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पीलिया में क्या खाएं और क्या न खाए – What To Eat And Avoid In Jaundice In Hindi

पीलिया रक्‍त में बिलीरुबिन की मात्रा का बढ़ना है। पीलिया या ज्‍वाइंडिस का उपचार संभव है लेकिन पीलिया के दौरान क्‍या खाएं और क्‍या न खाए यह भी अहम है। अक्‍सर हमें पीलिया में परहेज करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा बहुत से लोगों द्वारा सलाह दी जाती है पीलिया में क्‍या क्‍या नहीं खाना चाहिए। पीलिया के उपचार के दौरान आपको पीलिया के आहार में भी विशेष ध्‍यान देना चाहिए। क्‍योंकि कुछ खाद्य पदार्थ पीलिया के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ पीलिया के लक्षणों को बढ़ाने का भी कारण हो सकते हैं। इसलिए पीलिया रोगी के साथ ही उनके परिजनों को पीलिया में क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं इसकी जानकारी होना आवश्‍यक है।

आज इस लेख में आप ज्वाइंडिस डाईट के साथ ही पलिया में क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं खाना चाहिए संबंधी जानकारी प्राप्‍त करेगें।

विषय सूची

1. पीलिया क्‍या है – What is Jaundice in Hindi
2. पीलिया होने के कारण – Causes of jaundice in Hindi
3. पीलिया के लिए आहार का महत्‍व – Role of your diet for jaundice in Hindi
4. पीलिया में क्‍या खाना चाहिए – What to eat in jaundice in Hindi
5. पीलिया में खाने वाले आहार – Jaundice diet in Hindi

6. पीलिया में परहेज इन हिंदी – Jaundice avoided in Hindi

पीलिया क्‍या है – What is Jaundice in Hindi

ज्‍वाइंडिस एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है जिसमें शरीर का रंग पीला पड़ने लगता है। पीलिया रक्‍त में बिलीरुबिन का एक बिल्‍डअप है। बिलीरुबिन एक पीला वर्णक है जो लाल रक्‍त कोशिकाओं के टूटने के दौरान जारी किया जाता है। इनकी अधिकता के कारण शरीर के बहुत से अंग जैसे त्‍वचा, आंखें, मसूड़े और नाखून आदि का रंग पीला पड़ने लगता है। लीवर आमतौर पर रक्‍त से बिलीरुबिन को हटाने का काम करता है इसलिए पीलिया आमतौर पर जिगर या लीवर की बीमारी से संबंधित होता है।

पीलिया के अधिकांश मामले नवजात शिशुओं, छोटे बच्‍चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले वयस्‍कों में भी हो सकता है। अधिकांश मामलों में बिलीरुबिन की मात्रा रक्‍त में 2 से 3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या इससे अधिक होने पर पीलिया के लक्षणों का कारण बनता है।

(और पढ़े – नवजात शिशु में पीलिया (जॉन्डिस) के लक्षण, कारण और इलाज…)

पीलिया होने के कारण – Causes of jaundice in Hindi

तेल मसालेदार, खट्टा, नमकीन, क्षारीय और बहुत गर्म खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन और शराब आदि पीलिया रोग का कारण बनता है। बढ़ा हुआ पित्त (in the form of bile) तब यकृत के रक्‍त और मांसपेशीय ऊतको (muscular tissue) को कमजोर कर देता है जिससे यकृत के चैनलों में अवरोध उत्पन्न होता है और इस प्रकार पित्त को रक्‍त में वापस भेज दिया जाता है जिससे आंखों और त्वचा का रंग पीला हो जाता है। दिन में सोना, यौन गतिविधी में अतिसंवेदनशीलता, अधिक शारीरिक परिश्रम, वासना, भय, क्रोध और तनाव आदि भी पीलिया के कारण हो सकते हैं।

(और पढ़े – पीलिया के कारण, लक्षण और उपचार…)

पीलिया के लिए आहार का महत्‍व – Role of your diet for jaundice in Hindi

किसी भी स्‍वस्‍थ्‍य व्‍यक्ति या रोगी के लिए आहार का विशेष महत्‍व होता है। इसी तरह पीलिया रोगी के लिए कुछ विशेष प्रकार के आहार होते हैं जो बहुत ही फायदेमंद होते हैं। भोजन या आहार करने के बाद पाचन के दौरान यकृत पित्त का उत्‍पादन करता है जो आंतों में मौजूद वसा को तोड़ने में प्रभावी है। इसके अलावा लीवर खाना पचाने वाले पोषक तत्‍वों, विषाक्‍त पदार्थों और दवाओं के प्रसंस्‍करण या चयापचय के लिए भी जिम्‍मेदार है। सभी खाद्य और पेय पदार्थों का शरीर द्वारा उपयोग करने के लिए स्‍वस्‍थ यकृत की आवश्‍यकता होती है। लेकिन विभिन्‍न पोषक तत्‍वों और रसायनों को अलग-अलग पचाया जाता है और चयापचय किया जाता है।

लेकिन यदि आप आसानी से न पचने वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं तो आपका पाचन तंत्र और यकृत सही तरीके से काम नहीं करता है। परिणामस्‍वरूप शरीर में विषाक्‍तता की मात्रा अधिक हो जाती है। इसलिए आपको पीलिया के दौरान कुछ विशेष प्रकार के हल्‍के और पौष्टिक भोजन करना चाहिए।

(और पढ़े – पीलिया का आयुर्वेदिक इलाज और उपचार…)

पीलिया में क्‍या खाना चाहिए – What to eat in jaundice in Hindi

पीलिया रोगी के उपचार के दौरान डॉक्‍टर रोग की गंभीरता के अनुसार कुछ विशेष खाद्य पदार्थों को खाने का सुझाव देते हैं। इसके अलावा यह किसी अंतर्निहित चिकित्‍सा स्थितियों के आधार पर आहार अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन कुछ ऐसे विशेष खाद्य और पेय पदार्थ होते हैं जो पीलिया रोगी के आहार में शामिल किये जा सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्‍व पीलिया के लक्षणों को कम करने, प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने और शरीर को ऊर्जा दिलाने में सहायक होते हैं। आइए जाने पीलिया रोग का उपचार करने के दौरान खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ क्‍या हैं।

(और पढ़े – पीलिया का घरेलू और आयुर्वेदिक इलाज…)

पीलिया में खाने वाले आहार – Jaundice diet in Hindi

सामान्‍य रूप से पीलिया में खाने वाले आहार हल्‍के, आसानी से पचने वाले और उच्‍च ऊर्जा वाले होते हैं। पीलिया में खाए जाने वाले पीलिया उपचार में अति महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए जाने आप पीलिया रोग का उपचार और इलाज कराने के दौरान किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।

पीलिया में खूब पानी पिएं – Piliya me khub pani piye in Hindi

पीलिया रोग या हेपेटाइटिस बी होने पर रोगी को पर्याप्‍त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। यकृत को पीलिया के लक्षणों से उबारने में मदद का यह सबसे अच्‍छा तरीका है कि शरीर में पानी की कमी

न हो। पानी न केवल पाचन को आसान बनाने में मदद करता है बल्कि यह जिगर और गुर्दे को विषाक्‍त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। सामान्‍य रूप से लोगों को रोजाना कम से कम 64 औंस या सिर्फ 2 लीटर पानी की आवश्‍यकता होती है। इसके अलावा लोग पीलिया होने के दौरान मुंह का स्‍वाद बनाए रखने के लिए प्रति गिलास पानी 1 या 2 चम्‍मच नींबू के रस को भी मिला सकते हैं। यह उनकी रोग प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।

(और पढ़े – शरीर में पानी की कमी को दूर करने के उपाय…)

पीलिया होने पर खाएं ताजे फल और सब्जियां – Eat fresh fruits and vegetables when you have jaundice in Hindi

पीलिया रोग से बचाव के उपाय में आप ताजे फलों और सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। ताजे फल और सब्जियों में शक्तिशाली एंटीऑक्‍सीडेंट और फाइबर होते हैं। जो चयापचय के दौरान लीवर की क्षति को कम करने में सहायक होते हैं। साथ ही ये खाद्य पदार्थ पचने में भी आसान होते हैं। लगभग सभी फलों और सब्जियों में यकृत स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाले पोषक तत्‍व होते हैं। लेकिन कुछ विशेष किस्‍म के फलों और सब्जियां यकृत स्थिति के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इनमें शामिल हैं :

अच्‍छे लाभ प्राप्‍त करने के लिए रोगी को फल, हरी सब्जियां आदि खाना चाहिए।

(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)

जॉन्डिस में पीएं कॉफी और हर्बल चाय – Drink coffee and herbal tea in jaundice in Hindi

ज्‍वाइंडिस रोगी के लिए कॉफी और हर्बल चाय का सेवन लाभकारी होता है। कॉफी और हर्बल चाय में एंटीऑक्‍सीडेंट के साथ ही कैफीन की उचित मात्रा होती है। जिसके कारण यह पाचन को प्रोत्‍साहित करने में सहायक होता है। बहुत ही कम मात्रा या मॉडरेशन में कॉफी का सेवन यकृ‍त की क्षति जैसे लक्षणों को कम करने में सहायक है। इसलिए पीलिया रोगी को नियमित रूप से अपने आहार में कॉफी या हर्बल चाय की नियंत्रित या कम मात्रा को विशेष रूप से शामिल करना चाहिए।

(और पढ़े – हर्बल टी लिस्ट, बनाने की विधी, फायदे और नुकसान…)

पीलिया में खाना चाहिए साबुत अनाज – Piliya me khana chahiye Whole grains in Hindi

पीलिया या हेपिटाइटिस बी के रोगी को उपचार के दौरान साबुत अनाज का पर्याप्‍त सेवन करना चाहिए। साबुत अनाज खाद्य पदार्थों में स्‍वस्‍थ वसा, फाइबर, एंटीऑक्‍सीडेंट और खनिज पदार्थ की अच्‍छी मात्रा होती है। ये सभी घटक यकृत स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाने में सहायक हैं। 2013 में हुए एक अध्‍ययन के अनुसार जो लोग नियमित रूप से ओट्स का सेवन करते हैं 12 सप्‍ताह के बाद उनके यकृत स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार हुआ। क्‍योंकि ओट्स बीटा-क्‍लूकन समृद्ध खाद्य पदार्थ है।

(और पढ़े – ओट्स खाने के फायदे एवं नुकसान…)

ज्‍वांइडिस के लिए फायदेमंद नट और फलियां – Nuts and legumes beneficial for jaundice in Hindi

अधिकांश नट्स और फलियां एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर होते हैं। जिनमें विटामिन सी, ई और फेनोलिक एसिड की भी उच्‍च मात्रा होती है। साबुत अनाज, नट्स और फलियां भी आमतौर पर स्‍वस्‍थ वसा और फाइबर के अच्‍छे स्रोत हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है‍ कि नियमित रूप से सेवन करने पर अखरोट और अन्‍य पौधे आ‍धारित खाद्य नट्स लिवर के कार्य के लिए फायदेमंद होते हैं। यदि आप भी पीलिया रोग का इलाज करा रहे हैं तो किसी अनुभवी व्‍यक्ति की सलाह के आधार पर इन नट्स और फलियों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़े – अखरोट के फायदे और नुकसान…)

पीलिया रोगी के लिए उपयोगी दुग्ध रोम – Milk thistle for Jaundice in Hindi

इस जड़ी बूटी का नाम इसे कुचले जाने पर पत्तियों से निकलने वाले दूधिया पदार्थ के नाम पर रखा जाता है इस जड़ी बूटी के दूध में न केवल एंटीआक्‍सीडेंट (antioxidant) गुण हैं बल्कि इसमें सिल्‍मरिन भी होता है। सिल्‍मरिन क्षतिग्रस्‍त यकृत कोशिकाओं की मरम्‍मत में मदद करता है।

इन लाभों को प्राप्त करने के लिए आप अपने सलाद में दुग्ध रोम के पत्तों का मिला सकते हैं और इसके बीजों को भून कर दोपहर के भोजन के साथ लें या ताजा हर्बल चाय तैयार करें। दुग्ध रोम आमतौर पर उपयोग के लिए सुरक्षित होती है, लेकिन कुछ लोगों को इसके उपयोग करने से पहले डाक्टर से संपर्क करना चाहिए जैसे कि :

  • यदि आप गर्भवती हैं।
  • आप स्‍तनपान करा रहे हैं।
  • यदि आप चिकित्सकीय दवा ले रहे हैं।

(और पढ़े – गर्भावस्था में आहार जो देगा माँ और बच्चे को पूरा पोषण…)

पीलिया रोगी का आहार पाचक एंजाइम – Dietary digestive enzymes of jaundice patient in Hindi

स्वाभाविक रूप से पाचन एंजाइम बिलीरुबिन के स्‍तर को कम करने में मदद करते हैं। आप पाचन एंजाइमों को इन चीजों से प्राप्त कर सकते हैं।

(और पढ़े – पपीता खाने के फायदे और नुकसान…)

पीलिया होने पर खाएं फाइबर युक्त आहार – Fiber for Jaundice in Hindi

विषाक्‍त पदार्थों (toxic substances) को शरीर से बाहर निकालने के लिए घुलनशील फाइबर यकृत की मदद करता है और पाचन को आसान बनाता है। ये महात्‍वपूर्ण पोषक तत्‍व विभिन्‍न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं जैसे कि :

  • फल
  • सब्जियां
  • फलियां
  • नट्स
  • साबुत अनाज आदि

उच्‍च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों मे शामिल हैं :

भोजन करते समय उच्‍च फाइबर लेने का प्रयास करें। पुरुषों को प्रतिदिन 38 ग्राम और महिलाओं को 25 ग्राम फाइबर खाने का प्रयास करना चाहिए।

(और पढ़े – फाइबर क्या है, स्रोत, फाइबर के फायदे और फाइबर के नुकसान…)

पीलिया रोग में खाए जाने वाले अन्‍य पदार्थ – Other foods eaten in jaundice in Hindi

पीलिया एक गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या है जिसका समय पर उपचार किया जाना आवश्‍यक है। पीलिया का घरेलू उपचार या डॉक्‍टरी इलाज के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करना चाहिए इन खाद्य पदार्थों में शामिल हैं :

पीलिया में केला फायदेमंद – पीलिया होने की स्थिति में रोगी को नियमित रूप से केला का सेवन करना चाहिए। केला में मौजूद पोषक तत्‍व और अन्‍य घटक लीवर को स्‍वस्‍थ रखने और पीलिया के लक्षणों को कम करने में प्रभावी होते हैं।

पीलिया में अनार होता है अच्‍छा – पीलिया रोग रक्‍त में आई विषाक्‍तता के कारण होता है। हम सभी जानते हैं कि अनार का नियमित सेवन स्‍वस्‍थ रक्‍त के उत्‍पादन में सहायक होता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट रक्‍त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव को कम करते हैं। इसलिए रोगी को नियमित रूप से अनार का सेवन करना चाहिए।

पीलिया में हल्‍दी का इस्‍तेमाल करें – हल्‍दी एक जड़ी बूटी है जिसे हम सभी लोग मसाले के रूप में उपयोग करते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्‍व, खनिज पदार्थ, एंटीऑक्‍सीडेंट और विशेष रूप से मौजूद करक्‍यूमन घटक पीलिया के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

(और पढ़े – रोज सुबह केला और गर्म पानी के सेवन के फायदे जानकर दंग रह जाएगे आप…)

पीलिया में परहेज इन हिंदी – Jaundice avoided in Hindi

पीलिया रोगी के लिए जिस तरह से स्‍वस्‍थ आहार आवश्‍यक है। उसी तरह से पीलिया में परहेज किया जाना भी आवश्‍यक है। क्‍योंकि कुछ खाद्य पदार्थ पीलिया के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं जिनका अधिक या कम सेवन करने से पीलिया के लक्षण और भी बिगड़ सकते हैं। इसलिए लोगों को इस बात का भी पूरा ध्‍यान रखना चाहिए पीलिया रोगी किन खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। आइए जाने पीलिया रोगी को किन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।

पीलिया में शराब से परहेज – Avoid Alcohol in Jaundice in Hindi

यकृत सहित अधिकांश आंतरिक शारीरिक ऊतकों के लिए शराब हानिकारक होती है। अधिक मात्रा में शराब का उपयोग करना पुरानी लीवर की सूजन का कारण बन सकता है, जो यकृत को अस्‍वस्‍थ्‍य कर सकती है और फाइब्रोसिस (fibrosis) का कारण बन सकता है।

पीलिया या अन्‍य यकृत संबंधी समस्‍याओं बाले लोगों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

(और पढ़े – शराब पीने के फायदे और नुकसान और शरीर पर इसका प्रभाव…)

पीलिया रोगी नहीं खाना चाहिए आयरन की अधिक मात्रा – Jaundice patients should not eat high amounts of iron in Hindi

लौह का सेवन करने से सावधान रहना महत्‍वपूर्ण है। बहुत अधिक लोहा यकृत स्‍कार्फिंग का कारण बन सकता है।

प्रोटीन लोहे (Iron) का अच्‍छा स्रोत है इसलिए यकृत के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए इसे कम करने की कोशिश करना चाहिए। इसके लिए आप अपने डाक्‍टर से बात करें कि आपके लिए कितना प्रोटीन आवश्‍यक है।

(और पढ़े – शाकाहारियों के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ…)

पीलिया रोगी को नहीं खाना चाहिए अधिक चीनी – Jaundice patient should not eat more sugar in Hindi

परिष्‍कृत चीनी, उच्‍च फ्रक्‍टोज मकई सिरप (fructose corn syrup)और संसाधित चीनी के अन्‍य रूप भी यकृत में वसा का निर्माण कर सकते हैं। चीनी में उच्‍च प्रसंस्‍कृत खाद्य पदार्थ वसा में भी अधिक होते हैं जो नुकसान के खतरे को बढ़ा देते हैं।

(और पढ़े – मकई या मक्का (कॉर्न) के फायदे और नुकसान…)

पीलिया में नमक कम खाना चाहिए – Eat Low Salt in Jaundice in Hindi

नमक का ज्‍यादा उपयोग यकृत को नुकसान पहुंचा सकता है और जल प्रतिधारण में भी योगदान दे सकता है। प्रसंस्‍कृत और डिब्‍बा बंद खाद्य पदार्थो में सोडियम की मात्रा हो सकती है। नमक का उपयोग करने के बजाए आप अपने पकवानों में लहसुन पाउडर, प्‍याज पाउडर या अयस्‍कों जैसे पदार्थों का उपयोग करने का प्रयास करें।

पीलिया रक्‍त और यकृत से संब‍ंधित बीमारी है। पीलिया के दौरान क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं यह बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। पीलिया होने पर खाने वाले आहार पीलिया के लक्षणों को प्रभावित करते हैं। पीलिया में परहेज करना भी आवश्‍यक है। इसलिए इस लेख में आपने जाना पीलिया होने पर क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं खाना चाहिए।

(और पढ़े – सोडियम क्या है – स्रोत, मात्रा, फायदे और नुकसान…)

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