Babies Eat Eggs In Hindi छोटे बच्चे को अंडा देना कब शुरू करना चाहिए? इसको लेकर कई अभिभावक दुविधा में रहते हैं। ऐसा तब होता है जब पेरेंट्स अपने बच्चों को 6 माह के बाद खाना खिलाना शुरू करते हैं तो वे कंफ्यूज रहते हैं कि छोटे बच्चों के लिए अंडे खाना सुरक्षित है और बच्चे को अंडा खिलाएं कि नहीं। दरअसल अंडा गर्म होता है लेकिन माँ के दूध के बाद ये प्रोटीन और कैल्शियम का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। चूँकि अंडा सभी आवश्यक विटामिन एवं पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है, जो बच्चों के विकास में योगदान दे सकता है लेकिन नवजात बच्चों का शरीर एक पूर्ण अंडे के पाचन के लिए तैयार नहीं होता है, जिसके कारण अंडे के उपस्थित विभिन्न प्रकार के प्रोटीन एलर्जी और अन्य बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
जिसके कारण कुछ माता-पिता अपने नवजात शिशुओं के आहार में अंडे को सम्मिलित करने में संदेह करते हैं। अनेक माता-पिता के मन में यह संदेह होता हैं, कि उनके बच्चों के लिए अंडे सुरक्षित हैं या नहीं। किसी भी स्थिति में नवजात शिशुओं को अंडे का सेवन कराने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
विषय सूची
1. क्या छोटे बच्चों के लिए अंडे खाना सुरक्षित है – Is It Safe for Babies to Eat Eggs in Hindi
2. बच्चे अंडे कब खा सकते हैं – When can babies eat eggs in Hindi
3. अंडे में पोषण तत्व – Nutritional Value of Eggs in hindi
4. बच्चों के लिए अंडे के फायदे – eggs benefits for babies in hindi
- बच्चों में अंडे के लाभ पाचन और प्रतिरक्षा में – Benefits of Eggs for Newborn in Digestion And Immunity in hindi
- शिशुओं के दिमागी विकास के लिए अंडे – Eggs for infants Brain Development in hindi
- बच्चों में अंडे की जर्दी के फायदे दिल स्वास्थ्य में – egg yolk benefits for babies Heart Health in hindi
- नवजात शिशु में अंडे के फायदे लिवर के लिए – Egg Benefits for infants Liver in hindi
- नेत्र स्वास्थ्य में अंडे के फायदे – Egg Benefits in Eye Health in hindi
- अंडे शिशुओं की ऊर्जा और अस्थि विकास के लिए – Egg for Babies Energy and Bone Development in hindi
5. शिशुओं के लिए अंडे के जोखिम क्या हैं – Eggs side effect for infants in hindi
6. बच्चों में अंडे से एलर्जी होने के संकेत – Egg allergy symptoms in baby in Hindi
7. शिशुओं को अंडा कैसे खिलाएं – How to feed eggs to babies in hindi
क्या छोटे बच्चों के लिए अंडे खाना सुरक्षित है – Is It Safe for Babies to Eat Eggs in Hindi
चूँकि प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को अंडे देने से होने वाले लाभों और जोखिमों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना आवश्यक होता हैं, तथा यह भी जानना आवश्यक है कि छोटे बच्चे के लिए अंडे का सेवन कैसे कराया जाये।
अतः आज के इस लेख में आप जानेंगे कि बच्चे को अंडा खिलाना कब शुरू करें, बच्चों को अंडे कब देना चाहिए, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं तथा बच्चों को अंडे का सेवन कैसे करायें के बारे में।
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बच्चे अंडे कब खा सकते हैं – When can babies eat eggs in Hindi
प्रोटीन युक्त अंडे सस्ते और अनेक गुणों को प्रदान करने वाले होते हैं। अतीत में, बाल रोग विशेषज्ञों द्वारा एलर्जी होने की संभावनाओं के कारण, बच्चे के आहार में अंडे को शामिल करने के लिए प्रतीक्षा करने की सिफारिश की जाती थी। लेकिन वर्तमान में अनेक प्रकार की परिस्थितियों में बच्चों को अंडे देने के लिए प्रतीक्षा न करने की सिफारिश भी की जा सकती है।
अतः माता-पिता 7 महीने की उम्र के बाद अपने बच्चों के प्रारंभिक आहार में अंडे को शामिल कर सकते हैं, लेकिन उन्हें अंडे से होने वाली एलर्जी या अन्य संवेदनशीलता पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि, 8 महीने की उम्र वाले शिशुओं के आहार में अंडे की जर्दी (egg yolk) को सुरक्षित रूप से शामिल किया जा सकता है, लेकिन अंडे के सफेद भाग को 12 महीनों के बाद ही अपने नवजात बच्चों के आहार में सम्मिलित किया जाना चाहिए।
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अंडे में पोषण तत्व – Nutritional Value of Eggs in Hindi
अंडा सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन का प्रमुख स्रोत होने के साथ-साथ अत्यंत आवश्यक विटामिन को भी प्रदान करता है। अंडे में तांबा, जस्ता, आयरन, कैल्शियम और सेलेनियम जैसे आवश्यक खनिज पाए जाते हैं। इसके अलावा प्रोटीन, कोलेस्ट्रॉल, वसा, फैटी एसिड और विटामिन डी, विटामिन बी-12, विटामिन ई, कोलीन और फोलेट भी उच्च मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्व बच्चों की वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं। 1 पूरे अंडे में लगभग 70 कैलोरी और 6 ग्राम प्रोटीन उपस्थित होता है।
जर्दी (yolk) में विशेष रूप से कुछ प्रभावशाली पोषण तत्व पाए जाते हैं। अंडे की योल्क (yolk) में 250 मिलीग्राम कोलीन (choline) होता है, जो सामान्य कोशिका गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करता है।
कोलीन (Choline), लिवर के कार्यों और पोषक तत्वों को शरीर के अन्य क्षेत्रों में ले जाने में भी मदद करता है। यह बच्चे की याददाश्त को बनाये रखने में भी मदद कर सकता है।
बच्चों के लिए अंडे के फायदे – Eggs benefits for babies in Hindi
मानव दूध (human milk) में प्रोटीन की उच्चतम गुणवत्ता ‘लैक्टलबुमिन’ (lactalbumin) पाई जाती है। अतः मानव दूध के बाद, अंडे को प्रोटीन का दूसरा सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है। अंडे में खनिज, विटामिन और कई तरह के पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शिशुओं के लिए फायदेमंद है। अंडा का सफेद भाग पोटेशियम और प्रोटीन में समृद्ध होने के कारण यह अंगो को कार्य करने में मदद करता है।
शिशुओं के लिए अंडे से निम्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं:
बच्चों में अंडे के लाभ पाचन और प्रतिरक्षा में – Benefits of Eggs for Newborn in Digestion And Immunity in Hindi
अंडे आयरन, सेलेनियम और जस्ता जैसी खनिज सामग्री से समृद्ध होते हैं। अतः यह सभी खनिज मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने में मदद करते हैं। शिशुओं के शारीरिक विकास के लिए नई कोशिकाओं का उत्पादन महत्वपूर्ण होता है, अतः अंडे में उपस्थित फोलेट, कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है। अंडे का सफ़ेद भाग शिशुओं के शरीर में सोडियम और पोटैशियम की उचित मात्रा को बनाए रखने तथा प्रतिरक्षा में सुधर करने में मदद करता है। विशेष रूप अंडे का योल्क शिशुओं में पाचन को आसान बनाता है।
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शिशुओं के दिमागी विकास के लिए अंडे – Eggs for infants Brain Development in Hindi
अंडे की जर्दी (Egg yolks) में कोलीन और कोलेस्ट्रॉल उच्च मात्रा में होते हैं, जो कि शिशुओं के मस्तिष्क विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोलेस्ट्रॉल वसा के पाचन और हार्मोन उत्पादन में भी सहायता करता है। अतः कोलीन (Choline) वह पोषक तत्व है, जो हृदय और तंत्रिका तंत्र के समुचित कार्य को बढ़ावा देने में सहायता करता है।
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बच्चों में अंडे की जर्दी के फायदे दिल के स्वास्थ्य में – Egg yolk benefits for babies Heart Health in Hindi
अंडे की जर्दी में फॉस्फोलिपिड (Phospholipids) पाया जाता है, जो उचित संवहनी कार्य (vascular function) में मदद करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन में शिशुओं की सहायता करता है। अतः अंडे का सेवन बच्चों के दिल को स्वस्थ रखने में उचित भूमिका निभा सकते हैं।
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नवजात शिशु में अंडे के फायदे लिवर के लिए – Egg Benefits for infants Liver in Hindi
अंडों में पाई जाने वाली सल्फर (sulfur) की उचित मात्रा, विटामिन बी12 को अवशोषित करने में मदद करने के साथ-साथ केराटिन (keratin) और कोलेजन (collagen) के उत्पादन में भी मदद करती है, जो कि यकृत द्वारा उचित कार्य को करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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नेत्र स्वास्थ्य में अंडे के फायदे – Egg Benefits in Eye Health in Hindi
अंडों में ल्यूटिन (lutein) और ज़ेक्सैन्थिन (zeaxanthin) जैसे एंटीऑक्सिडेंट भी पाए जाते हैं। ल्यूटिन आँखों को हानिकारक रोशनी और पराबैंगनी किरणों से बचाता है। ये दोनों एंटीऑक्सिडेंट, दृष्टि हानि (vision loss) को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ल्यूटिन (lutein) और ज़ेक्सैन्थिन (zeaxanthin) मुख्यरूप से अंडे की जर्दी में पाए जाते हैं।
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अंडे शिशुओं की ऊर्जा और अस्थि विकास के लिए – Egg for Babies Energy and Bone Development in Hindi
अंडे बच्चों में उर्जा उत्पादन और हड्डियों के विकास में लाभदायक होते हैं। अंडे के सफ़ेद भाग में उपस्थित प्रोटीन आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं। अंडे की सफेदी में उपस्थित राइबोफ्लेविन (riboflavin) नामक विटामिन कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा अंडे में उपस्थित विटामिन ए, विटामिन-डी, विटामिन-ई और विटामिन-के वसा में घुलनशील विटामिन होते हैं जो हड्डियों के विकास में सहायता करते हैं।
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शिशुओं के लिए अंडे के जोखिम क्या हैं – Eggs side effect for infants in Hindi
बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा नवजात बच्चों को एक सम्पूर्ण अंडे देने के लिए इंतजार करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि जन्म लेने के कुछ समय बाद तक अधिकांश बच्चों को अंडे से एलर्जी हो सकती है। एक सम्पूर्ण अंडे के तहत अंडे की जर्दी और सफेद भाग को शामिल किया जाता है। अंडे का सफ़ेद भाग अधिकांश बच्चों में एलर्जी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों के रूप में जाना जाता है, इसलिए 12 महीने की उम्र तक किसी भी बच्चे को अंडे के सफ़ेद भाग की सिफारिश नहीं की जा सकती है।
प्रारंभ में बच्चों को अंडे की जर्दी का सेवन कराने की सलाह दी जाती है। क्योंकि अंडे की जर्दी में एलर्जी की प्रतिक्रिया से सम्बंधित प्रोटीन उपस्थित नहीं होते हैं। दूसरी ओर अंडे के सफ़ेद भाग में ऐसे प्रोटीन उपस्थित होते हैं, जो हल्के से गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया को उत्पन्न कर सकते हैं। यदि किसी बच्चे को इन प्रोटीनों से सम्बंधित एलर्जी है, तो उन्हें अनेक प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि, जन्म के बाद 4 से 6 महीने की उम्र के बच्चों को अंडे का सेवन कराने से एलर्जी उत्पन्न होने की सम्भावना अधिक हो सकती है। बच्चों को अंडे से एलर्जी उत्पन्न होने की प्रवृत्ति अक्सर वंशानुगत (hereditary) होती है। यदि परिवार के किसी भी सदस्य को अंडे से एलर्जी है, तो छोटे बच्चे को अंडे देते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
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बच्चों में अंडे से एलर्जी होने के संकेत – Egg allergy symptoms in baby in Hindi
कम उम्र में कुछ बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती है और उनका शरीर अंडे के सफेद भाग में उपस्थित कुछ प्रोटीन को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हो पाता हैं। जिसके परिणामस्वरुप अंडे के संपर्क में आने से उन बच्चों को बीमार, लाल चकत्ते (rash) या अन्य एलर्जी प्रतिक्रिया से सम्बंधित लक्षण प्रगट हो सकते हैं। लक्षणों की गंभीरता बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली और अंडों की खपत पर निर्भर करती है।
अंडे से उत्पन्न होने वाली एलर्जी प्रतिक्रियाएं त्वचा, पाचन या श्वसन को भी प्रभावित कर सकती हैं। अंडे से एलर्जी होने के संकेत और लक्षणों में निम्न को शामिल किया जा सकता है:
- सूजन या एक्जिमा (eczema)
- दस्त लगना
- मतली या उल्टी
- दर्द महसूस होना
- मुंह के आसपास खुजली होना
- घरघराहट होना
- नाक बहना या सांस लेने में परेशानी
- दिल की धड़कन में तेजी
- निम्न रक्तचाप और दिल की समस्याएं
दुर्लभ मामलों में, बच्चे को एनाफिलेक्सिस (anaphylaxis) नामक एक अधिक गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। एनाफिलेक्सिस के लक्षणों में ब्लड प्रेशर में कमी और श्वास संबंधी समस्याएं शामिल हैं। यदि किसी बच्चे को गंभीर एक्जिमा की बीमारी है, तो अंडों के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए।
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शिशुओं को अंडा कैसे खिलाएं – How to feed eggs to babies in Hindi
1 साल या उससे अधिक उम्र के शिशुओं को पूरे अंडे के सेवन की सिफारिश की जा सकती है। 1 साल या उससे अधिक उम्र के शिशुओं को उबला, तला हुआ अंडा या ऑमलेट के रूप में दिया जा सकता है। अंडे से बने कस्टर्ड व्यंजन को भी शिशुओं को खिलाए जा सकता है।
बच्चों को किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे और एक समय में एक ही बार देना चाहिए। यह तरीका संभावित प्रतिक्रियाओं को देखने के लिए उत्तम है। माता पिताओं को अपने शिशुओं के आहार में पहले दिन अंडे को शामिल करने के बाद, चार दिन की प्रतीक्षा करना चाहिए। यदि शिशु में कोई एलर्जी या अन्य संवेदनशीलता के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
ध्यान रखे कि, बच्चों को अच्छी तरह से उबले अंडे का सेवन ही कराना चाहिए तथा 1 साल से कम उम्र के बच्चों के आहार में अंडे की जर्दी को ही शामिल किया जाना चाहिए। मेयोनेज़ जैसे कच्चे अंडे वाले खाद्य उत्पाद, घर का बना आइसक्रीम या बेक्ड आइटम (baked items) वाले खाद्य उत्पादों को शिशुओं को नहीं खिलाना चाहिए, क्योंकि उनका पाचन तंत्र इन खाद्य पदार्थों के पाचन में असमर्थ हो सकता है। इसके अलावा अंडे की जर्दी में चीनी या नमक को शामिल नहीं करना चाहिए।
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