Vrat Me Kya Kya Khana Chahiye:भारत में व्रत रखने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। लेकिन अभी भी लोगों को सही जानकारी नहीं है कि उपवास में क्या-क्या खाया जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि हिन्दू धर्म में नवरात्रि व्रत, शिवरात्रि व्रत, जन्माष्टमी व्रत, करवा चौथ व्रत, एकादशी व्रत, पूर्णिमा और सोमवार के व्रत में क्या-क्या खाना चाहिए। हमारे समाज में लगभग हर धर्म के लोग किसी न किसी रुप में व्रत या उपवास रखते हैं। हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहारों में शरीर की शुद्धि (purification) के लिए उपवास रखा जाता है। इसके अलावा व्रत से शरीर के डाइजेशन सिस्टम को एक दिन के लिए आराम मिलता है और मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ जाता है। आइये विस्तार से जानते है कि फ़ास्ट में आपको क्या क्या खाना चाहिए जो आपके शरीर को दिन भर के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करें।
व्रत या उपवास को अंग्रेजी में फ़ास्ट (fast) कहा जाता है। एक निश्चित अवधि के लिए भोजन और पेय पदार्थों को त्यागने की क्रिया को उपवास (fasting) कहा जाता है। दूसरे शब्दों में अन्न और जल न ग्रहण करने की क्रिया उपवास कहलाता है।
कुछ मामलों में लोग पानी को छोड़कर सभी प्रकार के भोजन और पेय (drinks) से परहेज करते हैं, लेकिन ब्लैक कॉफी और चाय का सेवन किया जा सकता है। आइसे इसे विस्तार से जानते है।
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सामान्यतौर पर व्रत के (upvas) कई प्रकार का होता है। हर व्यक्ति अपनी आस्था, जीवनशैली और जरूरत के अनुसार उपवास रखता है। आइये व्रत के प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बिना पानी वाले उपवास में लोग जब व्रत रखते है तो, न वो पूरे दिन कुछ खाते है और न ही पानी की एक बूंद भी पीते है। इस प्रकार के व्रत आमतौर पर निर्जला एकादशी व्रत, तीज और करवा चौथ व्रत में रखा जाता है।
इसमें व्यक्ति पूरे दिन व्रत रखता है और उपवास करने वाला व्यक्ति सिर्फ पानी (water) ही पीता है। इसके अलावा कुछ अन्य चीजें नहीं खाता पीता है।
इस प्रकार के उपवास में लोग पानी पीने के साथ कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का भी सेवन कर सकते है, जो उनके शरीर को दिन भर के लिए ऊर्जा देता है। इसमें आप लगभग सभी प्रकार के फल खा सकते है और साथ में फलाहार की रेसिपी जानकर इसे घर पर भी बना सकते है।
इस तरह का उपवास कुछ दिनों तक सिर्फ कुछ ही घंटे (short span) के लिए रखा जाता है और इस दौरान फलाहार लिया जाता है। इसके बाद व्यक्ति अपनी नियमित दिनचर्या में लौट आता है और सामान्य भोजन (normal food) लेना फिर से शुरू कर देता है।
इस तरह का उपवास आंशिक समय के लिए होता है और इस दौरान व्यक्ति प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods), पशु उत्पाद या कैफीन एक निर्धारित अवधि के लिए छोड़ देता है।
इस प्रकार के उपवास में व्यक्ति हर हफ्ते कुछ दिनों के लिए कैलोरी लेने पर (calorie intake) प्रतिबंध लगा देता है और इस दौरान किसी भी तरह की कैलोरी युक्त चीजें नहीं खाता है।
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आइये जानते है कि व्रत में आपको फलाहार में क्या-क्या खाना चाहिए।
फल जैसे सेब, अनार और कीवी, मौसमी फलों का आनंद लेने के लिए शायद यह सबसे अच्छा समय है। इन फलों के रस से आपको आवश्यक फाइबर प्राप्त होंगे। आप एक त्वरित फल चाट बना सकते हैं या उन्हें दही के साथ खा सकते हैं। पपीता, नाशपाती, और सेब आदि से फ्रुट सलाद बना सकते हैं।
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उच्च कार्बोहाइड्रेट भोजन को सबुदाना और आलू के साथ बनाये, जो ज्यादातर लौकी, पालक, शिमला मिर्च, टमाटर, गोभी इत्यादि जैसी अन्य सब्जियों के साथ उपवास में उपयोग किया जाता है। इन्हें गहरी फ्राइंग के बजाय सब्जियों को भूनना, ग्रिल या सेंकना सही माना जाता है।
उपवास में दूध या डेयरी उत्पादों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आप दूध, दही, पनीर, देसी घी, मालाई और दूध और खोया से बने पकवान तैयारी कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि शुद्धता बरकरार रखी जाए, घर पर अपना खुद का पनीर बनाना उचित माना जाता है।
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आप व्रत में अपने नियमित चावल नहीं ले सकते हैं। हालांकि, आप पुलाव, खिचड़ी और खीर बनाने के लिए समक के चावल या संवत के चावला (बार्नयार्ड मिलेट) का उपयोग कर सकते हैं। समक चावल पचने में बहुत आसान है और किसी भी प्रकार की मात्रा में खाया जा सकता है।
सोमवार व्रत में कुट्टू के आटे से बने खाद्य पदार्थो का सेवन कर सकते है। कूटू एक प्रकार का आनाज है जो गेहूं का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। आप अपनी चपाती बनाने के लिए कुट्टू का आटा या सिघाड़े का आटा का उपयोग कर सकते हैं।
किसी भी उपवास जैसे सावन के व्रत, एकादशी के व्रत, शनिदेव के व्रत और सत्यनारायण व्रत आदि में केवल सेंधा नमक ही खाएं। उपवास में टेबल नमक भी सख्त मनाही होती है।
सेंधा नमक या रॉकसाल्ट का उपयोग करके सभी तैयारियां की जानी चाहिए। सेंधा नमक एक अत्यधिक क्रिस्टलीय नमक है, जो समुद्री जल को वाष्पित करके बनाया जाता है और इसमें सोडियम क्लोराइड की ज्यादा मात्रा नहीं होती है। ये प्रकृति में शुद्ध माना जाता है।
उपवास के दौरान कुछ सब्जियों का भी सेवन किया जा सकता है, ये सब्जियां फलाहार के अंतर्गत आती है। इस अवधि के दौरान केवल सत्त्विक सब्जियों का उपभोग किया जाना चाहिए। प्रकृति में तामसिक या गर्मी पैदा करने वाली सब्जियों से बचा जाना चाहिए।
आलू, मीठे आलू, टमाटर, लौकी, अरबी, कचालू, सूरन या याम, नींबू, कच्चे या आधे पके हुए कद्दू और पालक, टमाटर, लौकी, ककड़ी और गाजर अक्सर व्रत में पसंदीदा सब्जीयों के रूप में जाने जाते है। आप दही के साथ में लोकी और कद्दू का रायता बना सकते हैं।
मखाना, या कमल के बीज के पकोड़े की अभी भी बहुत मांग में हैं। इस व्रत घटक का उपयोग मखाना खीर बनाने के लिए भी किया जा सकता है या आप इसे भुन सकते हैं और इसे एक स्नैक्स के रूप में भी ले सकते हैं।
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जहां तक मसालों का संबंध है, आप जीरा या जीरा पाउडर, काली मिर्च पाउडर, हरी इलायची, लौंग, दालचीनी, अजवाइन, काली मिर्च के टुकड़े, सूखे अनार के बीज, कोकम, और जायफल का उपयोग कर सकते हैं।
कुछ लोग ताजा धनिया पत्ते, लाल मिर्च पाउडर, शुष्क आम पाउडर, चाट मसाला (विशेष रूप से फल के साथ) का उपयोग करते हैं, जबकि कुछ उनका उपयोग नहीं कर सकते हैं। यह भक्तों की मान्यताओं और घरेलू परंपराओं पर निर्भर करता है।
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उपवास में आप निम्न चीजों को फलाहार के लिए बना सकते है।
यह खिचड़ी एक स्वादिष्ट व्यंजन है जो विशेष रूप से व्रत रखने के दौरान उपयोग की जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि साबूदाना की खिचड़ी को बनाने में अधिक मेहनत नहीं लगती है। आप साबूदाना की खिचड़ी को शिवरात्रि और नवरात्रि जैसे अवसरों में उपयोग कर सकते हैं।
साबूदाना उपमा सबसे लोकप्रिय व्यंजन है जो विशेष रूप से दक्षिण भारतीय व्यंजन माना जाता है। यह बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन है। इसे पकाने में ज्यादा समय नहीं लगता है। इस साबूदाना पकवान को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मसाले, साबूदाना, आलू और भुनी हुई मूंगफली के साथ पकाया जाता है।
इसके अलवा आप निम्न चीजों का सेवन भी कर सकते है-
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