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सफेद दाग (विटिलिगो) क्या है कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम – What is Vitiligo, Cause, Symptoms And Treatment In Hindi

Vitiligo In Hindi सफेद दाग यानी विटिलिगो एक त्वचा सम्बन्धी रोग है जो शरीर पर सफ़ेद दाग उत्पन्न होंने का कारण बनता है। यह रोग सभी प्रकार के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है। यह एक संक्रामक स्थिति नहीं है, परन्तु यह मानसिक प्रताड़ना का कारण बन सकती है। यह रोग 20 साल की उम्र के व्यक्तियों को अधिक प्रभावित करता है। इस रोग से सम्बंधित व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक पीड़ा, आँखों की समस्या, सनबर्न (Sunburn) और त्वचा कैंसर, बहरापन (Hearing loss) या ऑटोम्यून्यून डिसऑर्डर आदि जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति को प्रारंभिक अवस्था में रोकना संभव हो सकता है, लेकिन गंभीर अवस्था में इसका कोई सुनिश्चित इलाज नहीं है। अतः सफेद दाग (विटिलिगो) के लक्षण प्रगट होने पर सम्बंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

आज के इस लेख में आप जानेंगे कि सफेद दाग (विटिलिगो) क्या है, इसके प्रकार, कारण, लक्षण और जटिलताएं क्या हैं तथा इसके निदान, इलाज और रोकथाम के लिए क्या उचित कदम उठाये जा सकते हैं।

1. सफेद दाग (विटिलिगो) क्या है – What is vitiligo in Hindi
2. विटिलिगो (ल्यूकोडर्मा) के प्रकार – Vitiligo Types in hindi

3. विटिलिगो (सफेद दाग) का कारण – Vitiligo Causes In Hindi
4. विटिलिगो (सफेद दाग) के लक्षण – Vitiligo Symptoms In Hindi
5. विटिलिगो की जटिलताएं – Vitiligo Complications In Hindi
6. विटिलिगो (सफेद दाग) की जांच – Vitiligo Diagnosis In Hindi
7. विटिलिगो (सफेद दाग) का उपचार – Vitiligo Treatments In Hindi
8. विटिलिगो (सफेद दाग) की रोकथाम – Vitiligo Prevention In Hindi
9. विटिलिगो रोकथाम आहार – Vitiligo Diet In Hindi
10. सफेद दाग में परहेज – Vitiligo Avoid In Hindi

सफेद दाग (विटिलिगो) क्या है – What is vitiligo in Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) (vitiligo) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा पर उत्पन्न धब्बे अपना रंग खोते जाते हैं। अर्थात् विटिलिगो (सफेद दाग) एक दीर्घकालिक समस्या है, जिसमें त्वचा पर सफेद धब्बे उत्पन्न होते हैं। विटिलिगो (सफेद दाग) की स्थिति में त्वचा पिगमेंट में हानि की दर और इसकी सीमा की जानकारी का सही तरीके से पता नहीं लगाया जा सकता है। यह बीमारी शरीर के किसी भी क्षेत्र की त्वचा को प्रभावित कर सकती है। बालों और मुंह के अंदर की त्वचा भी इससे प्रभावित हो सकती है। यह बीमारी किसी भी आयु, लिंग या जातीय वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकती है।

आम तौर पर, बाल और त्वचा के रंग के लिए मेलेनिन (melanin) नामक त्वचा वर्णक जिम्मेदार होता है। विटिलिगो (सफेद दाग) उस स्थिति में होता है, जब त्वचा वर्णक मेलेनिन (melanin) उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं (मेलेनोसाइट्स) (melanocytes) मर जाती हैं या अपना काम करना बंद कर देती हैं। मेलेनिन (melanin) त्वचा को रंग प्रदान करने और त्वचा को सूर्य की यूवी किरणों (UV rays) से बचाने का कार्य करता है। यह स्थिति जीवन के लिए खतरनाक या संक्रामक नहीं है। यह सम्बंधित व्यक्ति के लिए तनावपूर्ण स्थिति हो सकती है।

उपचार किये जाने पर विटिलिगो (सफेद दाग) से प्रभावित त्वचा पर रंग को वापिस लाया जा सकता है। लेकिन इसकी पुनरावृत्ति के कारण त्वचा रंग के निरंतर नुकसान को रोका नहीं जा सकता है।

(और पढ़े – सफेद दाग के कारण और खत्म करने के घरेलू उपाय…)

विटिलिगो (ल्यूकोडर्मा) के प्रकार – Vitiligo Types in hindi

  1. नॉन-सेगमेंट विटिलिगो – Non-segmental vitiligo in Hindi
  2. सेगमेंटल विटिलिगो – Segmental vitiligo in Hindi

मुख्य रूप से दो प्रकार के विटिलिगो (vitiligo) हैं, नॉन-सेगमेंट विटिलिगो (Non-segmental vitiligo) और सेगमेंट विटिलिगो (segmental vitiligo)।

नॉन-सेगमेंट विटिलिगो – Non-segmental vitiligo in Hindi

यदि विटिलिगो (vitiligo) की स्थिति में सफेद धब्बे सममित और समरूप होते हैं अर्थात सामान आकर के होते हैं, तो इस प्रकार के विटिलिगो को नॉन-सेगमेंट विटिलिगो (Non-segmental vitiligo) कहा जाता है। नॉन-सेगमेंट विटिलिगो सबसे आम प्रकार है, जिसके अंतर्गत लगभग 90 प्रतिशत मामले शामिल होते है।

इस स्थिति में सफ़ेद दाग अक्सर शरीर के दोनों ओर सामान रूप से देखे जा सकते है। यह धब्बे आमतौर पर सूर्य के संपर्क में आने वाली त्वचा पर देखे जा सकते हैं। इसके लक्षण व्यक्ति के जीवनकाल के दौरान अनेक बार उत्पन्न होते हैं और दूर भी हो जाते हैं।

नॉन-सेगमेंट विटिलिगो (Non-segmental vitiligo) को अनेक उप-श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:

सामान्यीकृत विटिलिगो (generalized vitiligo) – इस स्थिति में धब्बों का कोई विशिष्ट आकार नहीं है। यह शरीर के अंगों पर समान रूप से प्रगति करते हैं। यह विटिलिगो (vitiligo) का सबसे सामान्य प्रकार है।

एक्रोफेसियल विटिलिगो (acrofacial vitiligo) – यह ज्यादातर उंगलियों या पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है, तथा अनियमित सफ़ेद दाग का कारण बनता है।

श्लैष्मिक विटिलिगो (Mucosal vitiligo) – यह विटिलिगो ज्यादातर श्लेष्म झिल्ली और होंठ के आसपास की क्षेत्र को प्रभावित करता है।

यूनिवर्सल विटिलिगो (Universal vitiligo) – इस स्थिति में विटिलिगो (सफेद दाग) अधिकांश शरीर या सम्पूर्ण शरीर को प्रभावित करता है। यह बहुत ही दुर्लभ है।

फोकल विटिलिगो (Focal vitiligo) – यह शरीर के एक हिस्से या कुछ हिस्सों में दिखाई देता है, इस प्रकार के विटिलिगो में बिखरे हुए सफेद धब्बे विकसित होते हैं। यह बीमारी अक्सर युवा बच्चों में होती है।

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सेगमेंटल विटिलिगो – Segmental vitiligo in Hindi

सेगमेंटल विटिलिगो (segmental vitiligo) अधिक तेज़ी से फैलने वाला विटिलिगो है, लेकिन नॉन-सेगमेंट विटिलिगो (Non-segmental vitiligo) की तुलना में अधिक स्थिर और बहुत कम अनियमित या अनिश्चित माना जाता है। सभी विटिलिगो मामलों में से इसके केवल 10 प्रतिशत मामले ही देखने को मिलते हैं। यह बहुत धीमी गति से प्रगति करता है। यह शुरुआती आयुवर्ग या छोटी उम्र में अधिक देखा जा सकता है।

विटिलिगो (सफेद दाग) का कारण – Vitiligo Causes In Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) की बीमारी का सटीक कारण अज्ञात है। इसके विकास में अनेक कारक अपना योगदान दे सकते हैं। अधिकांश शोधकर्ताओं का मानना है, कि विटिलिगो एक ऑटोम्यून्यून बीमारी (autoimmune disorder) है, क्योंकि इस स्थिति में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, त्वचा की वर्णक कोशिकाओं पर हमला करती है। परिणामस्वरूप वर्णक का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं (मेलेनोसाइट्स) मर जाती हैं या मेलेनिन का उत्पादन करना बंद कर देती हैं। जिससे त्वचा पर सफ़ेद दाग उत्पन्न होते हैं। विटिलिगो (vitiligo) का कारण बनने वाले विकारों में निम्नलिखित को शामिल किया जा सकता है:

  • स्क्लेरोडर्मा (scleroderma), शरीर के संयोजी ऊतक से सम्बंधित विकार
  • लुपस (lupus),
  • थायरोडिटिस (thyroiditis),
  • सोरायसिस (psoriasis)
  • एलोपेशीया एरेटा (alopecia areata) या गंजापन (baldness)
  • टाइप1 मधुमेह (type 1 diabetes)
  • हानिकारक एनीमिया (anemia), विटामिन बी -12 को अवशोषित करने में असमर्थता
  • एडिसन रोग (Addison’s disease)
  • रूमेटॉयड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis)
  • कुछ रसायनों के संपर्क में आना,
  • आनुवंशिकता,
  • एक विषाणु (virus),
  • एक तनावपूर्ण स्थिति,
  • विटिलिगो (सफेद दाग) संक्रामक नहीं है, अर्थात एक व्यक्ति से दूसरे तक फैलाया नहीं जा सकता है।

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विटिलिगो (सफेद दाग) के लक्षण – Vitiligo Symptoms In Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) का मुख्य संकेत या लक्षण, त्वचा के रंग में हानि या त्वचा पर सफ़ेद दाग उत्पन्न होना है। आम तौर पर, यह सफ़ेद दाग (धब्बे) सूर्य के संपर्क में आने वाली त्वचा, जैसे हाथ, पैर, बाहों, चेहरे और होंठों पर दिखाई देते हैं। विटिलिगो (vitiligo) के सामान्य लक्षणों में निम्न को शामिल किया जाता है:

  • त्वचा पर सफेद दाग आना तथा समय के साथ उनमें वृद्धि होना,
  • सिर, पलकों, भौहें या दाढ़ी के बाल समय से पहले ही भूरे रंग के होना,
  • रेटिना की भीतरी परत के रंग में परिवर्तन आना,
  • शरीर के एक तरफ छोटे सफेद दागों का दिखाई देना,
  • सफ़ेद धब्बों की बार-बार पुनरावृत्ति होना,
  • धब्बों के किनारों पर थोड़ी सी लालिमा दिखाई देना या कभी-कभी खुजली होना,

विटिलिगो (vitiligo) बीमारी से प्रभावित व्यक्तियों में अलग-अलग लक्षण देखे जा सकते हैं, कुछ व्यक्तियों में केवल कुछ क्षेत्रों में ही सफेद दाग देखने को मिलते हैं, जो समय के साथ बढ़ते नहीं हैं। जबकि अन्य व्यक्तियों में बड़े सफेद धब्बे विकसित होते हैं, जो आपस में जुड़ते जाते हैं और त्वचा के बड़े क्षेत्र को प्रभावित करते हैं।

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विटिलिगो की जटिलताएं – Vitiligo Complications In Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) की समस्या सम्बंधित व्यक्ति में निम्न जटिलताओं का कारण बन सकती है, जैसे:

  • सामाजिक चुनौतियों का सामना,
  • मनोवैज्ञानिक पीड़ा,
  • सनबर्न (Sunburn) और त्वचा कैंसर,
  • आँखों की समस्या,
  • बहरापन (Hearing loss)
  • ऑटोम्यून्यून डिसऑर्डर, इत्यादि।

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विटिलिगो (सफेद दाग) की जांच – Vitiligo Diagnosis In Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) (vitiligo) का निदान करने के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करता है, तथा मरीज के चिकित्सा इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त करता है। इसके अतिरिक्त प्रयोगशाला परीक्षण की भी सिफारिश कर सकता है। शारीरिक परीक्षण के दौरान अन्य त्वचा सम्बन्धी चिकित्सीय समस्याओं जैसे कि डर्मेटाइटिस (dermatitis) या सोरायसिस (psoriasis) का भी निदान करने की कोशिश करता है।

वुड्स लैंप टेस्ट (Wood’s lamp test) – डॉक्टर विटिलिगो का निर्धारण करने के लिए पराबैंगनी लैंप (ultraviolet lamp) का भी उपयोग कर सकता है। लैंप, जिसे वुड्स लैंप (Wood’s lamp) भी कहा जाता है, डॉक्टर को विटिलिगो (vitiligo) और अन्य त्वचा सम्बन्धी समस्याओं के बीच अंतर स्पष्ट करने में मदद करता है। वुड्स लैंप टेस्ट (Wood’s lamp test) मुख्य रूप से त्वचा और बालों की जाँच करने के लिए उपयोगी है।

बायोप्सी (biopsy) कभी-कभी डॉक्टर विटिलिगो का निदान करने के लिए बायोप्सी (biopsy) परीक्षण का भी सहारा ले सकता है। बायोप्सी (biopsy) परीक्षण के लिए प्रभावित त्वचा का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है तथा प्रयोगशाला में भेज दिया जाता है।

रक्त परीक्षण – डॉक्टर द्वारा अंतर्निहित ऑटोम्यून्यून स्थितियों का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण की भी सिफारिश की जा सकती है।  इसकी मदद से विटिलिगो (vitiligo) का कारण बनने वाली अन्य समस्याओं जैसे- थायराइड की समस्याएं, मधुमेह या एनीमिया का निदान करने में मदद मिल सकती है।

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विटिलिगो (सफेद दाग) का उपचार – Vitiligo Treatments In Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) के उपचार प्रक्रिया में चिकित्सा, शल्य चिकित्सा या दोनों को शामिल किया जा सकता है। उपचार प्रक्रिया के तहत् त्वचा में रंग को वापिस लाने और सफ़ेद धब्बों के विकास को रोकने की कोशिश की जा सकती है। इसके अतिरिक्त आंतरिक कारणों के लिए भी उपचार प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। उपचार के द्वारा विटिलिगो (सफेद दाग) को ठीक होने में कई महीनों का समय लग सकता है, तथा उपचार रोकने से सी समस्या की पुनरावृत्ति हो सकती है।

दवाएं (Medications)

कोई भी दवा विटिलिगो (सफेद दाग) को नहीं रोक सकती है, लेकिन कुछ दवाएं, इसके लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिरक्षा प्रणाली तथा आन्तरिक कारणों का इलाज करने के लिए भी दवाओं की सिफारिश की जा सकती है। टॉपिकल क्रीम (Topical creams), स्टेरॉयड (steroids) और कुछ एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं भी इसकी उपचार प्रक्रिया में शामिल की जा सकती हैं।

सनस्क्रीन का उपयोग (Using sunscreen)

विटिलिगो (vitiligo) की इलाज प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर द्वारा सनस्क्रीन (sunscreen) का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है, क्योकि विटिलिगो धब्बे (सफेद दाग) सूरज की रोशनी के प्रति संवेदनशील होते हैं।

प्सोरलेन और लाइट थेरेपी (psoralen and light therapy)

यह उपचार हल्के सफ़ेद दाग में त्वचा रंग को लौटाने के लिए लाइट थेरेपी (फोटोकीमोथेरेपी) (photochemotherapy) के साथ प्सोरलेन (psoralen) नामक पौधे से प्राप्त पदार्थ को प्रयोग किया जाता है। मुंह से प्सोरलेन (psoralen) की मात्रा का सेवन करने या प्रभावित त्वचा पर लगाने के बाद त्वचा को, पराबैंगनी ए (UVA), यूवीबी (UVB) प्रकाश या एक्सीमर प्रकाश (excimer light) के संपर्क में लाया जाता है। इस प्रक्रिया के द्वारा विटिलिगो (vitiligo) का इलाज करने के लिए छह से 12 महीने तक सप्ताह में तीन बार प्रक्रिया को दोहराने की आवश्यकता होती है।

शेष रंग को हटाना (depigmentation)

यदि विटिलिगो (सफेद दाग) गंभीर है और अन्य उपचार अप्रभावी हैं। तो डीपिगमेंटेशन (depigmentation) का सहारा लिया जा सकता है। इस प्रक्रिया के तहत विवर्णकता (depigmenting) एजेंट या क्रीम को त्वचा के अप्रभावित क्षेत्रों पर लगाया जाता है। ऐसा करने से प्रभावित क्षेत्र और अप्रभावित क्षेत्र की त्वचा एक सामान हो जाती है। यह उपचार लगभग नौ महीने या उससे अधिक समय तक के लिए दिन में एक या दो बार दुहराया जा सकता है।

इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट्स के रूप में सूजन, खुजली और सूखी त्वचा को शामिल किया जा सकता है। त्वचा रंग स्थाई रूप से गायब हो सकता है और त्वचा सूरज की रोशनी के प्रति बेहद संवेदनशील हो सकती है।

विटिलिगो (सफेद दाग) के इलाज के लिए सर्जरी (Surgery)

यदि विटिलिगो (vitiligo) के इलाज में लाइट थेरेपी काम नहीं करती है, तो डॉक्टर सर्जरी की सिफारिश कर सकता है। सर्जरी के अंतर्गत निम्न तरीकों को अपनाया जा सकता है:

स्किन ग्राफ्टिंग सर्जरी (Skin grafting Surgery) – इस प्रक्रिया में, डॉक्टर सम्बंधित व्यक्ति की स्वस्थ, वर्णित त्वचा (pigmented skin) के बहुत छोटे भाग को हटा देता है और उस वर्णित त्वचा को प्रभावित क्षेत्रों को कवर करने के लिए उपयोग में लाता है। यह प्रक्रिया बहुत सामान्य नहीं है, क्योंकि इसमें समय अधिक लगता है और साइड इफ़ेक्ट भी देखने को मिलते हैं। इसके संभावित जोखिमों में संक्रमण, घाव (scarring), एक कॉबलस्टोन (cobblestone) की उपस्थिति, स्पॉटी रंग (spotty color) और विफलता शामिल है।

ब्लिस्टर ग्राफ्टिंग (Blister grafting)– इस प्रक्रिया में, डॉक्टर आमतौर पर खिचाव (suction) के साथ सामान्य त्वचा पर छाले (blister) को उत्पन्न करता है। उसके बाद फफोले (छाले) के शीर्ष को हटाकर प्रभावित त्वचा के क्षेत्र में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस सर्जरी में स्कार्रिंग (Scarring) का जोखिम कम होता है।

टैटूइंग (Tattooing) – इस तकनीक में, डॉक्टर एक विशेष शल्य चिकित्सा उपकरण का उपयोग कर प्रभावित त्वचा में वर्णक (pigment) को प्रत्यारोपित (implant) करता है। यह गहरे रंग के प्रभावित व्यक्तियों में होंठ के आसपास के क्षेत्र का इलाज करने के लिए सबसे अधिक प्रभावी उपचार है।

इन सब प्रक्रियों के अतिरिक्त एक्सीमर लेजर उपचार (Excimer laser treatment) और मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन (Managing mental health) को भी उपचार प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है।

(और पढ़े – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय…)

विटिलिगो (सफेद दाग) की रोकथाम – Vitiligo Prevention In Hindi

विटिलिगो (सफेद दाग) (vitiligo) की रोकथाम के लिए एक स्वस्थ दिनचर्या को अपनाने की सलाह दी जाती है। इसके अंतर्गत सम्बंधित व्यक्ति द्वारा निम्न तरीकों को अपनाया जाना चाहिए, जैसे:

  • त्वचा को यूवी प्रकाश के कृत्रिम स्रोतों जैसे सूर्य प्रकाश, से सुरक्षित रखें।
  • यदि किसी व्यक्ति को विटिलिगो (vitiligo) है, तो त्वचा पर सनस्क्रीन (sunscreen) का उपयोग करें, सनस्क्रीन का प्रयोग हर दो घंटे में किया जाना बेहतर होता है।
  • धूप में निकलते समय या घर से बाहर जाते समय कपड़ों से अपने सम्पूर्ण शारीरिक अंगों को ढकें।
  • टैनिंग बेड (tanning beds) और सनलैम्प (sunlamps) का प्रयोग न करें।
  • विटिलिगो की स्थिति में किसी भी तरह की स्किन क्रीम का उपयोग करते समय डॉक्टर की सलाह जरुर लें।
  • डायहाइड्रोक्साइसेटोन (dihydroxyacetone) युक्त एक self-tanner का चयन करें,
  • पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार का सेवन करें,

इसके अतिरिक्त घरेलू उपचार के रूप में त्वचा पर निम्न को लागू किया जा सकता हैं:

किसी भी तरह के घरेलू उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

(और पढ़े – सूरज की धूप लेने के फायदे और नुकसान…)

विटिलिगो रोकथाम आहार – Vitiligo Diet In Hindi

कुछ अध्ययनों के अनुसार पाया गया है कि विटिलिगो (सफेद दाग) की अनुवांशिक स्थिति में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट सबूत नहीं है, कि कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन विटिलिगो (vitiligo) में सुधार ला सकते हैं।

यद्यपि कुछ घरेलू उपचार और आहार विटिलिगो (सफेद दाग) की उपचार प्रक्रिया को सफल बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं।” विटिलिगो रोकथाम आहार ” के रूप में अच्छे पोषक तत्वों से परिपूर्ण स्वस्थ आहार और बहुत अधिक पानी के सेवन को शामिल किया जाता है। अतः विटिलिगो की रोकथाम के लिए निम्न आहार के सेवन की सिफारिश की जा सकती है:

(और पढ़े – स्वस्थ आहार के प्रकार और फायदे…)

सफेद दाग में परहेज – Vitiligo Avoid In Hindi

माना जाता है कि कुछ खाद्य पदार्थ विटिलिगो (सफेद दाग) की स्थिति को ख़राब करने में अपना योगदान दे सकते हैं, लेकिन इसका कोई स्पष्ट साबूत नहीं है। लेकिन विटिलिगो की कुछ स्थितियों में निम्न आहार से परहेज करने की सलाह दी जाती है:

(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)

Sourabh

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