Wart Causes, and Home Remedies in Hindi मस्सा या वार्ट्स (Warts) को वररुका के रूप में भी जाना जाता है, ये आमतौर पर एक छोटे और मोटे ट्यूमर के सामान होते हैं जो शरीर के किसी भी हिस्से जैसे हाथ, पैर, गर्दन, चेहरे आदि पर दिखाई दे सकते हैं। सामान्य रूप से यह कहा जा सकता है कि मस्सा त्वचा पर असामान्य वृद्धि है जो कि एक ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) नामक बायरस संक्रमण के कारण होता है। जब कोई व्यक्ति मस्से से संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के संपर्क में आते हैं तो उन्हें भी यह संक्रमण हो सकता है।
मस्से आमतौर पर कुछ समय के बाद ठीक हो जाते हैं या फिर यह कुछ सालों तक भी रह सकते हैं। मस्सा आमतौर पर दर्द रहित त्वचा विकार संक्रमण होता है, इसका तुरंत ही उपचार किया जाना चाहिए। मस्सा का उपचार कराने के बाद भी यह फिर से आ सकते हैं। जो यह बताता है कि आपकी त्वचा में वायरस की मौजूदगी अभी भी है। मस्सों को हटाने के बाद संक्रमित क्षेत्र की अच्छी तरह से सफाई की जानी चाहिए ताकि मस्सा फिर से वापस न आ सके। मस्सों को दूर करने के लिए आप कुछ दवाओं का उपयोग कर सकते हैं या इसे प्राकृतिक उपचार के माध्यम से भी हटा सकते हैं। लेकिन इन्हें हटाने से पहले यह जानना जरूरी है कि आपको किस प्रकार का मस्सा है।
विषय सूची
1. मस्सा क्या है – What is Warts in Hindi
2. मस्से होने का कारण क्या है – Causes of Warts in Hindi
3. मस्से के प्रकार – Common Types of Warts in Hindi
4. मस्से किसी को कैसे प्रभावित करते है – How Does Warts Affects in Hindi
5. मस्सा को दूर करने के घरेलू उपाय – Home remedies for Wart in Hindi
6. मस्सा को दूर करने के अन्य घरेलू उपाय – Other Home remedies for Warts in Hindi
7. मस्सा को फैलने से रोकने की युक्तियॉं – Tips for Preventing Warts in Hindi
8. मस्से होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं – When to See a Doctor for Warts in Hindi
वायरल संकम्रण के कारण त्वचा पर होने वाले छोटे, गोल या अंडाकार निशान का विकास होता है जिसे मस्सा कहा जाता है। ये आमतौर पर इनसे किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है, ये उभरे हुए और मोटी सतह के होते हैं। मस्सों का रंग हल्का, गहरा या आपकी त्वचा के रंग के समान हो सकता है। कभी कभी मस्सा गुप्तांगों में भी हो सकते हैं जो पीड़ादायक हो सकते हैं, लेकिन इनके इस तरह होने की संभावना बहुत ही कम होती है।
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सामान्य रूप मस्से ह्यूमन पेपिलोमावायरस (human papillomavirus) के कारण होते हैं। ये वायरस बहुत ही आम होते हैं और लगभग 150 से अधिक प्रकार के होते हैं। लेकिन आपके हाथों पर केवल कुछ कारण से मस्सा हो सकते हैं। एचपीवी के कुछ प्रकार यौन संपर्क के माध्यम से फैलते हैं। हालांकि अधिकांश रूपों को आकस्मिक त्वचा संपर्क के माध्यम से या निजी वस्तुओं को साझा करने से फैलता है।
प्रत्येक व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली एचपीवी वायरस को अलग-अलग प्रतिक्रिया देती है, इसलिए एचपीवी के संपर्क में आने वाले हर कोई में मस्सा विकसित नहीं होता है।
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वार्ट्स के लिए घरेलू उपचार का उपयोग करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आपको किस प्रकार का मस्सा है, उनकी उपस्थिति शरीर के किस भाग को प्रभावित करती है आदि जानकारी आपको होना चाहिए। आइए जाने मस्से कितने प्रकार के होते हैं।
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औषधीय सिद्धांतों के अनुसार मस्सा आमतौर पर नुकसान दायक नहीं होते हैं और सभी प्रकार के मस्सों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन इन मस्सों को अलग करने के बाद ये फिर से वापस आ सकते हैं। मस्सों के बारे में सामान्य धारणा यह है कि यह लोगों के लिए सौंदर्य-प्रसाधन (cosmetic) का खतरा बन गया है। हालाकि आयुर्वेद में मस्सा का उपचार करने के बहुत से तरीके हैं। आइये जाने मस्सा को दूर करने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय क्या हैं।
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आप सभी जानते हैं कि बाजार में ऐसी बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं जो मस्से के उपचार में उपयोग की जाती है। लेकिन यदि मस्सा शुरुआती चरण में है और जो लोग इससे छुटकारा पाने के लिए सस्ते और प्रभावी उपचारों की तलाश मे हैं हम उनकी मदद के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं जो शायद उन लोगों की मदद कर सकते हैं। आइए इन उपायों को जाने।
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प्राकृतिक मस्से को दूर करने का यह एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है जिसका प्रयोग इस स्थिति के इलाज के लिए किया जाता है। कच्चे पपीते के रस में प्रोटीलिटिक एंजाइम (proteolytic enzyme) अच्छी मात्रा में होते हैं जो मस्सों को दूर करते हैं साथ ही मस्से के मृत ऊतको को हटाने में भी मदद करते हैं। यह फुट क्रोर्न, फोड़े और मुँहासों का भी इलाज करने में भी उपयोगी होते हैं। लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए।
एक कच्चे पपीते की सतह पर हल्के कट लगाकर उससे निकलने वाले पौधे के रस (white sap) या जिसे हम पपीता का दूध भी कह सकते हैं उसे इक्हठ्ठा करें। इस गाढ़े दूध में कुछ मात्रा में पानी मिलाकर इसे मस्से पर लगाएं। बेहतर परिणामों के लिए आप इसे 2 सप्ताह तक उपयोग करें। यह आपकी त्वचा से मस्से को दूर करने में मदद करेगा।
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केले का छिल्का मस्सों से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा और शक्तिशाली घरेलू उपाय होता है। केला के छिल्के में मौजूद प्रोटीलाइटिक एंजाइम मस्से को दूर करने में मदद करता है साथ ही इसके फिर से बापस आने की संभावना को भी कम करता है।
मस्सों को ठीक करने के लिए आप केले के छिल्के को काट कर इसे मस्से के ऊपर रखें या बांध लें ताकि यह छिल्का मस्से पर चिपका रहे। मस्से से जल्दी छुटकारा पाने के लिए आप ऐसा दिन में कई बार कर सकते हैं। अध्ययनों के अनुसार केले का छिल्का मस्से के उपचार को तेज कर सकता है। यदि आप अपने चेहरे या अन्य भाग में मस्से से परेशान हैं तो इस आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करें, यह आपको लाभ दिला सकता है।
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इस पौधे को विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है, इसका एक और प्रभावी उपयोग मस्से को दूर करने के लिए जाना जाता है। इसके लिए आप एलोवेरा जेल की थोड़ी सी मात्रा कपास में लें और इसे मस्से के ऊपर थोड़ी देर के लिए रखें। इस प्रक्रिया को दिन में कम से कम 5-7 बार दोहराएं। आपको कुछ ही सप्ताह में मस्से के आकार में कमी देखेगी। यह तरीका बहुत ही आसान और सस्ता है जो हल्के मस्से को दूर करने के आयुर्वेदिक घरेलू उपायो में से एक है। आप इसका लाभ ले सकते हैं।
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तुलसी के एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण बहुत ही अच्छी मात्रा में होते हैं जो इसे सर्दी और खांसी के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक बनाते हैं। स्वाभाविक रूप से मस्सा से छुटकारा पाने के लिए भी तुलसी का उपयोग किया जा सकता है। तुलसी के एंटी-वायरल घटक मस्से के वायरस को मारते हैं जो मस्सों का कारण बनते हैं, मस्सों के लिए तुलसी का उपयोग करने से यह इसके उपचार प्रक्रिया को तेज करता है और इसके फिर से होने की संभावना को भी कम करता है क्योंकि यह इसके वायरस को ही खत्म करने में मदद करता है।
मस्सों के उपचार के लिए आप तुलसी के पत्तों का बारीक पेस्ट बनाएं और इस पेस्ट का उपयोग मस्से के ऊपर करें। मस्से पर इस पेस्ट को लगाने के बाद इसे साफ कपड़े या बैड़ेंज से बांधे। इस प्रक्रिया को रोज दो बार तक दोहराएं। लगभग दो सप्ताह तक ऐसा करने से आप मस्से से छुटकारा पा सकते हैं।
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मधुमक्खियों द्वारा बनाए गए छत्ते के निमार्ण में एक सीलेंट (sealant) का उपयोग किया जाता है। मधुमक्खी गोंद संक्रमण के खिलाफ रक्षा करता है और इसमें एंटीबायोटिक, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं। ये आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए थाइमस ग्रंथि (thymus gland) को उत्तेजित करने मे सहायक होती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग मौखिक रूप से प्रोपोलिस (propolis) जो कि मधुमक्खियों द्वारा फूलों से लाया हुआ एक मोम होता है जिसे वे अपने छत्ते के छेद को बंद करने के लिए प्रयोग में लाती हैं। इसका सेवन करते हैं मस्सों से छुटकारा मिल सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार चेंगेरी पत्तियां जिनका वैज्ञानिक नाम ऑक्सलिस कॉर्निकुलटा, लिन (Oxalis corniculata, Linn) है। इन पत्तियों के पेस्ट को मस्सों पर लगाने से इन्हें दूर किया जा सकता है। यह उपचार फ्लैट वार्ट्स के लिए बेहतर काम करता है। यदि आपको फ्लैट वार्ट्स (flat warts) की समस्या है तो आप इस उपचार को इस्तेमाल कर सकते हैं।
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टी ट्री ऑइल विभिन्न त्वचा की समस्याओं और त्वचा विकारों को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय होता है। इसमें एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण बहुत ही अच्छी मात्रा में होते हैं। टी ट्री से प्राप्त होने वाला पतला तेल मस्सों को स्वाभाविक रूप से त्वचा से दूर करने में मदद करता है। यह मस्से को फैलाने वाले वायरस को मारता है। यदि आप इस तेल का उपयोग करते हैं तो यह पहले दिन से ही अपना असर दिखाना शुरु कर देता है। इस तेल का उपयोग प्लांटार वार्ट्स (plantar warts) से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है। शुद्ध टी ट्री ऑइल बहुत ही मजबूत आवश्यक तेल (strong essential oil) है, इसलिए इसे हमेशा ही पतला करके उपयोग करना चाहिए।
2 चम्मच पानी के साथ टी ट्री ऑयल की 5 बूंदों को मिलाएं और इसमें कपास को भिंगों कर मस्सों के ऊपर लगाएं। मस्सा से जल्दी राहत पाने के लिए आप इसे दिन में कई बार दोहरा सकते हैं।
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लहसुन एक लोकप्रिय रसोई मसाला है जिसका उपयोग व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। लेकिन इसमे बहुत से औषधीय गुण भी होते हैं जो त्वचा रोगों और संक्रमणों का इलाज करने में आपकी मदद करते हैं। यह दाद (ringworms) का अब तक का सबसे अच्छा इलाज है। कच्चे लहसुन का उपयोग मस्सा से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है। लहसुन में उपस्थित एंटीवायरल, एंटीफंगल और जीवाणुरोधी गुण मस्सा के संक्रमण से लड़ने में आपकी सहायता करते हैं। लहसुन के कास्टिक प्रभाव भी मस्सा का उपचार करते हैं और इसे एक सप्ताह के अंदर ही गिराने या दूर करने में सक्षम होते हैं।
कुछ लहसुन और लौंग को पीसे और एक पट्टी की सहायता से इस मिश्रण को मस्से के ऊपर रखकर बांधलें। इसे आधा घंटे के लिए लगे रहने दें और फिर साफ पानी से धो लें। अच्छे परिणाम पाने के लिए आप इसे 2 सप्ताह तक प्रति सप्ताह 2 बार उपयोग करें।
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सेंधा नमक और सेब का सिरका ( 1:4 के अनुपात में ) का मिश्रण बनाएं और इसे दिन में कई बार मस्सों के ऊपर लगाएं। यह आपके शरीर के मस्सों को दूर करने में मदद कर सकता है। क्योंकि सेब का सिरके में एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो मस्से का प्रभावी तरीके से उपचार करने में मदद करते हैं।
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बेकिंग सोडा का उपयोग प्लांट वार्ट्स को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है क्योंकि इसके एंटी-इन्फ्लामेट्री (anti-inflammatory), एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण मस्सों के वायरस को मारने में मदद करते हैं। यह मस्सों से निजात पाने का अच्छा तरीका होता है।
एक कटोरी में बेकिंग सोडा और 1 चम्मच सफेद सिरका लें और मोटा पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को मस्सों के ऊपर हल्के हाथ से लगाएं और इसे सूखने दें। इस मिश्रण को प्रतिदिन 2 बार सुबह और शाम को लगाएं। यह आपके मस्से को जड़ से अलग करने में मदद करता है।
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जानकारों का मानना है कि पान के ठंडल का उपयोग कर आप मस्से का उपचार कर सकते हैं। इसके लिए आप पान के डंठल के साथ थोड़ा सा चूना (Lime) लेकर इसे सावधानी के साथ केवल मस्से के ऊपर रगड़ें, यह आपके मस्से को तुरंत ही साफ कर सकता है लेकिन ध्यान रखें कि पान और चूने के गुण आपकी त्वचा में कुछ घाव भी बना सकते हैं जो कि कुछ दिनों में स्वत: ही ठीक हो जाते हैं। यदि आप सावधानी पूर्वक पान के डंठल का उपयोग करते हैं तो यह सबसे अच्छा, प्रभावी और तत्काल राहत दिलाने वाला उपचार हो सकता है।
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कच्चे आलू आंखों के चारो तरफ होने वाले काले निशानों को दूर करने का सबसे अच्छा इलाज होता है, लेकिन यह प्राकृतिक मस्से को हटाने में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। यह बहुत ही पुराना उपचार है जो कि सदियों से लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह तत्काल परिणाम दिखाता है, इसलिए इसे अजमाना लाभकारी हो सकता है।
एक आलू को छीलें और इसे गोल टुकड़ों में काट लें। इन तुकड़ों को 5 मिनिट के लिए मस्सों के उपर घिसे। मस्सा खत्म होने तक इस उपाय को दिन मे कम से कम 3 बार दोहराएं।
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नोट : ऊपर बताए गए उपचार हर प्रकार के मस्सों को दूर करने के लिए उपयोग में लिये जा सकते हैं केवल जननांग क्षेत्र में पाए जाने वाले मस्सों को छोड़कर। आमतौर पर इन शरीर के अंगों में बढ़ने वाले मस्से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इस कारण ऐसी स्थिति होने पर डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।
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कुछ उपायों के माध्यम से आप मस्सा के संक्रमण को फैलने या खुद को होने से रोक सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं :
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मस्सों का विकास बिना दर्द के साथ होता है जो खुद ही ठीक हो जाते हैं इन्हें किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता होती है कि यह मस्सा ही है और कुछ नहीं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपको हो तो डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है।
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