Workout Tips In Hindi आमतौर पर खुद को फिट रखने के लिए ज्यादातर लोग वर्कआउट या एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि वास्तव में वर्कआउट करना किसे कहते हैं। कुछ लोग किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि को वर्कआउट का नाम दे देते हैं तो कुछ लोग घर पर व्यायाम करने को वर्कआउट मान लेते हैं। यदि आपको वर्कआउट के बारे में सही जानकारी नहीं है तो इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि वर्कआउट क्या होता है, वर्कआउट कितनी देर तक करना चाहिए, वर्कआउट के फायदे और नुकसान क्या हैं।
विषय सूची
1. वर्कआउट क्या होता है – What is a Workout in Hindi
2. वर्कआउट और एक्सरसाइज में अंतर क्या है – Difference Between Workout And Exercise in Hindi
3. कितनी देर तक वर्कआउट करना चाहिए – Maximum time for workout in Hindi
4. वर्कआउट के लिए महत्वपूर्ण टिप्स – Workout Tips In Hindi
5. वर्कआउट के फायदे – Workout Benefits In Hindi
6. वर्कआउट के नुकसान – Workout Side Effects in Hindi
वर्कआउट एक विशेष प्रकार का व्यायाम है। वास्तव में यह एक्सरसाइज की एक श्रृंखला है जिसमें आप कई तरह की एक्सरसाइज का अभ्यास एक साथ और बार बार करते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आपको वजन घटाने के लिए वर्कआउट करना है तो आप जिम में वर्कआउट करने जाते हैं क्योंकि वहां सभी उपकरण एक साथ मौजूद होते हैं। माना जाता है कि वर्कआउट सिर्फ 25 प्रतिशत मेहनत और 75 प्रतिशत दृढ़ संकल्प है। इसका अर्थ यह है कि आपको सिर्फ एक भाग ही परिश्रम करना पड़ता है और तीन भाग आत्म अनुशासन यानि नियम से रोजाना जिम जाने की आवश्यकता पड़ती है। एक बार शुरू करने के बाद इसे करना बहुत आसान है।
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वर्कआउट तेज गति से शारीरिक व्यायाम या प्रशिक्षण का एक सत्र है। इसे नियमित करना पड़ता है और इसमें कई तरह की एक्सरसाइज शामिल होती है जैसे पुशअप्स, पुलअप्श, स्क्वैट्स (squats), लंगेस (lunges) इत्यादि। जबकि एक्सरसाइज एक शारीरिक गतिविधि (physical activity) है। सामान्य शब्दों में एक्सरसाइज एक ऐसी क्रिया है जो रोजमर्रा और दैनिक कार्यों के लिए हमारे शरीर को सक्रिय करने में मदद करती है। एक्सरसाइज मांसपेशियों पर बेहतर तरीके से काम करती है।
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आपको प्रतिदिन कितने समय तक वर्कआउट करना चाहिए, यह बात आपकी रिकवरी पीरियड और आपके द्वारा लिए जाने वाले पोषक तत्वों पर निर्भर करता है। वास्तव में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना 30 से 90 मिनट से अधिक वर्कआउट नहीं करना चाहिए। लंबा वर्कआउट करने से शरीर को फायदे की जगह नुकसान अधिक होने लगता है। जिसके कारण आप इंसोमेनिया, भूख की कमी, थकान, महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी सहित कई मानसिक समस्याओं का भी शिकार होने लगते हैं।
वर्कआउट के दौरान हमारी मांसपेशियां ईंधन के लिए कार्बोहाइड्रेट का उपयोग करती हैं, जो आम तौर पर ग्लाइकोजन के रूप में आता है। बार-बार लंबी अवधि के प्रशिक्षण के परिणामस्वरूप बहुत कम ग्लाइकोजन स्टोर हो पाता है और कार्टिसोल निकल जाता है जिससे शरीर के फिटनेस पर इसका प्रभाव पड़ता है।
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वर्कआउट करने वालों के लिए सबसे महत्वपूर्ण टिप्स यह है कि आपको तीव्र गति (High intensity) वर्कआउट करना चाहिए। चाहे आप ट्रेडमिल पर दौड़ रहे हों चाहे पुशअप्स कर रहे हों, लेकिन गति धीमी नहीं होनी चाहिए।
कार्डियो और स्ट्रेंथ वर्कआउट दोनों को मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। इसलिए आप वर्कआउट करते हैं तो आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए।
जब आप वर्कआउट शुरू करें तो पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत डालें। चूंकि शरीर को पानी अवशोषित करने में एक घंटे का समय लगता है इसलिए वर्कआउट शुरू करने से ठीक पहले पानी न पिएं।
शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट ईंधन का काम करता है इसलिए जब आप वर्कआउट शुरू करें तो अपने कार्बोहाइड्रेट इनटेक पर भी ध्यान दें क्योंकि शरीर को एनर्जी इसी से मिलती है।
वर्कआउट नियमित करें और अनुशासन का पालन करें।
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आमतौर पर वर्कआउट आपको कल की तुलना में बेहतर बनाने का काम करता है। यह शरीर को मजबूत बनाता है और मन को शांत रखता है। जब आप नियमित रूप से वर्कआउट करते हैं, तो आपकी समस्याएं कम हो जाती हैं और आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। माना जाता है कि वर्कआउट आलस्य और शिथिलता पर एक व्यक्तिगत जीत है। आइये जानते हैं वर्कआउट करने के क्या फायदे हैं।
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विशेषज्ञों का मानना है कि जिम जाकर नियमित वर्कआउट करने से तनाव कम होता है। वर्कआउट का यह सबसे बड़ा फायदा है। जिम में पसीना बहाने से मस्तिष्क में नोरपाइनफ्रिन( norepinephrine) नामक रसायन की सांद्रता बढ़ती है जिसके कारण मानसिक तनाव कम होता है। इसके अलावा वर्कआउट करने वाले व्यक्ति के अंदर परेशानियों से निपटने की क्षमता विकसित होती है।
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वर्कआउट एक दैनिक अभ्यास है। इसे नियमित करने से शरीर में एंडोर्फिन का स्राव होता है जो खुशी और उत्साह की भावनाएं पैदा करता है। एक स्टडी में पाया गया है कि डिप्रेशन के मरीजों को प्रतिदिन वर्कआउट करने से बड़ा फायदा होता है।
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जिम में रोजाना वर्कआउट करने या ट्रेडमील पर तेजी से चलने से शारीरिक फिटनेस बेहतर होती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। वर्कआउट करने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं और व्यक्ति की ओर आकर्षण भी बढ़ता है।
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मोटापे की समस्या से परेशान लोगों को नियमित रूप से वर्कआउट करने से बहुत फायदा होता है। वर्कआउट करना वजन घटाने और शरीर के सभी हिस्सों से फैट को कम करने में प्रभावी तरीके से काम करता है और शरीर को नया शेप प्रदान करता है। अक्सर देखा जाता है कि मोटापे की समस्या से परेशान ज्यादातर लोग वर्कआउट करने के लिए जाते हैं।
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उम्र बढ़ने पर व्यक्ति के मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और व्यक्ति अल्जाइमर(Alzheimer) नामक रोग के चपेट में आ जाता है। 25 से 45 की उम्र तक प्रतिदिन वर्कआउट करने से मस्तिष्क में अच्छे रसायनों का स्तर बढ़ता है जिससे हिप्पोकैम्पस क्षतिग्रस्त नहीं होता है और व्यक्ति की यादाश्त मजबूत होती है।
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यदि आप नींद की गोलियां खाते हैं तो वर्कआउट करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह मस्तिष्क में कार्टिसोल के स्तर को कम करता है जिसके कारण नींद अच्छी आती है और आपको दवाएं नहीं खानी पड़ती है।
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वर्कआउट करने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि शरीर के एक हिस्से में दर्द शुरू हो जाता है। विशेषरूप से पुशअप्स, पुलअप्स और वार्मअप्स जैसा वर्कआउट करने पर।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि वर्कआउट करने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है क्योंकि इसका अभ्यास करते समय अधिक पसीना निकलता है।
वर्कआउट करने से कभी कभी शरीर की मांसपेशियों में जकड़न, पैरों में ऐंठन या तनाव आदि समस्याएं हो सकती हैं।
जिम में वर्कआउट करते समय आपको उपकरणों से चोट लग सकती है या गलत तरीके से अभ्यास करने के कारण शरीर के अंगों में चोट लग सकती है।
वर्कआउट करने से आपको बहुत अधिक नींद भी आ सकती है।
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