Walking meditation in Hindi: वॉकिंग मेडिटेशन, शायद ही इसके बारे में आपने कभी सुना हो। सिटिंग मेडिटेशन के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन वॉकिंग मेडिटेशन कुछ नया साउंड होता है। वैसे वॉकिंग मेडिटेशन कुछ नहीं, बल्कि वॉक करते समय किया जाने वाले मेडिटेशन यानि ध्यान है। इसे करना बहुत आसान है। आमतौर पर लोग बैठकर ध्यान करते हैं, लेकिन चलते हुए मेडिटेशन करने से आपकी वॉक और एक्सरसाइज के अलावा मेडिटेशन भी होगा और एनर्जी भी जनरेट होती है। इस मेडिटेशन की खास बात है कि, यह आमतौर पर नियमित रूप से चलने की तुलना में धीमी गति से किया जाता है। मन को एकाग्र करने के लिए मेडिटेशन यानि ध्यान करना बहुत अच्छा तरीका है। लेकिन भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों के पास एक जगह बैठकर ध्यान करने के लिए समय नहीं है।
कितना अच्छा हो, कि अगर चलते हुए ध्यान किया जाए। इसके लिए वॉकिंग मेडिटेशन अच्छा विकल्प है। यह एक कला है, जो आपको चलने के साथ जागरूक होना भी सिखाती है। इसे आप कहीं भी ऑफिस में, पार्क में चलते हुए, दैनिक कार्य करते हुए, बाजार से सामान खरीदते हुए कर सकते हैं। यह ध्यान खुली आंखों और सक्रिय शरीर के साथ किया जाता है। हालांकि, यह बैठने के दौरान किए गए ध्यान से काफी अलग है। यह ध्यान उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है, जो बैठने और चिंतन करने के बजाए चलना पसंद करते हैं। तो चलिए, आज के इस आर्टिकल में हम आपको मेडिटेशन वॉक के बारे में बता रहे हैं। साथ ही बताएंगे इसके फायदे और करने का सही तरीका भी।
विषय सूची
1. वॉकिंग मेडिटेशन क्या है – What is walking meditation in Hindi
2. वॉकिंग मेडिटेशन के फायदे – Benefits of walking meditation in Hindi
3. वॉकिंग मेडिटेशन कैसे करें – How to do meditative walk in Hindi
4. मेडिटेशन वॉक की शुरूआत कैसे करें – How to start walking meditation in Hindi
5. वॉकिंग मेडिटेशन कितने समय तक करना चाहिए – walking meditation kitne samay tak karna chahiye in Hindi
6. 5 मिनट की वॉकिंग मेडिटेशन एक्सरसाइज – 5 Minutes Walking Meditation Exercise in Hindi
7. वॉकिंग मेडिटेशन करते समय ध्यान रखने वाली बातें – Things to keep in mind while walking meditation in Hindi
मेडिटेशन वॉक मेडिटेशन का ही एक प्रकार है। हालांकि, ये बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं है, क्योंकि अब भी बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। मेडिटेटिव वॉक का मतलब है, चलते हुए मेडिटेशन या ध्यान करने से है। इसमें पूरा ध्यान चलने पर होता है और हर मूवमेंट को एनालिस करना पड़ता है। वॉकिंग मेडिकेशन पार्क में चलने से कई ज्यादा होता है। मेडिटेटिव वॉक का मुख्य उद्देश्य चलना है, किसी डेस्टिनेशन तक पहुंचना नहीं। इस प्रकार का ध्यान आमतौर पर नियमित रूप से चलने की तुलना में बहुत धीमी गति से किया जाता है। यह मुश्किल नहीं है, हर कोई इसे कर सकता है।
इस विधि में न केवल ध्यान चलने पर होता है, बल्कि आगे बढ़ने के लिए एक एक्ट्रीम पॉवर मिलती है। इस प्रकार के मेडिटेशन में सबसे ज्यादा मायने रखती है आपकी स्पीड, जो बहुत स्लो होनी चाहिए। इसके अलावा इसमें सांस के साथ समन्वय भी बैठाना होता है। हालांकि, बहुत से लोग मानते हैं कि सिटिंग मेडिटेशन की तुलना में वॉकिंग मेडिटेशन ज्यादा अच्छा है, लेकिन चलते हुए ध्यान करने के दौरान आपकी आंखें खुली रहती हैं और ध्यान के दौरान आपको हर कदम पर फोकस करना होता है, जिससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है। वॉकिंग मेडिटेशन आपको चलने और सक्रिय ध्यान के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।
(और पढ़े – मेडिटेशन क्या होता है , प्रकार और करने के फायदे…)
वॉकिंग मेडिटेशन के कई फायदे हैं। वॉकिंग मेडिटेशन हमें आनंद और शांति की ओर ले जाता है। जब हम चलते हैं, तो हमारा सारा तनाव गायब हो जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस वक्त हमारा ध्यान केवल हमारे चलने पर केंद्रित होता है।
चलते हुए ध्यान करने के कई फायदों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं:-
(और पढ़े – पैदल चलने के फायदे हिंदी में…)
ध्यान रखें, कि साधारण चलना वॉकिंग मेडिटेशन नहीं होता। इसके लिए आपको निर्देशों की आवश्यकता होती है। नीचे हम एक सरल प्रक्रिया के जरिए आपको बता रहे हैं, कि वॉकिंग मेडिटेशन कैसे करना चाहिए।
एक लेन या एक मार्ग या आप अपने आंगन को चुनना भी अच्छा विकल्प है। व्यस्त सड़क या उबड़ खाबड़ लेन से बचना सबसे अच्छा है। ऐसी जगह चुनें, जहां आप दस से बीस मिनट चल सकते हों। लेकिन सुनिश्चित करें, कि यह स्थान खाली हो। क्योंकि आपका धीमी गति से चलना उन लोगों को आकर्षित करेगा, जो इस बारे में कुछ नहीं जानते। (और पढ़े – मॉर्निंग वॉक के फायदे और स्वास्थ्य लाभ…)
वॉकिंग मेडिटेशन करने के लिए आपको एक पैटर्न बनाने की जरूरत है। इस तरह आपका मन और शरीर एक निश्चित तरीके से आदी हो जाएगा और आपके लिए ध्यान केंद्रित करना आसान हो जाएगा। 20 से 40 कदम तक चलें और फिर रूक जाएं। अब खड़े रहें और सांस लें। अब फिर से पीछे जाएं और इस प्रक्रिया को दोहराए, जब तक की आप इसके आदी न हो जाएं। (और पढ़े – मेडिटेशन के दौरान ध्यान केंद्रित करने के बेहतर तरीके…)
वॉकिंग मेडिटेशन करने के लिए चलने के लिए एक विशेष पैटर्न अपनाएं। आपके द्वारा उठाए जाने वाले हर कदम का अवलोकन करना बेहद महत्वपूर्ण है। चलते समय अलग-अलग घटक होते हैं, जिन्हें देखने की आपको जरूरत होती है। अपने पैरों को उठाने, इसे आगे ले जाने, जमीन पर रखने और अपने पैरों पर जमीन के स्पर्श को महसूस करने जैसे कदमों के बारे में जागरूक रहें। उसी तरह आपको यह भी देखना होगा, कि शरीर का वजन दूसरे पैर पर कैसे जाता है।
मेडिटेटिव वॉक में आपको फास्ट नहीं, बल्कि थोड़ा आराम से चलना है। जितना आमतौर पर हम चलते हैं, उससे थोड़ा धीमा। लेकिन जिस गति से चल रहे हैं, उसी गति से चलते रहें। बीच-बीच में गति को धीमा या तेज न करें। विशेषज्ञों की सलाह है, कि गति हमेशा धीमी रखें और अच्छे अनुभवों के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएं।
जब आप माइंडफुल वॉक के लिए जाते हैं, तो आपको समझ नहीं आता, कि आप अपने हाथों को कैसे रखें। इसे फ्री छोड़ दें , जैसे आप टहलते हैं या फिर इनके लिए कोई विशेष पोजीशन को अपनाएं। वैसे, आपको जो स्थिति आरामदायक लगे, उसे अपनाएं। आप अपने हाथों को पीठ के पीछे रखकर या फिर सामने की ओर लहराते हुए चल सकते हैं।
वॉक करते समय फोकस किस जगह रहना चाहिए, ये देखना बेहद महत्वपूर्ण है। अपने ध्यान को संतुलित करें। वॉक करते समय आंखें नीचे की ओर रहनी चाहिए। नीचे का मतलब अपने कदमों में नहीं, बल्कि थोड़ा आगे देखकर चलें। लेकिन वहां पर घूरना नहीं है। बस कैज्युअली देखते जाएंगे और चलते जाएंगे। चलते हुए एक रिदम के साथ आप एक्टिविटी भी कर सकते हैं। अपनी चाल के साथ जोड़कर ये एक्टिविटी कर सकते हैं।
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मेडिटेटिव वॉक कितने समय तक करना चाहिए, ये व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। शुरूआत में आप पांच मिनट से भी कर सकते हैं और फिर इसे घंटों तक बढ़ा सकते हैं, क्योंकि जब हम बैठकर मेडिटेशन करते हैं, चलते हुए मेडिटेशन उससे ज्यादा लंबे वक्त तक कर सकते हैं।
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सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि मेडिटेशन वॉक शुरू कैसे करें। पहला कदम क्या उठाएं।
सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं, दोनों पैर पर बराबर का वजन डालें और सेंसेशन महसूस करें, कि दोनों पैरों में बराबर का वजन है। तीन से चार लंबी-लंबी सांस लें। यह आपको अपने ऊपर फोकस लाने में मदद करेगी।
इसके बाद अपना फोकस अपने पैरों की तरफ लाना है। इसके बाद अलग-अलग प्रकार की तकनीक का प्रयोग करना है। वैसे, तो एक बार में एक ही तकनीक का यूज करेंगे, लेकिन हम आपको अन्य तकनीकों के बारे में भी बता रहे हैं। आप अपनी इच्छानुसार इनका प्रयोग कर सकते हैं।
दूसरी तकनीक सांसों पर आधारित है। यानि सांस और कदमों को मिलाकर चलें। इसके लिए जानना जरूरी है कि सांस लेने में कितने स्टेप्स होते हैं। सांस लेने की प्रक्रिया में आमतौर पर चार स्टेप होते हैं। पहला जब हम सांस अंदर ले जाते हैं। दूसरा, जब कुछ देर रूकते हैं। तीसरा स्टेप, जब हम सांस छोड़ते हैं और चौथा सांस लेने से छोड़ने के बीच जो वक्त आता है, वो। अगर इन चारों स्टेप्स को बराबर कदम के आधार पर करें।
तीसरी तकनीक है, आपका वॉकिंग पैटर्न। क्लॉकवाइज और एंटी क्लॉक वाइज चलने का भी आप एक तरीका बना सकते हैं। एक पॉश्चर या मुद्रा बना लें। ये मुद्रा बनाकर क्लॉकवाइस राउंड लगाएं और वापस आते समय मुद्रा को एंटीक्लॉक वाइस कर लें। यापि दोनों बारी में मुद्रा अलग-अलग होनी चाहिए।
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मेडिटेटिव वॉक का समय शुरूआत में केवल पांच मिनट का रखें। अगर आप बिगनर हैं, तो हम आपको इस पांच मिनट की मेडिटटिव एक्सरसाइज को कैसे करना है, इस बारे में बता रहे हैं।
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पहली बार इसे करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन धीरे-धीरे रोजाना करने पर आपके लिए ये आसान हो जाएगा। कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए मेडिटेटिव वॉक करना आपके लिए बेहद आसान हो जाएगा।
मेडिटेटिव वॉक करना बहुत कठिन नहीं, बल्कि बहुत आसान है। बैठकर मेडिटेशन करने के बजाए कुछ लोग चलते हुए मेडिटेशन करना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें अवेयरनेस बनी रहती है और हम खुद में ज्यादा इन्वॉल्व हो जाते हैं। चलते हुए भौतिक शरीर की क्रियाएं भी एक्टिव हो जाती हैं और कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।
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