Wet Cough Home Remedies in Hindi: गीली खांसी के प्रभावी घरेलू उपाय आपको इस परशानी से निजात दिला सकते हैं। खांसी आना कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं बल्कि यह हमारे शरीर की कार्य प्रणाली का एक हिस्सा है। लेकिन लंबे समय तक चलने वाली खांसी परेशानी का कारण बन सकती है। गीली खांसी के लक्षणों में खांसी के साथ कफ या बलगम का आना शामिल है। खांसी से बलगम पैदा होने पर बलगम को रोकने या बंद करने वाली दवाएं न ही लें तो बेहतर है इसकी बजाय कुछ ऐसे घरेलू उपाय अपनाने चाहिए, जिससे बलगम पतला होकर सहज ही बाहर निकल जाये। इस लेख में हम गीली खांसी के घरेलू इलाज से संबंधित जानकारी देगें। जिनका उपयोग कर आप जल्दी ही इससे छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं किस प्रकार आप प्राकृतिक और घरेलू उपचार अपनाकर गीली खांसी से निजात पा सकते हैं।
विषय सूची
1. गीली खांसी क्या है? – What is a wet cough in Hindi?
2. गीली खांसी का घरेलू उपचार – Gili Khansi Ka Gharelu Upchar in Hindi
3. गीली खांसी होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं – When to see a doctor for wet cough in Hindi
4. गीली खांसी से बचने के लिए टिप्स – Gili Khansi se bachne ke liye tips in Hindi
5. गीली खांसी का घरेलू इलाज के नुकसान – Geeli Khansi Ka Gharelu Ilaj Ke Nuksan in Hindi
गीली खांसी वह खांसी है जो कफ को ऊपर ले जाती है। इसे उत्पादक खांसी (productive cough) भी कहा जाता है क्योंकि आप अपने फेफड़ों से ऊपर और बाहर अतिरिक्त कफ महसूस कर सकते हैं। उत्पादक खांसी के बाद, आप अपने मुंह में कफ महसूस करेंगे।
कफ को बाहर करना एक रक्षा तंत्र है जो आपके शरीर को हवा में मौजूद धूल आदि के कणों से बचाने में मदद करता है। जब आपका तंत्रिका तंत्र आपके वायुमार्ग में किसी प्रकार की परशानी या बैक्टीरिया का पता लगाता है, तो यह आपके मस्तिष्क को चेतावनी देता है। आपका मस्तिष्क आपकी छाती और पेट की मांसपेशियों को एक संदेश भेजता है, और हवा के एक तेज रूप जिसे आप और हम छींक कहते हैं को बाहर करने के लिए कहता है। दुर्भाग्य से, जब कफ अधिक मात्रा में बनने लगता है तो आपको इसी क्रिया के कारण अधिक खांसी आने लगती है।
एक गीली खांसी लगभग हमेशा एक वायरल या जीवाणु संक्रमण का संकेत है, खासकर बच्चों में। जब आपको ऊपरी श्वसन संक्रमण होता है, जैसे सर्दी या फ्लू, तो आपका शरीर सामान्य से अधिक बलगम पैदा करता है। आपकी नाक में, आप इस बलगम को देख सकते हैं, लेकिन जब यह आपकी छाती में बनता है तो, इसे कफ कहा जाता है।
जब कफ आपके सीने में जमा हो जाता है तो सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। आपको रात में अधिक खांसी आ सकती है, क्योंकि लेटते ही कफ आपके गले के पीछे जमा हो जाता है। हालांकि यह नींद को बाधित कर सकती है, लेकिन आमतौर पर गीली खाँसी होने पर चिंता की कोई बात नहीं है। वायरस पूरी तरह से हटने में समय लेते हैं, इसलिए आपकी खांसी कई हफ्तों तक रह सकती है, लेकिन यह आमतौर पर उपचार के बिना ही ठीक हो जाती है।
आपको गीली खांसी आमतौर पर प्रमुख रूप से वायरस के कारण होती है। गीली खांसी या कफ वाली खांसी सामान्य होती है। लेकिन यदि यह लंबे समय तक बनी रहती है तो गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। सामान्य रूप से गीली खांसी के दौरान बहुत अधिक कफ निकलता है। गीली खांसी से छुटकारा पाने के लिए नीचे बताए जा रहे प्राकृतिक उपचार आजमाएं जा सकते हैं। गीली खांसी दूर करने के ये प्राकृतिक उपाय अपनाने से आपको बहुत आराम मिलेगा।
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सरसों के बीज काफी समय से चल रही गीली खांसी को आसानी से दूर कर सकते हैं। क्योंकि, सरसों के बीज में सल्फर होता है, जो बलगम के प्रवाह को प्रोत्साहित करता है। गीली खांसी आने पर आपको ज्यादा कुछ नहीं, बस इतना करना है कि एक कप पानी में एक चम्मच सरसों के बीज का पाउडर डालें। बलगम या गीली खांसी या कफ वाली खांसी से छुटकारा पाने के लिए इस मिश्रण को पी लें। उचित लाभ प्राप्त करने के लिए आप इस मिश्रण दिन में 1 बार 2 से 3 दिनों तक सेवन कर सकते हैं।
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गुड़ में एंटी एलर्जिक गुण होते हैं, जो फेफड़ों में जमा बलगम या कफ को निकालने में मददगार हैं। इससे खांसी में आराम मिलता है और सांस लेने में भी तकलीफ नहीं होती। इसका उपयोग करने के लिए आधी प्याज को गुड़ में मिलाकर खाएं। इसे रोज दिन में दो से तीन बार खाने से कफ वाली या गीली खांसी में आराम मिल सकता है।
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गीली खांसी में गर्म दूध गले को हाइड्रेट करने और खांसी से राहत देने में मदद करता है। यह बलगम को निकालने में भी मदद करता है। वहीं हल्दी अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण गीली खांसी को ठीक करने में बहुत मदद करती है। खांसी को दूर करने के लिए रात में एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पी लें और सो जाएं। जब तक खांसी पूरी तरह से ठीक न हो जाए, इसे रोज पीएं।
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प्याज खांसी दूर करने का सबसे अच्छा घरेलू नुस्खा है। यह अपने आसपास के क्षेत्र में मौजूद किसी भी कीटाणु को मारने के लिए जानी जाती है। गीली खांसी के उपचार में प्याज का उपयोग करने के लिए अपने पैरों के नीचे प्याज के कुछ स्लाइस रखें और इन्हें मौजों से ढंक लें। रोजाना ऐसा करने से गीली खांसी से बहुत जल्दी छुटकारा मिल सकता है।
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सेब का सिरका यानि एप्पल साइडर विनेगर गीली खांसी भगाने के लिए बहुत फायदेमंद है। अगर आपके पास सेब का सिरका नहीं है, तो आप इसकी जगह सफेद या लाल सिरका भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए दो चम्मच सिरका पानी में मिलाएं और इससे गरारे करें। ध्यान रखें, गरारे करते समय इसे पीएं नहीं। ज्यादा खांसी होने पर दिन में एक या दो बार इस पानी से कुल्ला करें।
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अगर आप काफी समय से सीने में बलगम जमने की समस्या से परेशान हैं, तो सोंठ का पाउडर बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले एक कटोरी में आधा चम्मच सोंठ का पाउडर लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को आपको नाश्ते के एक से दो घंटे के बाद सेवन करना है। लेकिन विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि इस मिश्रण का सेवन करने के बाद आपको पानी नहीं पीना है। यह घरेलू उपाय आपको गीली खांसी से छुटकारा दिला सकता है।
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अपने घर पर ह्यूमिडिफायर का उपयोग करना आपको गीली खांसी के लक्षणों से बचा सकता है। क्योंकि यह शुष्क हवा में आपको सांस लेने से रोक सकता है। विशेष रूप से यह रात में आने वाली गीली खांसी आने पर प्रभावी होता है जब आपका गला स्वाभाविक रूप से सूख जाता है। सूखे गले में जलन और सूजन की संभावना अधिक होती है। ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने से कफ फेफड़ों में पतला हो जाता है जसे श्वसन पथ से बाहर निकलने में आसान होता है।
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यदि आप गीली खांसी का घरेलू उपचार करना चाहते हैं भाप लेना आपके लिए अच्छा हो सकता है। भाप लेने से आपको ऊपरी वायुमार्ग को नम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा भाप लेना आपकी छाती से कफ को दूर करने में मदद कर सकता है। गीली खांसी का उपचार करने के लिए आपको को कम से कम 5 मिनिट तक भाप लेना चाहिए। आप चाहें तो आवश्यक होने पर इस उपाय को अपना भी सकते हैं।
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प्राकृतिक शहद गीली खांसी का प्रभावी तरीके से इलाज करने में मदद कर सकती है। जानकारों का मानना है कि रात में सोने से पहले 1 या 2 चम्मच शहद का सेवन करना चाहिए। रात में शहद खाने से बच्चों में खांसी को कम करने और नींद की गुणवत्ता को सुधारने में भी मदद मिलती है। यह आयुर्वेदिक उपचार वयस्कों के लिए भी फायदेमंद होता है।
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जब आप किसी संक्रमण से लड़ रहे हों तब आपको हाइड्रेट रहना बेहद आवश्यक है। गीली खांसी होने के दौरान आपको पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। नियमित रूप से पर्याप्त पानी आपके गले को सूखने से बचाता है साथ ही गले में मौजूद उत्तेजक पदार्थों और इंफ्कशन को भी दूर करने में प्रभावी होता है। गीली खांसी के लक्षणों को दूर करने के लिए प्रतिदिन कम से कम 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए। ऐसा करना आपके गले के संक्रमण के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
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जल नेति विधि का उपयोग करना आपकी सर्दी और नाक को साफ करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप नेति पॉट की मदद से अपनी नाक को साफ रखने के लिए नमक वाले पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नाक की पानी से सफाई (nasal irrigation) करना बंद नाक को खोलने का प्रभावी उपाय है। यह विधि न केवल बच्चों बल्कि वयस्कों के लिए भी प्रभावी होती है। सर्दी जुकाम या अन्य कारणों से होने वाली गीली खांसी के लक्षणों को कम करने के लिए जल नेति विधि बहुत ही प्रभावी होती है।
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अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिसके कारण यह औषधीय चाय सर्दी खांसी से संबंधित बैक्टीरिया और वायरस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती है। प्रतिदिन नियमित रूप से अदरक वाली चाय पीने के फायदे आपको हाइड्रेट रखने में भी मदद करते हैं। गर्म अदरक की चाय पीने से गले की सूजन को रोकने और कफ को कम करने में मदद मिल सकती है।
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अध्ययनों से पता चलता है कि थाइम (अजवायन के फूल) और दोनों में रोगाणुरोधी गुण होते हैं। ये दोनों ही औषधीय जड़ी बूटी के रूप में उपयोग की जा सकती हैं। इनमें मौजूद आवश्यक तेल आपके शरीर में ऊपरी श्वसन संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। उबलते पानी में ताजा थाइम या अजवायन और लौंग को 10 मिनिट तक उबालें। फिर इस मिश्रण को ठंडा होने दें और इसका सेवन करें। यह गीली खांसी के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक घरेलू उपाय में से एक हो सकता है।
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सामान्य रूप से गीली खांसी एक आम समस्या है जो कुछ ही दिनों में खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में इस प्रकार की खांसी को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है। कुछ लोगों को गीली खांसी या कफ वाली खांसी का अनुभव कुछ सप्ताह तक हो सकता है जो बाद में सूखी खांसी में बदल सकती है। यदि लंबे समय तक खांसी चलती है तो इसके लक्षणों के बिगड़ने से पहले आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि खांसी दिनो दिन बढ़ती जा रही है या तीन सप्ताह के बाद भी इसमें सुधार नहीं हो रहा है तब आपको निश्चित ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसके अलावा यदि आपको सांस लेने में परेशानी है या खांसी के साथ खून भी आता है तब आपको आपको अपने चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता है।
बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाएं यदि :
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खांसी किसी भी प्रकार की हो सूखी या गीली यह संक्रमण के प्रभाव के कारण हो सकती है। लेकिन आप खांसी से बचने के लिए कुछ टिप्स अपना सकते हैं। जो गीली खांसी को फैलने से रोकने आपको इसके प्रभाव से बचाने में असरदार हो सकते हैं। आइए जाने कफ वाली खांसी को रोकने के लिए प्रभावी टिप्स क्या हैं।
जो लोग बीमार हैं या उन्हें कुछ दिनों से गीली खांसी आ रही है। ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। क्योंकि गीली खांसी संक्रमण के कारण होती है जो संभावत: आपको भी संक्रमित कर सकते हैं।
यदि आप ऐसे माहौल में हैं जहां पहले से खांसी वाले लोग मौजूद हैं। तब आपको नियमित रूप से अपने हाथ को धुलना चाहिए। त्वचा से बैक्टीरिया और वायरस को हटाने के लिए साबुन और गर्म पानी से हाथ धोना चाहिए। साथ ही अपने बच्चों को सिखाएं की हाथ को कैसे ठीक से धोएं। ऐसा करना आपको और आपके परिवार को गीली खांसी के लक्षणों से बचा सकता है।
जब आपके घर में कोई सदस्य बीमार हो, तो कीटाणुनाशक का उपयोग करके अपनी रसोई घर और बाथरूम की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। जिससे कम से कम गीली खांसी वाले वायरस आपके परिवार को प्रभावित न कर सकें।
शरीर में पानी की कमी को रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके अलावा आप हर्बल चाय और ताजे फलों के रस का भी सेवन कर सकते हैं। शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा गीली खांसी के वायरस को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
अत्याधिक तनाव आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। जिससे आपके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। तनाव कम करने के लिए व्यक्ति को नियमित व्यायाम करना चाहिए। गीली खांसी का उपचार करने के लिए गहरी सांस लेने जैसे योग भी किये जा सकते हैं।
शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए 7 से 8 घंटे की पूरी नींद लेना आवश्यक है।
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आमतौर पर गीली खांसी एक वायरल संक्रमण का लक्षण है। गीली खांसी के लक्षण आमतौर पर अपने आप चले जाते हैं। लेकिन आप गीली खांसी का घरेलू उपचार करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय भी अपना सकते हैं। हालांकि ये उपचार पूरी तरह से सुरक्षित हैं लेकिन फिर भी कुछ लोगों को गीली खांसी का घरेलू इलाज अपनाने के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। कुछ लोगों को घरेलू उपाय अपनाने से एलर्जी हो सकती है। इसलिए गीली खांसी के घरेलू उपाय को सीमित मात्रा में उपयोग करना चाहिए। इस दौरान यदि आपको किसी प्रकार की समस्या हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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