Best Fish To Eat For Health In Hindi: भारत में कई प्रकार की मछलियां पाई जाती है, लेकिन क्या आप जानते है कि हमें कौन सी मछली खानी चाहिए? हम सभी जानते है कि मछली में लगभग सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते है।
यदि आप भी मछली का सेवन करना चाहते है तो आपको यह जानकारी होना बहुत ही जरूरी है कि किस मछली का सेवन करना आपके लिए अधिक फायदेमंद होता है। मछली में विटामिन डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और फैट होता है।
मछली का सेवन करने से यह आपके वजन को नियंत्रित करने, दिल को स्वस्थ्य रखने, मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने, रक्तचाप और मधुमेह जैसी गंभीर समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
आज के इस आर्टिकल में उन मछलियों के नाम दिए गए है जिनको खाना आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद है। आइये जानते है कि हमें कौन सी मछली खानी चाहिए।
टूना नमकीन पानी में पाई जाने वाली एक मछली है, जो मैकेरल परिवार का हिस्सा है। ट्यूना मैकेरल या एसकॉमर्बिड परिवार से संबंधित है। जिसमें बोनिटोस, अल्बकोर और मैकरल्स भी शामिल हैं।
ट्यूना मछली सेलेनियम, विटामिन बी 12, विटामिन बी 6, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन डी, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कोलिन और आयोडीन का अच्छा स्रोत है। इसमें केवल 0.49 ग्राम वसा और लगभग 24 ग्राम प्रोटीन होता है। स्तन कैंसर, हृदय रोग और वजन घटाने के लिए टूना फिश लाभकारी होती है।
(और पढ़ें – टूना मछली के फायदे और नुकसान)
सैल्मन फिश समुद्र और ताजे पानी में पाई जाने वाली मछली की एक प्रजाति है। इसे रावस मछली के नाम से भी जाना जाता है। सालमन एक शब्द साल्मोनिडे (Salmonidae) परिवार से संबंधित है जिसमें ट्राउट, व्हाइटफिश और ग्रेलिंग जैसी प्रजातियां भी शामिल होती हैं।
सालमन या सैल्मन मछली को अनाजों के बाद सबसे पौष्टिक आहारों में शामिल किया जाता है। इस मछली का रंग आमतौर पर गुलाबी होता है।
सैल्मन मछली में टमाइलीसाइड के रूप में ओमेगा-3 जैसे फैटी एसिड के साथ ही विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन बी, जिंक, फॉसफोरस, आयरन और कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में होते हैं। सालमन मछली के स्वास्थ्य लाभों में कैंसर होने से रोकने, चयापचय को बढ़ाने, ह्रदय स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, हड्डी, त्वचा और आंखों का स्वास्थ्य आदि शामिल हैं।
(और पढ़ें – सालमन मछली के फायदे और नुकसान)
रोहू मछली का वैज्ञानिक नाम लेबियो रोहिता (Labeo rohita) है। यह एक हड्डीयुक्त मछली है जो ताजे मीठे जल में पाई जाती है। इसमें प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी पाया जाता है। इस मछली की खास बात यह कि इसमें पारा (Mercury) का लेवल मध्यम मात्रा में होना है इसलिए इसे खाना सुरक्षित माना जाता है।
कतला या भाकुर (Gibelion catla) मछली की प्रजाति भारत, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान की नदियों एवं स्वच्छ जलस्रोतों में पायी जाती है। कतला एक प्रसिद्ध और जल्दी बढ़ने वाली कार्प है। मछली की इस प्रजाति में ओमेगा 3 फैटी एसिड, प्रोटीन, सल्फर और जिंक अच्छी मात्रा में पाया जाता है। कतला मछली का सेवन करना उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद होता है जो लोग वजन को कम करना चाहते है, क्योंकि इसमें बहुत कम मात्रा में कैलोरी पाई जाती है। इसके साथ ही कतला मछली खाने के फायदे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते है।
सिंघाड़ा मछली को अंग्रेजी में कैटफ़िश (Catfish) के नाम से जाना जाता है। इस मछली में प्रोटीन उच्च मात्रा होता है और कैलोरी
कम भी कम मात्रा में पाई जाती है। इसलिए यह उन लोगों के लिए अच्छी है जो लोग वजह कम करना चाहते है। इसमें सेलेनियम, विटामिन बी 12, ओमेगा 3 फैटी एसिड और ओमेगा 6 फैटी एसिड आदि पोषक तत्व पाए जाते है।इसका सेवन करना से मानसिक स्वस्थ में सुधार होता है, हृदय रोग और एनीमिया आदि की समस्या से छुटकारा मिलता है। लेकिन ध्यान रखें की इस मछली में पारा (Mercury) अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए।
पिंक पर्च फिश (pink perch) या रानी मछली में पाई जाती है, जो देखने में गुलाबी रंग की होती है। यह बिना वसा वाली मछली है जो वजन कम करना में आपकी हेल्प कर सकती है। इसके साथ ही रानी मछली में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गर्भवती महिला भी इसके उचित मात्रा में सेवन कर सकती है क्योंकि इसमें पारा कम मात्रा में पाया जाता है।
बांगड़ा जिसको मैकरेल मछली के नाम से भी जाना जाता है। यह इसका अधिक सेवन मध्य भारत और दक्षिण भारत में किया जाता है। यदि मैकरेल फिश के पोषक तत्वों की बात करे तो इसमें ओमेगा 3, विटामिन डी और सेलेनियम आदि अच्छी मात्रा में पाए जाते है। इसके सेवन से हृदय स्वस्थ, रक्तचाप, मस्तिष्क स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य और हार्मोनल संतुलन को बनाये रखने में मदद करता है।
सुरमई मछली को किंग मैकेरल (King mackerel) के नाम से भी जाना जाता है। यह मछली एनीमिया, उच्च रक्तचाप, हड्डियों को मजबूत करने और आंखों की रोशनी बढ़ाने आदि में मदद करती है। सुरमई मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन बी 12 और विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ध्यान रखें की इस मछली में पारा (Mercury) अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए।
बटर फिश को पॉम्फ्रेट मछली के नाम से जाना जाता है। इस मछली का मांस सफ़ेद रंग का होता है क्योंकि यह एक बिना तेल वाली मछली है। यह फिश ख़ाने में अत्यधिक स्वादिष्ट होती है इसलिए इसे भारत में सबसे अधिक पसंद किया जाता है। पॉम्फ्रेट फिश में ओमेगा 3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी 1 और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
(और पढ़ें – मछली के तेल के फायदे और नुकसान)
हेरिंग मछली जिसको हिल्सा फिश के नाम से भी जाना जाता है। यह बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली है। भारत में यह पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और आंध्र प्रदेश राज्यों में सबसे अधिक पायी जाती है। हेरिंग मछली खाना दिल के लिए अधिक फायदेमंद है। इसमें हिल्सा फिश ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसका मांस बहुत से नरम होता है और स्वादिष्ट भी इसलिए यह भारत की सबसे महंगी मछलियों में से एक है।
(और पढ़ें – मछली खाने के फायदे और नुकसान)
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