X-Ray in Hindi एक्स-रे एक सामान्य इमेजिंग टेस्ट है, जिसका उपयोग बीमारियों के निदान के लिए दशकों से किया जा रहा है। शरीर में बिना कोई चीरा लगाए डॉक्टर शरीर के अंदर का इमेज आसानी से देख सकते हैं जिससे उन्हें इलाज करने में आसानी होती है। एक्स-रे कराने के फायदों के साथ इसके कुछ हल्के दुष्प्रभाव भी होते हैं। एक्स-रे दर्दरहित होता है लेकिन अलग-अलग प्रकार के एक्स-रे कराने का उद्देश्य भी अलग-अलग होता है। जैसे कि बेरियम एनीमा (barium enema) एक्स-रे, जठरांत्र पथ (gastrointestinal tract) एवं मैमोग्राम (mammogram) एक्स-रे स्तन का परीक्षण करने के लिए किया जाता है।
1. एक्स-रे क्या है – What is X-ray in Hindi
2. एक्स-रे क्यों किया जाता है – Purpose of X-ray in Hindi
3. एक्स-रे करने का तरीका – Procedure of X-Ray in Hindi
4. एक्स-रे कराने के फायदे – X-Ray Benefits in Hindi
5. एक्स-रे कराने की कीमत – X-ray cost in Hindi
6. एक्स-रे कराने के खतरे और सावधानियां – Risks & Side Effects of X-Ray in Hindi
X-Ray शब्द एक्स-रेडिएशन(X-radiation) से लिया गया है। यह विद्युत चुंबकीय विकिरण का रूप है। इसकी तरंगदैर्ध्य गाम किरणों से अधिक लंबी एवं यूवी किरणों से छोटी होती है। ऊर्जा के स्तर के आधार पर एक्स-रे दो प्रकार का होता है। पहला हार्ड एक्स-रे और दूसरा सॉफ्ट एक्स-रे। उच्च ऊर्जा फोटॉन वाले एक्स-रे हार्ड एक्स-रे एवं कम ऊर्जा वाले फोटॉन को सॉफ्ट एक्स-रे कहा जाता है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन (CT scan) और एमआरआई की तरह ही एक इमेजिंग टेक्निक है जिसका उपयोग शरीर के अंदर की संरचना देखने के लिए किया जाता है।
शरीर में विभिन्न समस्याओं के सही निदान (diagnosis) के लिए डॉक्टर आमतौर पर एक्स-रे कराने की सलाह देते हैं। एक्स-रे निम्न कारणों से कराये जाते हैं।
आदि समस्याओं के निदान के लिए एक्स-रे कराया जाता है।
अधिकांशतः एक्स-रे करवाने से पहले किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन एक्स-रे करने से कुछ घंटे पहले डॉक्टर मरीज को कुछ न खाने एवं गहने और धातु (metal) की चीजों को शरीर से उतारने की सलाह देते हैं ।
X-Ray करने के लिए मरीज को एक टेबल पर लिटा दिया जाता है और शरीर के जिस हिस्से का एक्स-रे करना होता है उसके सामने टेबल के ऊपर एक एक्स-रे ट्यूब लटका दिया जाता है। इससे टेबल के दराज के नीचे एक चित्र बनता है। एक्स-रे मशीन शरीर के माध्यम से एक बीम भेजती है। इस बीम को व्यक्ति की कठोर हड्डियां अवरूद्ध (block) कर देती है और एक सफेद फिल्म बनाती हैं। यह विकिरण (radiation) मांसपेशियों एवं वसा जैसी नरम ऊतकों से भी गुजरता है और एक्स-रे पर भूरे रंग का फिल्म बनाता है। इस इमेज में फेफड़ों के अंदर की हवा काली दिखायी देती है।
X-Ray/एक्स-रे के दौरान व्यक्ति को कुछ भी महसूस नहीं होता है लेकिन टेबल पर उसे एक ही स्थिति में लेटे रहने में कठिनाई हो सकती है। टेक्निशियम अलग-अलग एंगल से इमेज लेता है और इस दौरान वह मरीज के शरीर के नीचे तकिया भी लगा सकता है क्योंकि इससे उस एरिया का चित्र बेहतर आता है। इसके अलावा मरीज को सांस रोकने के लिए भी कहा जाता है ताकि चित्र धुंधला (blur) न आये। एक्स-रे चित्र को अधिक स्पष्ट करने के लिए कभी-कभी बेरियम और आयोडिन का भी उपयोग किया जाता है। इस दौरान एक्स-रे मशीन से क्लिक की आवाज आती है और एक्स-रे की पूरी प्रक्रिया कुछ मिनटों में ही पूरी हो जाती है।
X-Ray कराने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि शरीर का कौन सा हिस्सा कितना प्रभावित है, इसका सटीक अंदाजा लग जाता है और इसी निदान के आधार पर डॉक्टर आगे उपचार करते हैं।
आइये जानते हैं एक्स-रे के फायदों के बारे में।
एक्स-रे सस्ती और सामान्य प्रक्रिया है। आमतौर पर एक्स-रे कराने में मरीज को कोई कठिनाई नहीं होती है और यह शरीर के किसी भी हिस्से का इमेज उत्पन्न कर सकता है।
सीटी स्कैन की अपेक्षा एक्स-रे में कम मात्रा में रेडिएशन का प्रयोग किया जाता है।
फ्रैक्चर, चोट, हड्डियों में असामान्यता सहित कई समस्याओं के निदान के लिए यह सटीक एवं स्पष्ट इमेज प्रदान करता है।
एक्स-रे हवा द्वारा बहुत ज्यादा अवशोषित नहीं होता है इसलिए यह शरीर के अंदर की संरचना (structure) का सटीक चित्र बनाता है।
हड्डियों के कैंसर का सही एवं सटीक निदान के लिए एक्स-रे को बहुत फायदेमंद माना जाता है।
X-Ray/एक्स-रे की कीमत 150 रूपये से लेकर 500 रूपये तक है। एक्स-रे की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि शरीर के किस हिस्से का एक्स-रे कराना है। सरकारी अस्पतालों में जहां कम खर्चे पर आसानी से एक्स-रे कराया जा सकता है वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसकी कीमत अलग है। अलग-अलग शहरों के अस्पतालों में एक्स-रे कराने का खर्च भी भिन्न-भिन्न होता है।
शरीर के अंदर मौजूद विकारों के निदान एवं प्रभावित अंग का स्पष्ट चित्र प्राप्त करने के लिए एक्स-रे कराना सबसे सामान्य तरीका है। आमतौर पर किसी बीमारी का इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर एक्स-रे करते हैं। लेकिन एक्स-रे के दौरान यदि सावधानी न बरती जाये तो मरीज के शरीर पर इसका दुष्प्रभाव भी पड़ सकता है।
एक्स-रे के दौरान शरीर के इमेज को उत्पन्न करने के लिए विकिरण का प्रयोग किया जाता है, इसलिए यदि कोई महिला प्रेगनेंट हो तो उसे एक्स-रे नहीं कराना चाहिए क्योंकि यह भ्रूण के लिए अच्छा नहीं होता है और गर्भपात का खतरा (risk) बना रहता है।
यदि हड्डियों में फ्रैक्चर के निदान के लिए एक्स-रे कराया जा रहा हो तो एक्स-रे के दौरान मरीज को दर्द का भी अनुभव हो सकता है।
एक्स-रे में इस्तेमाल होने वाले मैटेरियल के संपर्क में आने से जी मिचलाना, खुजली (itching) हल्का सिरदर्द और एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है।
X-Ray के दौरान कम मात्रा में रेडिएशन का प्रयोग किया जाता है लेकिन बच्चे इस रेडिएशन के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं और इससे उन्हें नुकसान पहुंच सकता है।
एक्स-रे करने से पहले एक्स-रे इमेज पर उस अंग को हाइलाइट करने के लिए बेरियम और आयोडीन नामक लिक्विड लगाया जाता है जिसे कंट्रास्ट मैटेरियल कहते हैं। इसके कारण मरीज को निम्न रक्तचाप की समस्या एवं कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…