंजनों के साथ कर सकते हैं या फिर आप घर पर ही इसका सूप तैयार कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह विटामिन ई का अच्छा स्रोत माना जाता है। अध्ययन बताते हैं कि लगभग 7 ग्राम शिमला मिर्च में 2 मिलीग्राम विटामिन ई होता है जो दैनिक आवश्यकता का 10 प्रतिशत है।
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पोषक तत्वों से भरपूर कीवी के फायदे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए होते हैं। यह विटामिन ई समृद्ध है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है। कीवी फल में सेरोटोनिन भी होता है, यह नींद को प्रेरित कर अनिद्रा का इलाज करने में मदद करता है। आप इसे दही के साथ मिलाकर खा सकते हैं या इसे सलाद में शामिल कर सकते हैं। इसकी 177 ग्राम मात्रा दैनिक आवशकता का 13 प्रतिशत विटामिन ई दिला सकती है।
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विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की क्षमता विटामिन ई में होती हैं। यह हमारे शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों में प्रमुख है। विटामिन ई हमारे शरीर के लिए अन्य लाभ दिलाने के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट का काम भी करता है। साथ ही यह त्वचा विकारों को दूर करने का सबसे अच्छा विकल्प होता है। विटामिन ई महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकता है। आइये विस्तार से जाने विटामिन ई के फायदे जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं।
आप अपने दिल को स्वस्थ्य और मबजूत बनाने के लिए विटामिन ई का उपयोग कर सकते हैं। विटामिन ई को कम धनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने के लिए जाना जाता है। जिससे यह हृदय रोग की संभावनाओं को कम कर सकता है। इसके अलावा यह रक्त के थक्के जमने से भी रोकता है जो विशेष रूप से हार्ट अटैक का कारण होता है। अध्ययन बताते हैं कि इन सभी समस्याओं से बचने के लिए विटामिन ई आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन फायदेमंद होता है।
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संज्ञानात्मक गिरावट या डिमेंशिया के प्रभाव को कम करने में विटामिन ई फायदेमंद होता है। विटामिन ई की कमी से मानसिक कार्य में बाधा आ सकती है। इसलिए विटामिन ई आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए। यह लोगों की आयु के रूप में मानसिक कार्य पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है।
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ऐसे बहुत से अध्ययन हैं जो बताते हैं कि दैनिक आधार पर विटामिन ई का सही मात्रा में सेवन आंखों को स्वस्थ्य रख सकता है। विटामिन ई आंखों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। यह उम्र से संबंधित क्षति के खतरे को 20 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
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एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण यह फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर की रक्षा करता है। परिणाम स्वरूप यह त्वचा की सूजन को कम करता है। इसके अलावा यह त्वचा के संक्रमण को फैलने से रोकता है और त्वचा कैंसर की संभावना को भी कम करता है। इस तरह से आप अपनी त्वचा को स्वस्थ्य रखने के लिए विटामिन ई के लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आप शरीर के घावों और चोटों को दूर करने के लिए विटामिन ई तेल का उपयोग फायदेमंद होता है। विटामिन ई घाव, खुजली, एक्जिमा, जलन और अन्य त्वचा रोग का इलाज करने में सहायक होता है। यह कोशिकाओं की सेल्फ लाईफ को भी बढ़ाता है। इसका उपयोग करने पर यह त्वचा को प्राकृतिक नमी प्रदान कर शुष्क त्वचा का भी उपचार करता है।
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अधिकांश वयस्कों के लिए आमतौर पर कम से कम 15 मिलीग्राम विटामिन ई प्राप्त करने की सलाह दी जाती है। हालांकि स्तनापन कराने वाली महिलाओं के लिए यह मात्रा 19 मिलीग्राम हो सकती है।
बच्चों के लिए विटामिन ई की आवश्यकता उम्र के आधार पर व्यापक रूप से भिन्न हो सकती है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ ही विटामिन की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। बच्चों की उम्र के अनुसार विटामिन ई की सेवन मात्रा इस प्रकार है-
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