Whey Protein in Hindi: बॉडीबिल्डिंग के शौकीन बहुत सारे लोग व्हे प्रोटीन खाते हैं, लेकिन क्या आप वास्तव में जानते हैं कि व्हे प्रोटीन क्या होता है और यह कैसे बनता है? चलिए व्हे प्रोटीन के बारे में सब कुछ जानते हैं। और आसन भाषा में समझते हैं व्हे प्रोटीन पाउडर क्या है और यह कैसे बनता है? व्हे प्रोटीन के फायदे और व्हे प्रोटीन के नुकसान क्या हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें व्हे प्रोटीन कई तरह के प्रोटीनों का मिश्रण होता है। यह दूध का तरल हिस्सा होता है जिसे पनीर बनाते समय अलग कर दिया जाता है। वास्तव में दूध में दो तरह के मुख्य प्रोटीन होते हैं – केसिन प्रोटीन (casein protein) और व्हे प्रोटीन (whey protein)। इसमें केसिन प्रोटीन की मात्रा 80 प्रतिशत होती है जबकि व्हे प्रोटीन सिर्फ 20 प्रतिशत होता है। आज हम आपको व्हे प्रोटीन के फायदे और व्हे प्रोटीन के नुकसान के बारें में बताएँगे। व्हे प्रोटीन का सेवन करने से पहले उसके बारे में जानना बहुत जरूरी होता है।
पनीर बनाते समय दूध का अधिक वसा युक्त हिस्सा जम जाता है जिससे पनीर (cheese) निकाला जाता है। जबकि व्हे अपने आप इससे बाइ-प्रोडक्ट के रूप में अलग हो जाता है। दही से भरे बर्तन में आपने देखा होगा कि दही के ऊपर पानी जैसा तरल पदार्थ दिखता है उसी को व्हे कहते हैं।
व्हे प्रोटीन प्राकृतिक दूध और दूध उत्पादों में पाया जाने वाला उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन है। इसे अक्सर ‘पूर्ण प्रोटीन’ माना जाता है क्योंकि इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो मानव शरीर के लिए आवश्यक होते हैं और पचाने में भी आसान होते हैं। व्हे प्रोटीन या मट्ठा प्रोटीन को ल्यूसीन जैसे ब्रांचड एमिनो एसिड (बीसीएएएस) का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है, जो मांसपेशियों के संश्लेषण (Muscle synthesis) को उत्प्रेरित करता है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि कम मात्रा में व्हे प्रोटीन आपके शरीर के लिए फायदेमंद है। व्यायाम के तुरंत बाद केवल 10 ग्राम व्हे प्रोटीन का सेवन मांसपेशियों (muscle) के पुनर्निर्माण को उत्प्रेरित कर सकता है।
मट्ठा प्रोटीन यानी व्हे प्रोटीन गाय के दूध में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है, इसलिए लगभग सभी व्हे प्रोटीन का स्रोत दूध ही है। गाय के दूध में दो सबसे महत्वपूर्ण प्रोटीन पाए जाते हैं, एक कैसीन प्रोटीन (casein protein) जो दूध में 80 प्रतिशत तक होता है। शेष 20 प्रतिशत में व्हे प्रोटीन (whey protein) पाया जाता है।
कच्चा दूध कई घटकों से मिलकर बना होता है। कुछ भाग ससपेंशन (निलंबन) में और कुछ घोल में मौजूद हैं। पनीर या चीज़ बनाने की प्रक्रिया के दौरान व्हे प्रोटीन का उत्पादन होता है, जिसका उत्पादन कच्चे दूध में कुछ एंजाइमों को मिलाकर शुरू होता है। दूध में एंजाइम कई घटक को अलग करते हैं, उनमें से एक दही का रूप लेता है। फिलहाल जो दही बनाया जाता है उसका उपयोग चीज़ बनाने में किया जाता है और चीज़ बनाने की प्रक्रिया के दौरान व्हे प्रोटीन तरल के रूप में बाहर आता है।
फिर इसे तरल पदार्थ के रूप में प्राप्त व्हे प्रोटीन को पाश्चराइज किया जाता है और पाउडर के रूप में सुखा लिया जाता है जो खाने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसे तीन प्रकार के व्हे प्रोटीनों में विभाजित किया जा सकता है:
यह सबसे अधिक उपलब्ध व्हे प्रोटीन पाउडर सप्लिमेंट है क्योंकि अधिकांश निर्माता प्रोटीन पाउडर बनाने के लिए पहले तत्व के रूप में व्हे प्रोटीन कंसंट्रेट का उपयोग करते हैं। व्हे प्रोटीन सांद्रता में कम से कम 25 प्रतिशत और अधिकतम 89 प्रतिशत प्रोटीन होता है। अधिकांश स्पोर्ट न्युट्रिशन में लगभग 80 प्रतिशत व्हे प्रोटीन होता है जिसे डब्लूबीसी या डब्ल्यूपीसी80 प्रोटीन कहा जाता है, जबकि शेष 4 से 8 प्रतिशत में लैक्टोज, खनिज वसा और मॉइस्चराइज़र होते हैं।
आमतौर पर WPI के रूप में संदर्भित, व्हे प्रोटीन आइसोलेट व्हे प्रोटीन का सबसे शुद्ध रूप है जिसमें 90 से 95 प्रतिशत प्रोटीन होता है। यह उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट प्रोटीन स्रोत है जो लैक्टोज असहिष्णु (lactose intolerant) हैं क्योंकि इसमें बहुत कम या कोई लैक्टोज नहीं पाया जाता है और वसा (फैट) में भी बहुत कम होती है। व्हे प्रोटीन आइसोलेट की प्राइस व्हे प्रोटीन कंसंट्रेट की तुलना में बहुत अधिक होती है क्योंकि यह प्रोटीन का शुद्ध रूप होता है।
WPH या व्हे प्रोटीन हाइड्रोलिसेट तब बनता है जब बड़े प्रोटीन पॉलीपेप्टाइड, जो व्हे प्रोटीन में पाया जाता है, बहुत छोटी श्रृंखलाओं में टूट जाता है। यह प्रोटीन को पचाने में आसान बनाता है और आंत में तेजी से अवशोषित होता है। इस प्रकार किसी भी प्रकार की एलर्जी की प्रतिक्रिया का खतरा कम हो जाता है। प्रोटीन का यह रूप सबसे महंगा है और एसिड स्वाद के साथ तीखा भी है। यह घुलनशील है, जिसे पीने के लिए पानी या अन्य पेय के साथ मिलाया जाता है। इस तरह के प्रोटीन का उपयोग शिशु फार्मूले (baby formulas) या अन्य विशेष औषधीय पोषण उत्पादों के लिए किया जाता है।
पौष्टिक रूप से महत्वपूर्ण व्हे प्रोटीन स्वाद में बहुत अच्छा नहीं होता है लेकिन इसके कुछ फ्लेवर स्वादिष्ट होते हैं। 25 से 50 ग्राम व्हे प्रोटीन नियमित लेना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। बॉडीबिल्डर और जिम करने वाले लोगों के लिए इसका सेवन बहुत जरूरी होता है। आइये जानतें हैं व्हे प्रोटीन (प्रोटीन पाउडर) के फायदे और उपयोग क्या हैं।
व्हे प्रोटीन न केवल आपके दुबलेपन को दूर करता है, बल्कि आपको कई बीमारियों से भी बचाता है। यहां हम व्हे प्रोटीन के विभिन्न लाभों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
कई अध्ययनों में पाया गया है कि व्हे प्रोटीन कैंसर की दर को कम करते हैं, प्रतिरक्षा में वृद्धि करते हैं, एचआईवी से लड़ते हैं, कोर्टिसोल (तनाव होर्मोन) को कम करते हैं, तनाव को कम करते हैं, लाइव फ़ंक्शन का विकास करते हैं, मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाते हैं, रक्तचाप कम करने में और कई औषधीय गुणों के साथ व्हे प्रोटीन के खेल संबंधी स्वास्थ्य लाभ भी हैं। हम स्वास्थ्य लाभ के साथ व्हे प्रोटीन के फायदे की शुरुआत कर रहे हैं।
(और पढ़े – सिक्स पैक एब्स बनाने के लिए क्या करें और क्या ना करें)
व्हे प्रोटीन के फायदे मधुमेह के रोगियों के लिए भी हो सकते हैं। इंसुलिन की कमी और रक्त शर्करा उच्च होने के कारण टाइप-2 डायबिटीज हो जाता है। व्हे प्रोटीन रक्त शर्करा को कम करने और इंसुलिन को बढ़ाने में मदद करता है। व्हे प्रोटीन इंसुलिन को सक्रिय करने और ब्लड शुगर को कम करने का काम करता है। इसलिए व्हे प्रोटीन को टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है। व्हे प्रोटीन, अंडे और मछली की अपेक्षा अधिक फायदेमंद होता है। व्हे प्रोटीन के फायदों को डायबिटीज की दवाओं में भी उपयोग किया जाता है। उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन लेने से पहले व्हे प्रोटीन का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है।
(और पढ़ें – टाइप 2 मधुमेह क्या है, कारण, लक्षण, उपचार, रोकथाम और आहार)
व्हे प्रोटीन कैंसर के इलाज में भी बहुत फायदेमंद पाया गया है। कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को व्हे प्रोटीन नियमित देने से उसे अपनी बीमारी में राहत महसूस होती है। व्हे प्रोटीन में कैंसर रोधी गुण (Anti-cancer properties) होते हैं जिसकी वजह से डॉक्टर कैंसर के रोगियों को व्हे प्रोटीन लेने की सलाह देते हैं।
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि कैंसर एक घातक बीमारी है। हर कोई इससे बचना चाहता है। ऐसी स्थिति में, अन्य प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पादों के साथ व्हे प्रोटीन का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि इसमें कैंसर-रोधी गुण हैं, इस संबंध में अभी और अधिक वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है।
(और पढ़े – कैंसर क्या है कारण लक्षण और बचाव के उपाय)
शरीर के किसी हिस्से के क्षतिग्रस्त हो जाने से शरीर में सूजन हो जाती है। अगर यह लगातार बनी रहे तो हानिकारक हो सकती है। व्हे प्रोटीन की उच्च खुराक लेने से यह सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) के ब्लड लेवल को कम करता है और सूजन को कम करने में मदद करता है। व्हे प्रोटीन के फायदे सूजन कम करने में इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
(और पढ़ें – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय)
हम सभी जानतें हैं, हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व कैल्शियम होता है। आप इसे कई तरह के खाद्य पदार्थों से प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, प्रोटीन में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए, हड्डियों को मजबूत करने के लिए व्हे प्रोटीन पाउडर का उपयोग किया जा सकता है।
हाई बीपी या उच्च रक्तचाप हृदय रोगों का सबसे बड़ा कारण होता है। स्टडी में पाया गया है कि डेयरी के उत्पाद खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या नहीं होती है। व्हे प्रोटीन ब्लड प्रेशर को कम करने में बहुत ही फायदेमंद होता है, इसलिए व्हे प्रोटीन का उपयोग उच्च रक्तचाप कम करने में किया जा सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि 6 हफ्ते तक कम से कम 22 ग्राम प्रतिदिन व्हे प्रोटीन का सेवन करने से ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारी ठीक हो जाती है। व्हे प्रोटीन में बायो एक्टिव पेप्टाइड होता है जिसे लैक्टोकाइनिन्स कहते हैं और यह उच्च रक्तचाप घटाने के लिए दवा की तरह काम करता है।
(और पढ़े – हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) लक्षण, कारण और बचाव के उपाय)
व्हे प्रोटीन बच्चों के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है और बच्चों में अस्थमा जैसी बीमारियों को दूर करने में फायदेमंद होता है। अस्थमा से पीड़ित 11 बच्चों पर एक स्टडी की गई और उन्हें 10 ग्राम व्हे प्रोटीन एक महीने तक दिन में दो बार दिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि उनका इम्यून सिस्टम पहले से अधिक बेहतर हो गया और बच्चों में अस्थमा के लक्षण भी दूर होने लगे।
(और पढ़ें – अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव)
Whey Protein के बारे में आम धारणा यह है कि इसका उपयोग वजन बढ़ाने के लिए किया जाता है और यह काफी हद तक सही भी है, लेकिन हम आपको इससे आगे भी बताएंगे। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि व्हे प्रोटीन के उपयोग से वजन भी कम किया जा सकता है। इसके सेवन से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है, जो शरीर में ऊर्जा बनाए रखने का काम करता है। यह भूख को शांत रखता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। ध्यान रखें कि वजन कम करने के लिए (Whey Protein For Weight Lose in Hindi) इस प्रोटीन को लेने के साथ-साथ रेगुलर एक्सरसाइज करना भी आवश्यक है।
अधिक प्रोटीन लेने से वजन घटाने में यह बहुत प्रभावी तरीके से काम करता है और यह अन्य तरह की प्रोटीनों की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है। व्हे प्रोटीन का सेवन करने से शरीर की कैलोरी तेजी से घटती है (whey protein for low calori) जिसकी वजह से व्यक्ति का वजन भी कम होने लगता है। अगर आप अपने मोटापे से परेशान हैं तो आपको व्हे प्रोटीन का सेवन तुरंत शुरू कर देना चाहिए।
(और पढ़े – क्या हैं प्रोटीन पाउडर के फायदे)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया की बीमारी हो सकता है। इस मामले में, व्हे प्रोटीन का उपयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। व्हे प्रोटीन में आयरन पाया जाता है, जो एनीमिया की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है।
उम्र के साथ मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में उच्च मात्रा में शरीर को प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। मांसपेशियों को मजबूती देने में प्रोटीन की अहम भूमिका होती है। व्हे प्रोटीन में ल्यूसिन नामक एमीनो एसिड होता है जो इस तरह की समस्या को दूर करता है। व्हे प्रोटीन मांसपेशियों की वृद्धि और उनके बेहतर रखरखाव के लिए बहुत ही फायदेमंद है। बॉडी बिल्डर और एथलीट को प्रोटीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है इसलिए वर्क आउट और ट्रेनिंग के बाद ज्यातातर लोग व्हे प्रोटीन का सेवन करते हैं।
(और पढ़े – जल्दी वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय और मोटा होने के तरीके)
व्हे प्रोटीन पाउडर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है। व्हे प्रोटीन में अमीनो एसिड सिस्टीन होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) को मजबूत करने के लिए ग्लूटाथियोन के स्तर को बढ़ाता है। ग्लूटाथियोन एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट है जो प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करके शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है।
अस्थमा के रोगियों के लिए व्हे प्रोटीन का उपयोग भी फायदेमंद हो सकता है। जैसा कि इस लेख में बताया गया है, व्हे प्रोटीन का उपयोग करके प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार किया जा सकता है। बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली के साथ, हमारे फेफड़े अच्छी तरह से काम करेंगे और व्हे प्रोटीन का सेवन कर अस्थमा से छुटकारा पाया जा सकता है। यहां हम यह स्पष्ट करते हैं कि अस्थमा के संबंध में व्हे प्रोटीन पर वैज्ञानिक अध्ययन अभी कम हुए हैं।
यकृत यानी लीवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यदि इसमें कोई खराबी होती है, तो शरीर को भारी क्षति का सामना करना पड़ सकता है। व्हे प्रोटीन में मौजूद बीटा-लैक्टोग्लोबुलिन और अल्फा-लैक्टलबुमिन (एक प्रकार का प्रोटीन), लिवर की सुरक्षा में सहायता कर सकता है। बीटा-लैक्टोग्लोबुलिन और अल्फा-लैक्टाल्बुमिनजिगर यकृत यानी लीवर को खराब होने से बचाने के लिए काम करते हैं। इसके अलावा, वे ऑक्सीडेटिव तनाव के प्रभाव को कम करके जिगर में सूजन को भी कम कर सकते हैं।
आंखों के लिए व्हे प्रोटीन पाउडर के फायदे हो सकते हैं। प्रोटीन पाउडर में ल्यूटिन (एक प्रकार का विटामिन) होता है, जो हमारी आँख के रेटिना के ऑप्टिकल घनत्व को बढ़ाने के लिए कार्य कर सकता है। इसके साथ ही ल्यूटिन बढ़ती उम्र के साथ आंखों से संबंधित जोखिम को भी कम करता है। इसमें मोतियाबिंद और आंखों की रोशनी कम होना भी शामिल हो सकता है। इस तरह की आँखों की बीमारियों से बचने के लिए व्हे प्रोटीन पाउडर के फायदे लिए जा सकते हैं।
क्या आप जानतें हैं व्हे प्रोटीन कब और कैसे लेना चाहिए, विशेषज्ञ कसरत के तुरंत बाद मांसपेशियों की रिकवरी के लिए व्हे प्रोटीन लेने की सलाह देते हैं, जो सही है। क्योंकि व्यायाम के बाद प्रोटीन लेने के तुरंत बाद मसल्स की रिकवरी शुरू हो जाती है।
वहीं, अगर आप वजन कम करने के लिए व्हे प्रोटीन का सेवन कर रहें हैं, तो इसका सेवन आपको भूख कम करने और कैलोरी की मात्रा कम करने में भी मदद कर सकता है। लेकिन प्रोटीन के सेवन के समय की तुलना में प्रोटीन के सेवन की मात्रा पर ध्यान देना बेहतर है।
एक सामान्य व्यक्ति की दैनिक प्रोटीन की आवश्यकता 0.8 ग्राम / किग्रा है, जिसे हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए लेना चाहिए। लेकिन एक ही समय में एथलीटों और बॉडी बिल्डरों को लगभग 1.6 ग्राम / किग्रा प्रोटीन का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
इसलिए अगर आप रोजाना अपनी जरूरत के मुताबिक 0.8 ग्राम / किग्रा या 1.6 ग्राम / किग्रा व्हे प्रोटीन लेते हैं, तो आपको इसे लेने की टाइमिंग के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। व्हे प्रोटीन को जरूरत के हिसाब से पानी या दूध के साथ लेना चाहिए।
वैज्ञानिकों के अनुसार, मांसपेशियों की वृद्धि और पाचन के लिए रात में सोने से पहले 40 ग्राम तक व्हे प्रोटीन लिया जा सकता है।
कई स्थिति ऐसी होती हैं, जब व्हे प्रोटीन के नुकसान या व्हे प्रोटीन के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। आइये इन्हें विस्तार से जानतें हैं आखिर अधिक मात्रा में व्हे प्रोटीन का सेवन करने या व्हे प्रोटीन पाउडर पीने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
अधिक मात्रा में व्हे प्रोटीन का सेवन करने से किडनी में स्टोन होने की संभावना बनी रहती है। अगर आप पहले से ही इस बीमारी से पीड़ित हों तो व्हे प्रोटीन (whey protein) इस बीमारी को अधिक गंभीर कर सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें व्हे प्रोटीन में अधिक मात्रा में लैक्टोज होता है, अगर आपका पाचन तंत्र गड़बड़ है और आसानी से लैक्टोज को पचा नहीं पाता है तो व्हे प्रोटीन का सेवन करने से पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है।
अधिक मात्रा और दिन में कई बार व्हे प्रोटीन का सेवन करने से लीवर की समस्या भी हो सकती है।
लंबे समय तक व्हे प्रोटीन का सेवन करने से हड्डियों में मिनरल का संतुलन गड़बड़ हो जाता है जिसकी वजह से आपको ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है।
अधिक मात्रा में व्हे प्रोटीन का सेवन करने से इसे सही तरीके से पचने में कठिनाई होती है जिसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है औऱ पेट में ऐंठन, सूजन (bloating), गैस और मरोड़ की परेशानी भी होने लगती है।
व्हे प्रोटीन अधिक लेने से बच्चों को इसे पचाने में परेशानी होती है जिसकी वजह से मल में खून आने लगता है। इसके अलावा व्हे प्रोटीन अधिक लेने से जी मिचलाने और उल्टी की भी समस्या हो सकती है।
आपको व्हे प्रोटीन क्या है और यह कैसे बनता है? व्हे प्रोटीन के फायदे और व्हे प्रोटीन के नुकसान क्या हैं (Whey Protein Benefits, Uses and Side Effects in Hindi) का यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट्स कर जरूर बताएं।
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…