Yaddasht Badhane Aur Dimag Tez Karne Ke Upay In Hindi याददाश्त बढ़ाने के उपाय और दवा की आवश्यकता आज सभी को है। क्योंकि लगातार काम करने या कई प्रकार के मानसिक तनाव के कारण हमारी याद रखने की क्षमता में कमी आती जा रही है। अगर आप अपने परिजनों या दोस्तों के जन्म दिन, एनिवर्सरी या फोन नं. आदि याद नहीं रख पा रहे हैं तो सावधान हो जाएं यह आपकी याददाश्त में कमी (Memory loss) की ओर इशारा करते हैं। लेकिन आप अपनी कमजोर याददाश्त को बढ़ाने के लिए कई सरल उपाय कर सकते हैं जैसे व्यायाम (Exercise), अच्छा खाना, तनाव कम करना आदि। इसके अलावा आप याददाश्त बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा का भी उपयोग कर सकते हैं। याददाश्त बढ़ाने की दवा से मतलब आपकी रसोई में उपलब्ध सामग्री जिन्हें आप अपने दैनिक आहार के रूप उपयोग कर सकते हैं।
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विषय सूची
1. याददाश्त बढ़ाने के उपाय – Yaddasht Badhane Ke Upay in Hindi
मेमोरी पावर बढ़ाने के लिए प्रकृति (nature) ने हमे कुछ ऐसे खाद्य आहार दिये हैं जिनका उपयोग तो हम करते हैं। लेकिन इनके फायदे हमे पता नहीं होते हैं। याददाश्त बढ़ाने के उपाय पता न होने के कारण हम इन खाद्य पदार्थों का सही मात्रा में उपभोग नहीं कर पाते हैं। इस लेख में आप जानेगें अपनी याददाश्त बढ़ाने वाले उन खाद्य पदार्थों के बारे में जिनका उपयोग कर आप अपने और अपने बच्चों की याददाश्त को बढ़ा सकते हैं।
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प्रकृति में ऐसे बहुत से पूरक घटर मौजूद हैं जो हमारी याददाश्त को बढ़ाने में हमारी मदद कर सकते हैं। इन्हीं प्रमुख घटको में रोजमेरी भी शामिल है जो याददाश्त बढ़ाने में सहायक होती है। एक बर्तन में 1 चम्मच सूखे रोजमेरी पाउडर (Rosemary powder) को उबालें। यदि आपके पास ताजा रोजमेरी उपलब्ध हो तो इसकी कुछ मात्रा को भी आप इसमें ऊपर से छिड़क सकते हैं। इस मिश्रण को 3-5 मिनिट तक उबलने दें। यदि आपको मीठा पसंद हो तो आप इसमें शहद का उपयोग कर सकते हैं। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप इस मिश्रण को प्रतिदिन पीएं। यह आपकी याददाश्त (memory) बढ़ाने में सहायक होता है।
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फ्लेक्स बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की उपस्थिति होती है, जिसे अल्फा निलोलिक एसिड कहा जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड एक ऐसा घटक है जो रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने के साथ ही उच्च रक्तचाप (hypertension) को नियंत्रित करता है। शरीर में ओमेगा-3 की उपस्थिति मस्तिष्क कोशिकाओं और कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। यदि आपका स्वास्थ्य खराब है या आपकी याददाश्त और एकाग्रता शक्ति (Concentration power) में कमी है। तो आपको नियमित रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए। आप अपने आहार में या फिर सलाद के रूप में अलसी के बीजों का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आप अपने दिमाग को तेज करना चाहते हैं तो इसका अच्छे विकल्प के रूप में आप अखरोट (walnuts) का उपयोग कर सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी ऐसिड की अच्छी मात्रा अखरोट में भी उपलब्ध रहती है। आप अपने सुबह के नाश्ते में अखरोट का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी रक्तवाहिकाओं को स्वस्थ बनाता है जिससे दिल संबंधी समस्याओं को रोका जा सकता है। यह आपके मेमोरी फ़ंक्शन और सीखने की क्षमता में वृद्धि कर सकता है। यह आपके ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है। क्योंकि इसमें विटामिन ई (Vitamin E) भी प्रचुर मात्रा में होता है जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।
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नाशपाती के आकार का एक उष्ण कटिबन्धीय फल जिसे हम एवोकैडो (Avocado) के नाम से जानते हैं। यह एक खाद्य फल है जो बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इस फल में स्वस्थ वसा (Healthy fat) भी मौजूद रहता है जो कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसलिए यदि आप चाहें तो अपने दिमाग को तेज करने के लिए एवोकैडो फल का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि यह मानव शरीर को आवश्यक सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराता है। एवोकैडो के लाभ मस्तिष्क से संबंधित विभिन्न बीमारियां जैसे डिमेंशिया और अल्जाइमर (Dementia and Alzheimer’s) के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। एवोकैडो में ओमेगा-3 फैटी एसिड होने के कारण यह पोटेशियम में भी समृद्ध होता है जो कि आपकी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। आप एवोकैडो (Avocado) का उपयोग सलाद के रूप में भी कर सकते हैं।
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यह एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है जो आपके मस्तिष्क से संबंधित गतिविधियों को सुधारने में मदद करता है। नियमित रूप से जिन्को बाइलोबा का सेवन करने से यह शरीर में रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है और मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है। आप अपनी याददाश्त को बढ़ाने के लिए 40-100 मिली ग्राम तक जिन्को बाइलोगा (Ginkgo Biloba) का सेवन कर सकते हैं।
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यदि आपके शरीर में पानी कमी होती है तो यह आपकी मानसिक क्षमता (mental capacity) को प्रभावित कर सकता है। शरीर मे पानी की कमी के कारण आपको याद रखने की क्षमता और ध्यान केंद्रित करने अस्मर्थता महसूस हो सकती है। यह समस्या विशेष रूप से उन लोगों को हो सकती है जो कि वातानुकूलित वातावरण में काम करते हैं। ऐसे अधिकतर लोग निर्जलित होते हैं। हाइड्रेशन आपकी मेमोरी पावर और एकाग्रता में सुधार करता है। स्वस्थ्य रहने के लिए सामान्य रूप से रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए, इससे आपका दिमाग स्वस्थ्य और बेहतर काम करेगा।
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प्राचीन समय से ही आयुर्वेद में जिनसेंग का उपयोग स्मरण शक्ति (Memory power) को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। शोधाकर्ता भी इस जड़ी-बूटी की याददाश्त बढ़ाने की क्षमता पर अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन आयुर्वेद जानकारों का मानना है कि जिनसेंग आपके दिमाग को तेज बना सकता है। आप अपने बच्चों की स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए जिनसेंग और जिन्को बाइलोबा का उपयोग कर सकते हैं।
जिनसेंग (Ginseng) एक आयुर्वेदिक औषधी है, लेकिन इसे लंबे समय तक लगातार सेवन नहीं करना चाहिए। जिनसेंग का उपभोग आप चक्रीय क्रम में कर सकते हैं। आप इस जड़ी-बूटी का सेवन 2-3 सप्ताह तक लगातार कर सकते हैं। इसके बाद आपको कम से कम 3 सप्ताह का ब्रेक ले और फिर इसका सेवन प्रारंभ कर दें। उचित खुराक के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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प्रकृति ने इस जड़ी-बूटी (Herb) को शायद मानसिक स्वास्थ्य
को बढ़ावा देने के लिए ही बनाया है। यह एक मस्तिष्क टॉनिक के रूप में काम करता है। ब्राम्ही में एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव भी होते हैं। 2008 के एक अध्ययन से पता चलता है कि ब्राम्ही का उपभोग करने से शब्द याद करने की क्षमता में वृद्धि होती है। साथ ही यह अवसाद और चिंता (depression and anxiety) को दूर करने में मदद करता है।ब्राम्ही से निकाले गए 1-2 चम्मच रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें। विकल्प के रूप में आप ब्राम्ही पाउडर का उपयोग 1 कप गर्म पानी के साथ भी कर सकते हैं। इस चाय का आप दिन में 2 बार सेवन करें। यह आपके और विशेष रूप से आपके बच्चों के लिए फायदेमंद होता है।
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ओमेगा-3 फैटी का सबसे अच्छा स्रोत मछली के तेल को माना जाता है। यह स्मृति और संज्ञानात्मक कार्यों (Cognitive functions) में सुधार करने करने में मदद करता है। मछली के तेल में पाए जाने वाले डोकोसाहेक्साएनोइक एसिड (Docosahexaenoic acid) अल्जाइमर रोग से जुड़े मस्तिष्क प्लेक के गठन को रोकने में भी मदद करते हैं। प्रतिदिन कम से कम 600 मिली ग्राम डीएचए युक्त मछली के तेल का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप अपने आहार में सैल्मन (Salmon Fish), हेंरिंग, मैकेरल और सार्डिन जैसी फैटी मछली भी शामिल कर सकते हैं। मछली के तेल की उपयुक्त खुराक के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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आप अपने व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने के लिए दालचीनी का उपयोग करते ही है। लेकिन इसका एक और फायदा यह है कि आप इससे अपनी याद रखने की क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं। यह अवसाद, चिंता, तनाव, अनिद्रा आदि समस्याओं को बहुत ही प्रभावी ढंग से दूर कर सकती है। ये सभी समस्याएं आपकी याददाश्त को कमजोर करने का काम करती हैं। अपनी स्मृति शक्ति को बढ़ाने और इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए दालचीनी (Cinnamon) का नियमित सेवन करना चाहिए। आप मसालों के रूप में उपयोग करने के साथ ही इसकी चाय का भी उपयोग कर सकते हैं। या फिर शहद और दालचीनी के मिश्रण का भी उपभोग कर सकते हैं।
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मेमोरी बूस्टर के रूप में बादाम को जाना जाता है। आप भी बादाम (Almond) का नियमित सेवन करके अपनी याददाश्त बढ़ा सकते हैं। यह विशेष रूप से पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। प्रतिदिन सुबह 5-6 बादाम खाली पेट खाना चाहिए। अच्छे परिणाम के लिए रात में भीगें हुए बादाम का अगली सुबह सेवन करें और 1 गिलास गुनगुना पानी (Lukewarm water) पीएं। यह आपकी मानसिक क्षमता को बढ़ाने का सबसे प्रभावी उपाय है।
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जैसा कि आप अब तक समझ गए होंगे की याददाश्त बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी का उपयोग क्यों किया जाता है। शंखपुष्पी सिरप बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। अगर बच्चों को इसका 3 महीने तक नियमित सेवन कराया जाता है तो यह उनकी याददाश्त में सुधार के साथ साथ सीखने और समझने की क्षमता में वृद्धि कर सकता है। इस प्रकार शंखपुष्पी (Shankhpushpi) का उपयोग याददाश्त बढ़ाने के रूप में किया जाता है।
याददाश्त बढ़ाने के लिए ब्राह्मी, शर्करा, नींबू, शतावरी (Asparagus) और पानी के साथ शंखपुष्पी का उपयोग किया जाता है।
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मस्तिष्क की क्षति को रोकने के लिए आप कलौंजी बीजों का उपयोग कर सकते हैं। कलौंजी बीज में मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क के नुकसान को रोकने में मदद करते हैं। कमजोरा याददाश्त का उपचार करने के लिए कलौंजी बीज बहुत ही अच्छा विकल्प होता है। यह आपके मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ाने और सीखने की क्षमता को गति देते हैं। अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आप कलौंजी बीज (Black Seed) और शहद का नियमित सेवन कर सकते हैं।
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विटामिन सी की अच्छी मात्रा आंवला में होती है। विटामिन सी मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विटामिन सी बहुत ही आवश्यक होता है। एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होने के कारण इंडियन गोसबेरी का नियमित सेवन करने पर यह मस्तिष्क को फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचाता है। इसके अन्य फायदों में चिंता और तनाव आदि का उपचार भी शामिल है। इसलिए स्मृति कार्य को बेहतर बनाने के लिए इंडियन गोसबेरी (Indian gooseberry) के रस का उपयोग किया जाता है।
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फ्री रेडिकल्स के नुकसान से बचने के लिए ग्रीन टी का नियमित सेवन करना चाहिए। क्योंकि ग्रीन टी में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद रहते हैं। ग्रीन टी का उपभोग मुक्त कणों की गतिविधियों से मस्तिष्क कोशिकाओं में नुकसान को रोकने और स्मृति में सुधार करने में मदद करते हैं। आपको अपनी मानसिक स्वास्थ्य के लिए हरी चाय का नियमित सेवन करना चाहिए।
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याददाश्त बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ के रूप में कद्दू के बीजों का उपयोग किया जा सकता है। यह आपकी मेमोरी बढ़ाने में बहुत ही प्रभावी काम कर सकता है। यदि कद्दू के बीजों (Pumpkin seeds) का नियमित सेवन किया जाता है तो यह आपके दिमाग को तेज बनाने और इसकी क्षमता को बढ़ाता है।
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स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से डार्क चॉकलेट (dark chocolate) बहुत ही फायदेमंद होती है। क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है जो कि मस्तिष्क कोशिकाओं के नुकसान को रोकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) आपके पूरे शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए आपको अपनी स्मृति बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से चॉकलेट का सेवन करना चाहिए।
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मानव शरीर में विटामिन डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी के कमी होने के कारण संज्ञानात्मक कार्य में कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन डी की कमी डिमेंशिया (Dementia) के विकास का प्रमुख कारण होता है। इसलिए विटामिन डी से संबंधित परीक्षण कराना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है। विटामिन डी (vitamin D) की कमी आम बात है विशेष रूप से ठंडे वातावरण में रहने वाले लोगों के लिए। इसलिए आपको विटामिन डी पूरक की आवश्यकता है या नहीं इस बात की पुष्टि के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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याददाश्त की कमी का एक कारण आपकी भरपूरन नींद का ना होना भी हो सकता है। अच्छी नींद आपकी याददाश्त को बढ़ाने में सहायक होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अल्पकालिक यादें मजबूत होती हैं और लंबे समय तक याद रखी जा सकती हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नींद की कमी आपकी याददाश्त को कमजोर कर सकती है। एक और अध्ययन में पाया गया कि रात्रि श्फ्टि में काम करने वाली नर्सों ने गणितीय त्रुटियां की जबकि दिन श्फ्टि में काम करने वाली नर्सों रात्रि शिफ्ट वाली नर्सों की अपेक्षा 68 प्रतिशत कम गलतियां की।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सलाह दी जाती है कि वयस्कों को अपने अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन 8-9 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।
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समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम बहुत ही महत्वपूर्ण है। अध्ययनों से पता चलता है कि व्यायाम मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है और बच्चों से लेकर वृद्ध और वयस्कों तक सभी उम्र के लोगों में स्मृति सुधार करने में मदद करता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि व्यायाम न्यूरोप्रोटेक्टीव प्रोटीन के स्राव को बढ़ा सकता है और न्यूरॉन्स के विकास में मदद करता है। जिससे मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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