Vitamin Ki Kami Se Hone Wale Rog विटामिन वे कार्बनिक यौगिक होते हैं, जिनकी आवश्यकता जीवन को बनाए रखने के लिए बहुत कम मात्रा में होती है। मानव शरीर में अधिकांश विटामिन की पूर्ति भोजन के माध्यम से होती है। शरीर में अलग-अलग विटामिन की अलग-अलग भूमिकाएँ होती हैं, तथा ये प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न-भिन्न मात्रा में जरुरी होते है। आज के इस लेख में आप जानेंगे कि विटामिन क्या हैं, विटामिन की कमी से कौन कौन से रोग होते हैं तथा इसके स्त्रोत क्या हैं।
विषय सूची
1. विटामिन क्या होते है – What is Vitamin in hindi
2. विटामिन A क्या है – vitamin A in hindi
3. विटामिन बी क्या है – Vitamin B in hindi
4. विटामिन C क्या है – What is Vitamin C in hindi
5. विटामिन D क्या है – What is Vitamin D in Hindi
6. विटामिन ई क्या है – Vitamin E in Hindi
7. विटामिन K क्या है – What is Vitamin K in hindi
“विटामिन” शब्द का सर्प्रथम प्रयोग 1911 में बायोकेमिस्ट कासिमिर फंक (Casimir Funk) द्वारा किया गया था। अर्थात विटामिन की खोज का श्रेय कासिमिर फंक (Casimir Funk) को जाता है। विटामिन भोजन में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिक हैं, जो जीवों के लिए विभिन्न शारीरिक क्रियाओं जैसे- ऊर्जा उत्पादन करने और लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए बहुत कम मात्रा में आवश्यक होते हैं। विटामिन को शरीर द्वारा स्वयं उत्पन्न नहीं किया जाता है, ये आहार के माध्यम से प्राप्त होते हैं।
मानव शरीर के लिए आवश्यक विटामिन की संख्या 13 होती है, जिनमें से 8 विटामिन बी समूह के होते हैं या विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स बनाते हैं। आवश्यक 13 विटामिन हैं- विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन के, और विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स ( बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7, बी9, बी12)।
चूँकि मानव शरीर में अलग अलग विटामिन का अलग अलग कार्य होता है इस बजह से मानव शरीर में किसी विशेष विटामिन की कमी से विशिष्ट रोग हो सकते हैं। इस आर्टिकल में विभिन्न प्रकार के विटामिन और उनकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन किया गया है।
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विटामिन A को रासायनिक रूप से बीटा कैरोटीन (beta-carotene), रेटिनोल (Retinol), रेटिनाल (Retinal) और कैरोटीनॉयड (Carotenoids) आदि नामों से जाना जाता है।
विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन का एक प्रकार है। यह त्वचा, हड्डियों और शरीर की अन्य कोशिकाओं को मजबूत रखने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। भोजन के माध्यम से भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट युक्त विटामिन ए का सेवन करने से उम्र अधिक नहीं दिखती है। इसके अलावा विटामिन ए के अनेक फायदे होते हैं, जैसे- इम्यून सिस्टम के कार्यों को बेहतर बनाते है तथा हृदय, फेफड़े, किडनी और अन्य आवश्यक अंगों के कार्यों को भी सामान्य रखता है।
रेटिनॉल (Retinol) रक्त में पाए जाने वाले विटामिन ए का सक्रिय रूप है। रेटिनायल पामिटेट (Retinyl palmitate) विटामिन ए का भंडारण रूप है। बीटा-कैरोटीन (Beta-carotene) या कैरोटीनॉयड (Carotenoid) पौधों में पाया जाने वाला विटामिन A का एक रूप है। प्रो-विटामिन ए (pro-vitamin A) को फलों, सब्जियों और अन्य पौधों पर आधारित उत्पादों में संग्रहीत किया जाता है। यह “प्रो-विटामिन” एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो शरीर द्वारा आवश्यकतानुसार विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है।
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विटामिन A की कमी मुख्य रूप से निम्न रोगों का कारण बनती है, जैसे:
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विटामिन ए के सबसे अच्छे स्रोतों में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
अंडा, दूध, गाजर, पालक, काले, पपीता, अंडे की जर्दी, दही, सोयाबीन और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियां शामिल हैं।
रेटिनॉल (Retinals) के सबसे अच्छे स्रोत हैं:
कैरोटीनॉयड (Carotenoids) से भरपूर वनस्पति स्रोत निम्न हैं, जैसे:
बीटा-कैरोटीन (beta-carotene) से उच्च खाद्य पदार्थों में निम्न शामिल हैं:
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बी विटामिन पानी में घुलनशील विटामिन का एक समूह है, जो कोशिका चयापचय और शरीर द्वारा सेवन किये गए भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं। विटामिन बी विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों जैसे मांस, साबुत अनाज और फलों से प्राप्त होता है। रासायनिक रूप से विटामिन बी (Vitamin B) मानव शरीर में अनेक रूपों में पाया जाता है, जो कि निम्न है:
विटामिन बी1 का रासायनिक नाम थियामिन (Thiamine) है। यह पानी में घुलनशील विटामिन है। शर्करा और अमीनो एसिड के संश्लेषण में विटामिन बी 1 (थियामिन) एक कोएंजाइम (coenzyme) के रूप में कार्य करता है।
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विटामिन बी1 की कमी से बेरीबेरी (beriberi) और वेर्निक-कोर्साकोफ सिंड्रोम (Wernicke-Korsakoff syndrome) आदि रोग हो सकते हैं।
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विटामिन बी1 अच्छे स्रोतों में निम्न शामिल हैं:
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विटामिन बी 2 का रासायनिक नाम राइबोफ्लेविन (Riboflavin) है। यह भी जल में घुलनशील विटामिन है।
विटामिन बी2 की कमी से निम्न रोग हो सकते हैं:
विटामिन बी 2 के उत्तम स्रोतों में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
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विटामिन बी 3 रासायनिक रूप से नियासिन (Niacin), नियासिनमाइड (niacinamide) के रूप में पाया जाता है। जो कोशिकाओं में ऊर्जा स्थानांतरण प्रतिक्रिया में योगदान देते हैं। यह जल में घुलनशील होता है।
विटामिन बी3 की कमी निम्न प्रकार के रोगों का कारण बनती है, जैसे:
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विटामिन बी 3 के अच्छे स्रोत के रूप में निम्न को शामिल किया जाता है, जैसे:
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विटामिन बी 5 को रासायनिक रूप से पैंटोथेनिक एसिड (Pantothenic acid) के नाम से जाना जाता है। विटामिन बी 5 पानी में घुलनशील विटामिन है, जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और लिपिड के चयापचय का कार्य करता है।
विटामिन बी 5 की कमी से पेरेस्टेसिया (paresthesia) या “पिंस और नीडल्स” (pins and needles) हो सकती हैं।
विटामिन बी 5 के उत्तम स्रोतों में निम्न आहार शामिल हैं:
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विटामिन बी 6 को रासायनिक रूप में पाइरिडोक्सिन (Pyridoxine), पाइरिडोक्सामाइन (pyridoxamine), पाइरिडोक्सल (pyridoxal) आदि नामों से जाना जाता है। यह जल में घुलनशील है। पाइरिडोक्सल (pyridoxal), विटामिन बी 6 का सक्रिय रूप है, जो अमीनो एसिड, ग्लूकोज और लिपिड के चयापचय में कोएंजाइम की तरह कार्य करता है।
विटामिन बी6 की कमी से निम्न रोग हो सकते हैं:
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विटामिन बी6 के अच्छे स्रोतों के रूप में निम्न शामिल हैं, जैसे:
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विटामिन बी 7 का रासायनिक नाम बायोटिन (Biotin) है। विटामिन बी 7 जल में घुलनशील विटामिन बी का ही एक रूप है।
विटामिन बी 7 की कमी निम्न समस्याओं के उत्पन्न होने का कारण बनती है, जैसे:
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विटामिन बी 7 के उच्च स्रोत हैं:
विटामिन बी 9 का रासायनिक नाम फोलिक एसिड (Folic acid) या फोलिनिक एसिड, (folinic acid) है। यह डीएनए के संश्लेषण और डीएनए (DNA) के चयापचय के लिए महत्वपूर्ण है।
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गर्भावस्था के दौरान विटामिन बी 9 की कमी जन्म दोष (birth defects) का कारण बनती है। अतः गर्भावस्था के दौरान इस विटामिन की कमी मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (Megaloblastic anemia) और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (neural tube defects) के उत्पन्न होने का कारण बनती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भवती होने से पहले पूरे वर्ष के दौरान फोलिक एसिड (विटामिन बी9) सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
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विटामिन बी9 के उच्च स्रोतों में निम्न शामिल हैं:
विटामिन बी 12 (Vitamin B12) का रासायनिक नाम कोबालामिन (cobalamin) है यह रासायनिक रूप में सायनोकोबालामिन (Cyanocobalamin), हाइड्रोक्सोकोबालामिन (hydroxocobalamin), मिथाइलकोबालामिन (methylcobalamin) के रूप में पाया जाता है। यह जल में घुलनशील है।
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विटामिन बी12 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (megaloblastic anemia) हो सकता है, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का अस्थि मज्जा (bone marrow) असामान्य रूप से बड़े, असामान्य और अपरिपक्व लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है।
इसके अतिरिक्त विटामिन बी12 की कमी निम्न प्रकार की समस्याओं का भी कारण बनती है, जैसे
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विटामिन बी12 के अच्छे स्रोतों में निम्न शामिल हैं:
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विटामिन सी का रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) है। विटामिन C पानी में घुलनशील एक कार्बनिक यौगिक है, इसे मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक पोषक तत्व की श्रेणी में रखा गया है। विटामिन सी वसा में अघुलनशील होने के कारण, इसका संचय शरीर में नहीं होता है। मानव शरीर में विटामिन सी के पर्याप्त स्तर को बनाए रखने के लिए दैनिक भोजन में विटामिन C युक्त आहार के पर्याप्त सेवन की आवश्यकता होती है।
विटामिन सी को उबालने या भोजन पकाने से या विकृत हो सकता है। यह एंटीऑक्सिडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) तथा एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) गुणों से परिपूर्ण होता है।
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विटामिन C की कमी मुख्य रूप से स्कर्वी (Scurvy) रोग का कारण बनती है। विटामिन C की कमी से होने वाले रोग निम्न हैं, जैसे:
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विटामिन सी की सर्वाधिक उच्च मात्रा खट्टे फलों में पाई जाती है। विटामिन सी के उत्तम स्त्रोत के रूप में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
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विटामिन डी, वसा में घुलनशील एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो शरीर द्वारा त्वचा के सीधे सूर्य प्रकाश के संपर्क में आने से निर्मित किया जाता है। सूर्य प्रकाश विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत हैं। इसे “सनशाइन विटामिन” के नाम से भी जाना जाता है। मानव शरीर में यकृत (liver) द्वारा त्वचा या भोजन से प्राप्त होने वाले विटामिन डी को 25-हाइड्रॉक्सीविटामिन डी नामक रसायन के रूप में भंडारण करके रखा जाता है। यह मानव शरीर के लिए अनेक प्रकार से लाभदायक होता है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण रिकेट्स तथा अन्य गंभीर समस्याएँ उत्पन्न होती है। मानव शरीर विटामिन D को अधिक समय तक स्टोर करके नहीं रख पाता है। अतः प्रत्येक मनुष्य को प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में विटामिन D के सेवन पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
विटामिन डी सामान्यतः दो रूपों में पाया जाता है-
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विटामिन डी की कमी अनेक प्रकार के रोगों के उत्पन्न होने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
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विटामिन डी को भोजन या पूरक आहार (supplements) के रूप में भी ग्रहण किया जा सकता है। सूर्य प्रकाश को विटामिन D का एक उत्तम स्रोत माना जाता है, लेकिन अनेक प्रकार की समस्याएँ केवल सूर्य प्रकाश के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त करना असंभव हो सकता है। अतः कोई भी व्यक्ति सनशाइन के आलावा विटामिन D का पर्याप्त सेवन करने के लिए निम्न स्रोतों का उपयोग कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:
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विटामिन E को रासायनिक रूप से टोकोफेरोल्स (Tocopherols) और टोकोट्रिनोल (tocotrienols) के रूप में जाना जाता है। अल्फ़ा टोकोफेरॉल (Alpha tocopherol) विटामिन E का सबसे आम और सबसे शक्तिशाली रूप है।
यह वसा में घुलनशील है। विटामिन ई मानव शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की भूमिका अदा करता है, शरीर में फ्री रेडिकल की क्रिया को रोकने में महत्वपूर्ण है, जो विशिष्ट वसा को क्षति पहुंचाते हैं। यह स्वस्थ त्वचा के रखरखाव के साथ उम्र बढ़ने की गति को धीमा कर सकता है। कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
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विटामिन ई की कमी निम्न रोगों को उत्पन्न होने का कारण बनती है:
विटामिन ई के अच्छे स्रोतों में निम्न को शामिल किया जाता है:
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विटामिन K वसा में घुलनशील एक आवश्ययक पोषक तत्व है, जो मानव शरीर में रक्त का थक्का ज़माने में मदद करता है। यह रासायनिक तौर पर दो रूपों में पाया जाता है:
विटामिन K1, जिसे रासायनिक रूप से फिलोक्विनोन (phylloquinone) के नाम से जाना जाता है। विटामिन K1 पत्तेदार साग और कुछ अन्य सब्जियों से प्राप्त होता है।
विटामिन K2, जो रासायनिक रूप में मेनक्विनोन (menaquinone) है। यह मीट, पनीर (cheeses), अंडे और एनी पशु आधारित उत्पाद से प्राप्त होता है।
विटामिन K आमतौर पर रक्त के थक्के सम्बन्धी विकारों, हड्डी के चयापचय (bone metabolism) और रक्त कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चिकित्सकों का मानना है कि विटामिन K सीधे तौर पर ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और उच्च रक्तचाप (hypertension) से लेकर वैरिकाज़ नसों (varicose veins) और रोजेशिया (rosacea) तक की चिकित्सकीय स्थितियों को भी प्रभावित कर सकता है। व्यक्ति खरोंच, निशान, खिंचाव के निशान (stretch marks) और जलन से राहत पाने के लिए त्वचा पर सामयिक क्रीम (topical cream) के रूप में विटामिन K का प्रयोग कर सकते हैं।
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विटामिन K की कमी मुख्य रूप से असामान्य रक्त स्त्राव का कारण बनती है। इसके अतिरिक्त विटामिन K की कमी अनेक प्रकार के रोगों को जन्म देने के लिए उत्तरदाई हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
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शरीर में विटामिन K की पूर्ति आहार या खाद्य पदार्थों के माध्यम से की जाती है। इसे सप्लीमेंट के रूप में भी प्राप्त किया जा सकता है। पत्तेदार हरी सब्जियों में विटामिन K1 की मात्रा सर्वाधिक होती है, इसके अतिरिक्त विटामिन K के उच्चतम स्त्रोतों में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे:
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