विटामिन के (Vitamin K) एक पोषक तत्व है, जिसकी एक निश्चित मात्रा शरीर के लिए आवश्यक होती है। यह मानव शरीर में रक्त का थक्का बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन K प्राकृतिक रूप से पत्तेदार हरी सब्जियों में पाया जाता है। विटामिन के सप्लीमेंट के रूप में और साथ ही सामयिक क्रीम (topical cream) के रूप में भी प्राप्त किया जा सकता है। शरीर में विटामिन K की कमी या अधिकता अनेक प्रकार की समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है, अतः इसका नियमित तथा नियंत्रित सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। विटामिन के की अत्यधिक कमी आंतरिक और बाह्य रक्तस्राव का कारण बन सकती है जिसके कारण सम्बंधित व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है। अतः विटामिन K की कमी से सम्बंधित लक्षणों के प्रगट होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
आज के इस लेख में आप जानेंगे कि विटामिन K क्या है इसे कहाँ से प्राप्त किया जा सकता है, विटामिन K की कमी के लक्षण, रोग क्या हैं तथा इसके फायदे और नुकसान के बारे में।
विषय सूची
1. विटामिन K क्या है – Vitamin K Kya Hota Hai in hindi
2. विटामिन k के प्रकार – Types of Vitamin K in hindi
3. विटामिन k के स्रोत – Vitamin K Sources In Hindi
4. विटामिन K के कार्य और उपयोग – Vitamin k ke karya and uses In Hindi
5. विटामिन K की कमी – Vitamin K Deficiency In Hindi
6. विटामिन K की कमी के लक्षण – Vitamin K Deficiency Symptoms In Hindi
7. विटामिन k की कमी होने वाले से रोग – Vitamin K Ki Kami Se Hone Wale Rog In Hindi
8. विटामिन k की खुराक – Vitamin K Dosage in hindi
9. विटामिन K के लाभ – Vitamin K Benefits In Hindi
10. विटामिन k के नुकसान – Vitamin K Side Effects in hindi
विटामिन के की खोज 1929 में रक्त के जमाव (रक्त के थक्के) के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व के रूप में की गई थी। विटामिन K का नाम जर्मन शब्द Koagulationsvitamin से लिया गया है।
विटामिन K वसा में घुलनशील एक आवश्ययक पोषक तत्व है, जो आमतौर पर रक्त के थक्के सम्बन्धी विकारों, हड्डी के चयापचय (bone metabolism) और रक्त कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मानव शरीर में विटामिन K की पूर्ति खाद्य पदार्थों से होती है। चिकित्सकों का मानना है कि विटामिन K सीधे तौर पर ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और उच्च रक्तचाप (hypertension) से लेकर वैरिकाज़ नसों (varicose veins) और रोजेशिया (rosacea) तक की चिकित्सकीय स्थितियों को भी प्रभावित कर सकता है।
शरीर में विटामिन के की अपर्याप्त मात्रा अत्यधिक रक्तस्राव और घाव के उत्पादन का कारण बन सकती है। विटामिन K के पर्याप्त स्तर फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने के साथ-साथ हड्डी स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए भी आवश्यक हो सकते हैं। व्यक्ति खरोंच, निशान, खिंचाव के निशान (stretch marks) और जलन से राहत पाने के लिए त्वचा पर सामयिक क्रीम (topical cream) के रूप में विटामिन K का प्रयोग कर सकते हैं।
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विटामिन के अनेक रूपों में दवा के लिए उपयोग में लाया जाता है। विटामिन K के दो मुख्य रूप हैं:
विटामिन K1 – विटामिन K1 को रासायनिक रूप से फ़ाइलोक्विनोन (phylloquinone) के नाम से जाना जाता है। यह कृत्रिम रूप में पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ या पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। इसके अलावा यह डेयरी उत्पादों और वनस्पति तेलों से भी प्राप्त किया जाता है। यह आहार सम्बन्धी विटामिन K का मुख्य प्रकार है।
विटामिन K2 – विटामिन K2 का रासायनिक नाम मेनक्विनोन (menaquinone) है। यह पशु उत्पादित खाद्य पदार्थों और किण्वित खाद्य पदार्थों जैसे- अंडे, पनीर और मांस में पाया जाता है। आंतों (intestines) मे बैक्टीरिया द्वारा विटामिन K1 को K2 में परिवर्तित करके भी प्राप्त किया जाता है।
विटामिन K2 को कई अलग-अलग प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं MK-4 और MK-7।
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चूंकि शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन K का उत्पादन करने में सक्षम नहीं है, इसलिए शरीर में विटामिन के की पूर्ति आहार या खाद्य पदार्थों के माध्यम से की जाती है। इसे सप्लीमेंट के रूप में भी प्राप्त किया जा सकता है। पत्तेदार हरी सब्जियों में विटामिन K1 अधिक मात्रा में होता है, इसके अतिरिक्त यह विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों सभी प्राप्त किया जा सकता है, जैसे:
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शरीर में, विटामिन के रक्त का थक्का जमाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। अतः इसका उपयोग “ब्लड थिनिंग” दवाओं के प्रभाव को कम करने या इससे उल्टा करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त मानव शरीर में विटामिन K अनेक प्रकार के कार्यों के लिए उपयोगी है, जो निम्न हैं:
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विटामिन K की कमी (vitamin k deficiency) से तात्पर्य, शरीर में आवश्यकता से कम मात्रा में विटामिन k की पूर्ति से है। विटामिन K की कमी के सबसे सामान्य कारणों में अपर्याप्त आहार का सेवन, अपर्याप्त अवशोषण और लिवर डिजीज को शामिल किया जा सकता है, जिसके कारण शरीर में विटामिन का भंडारण कम हो सकता है, लेकिन यह समस्या आंतों में विटामिन k2 के कम उत्पादन के कारण भी उत्पन्न हो सकता है। वयस्कों में विटामिन K की कमी काफी दुर्लभ है, क्योंकि भोजन के माध्यम विटामिन K1 की पर्याप्त मात्रा हो जाती है। हालांकि, कुछ आंतरिक समस्याएँ और कुछ दवाओं का सेवन विटामिन K के अवशोषण और विटामिन K2 के निर्माण में हस्तक्षेप कर सकती हैं, जिसके कारण इसकी कमी हो सकती है। शिशुओं में विटामिन K की कमी बहुत अधिक देखने को मिलती है।
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विटामिन के की कमी (vitamin k deficiency) से सम्बंधित मुख्य संकेत रक्त का थक्का न जमना है। इसके अतिरिक्त विटामिन K की कमी के संकेत और लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
लक्षणों के आधार पर विटामिन K की कमी पर संदेह तब किया जा सकता है, जब सम्बंधित व्यक्ति को कुपोषण या कुपोषण से सम्बंधित एक पुरानी स्थिति न हो, एंटीबायोटिक दवाओं का लंबे समय तक सेवन न कर रहा हो और गंभीर बीमार जैसे कैंसर या डायलिसिस का रोगी न हो, इत्यादि।
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विटामिन K की कमी मुख्य रूप से आंतरिक और बाह्य रक्त स्त्राव का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त विटामिन के की कमी अनेक प्रकार के रोगों के जोखिमों को बढ़ाने के लिए उत्तरदाई होती है, जिसके अंतर्गत निम्न रोगों को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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प्रत्येक व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए विटामिन के की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है। विटामिन K की आवश्यक दैनिक मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की उम्र, लिंग और शारीरिक स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए विटामिन K के दैनिक सेवन की सिफारिश (recommended daily intake) मात्रा निम्नानुसार है:
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विटामिन के मानव शरीर के लिए अनेक प्रकार के लाभ प्रदान करता है, जो कि निम्न हैं:
विटामिन के का कम मात्रा में सेवन, ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ाने में मदद करता है। अतः विटामिन के मजबूत हड्डियों के रखरखाव में मदद और हड्डियों के घनत्व में सुधार करता है तथा फ्रैक्चर के जोखिम को भी कम करता है।
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वयस्कों के रक्त में विटामिन के के बढ़े हुए स्तर का सम्बन्ध बेहतर प्रासंगिक स्मृति (episodic memory) से होता है। अतः कहा जा सकता है कि विटामिन K1 के उच्चतम रक्त स्तर, 70 वर्ष से अधिक आयु के स्वस्थ व्यक्तियों में प्रासंगिक स्मृति के प्रदर्शन को बेहतर बनाते है।
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दिल के पास स्थित धमनियों में कैल्शियम का निर्माण हृदय रोग के लिए एक बड़ा जोखिम कारक है। अतः कैल्शियम संचय को कम करने वाले कारक हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकते हैं। शोध बताते हैं कि विटामिन K2 से युक्त उच्च आहार का सेवन कोरोनरी कैल्सीफिकेशन (coronary calcification) या हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। विटामिन K1 युक्त आहार के सेवन से हृदय रोग के जोखिम पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। परन्तु विटामिन K1 के साथ सप्लीमेंट का सेवन कोरोनरी कैल्सीफिकेशन की प्रगति को रोकता या कम करता है। विटामिन K के पर्याप्त सेवन से स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है।
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विटामिन के लीवर कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, स्तन कैंसर सहित अनेक प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में अपनी आवश्यक भूमिका अदा करता है। माना जाता है कि विटामिन K2 के उच्च सेवन से कैंसर से होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है। लेकिन यह विकासशील कैंसर के जोखिम को कम नहीं कर सकता है।
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सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) वाले लोगों में वसा को पचाने में समस्याओं के कारण विटामिन के का स्तर कम हो सकता है। अतः विटामिन के का अधिक मात्रा में सेवन सिस्टिक फाइब्रोसिस के स्तर में सुधार ला सकता है। इसके अलावा शोधों से पता चलता है कि मुंह के माध्यम से विटामिन के का सेवन करने से ओस्टियोकॉलिन (osteocalcin) का उत्पादन बढ़ सकता है, जो शरीर में हड्डी निर्माण और चयापचय को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, इस बात का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है कि विटामिन के सिस्टिक फाइब्रोसिस वाले व्यक्तियों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
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हड्डीयों को स्वस्थ रखने और फ्रैक्चर के जोखिमों को कम करने में विटामिन के एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। चूँकि विटामिन K2 कैल्शियम के चयापचय में सुधार लाता है, अतः रजोनिवृत्ति से सम्बंधित महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) को रोकने और इलाज के लिए आम तौर पर विटामिन K की सिफारिश की जाती है।
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शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि विटामिन K2 दंत स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। दंत स्वास्थ्य में मुख्य रूप से ओस्टियोकॉलिन (osteocalcin) नामक प्रोटीनों की मुख्य भागेदारी होती है, जो विटामिन K2 द्वारा सक्रिय किया जाता है। ओस्टियोकॉलिन (osteocalcin) नए डेंटिन (dentin) के विकास को उत्तेजित करता है, जो दांतों के नीचे स्थित कैल्सीकृत ऊतक (calcified tissue) है।
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विटामिन के युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की कोई भी ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। अर्थात विटामिन K युक्त खाद्य पदार्थों के अत्यधिक सेवन से विषाक्तता उत्पन्न नहीं होती है। लेकिन विटामिन k युक्त सप्लीमेंट को अनुचित मात्रा में लेने से कुछ स्थितियों में विषाक्तता उत्पन्न हो सकती है। विटामिन K अनेक सामान्य दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
उदाहरण के लिए, विटामिन K1 सप्लीमेंट एंटी डायबिटीज दवाओं (anti-diabetes drugs) जैसे- इंसुलिन, एक्टोस (Actos) (पियोग्लिटाजोन), Amaryl (glimepiride) और Avandia (rosiglitazone) का सेवन करने वाले व्यक्तियों में रक्त शर्करा में कमी कर हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) का कारण बन सकता है।
Coumadin जैसे एंटीकोगुलेंट्स (anticoagulants) ड्रग लेने वाले व्यक्तियों में विटामिन K के स्तर पर नजर रखी जानी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक विटामिन K, Coumadin की प्रभावशीलता को कम कर सकता है, जिसके कारण खुराक (dose) को समायोजित करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
गुर्दे की बीमारी (Kidney disease) के कारण डायलिसिस (dialysis) उपचार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों द्वारा विटामिन के का उच्च मात्रा में सेवन हानिकारक हो सकता है। अतः विटामिन K सप्लीमेंट की निश्चित मात्रा के सेवन के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी आवश्यक है।
विटामिन के लिवर की गंभीर समस्या के कारण उत्पन्न थक्के की समस्याओं के इलाज के लिए प्रभावी नहीं है। विटामिन के की उच्च खुराक लिवर की बीमारी (Liver disease) से सम्बंधित व्यक्तियों में थक्के की समस्या को बदतर बना सकती है।
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Reference
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