अगर आप वर्किंग हैं तो ये खबर आप के लिए खास हो सकती है एक रिपोर्ट में पता चला कि भारत में 63 प्रतिशत कामकाजी पेशेवरों का वजन ज्यादा है। ऐसे समय में जब देश धीरे-धीरे हेल्थी लिविंग के विचार के लिए आंगे बढ़ रहा है, सरकार की हाल ही में शुरू की गई पहल फिट इंडिया मूवमेंट इसका नया उदाहरण हैं, उसी समय एक डरावना सच सामने आया है जिसे आपको जानने की आवश्यकता है। एक अध्ययन के अनुसार, भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करने वाले 63 प्रतिशत कर्मचारी अधिक वजन वाले हैं।
स्टडी
शोधकर्ताओं ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे आईटी, बैंकिंग, मार्केटिंग आदि से भारत में 60,000 कर्मचारियों के खाने की आदतों और उनके एक्टिविटी के स्तर का अध्ययन किया। यह अध्ययन, हेल्दीफाईमी द्वारा संचालित किया गया, जो एक लोकप्रिय हेल्थ और फिटनेस ऐप है।
अध्ययन के परिणाम
साल भर के अध्ययन में पाया गया कि भारत में 63 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर्मचारी अधिक वजन वाले हैं और उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 23 से ऊपर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति का बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच होता है। 25 से ऊपर बीएमआई वाले व्यक्ति को अधिक वजन के रूप में परिभाषित किया जाता है और 30 या उच्चतर बीएमआई वाले लोग मोटे होते हैं।
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मोस्ट एक्टिव और सबसे कम एक्टिव प्रोफेशनल्स
दिलचस्प बात यह है कि स्टडी में यह भी पाया गया कि कंजूमर गुड्स इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग सबसे सक्रिय पेशेवर थे जबकि वित्तीय क्षेत्र के अधिकारी सबसे कम सक्रिय थे। शोधकर्ताओं ने एक दिन में चले गए कदमों की औसत संख्या के आधार पर कर्मचारियों की सक्रियता को मापा। अपने परिणामों के अनुसार, कंजूमर गुड्स इंडस्ट्री के अधिकारियों ने एक दिन में 5,988 औसत कदम चले और वित्तीय क्षेत्र के प्रोफेशनल्स ने सिर्फ एक दिन में 4,969 औसत कदम चले।
वीकेंड्स के दौरान कर्मचारी होते हैं सबसे निष्क्रिय
अध्ययन में देखा गया कि भारत में कॉर्पोरेट कर्मचारी सप्ताहांत के दौरान अधिक निष्क्रिय होते हैं क्योंकि उन दिनों के दौरान वह जिम नहीं जाना सबसे अधिक पसंद करते हैं। इस तथ्य से यह बात सामने आयी कि सप्ताह के दौरान कर्मचारियों की कैलोरी बर्न करने की दर 300 थी, जबकि वीकेंड्स में यह घटकर 250 रह गई।
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ऑफिस में इन एक्टिविटी गंभीर चिंता का विषय
विशेषज्ञों के अनुसार, एक प्रोडक्टिव कर्मचारी होने के लिए, एक व्यक्ति को एक स्वस्थ और सुखी जीवन जीने की आवश्यकता होती है। “यह गंभीर चिंता का विषय है कि पूरे सेक्टर में कई अधिकारी इनएक्टिव और अधिक वजन वाले हैं। एक ओर जहां लोगों का आधा जीवन ऑफिस में बीत जाता है, कॉर्पोरेट इंडिया के लिए कंपनी को अपनी टीमों की फिटनेस की जिम्मेदारी लेने का समय है। इससे न केवल एक फिटर वर्कप्लेस होगा, बल्कि इससे एम्प्लोयी अधिक खुशहाल और अधिक प्रोडक्टिव भी होगें।
ऑफिस में एक्टिव कैसे रहें?
नियमित शारीरिक गतिविधियाँ जैसे पैदल चलना या दौड़ना कुछ ऐसी चीजें हैं जो सभी लोगों को हर दिन करनी चाहिए। हालांकि कुछ लोग ऐसा नहीं कर पाने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम (busy schedule) को दोष दे सकते हैं या कुछ लोग बचपन से ही आलसी होते हैं, लेकिन उनके जीवन के किसी एक बिंदु पर उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसलिए, ऑफिस में हमेशा एक्टिव रहने की सलाह दी जाती है।
यदि कार्यालय में योग या एरोबिक्स जैसे कुछ फिटनेस कार्यक्रम होते हैं, तो कर्मचारियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार, कार्यस्थल में थोड़ा बदलाव भी बहुत मदद करता है, उदाहरण के लिए, लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करना, बाहर के खाने के बजाय दोपहर के भोजन के लिए घर का खाना खाना आदि। याद रखें, स्वास्थ्य ही असली धन है (health is wealth) इसे अनदेखा न करें वरना आपको इसकी महंगी कीमत चुकानी पड़ सकती है!
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