पाइल्स क्या है? एक इंसान का स्वास्थ पूरी तरह से उसके लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। वह क्या खाता है, क्या पीता है और कैसे रहता है, ये सब अंतत उसके स्वास्थ का फैसला करते हैं। आज समय बदल चुका है, हर कोई बहुत जल्दी में हैं। इंसान लगातार एक से दूसरी जगह भाग ही रहा है और इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में वह अपने स्वास्थ के लिए समय ही नहीं निकाल पाता है। समय न निकाल पाने से तातपर्य है की आज इंसान कोई भी चीज खाने या पीने से पहले उसके बारे में जरा भी नहीं सोचता है की वह चीज उसके हेल्थ के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक। लोग तरह तरह की चीजें खा और पी रहे हैं। खाने पीने की इन सभी चीजों में फास्ट फूड्स, कॉल ड्रिंक्स, सॉफ्ट ड्रिंक, तीखी और मसालेदार चीजें शामिल हैं।
ज्यादा मसालेदार और तीखी चीजें खाने से न जाने कितनी ही बीमारियां जन्म लेती हैं। पाइल्स भी इनमे से एक है। आज लगभग हर किसी को पेट में कब्ज और गैस की शिकायत है। खाना समय पर हजम नहीं होता है और सौच करते समय प्रॉब्लम होती है।
खाना सही से हजम न होने और कब्ज होने की वजह से स्टूल सख्त यानि की टाइट और मोटा हो जाता है जिसकी वजह से स्टूल पास करते समय आपके एनस में प्रेशर पड़ता है। प्रेशर पड़ने की वजह एनस के अंदर और नसों में सूजन, जख्म और मस्से बन जाते हैं जिन्हे हम पाइल्स के नाम से जानते हैं। पाइल्स को चार ग्रेड में बांटा गया है।
पाइल्स एक सामान्य बीमारी है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है। जीवन में भागदौड़ और गलत लाइफ स्टाइल के कारण आप अपनी सेहत और खासकर खाने पीने की चीजों पर ध्यान नहीं देते हैं जिसकी वजह से पाइल्स की समस्या सामने आती है। पाइल्स कई कारणों में शौचालय में लंबे समय तक बैठना, स्टूल पास करते समय जोर लगाना, भोजन में पोषक तत्वों की कमी होना, ज्यादा तेल और मसाले वाली चीजें खाना, ढेर सारी दवाओं का सेवन करना।
कम पानी पीना, अधिक मोटापा होना, प्रेगनेंसी, बुढ़ापा, डायरिया, पुरानी कब्ज, स्टिंग रिस्क, भारी सामान उठाना, अनुवांशिकी के कारण आदि शामिल हैं।
पाइल्स के शुरुआती स्टेज में आपके शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। पाइल्स के दौरान अकसर कब्ज (Constipation in Hindi) की समस्या बनी रहती है। अकसर टांगो के बीच में दर्द बना रहता है। पाइल्स होने के बाद मरीज ज्यादातर पेट से संबंधित समस्याएं होती हैं। यह सभी पाइल्स के प्राथमिक लक्षण हैं। अगर पाइल्स का रोग तीव्र हो जाता है तो ये लक्षण और भी भयावह स्थिति में नजर आने लगते हैं और व्यक्ति के गुदा मार्ग से रक्त का स्राव और मस्से का निर्माण होने लगता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपनी बीमारी की जांच करानी चाहिए और डॉक्टर द्वारा सलाह दी गई दवाओं का सेवन करना चाहिए। इनके अलावा, बार बार शौच की तीव्र इच्छा होना और शौच के दौरान मल त्याग न होना, गुदा मार्ग के आस-पास जलन महसूस होना और लालिमा बना रहना एवं मल त्याग के दौरान म्यूकस का स्रावित होना भी पाइल्स के ही लक्षण हैं।
लेजर सर्जरी एक तरह की सर्जरी है जिसमें लेजर की मदद से टिश्यू को काटकर किसी भी बीमारी को ठीक किया जाता है। यह इलाज का मॉडर्न माध्यम है जो एक सर्जन के द्वारा पूरा किया जाता है। बहुत सी बीमारियों को ठीक करने के लिए इस माध्यम का इस्तेमाल किया जाता। लेजर सर्जरी के दौरान मरीज को कम से कम दर्द और रक्तस्राव होता है। इसमें इंफेक्शन, जख्म या दाग होने का खतरा लगभग ना के बराबर होता है। सर्जरी के बाद मरीज को ठीक होने में बहुत कम समय लगता है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में लेजर सर्जरी को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
पाइल्स एक गंभीर बीमारी है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह दूसरी कई बीमारियों का कारण बन सकती है। अगर आप पाइल्स से पीड़ित हैं तो आपको मात्र 30 मिनट के अंदर इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है। लेजर सर्जरी परफॉर्म करने से पहले सर्जन मरीज की डायगनोसिस करते हैं जिसकी मदद से उन्हें पाइल्स और उसकी स्थिति को समझने में मदद मिलती है।
डायगनोसिस के दौरान सर्जन खून की जांच और आंतरिक पाइल्स का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट द्वारा एक्जामिनेशन करते हैं। बाहरी पाइल्स एनस से बाहर होता है इसलिए सर्जन को इसे समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। जांच करने के बाद मरीज की सर्जरी की जाती है। सर्जरी करने से तुरंत पहले मरीज को लोकल या जेनेरल अनेस्थिसिया देकर उसके एनस के आसपास की जगह को सुन्न कर दिया जाता है फिर सर्जन सर्जरी को परफॉर्म करते हैं। यह सर्जरी 20 से 30 मिनट की प्रक्रिया है जिसमें मरीज को कट, टांके, जख्म और घाव नहीं आते हैं।
सर्जरी के दौरान या बाद में मरीज को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है और साथ दर्द या रक्तश्राव भी नहीं होता है। सर्जरी वाले दिन ही मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है। अगले 48 घंटों के भीतर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है और अपनी डेली रूटीन को फिर से शुरू कर सकता है। सर्जरी के दौरान कट ना लगने, खून ना निकलने और सर्जरी के बाद जख्म न बनने की वजह से मरीज बहुत कम समय में ठीक हो जाता है।
प्रिस्टीन केयर पाइल्स का इलाज बहुत ही आधुनिक चिकित्सा उपकरण के जरिए करते हैं। पाइल्स लेजर सर्जरी प्रिस्टीन केयर के सबसे अनिभावी और कुशल सर्जन के द्वारा की जाती है जिन्होंने लेजर सर्जरी में महारत हासिल कर ली है।
लेजर सर्जरी के फायदे
पाइल्स का बेस्ट इलाज करने के अलावा, पाइल्स की सर्जरी के दिन प्रिस्टीन केयर मरीज को कैब फैसिलिटी देते हैं जो सर्जरी के दिन उन्हें घर से हॉस्पिटल और सर्जरी के बाद हॉस्पिटल से घर वापस छोड़ती है। मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने से पहले उनके लिए एक प्रिस्टीन टीम की तरफ से केयर बड्डी मौजूद रहता है जो इलाज से जुड़े सभी पेपरवर्क को पूरा करता है। साथ ही इलाज के बाद जब तक मरीज हॉस्पिटल में रूकते हैं, केयर बड्डी उनकी देखरेख और सभी जरूरी चीजों का ख्याल रखता है।
दूसरे प्राइवेट हॉस्पिटल की तुलना में प्रिस्टीन केयर के यहां पाइल्स का लेजर सर्जरी द्वारा इलाज बहुत कम खर्चे में किया जाता है। साथ ही साथ यहां जीरो ईएमआई की सुविधा भी उपलब्ध है। प्रिस्टीन केयर सभी डायग्नोस्टिक टेस्ट पर 30% तक की छूट, गोपनीय परामर्श, डीलक्स रूम की सुविधा और सर्जरी के बाद फ्री फॉलो-अप्स की सुविधा भी देते हैं। साथ ही आप 100% इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। अगर आप पाइल्स का इलाज लेजर सर्जरी के जरिए कराना चाहते हैं तो तुरंत प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें।
पाइल्स के शुरुआत में ही इसका इलाज करा लेना चाहिए नहीं तो आगे ये गंभीर रूप ले सकता है। गंभीर रूप लेने की वजह से आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। परेशानिया बढ़ने की वजह से आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होती है। पाइल्स का दर्द और सूजन ज्यादा बढ़ने की स्थिति में आपको अपनी जॉब से छुट्टी लेनी पड़ सकती है और अगर दर्द और सूजन असहनीय हो गये तो आपको अपनी जॉब छोड़नी भी पड़ सकती है। इन सब से बचने का सबसे सही तरिका है पाइल्स का स्थायी रूप से इलाज कराना ताकि यह दोबारा आपको परेशान न करे।
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