Vrikshasana in Hindi वृक्षासन संस्कृत भाषा का शब्द है जहां वृक्ष का अर्थ पेड़ (Tree) और आसन का अर्थ बैठना या मुद्रा है। जब इस मुद्रा का अभ्यास प्रभावी ढंग से किया जाता है तो यह मुद्रा पेड़ की आकृति का दिखायी देता है, यही कारण है कि इसे वृक्षासन (Vrikshasana) कहा जाता है। इस मुद्रा के दौरान शरीर को ठीक उसी प्रकार स्थिर रखना पड़ता है जैसे पेड़ जमीन पर स्थिर रहता है। वृक्षासन का अभ्यास करते समय हमारा पैर वृक्ष की जड़ों (roots) की तरह कार्य करता है और पूरे शरीर के भार (weight) को संभाले रखता है। यह आसन स्वास्थ्य के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है। आइये जानते है वृक्षासन के फायदे और करने के तरीके के बारे में।
आज इस आर्टिकल में हम आपको वृक्षासन करने के तरीके (Vrikshasana Yoga Steps in Hindi), वृक्षासन करने के फायदे (Benefits of Vrikshasana in Hindi), वृक्षासन करते समय सावधानियों के बारे में बताएंगे।
विषय सूची
1. वृक्षासन करने की विधि- Steps of Vrikshasana (Tree Pose) in hindi
2. वृक्षासन योग करने का सही समय – Right time to do Vrikshasana (Tree Pose) in Hindi
3. वृक्षासन करने के फायदे – Benefits Of Vrikshasana (Tree Pose)in hindi
4. वृक्षासन करते समय बरतें सावधानियां – Precautions Of Vrikshasana(Tree pose) in hindi
आइये जानते हैं कि वृक्षासन करने का सही तरीका क्या है।
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वृक्षासन का अभ्यास सुबह के समय एक शांत (calm) वातावरण में सही तरीके से करें। सुबह के समय मस्तिष्क अधिक शांत रहता है और आसन के फायदे भी प्रभावी ढंग से प्राप्त होते हैं।
किसी भी आसन का अभ्यास सही तरीके से करने पर ही इसके फायदे मिलते हैं। आपको बता दें कि वृक्षासन को खाली पेट (empty stomach) किया जाता है और यदि आप भोजन के बाद इस आसन का अभ्यास(practice) करना चाहते हैं तो आसन करने से करीब 4 से 6 घंटे पहले भोजन कर लें ताकि भोजन आसानी से पच जाए और आसन के लिए शरीर को सक्रिय बना सके।
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योगा विशेषज्ञों का मानना है कि अन्य आसन की तरह वृक्षासन के भी बहुत फायदे होते हैं। यह आसन शरीर को सही आकार प्रदान करने में मदद करता है और पैरों एवं नितंबों को भी मजबूत बनाता है। मांसपेशियों को टोन करता है और भुजाओं (arms) को शक्ति प्रदान करता है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक दवा का कार्य करता है। आइये जानते हैं कि वृक्षासन का अभ्यास करने से शरीर को क्या-क्या फायदे होते हैं।
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वृक्षासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और इससे हड्डियों में दर्द की समस्या नहीं होती है। यह आसन शरीर के संतुलन को भी बनाने में मदद करता है। इसके अलावा यह न्यूरो पेशी(neuro-muscular) को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है।
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यह आसन पैरों के अस्थिबंधन(ligaments) और मांसपेशियों को मजबूत करने में बहुत मदद करता है। वृक्षासन करने से पैरों के घुटने मजबूत होते हैं और कूल्हों के जोड़ लचीले बनते हैं।
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वृक्षासन करने से आंख, कान का अंदरूनी हिस्सा और कंधे (shoulder) मजबूत होते हैं। यह आसन कान के लिए फायदेमंद तो होता ही है साथ में साइटिका (sciatica) की बीमारी को भी दूर करने में मदद करता है।
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प्रतिदिन इस आसन का अभ्यास करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और काम में ध्यान केंद्रित (concentration) होता है। यह आसन शरीर को अधिक सक्रिय रखता है और दिमाग को शांत रखता है।
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यह आसन सिर से लेकर पैर की उंगलियों (toes) तक को स्वस्थ रखने में मदद करता है। शरीर को लचीला (flexible) बनाने के साथ ही कंधे को मजबूत बनाने और शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता है।
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आमतौर पर आसन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन हर स्थिति में आसन के फायदे नहीं प्राप्त किये जा सकते हैं। कोई विशेष ऑपरेशन, चोट या समस्या होने पर हमें आसन नहीं करना चाहिए या करते समय सावधानियां बरतनी चाहिए। आइये जानते हैं वृक्षासन करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
जिन लोगों को उच्च रक्चचाप (high blood pressure) की समस्या हो उन्हें वृक्षासन करते समय अपनी भुजाओं को सिर के ऊपर अधिक देर तक नहीं उठाकर रखना चाहिए। अन्यथा इससे सीने में दर्द शुरू हो सकता है।
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ऊपर के लेख में आपने जाना वृक्षासन करने का तरीका (Vrikshasana Yoga Steps in Hindi), वृक्षासन करने के फायदे (Benefits of Vrikshasana in Hindi), वृक्षासन करते समय सावधानियां Vrikshasana Precautions in Hindi के बारे में।
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