Nabhi Khisakne Ke Liye Yoga: नाभि खिसकना एक आम समस्या है जो अक्सर लोगों को परेशान करती है। नाभि खिसकने के कई कारण होते है जैसे कि कोई भारी वस्तु या वजन को उठाना, तेज गति से दौड़ना, ऊँची जगह से कूदना, अचानक से झुकना और मानसिक तनाव की वजह से भी नाभि खिसक जाती है।
जब किसी व्यक्ति की नाभि खिसक जाती है तो इसकी वजह से पेट में दर्द, दस्त, जी मिचलाना, घबराहट और शरीर में कमजोरी होना आदि की परेशानी का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक नाभि का खिसका रहना कई प्रकार की गंभीर समस्या का कारण बन जाता है जिसमें बीपी, अनिद्रा, कब्ज, तनाव और लिवर सिरोसिस शामिल हैं।
इस समस्या से छुटकारा पाने और अपनी नाभि को सही स्थान पर लाने में योग आपकी मदद कर सकते हैं। यहाँ पर कुछ योग आसान को करने का तरीका दिया गया है जिनको आप आसानी से घर पर कर सकते है और यह नाभि खिसकने पर, उसे सही जगह पर लाने में मदद करते हैं। आइये उन योगासन को विस्तार से जानते हैं।
नाभि खिसकने के लिए योग – Nabhi Khisakne Ke Liye Yoga
नीचे दिए गए योग आसान को करके आप आसानी से नाभि खिसकने पर उसे अपनी जगह पर वापस ला सकते हैं।
(और पढ़े – योग क्या है योग के प्रकार और फायदे हिंदी में…)
नाभि खिसकने के लिए योग उत्तानपादासन – Nabhi Khisakne Ke Liye Yoga Uttanpadasana
उत्तानपादासन योग बहुत ही फायदेमंद योग आसान है, इस योग से आप नाभि खिसकने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। जो लोग बार-बार नाभि खिसकने की समस्या से परेशान रहते हैं उनको नियमित रूप से उत्तानपादासन योग का अभ्यास करना चाहिए। यह योग पेट की चर्बी को कम करने और पेट तथा पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसके आलावा उत्तानपादासन योग पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और एब्स बनाने में प्रभावी है। आइये इस योग को करने का तरीका जानते हैं।
उत्तानपादासन योग करने का तरीका – Uttanpadasana yoga karne ka tarika
- इस योग को करने के लिए सबसे पहले आप योगा मैट बिछाकर उस पर सीधे लेट जाइये।
- दोनों पैर को पास पास रखें, पैरों के बीच अधिक दूरी नहीं होनी चाहियें।
- दोनों हाथों को सीधा फर्श से चिपका के रखें जिसमें आपकी हथेली नीचे के तरफ जमीन से जुड़ी रहें।
- धीरे धीरे साँस लें औरे अपने दोनों पैरों को ऊपर उठायें, आपको अपने पैर 45 डिग्री के कोण तक उठाना हैं।
- उत्तानपादासन में कुछ लोग अपने पैरों को 60 डिग्री या 90 डिग्री तक उठा सकते हैं।
- पैरों को 45 डिग्री उठाने के बाद इस स्थिति में पैरों को 15 से 20 सेकंड के लिए रोक के रखें।
- शुरूआती स्टार्टिंग में अपने पैरों के केवल कुछ सेकंड के लिए ही ऊपर करें, क्योंकि पैरों को ऊपर रोक के रखने से पेट की मांसपेशियों पर बहुत अधिक दबाव पड़ता हैं, शुरुआत में आपके पेट के की मांसपेशिया पर्याप्त मजबूत नहीं रहती हैं, अभ्यास के साथ आप पैरों को अधिक समय तक ऊपर रख सकते हैं, पैरों को ऊपर उठाने की अवधि को एक सप्ताह के बाद धीरे धीरे बढ़नी चाहियें।
- अभ्यास के कुछ दिन बाद आप पैर को ऊपर रखने की अवधि की एक दो मिनिट तक कर सकते हैं।
- पैरों को उठाते समय ध्यान रखें कि आपके पैर घुटनों के यहाँ से नहीं मुड़ने चाहियें।
- पैरों को ऊपर करने के बाद आपके नीचे पेट में दबाव महसूस होता हैं या पेट की मांसपेशियों में झटका लगता हैं तो इस मुद्रा से वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- अंत में अपनी साँस को बाहर छोड़ते हुये पैरो को नीचे करते जाएँ।
- इसके बाद पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।
- इसे प्रतिदिन 3-4 बार दोहराएं।
नाभि खिसकने पर नौकासन योग – Naukasana Yoga Asana To Cure Navel Displacement In Hindi
नौकासन या नावासन योग खिसकी हुई नाभि को सही जगह पर लाने में मदद करता है। यदि आप नियमित रूप से नौकासन योग करते है तो यह नाभि के अलावा भी और कई प्रकार से लाभदायक होता है, इस योग की मदद से पाचन क्रिया में सुधार होता है और पेट का मोटापा कम किया जा सकता हैं। आप नावासन योग करके पेट, कूल्हे और रीढ़ की मांसपेशियों को भी मजबूत कर सकते हैं। आइये इस योग को करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।
नौकासन योग करने का तरीका – Naukasana yoga karne ka tarika
- नवासना योग करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के अपने दोनों पैरों को अपने सामने सीधा कर के बैठ जाएं या दंडासन में बैठे।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने दोनों हाथों को भी सीधा जमीन पर रखें।
- अब अपने दोनों पैरों को सीधा रखें हुए ऊपर उठायें।
- अगर आपको को उठाते समय संतुलन बनाने में कठिनाई होती हैं और आप संतुलन नहीं बना पा रखें हैं तो आप अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और घुटनों के यहाँ से मोड़ लें।
- अपने दोनों हाथों से जांघों से पकड़े और पैरों को सहारा दें।
- अब अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर सीधे करते जाएं।
- अपने दोनों हाथों को अपने आगे की ओर सीधा रखें और अपनी रीड के हड्डी को सीधा ही रखना हैं।
- इस स्थिति में सिर्फ आपके कूल्हों जमीन पर रहेंगे और पूरा शरीर ऊपर उठा रहेगा।
- अपने कूल्हों पर संतुलन बनाये रखना हैं।
- इस स्थिति में आपके पैरो और शरीर के ऊपरी हिस्से के बीच कमर पर 45 डिग्री का कोण बनेगा।
- आप नावासन में कम से कम शुरुआत में 10 से 20 सेकंड तक रुकें फिर अभ्यास के साथ इस समय को बढ़ाते जाएं
- अब अपनी प्रारंभिक स्थिति में आने के लिए अपने अपने पैरों को नीचे लाएं और साथ में हाथों को भी नीचे लें लाएं।
मंडूकासन योग के लाभ नाभि खिसकने में – Mandukasana yoga ke laabh nabhi khisakne me
नाभि खिसकने पर आप मंडूकासन योग को करें, इस योग को करने से आपके पेट पर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से नाभि अपने सही स्थान पर आ जाता हैं। इसके अलावा जब आप नियमित रूप से मंडूकासन योग को करते है तो गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज आदि की समस्या भी दूर रहती है। बैली फैट को कम करने में भी यह बहुत ही प्रभावी योग आसान हैं। आइये इस योग को करने के तरीका जानते हैं।
मंडूकासन योग करने का तरीका – Mandukasana yoga karne ka tarika
- इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले फर्श पर एक योगा मैट को बिछा के उस पर दोनों पैरों को मोड़ के घुटने टेक के बैठ जाएं।
- मंडूकासन योग करने के लिए आप वज्रासन की मुद्रा में भी बैठ सकते हैं।
- अपने दोनों हाथों को सामने करें और दोनों अंगूठों को हथेली पर रखें।
- अब उंगलिओं से अंगूठे को दबाकर दोनों हाथों की मुट्ठी बंद कर लें।
- दोनों हाथों की मुट्ठी की उँगलियों को आपस में मिलाएं और उनको अपने पेट पर नाभि के पास रखें।
- अब साँस को बाहर छोड़ते हुए मुट्ठी को अपने पेट पर दबाएं और आगें की ओर झुकें।
- जब आप आगे झुकने की स्थिति में हों तो सांस को रोककर रखें और सीधे देखते रहें।
- इस स्थिति में कुछ समय तक रहें (जितना आप कर सकते हैं)।
- फिर श्वास लें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
नाभि खिसकने के उपाय में करें मकरासन – Nabhi khisakne ke upay me kare Makarasana Yogaa
मकरासन योग नाभि खिसकने का अच्छा उपाय है, इसलिए आपको इस योग को करना चाहिए। इसके अलावा भी आप इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, कमर दर्द ठीक होता है, पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है, फेफड़े मजबूत होते है, हाई ब्लड प्रेशर कम होता है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। आइये इस योग आसान को करने के तरीके को विस्तार से जानते हैं।
मकरासन योग करने का तरीका – Makarasana yoga karne ka tarika
- जमीन पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
- पैरों को एकदम सीधे फैलाएं और शरीर को सीधा रखें। शरीर में अधिक तनाव (strech) नहीं होना चाहिए और शरीर को हल्का लचीला भी रख सकते हैं।
- दोनों पैरों के बीच बराबर दूरी बनाए रखें।
- इसके बाद अपने सिर, सीने (chest) और कंधों को हल्का सा जमीन से ऊपर उठाएं।
- दोनों हाथों की कोहनी को मोड़ें और कलाइयों को एक दूसरे के ऊपर इस तरह से रखें कि कोहनी मुड़ी हुई अवस्था में ही रहे।
- इसके बाद हथेलियों को मोड़ने के बाद अपने सिर को इन्हीं हथेलियों के ऊपर टिकाएं और गहरी सांस लेते हुए आंखें बंद रखें।
- दिमाग में अच्छे विचार लाएं और दुनिया के तमाम चीजों को भूलकर आसन पर ध्यान केंद्रित करें और सांस लेते रहें।
- कुछ देर बाद आंखें खोलें और पहले की अवस्था में लौट आएं।
- इस आसन का अभ्यास 10 से 12 बार प्रतिदिन करें।
पवनमुक्तासन योग के फायदे नाभि के खिसकने पर – Pavanamuktasana yoga ke fayde Nabhi khisakne par
आप पवनमुक्तासन योग करके नाभि खिसकने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, यह बहुत ही प्रभावी योग आसान है। इसके अलावा आप पवनमुक्तासन को करके सेहतमंद रह सकते हैं। यह योग पेट की चर्बी, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, किडनी और रीढ़ की हड्डी मज़बूत मजबूत करता है। आइये इस योग को करने की विधि को जानते हैं
पवनमुक्तासन योग करने का तरीका – Pavanamuktasana yoga karne ka tarika
- फर्श पर पेट के बल शवासन पोज़ में आराम से लेट जाइये।
- अपने बाएं घुटने को मोड़िए और जितना संभव हो सके उसे पेट के पास तक ले आइये।
- अब सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसायें और घुटनों के नीचे रखिए और उनकी सहायता से अपने बाएं घुटने से सीने को छूने की कोशिश कीजिए।
- इसके बाद अपना सिर जमीन से ऊपर उठाइये और घुटने से नाक से छूने की कोशिश कीजिए।
- सिर को ऊपर उठाने और नाक को घुटनों से छूने के बाद 10 से 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहिए और धीरे-धीरे सांस छोड़िये।
- अब यही पूरी प्रक्रिया दाएं पैर से भी कीजिए और 3 से 5 बार इस मुद्रा को दोहराइये।
(और पढ़ें – योग की शुरुआत करने के लिए कुछ सरल आसन)
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