Yoga for Digestive System In Hindi आज हम आपको पाचन शक्ति को मजबूत और दुरुस्त बनाने के लिए कुछ योगासनों के बारे में बता रहे हैं। जो पाचन क्रिया को मजबूत कर इम्युनिटी बढ़ाते हैं। पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए योग आसन बहुत ही अच्छा माध्यम हैं। अपच आमतौर पर तब होता है जब आप बहुत अधिक खा लेते हैं, या फिर बहुत सारा तैलीय और मसालेदार भोजन खाते हैं। इसके अलावा धूम्रपान, शराब का सेवन, तनाव और चिंता अपच की समस्या के कुछ प्रमुख कारण हैं। अपच (indigestion) को बदहजमी (Dyspepsia) भी कहा जाता है। कमजोर पाचन शक्ति के सामान्य लक्षणों में पेट में दर्द, सूजन, पेट की गैस और पेट फूलना, उल्टी और पेट का बढ़ना शामिल है।
अपनी जीवनशैली में बदलाव करके आप इस समस्या को दूर कर सकते है, इसके अतिरिक्त आप स्थाई रूप से इस अपच की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लिए योग का सहारा ले सकते हैं। आइये इस योग आसन को विस्तार से जानते हैं जो आपकी पाचन शक्ति को मजबूत करते हैं।
विषय सूची
हम सभी जानते हैं कि योग आसन पीठ दर्द, तनाव से राहत, ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया है। योग आसन करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पड़ता हैं जो की आपके पेट के अंगों की एक प्रकार से मालिश करता हैं। यह मालिश हमारे पेट के पाचन अंगों को उत्तेजित करता हैं जिससे पाचन शक्ति में वृद्धि होती हैं।
पाचन में सुधार के लिए सामान्य रूप से अर्धमत्स्येन्द्रासन योग बहुत सहायक है, इसमें पाचन तंत्र को शुद्ध करने की एक विशिष्ट क्षमता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन योग करने से आपके पाचन तंत्र पर एक कपड़े को मोड़ने के समान प्रभाव पड़ता हैं जो पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकल देता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दायं पैर को बाएं पैर के घुटने के साइड में बाहर की ओर रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें अपने गर्दन कंधे और कमर को दाहिनी ओर घुमा लें। कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहे और फिर यही पूरी प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
(और पढ़े – अर्ध मत्स्येन्द्रासन के फायदे और करने का तरीका…)
पवनमुक्तासन योग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को दूर करता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह मुद्रा पेट से गैस को बाहर करने में मदद करती हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैर को घुटने से मुड़े और घुटने को अपने मुँह की ओर कर लें। अपने कंधों को ऊपर उठायें अपनी नाक से घुटने को छूने का प्रयास करें। इस आसन को आप 10 से 60 सेकंड के लिए करने का प्रयास करें।
(और पढ़े – पवनमुक्तासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
मयूरासन या मयूर पोज़ पाचन में सुधार करता है, आप इस मुद्रा का लगातार अभ्यास करते हैं, तो आप अपनी इच्छानुसार कुछ भी खा सकते हैं और सही पाचन कर सकते हैं। इस आसन के दौरान आप अपने हाथों पर अपने धड़ के वजन को संतुलित करके पाचन अंगों पर दबाव डालते हैं जिससे पाचन अंगों को रक्त की आपूर्ति में कुछ समय के लिए कटौती होगी फिर जब आप मुद्रा को छोड़ते हैं तो बहुत अधिक ताजे ऑक्सीजन युक्त रक्त पाचन अंगों में प्रवाहित होगा जिससे पाचन तंत्र के कार्य में सुधार होगा।
मयूरासन करने के लिए आप किसी स्वच्छ स्थान पर योगा मैट बिछा के घुटनों बल बैठ जाएं। अपने हाथों को जमीन पर रखें और हाथ की उंगली को अपने पैरों की ओर रखना हैं। दोनों घुटनों के बीच में अपने दोनों हाथ रखें और कोहिनी को अपने पेट पर अच्छे सेट करें। अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर फैला के सीधा कर लें। शरीर को आगे की ओर झुकाएं और अपने दोनों हाथों पर शरीर का पूरा वजन रखें। अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में आप कुछ सेकंड के लिए करें।
(और पढ़े – मयूरासन करने की विधि और फायदे…)
उत्तानासन योग मुद्रा आपके रक्त परिसंचरण को तुरंत बढ़ावा देती हैं और पाचन अंगों में रक्त के प्रवाह में सुधार करती हैं। फॉरवर्ड फोल्ड विश्राम और मन की शांति को बढ़ावा देने के लिए बहुत बढ़िया आसन हैं। इस आसन से अपने शरीर के प्रत्येक हिस्से को धीरे-धीरे तनाव मुक्त कर सकते हैं जिसमें आपका पेट भी शामिल है। उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने को ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
(और पढ़े – उत्तानासन (हस्तपादासन) करने का तरीका और फायदे…)
पश्चिमोत्तानासन एक महान पाचन सहायता आसन है। यह आसन पेट के अंगों की मालिश करता है और पेट की चर्बी कम करता है। यह कब्ज दूर करने में मदद करता है और पेट फूलने से राहत देता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपनी सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
(और पढ़े – पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
त्रिकोणासन योग या त्रिभुज मुद्रा IBS, या चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों के लिए महान आसन है। यह पेट के अंगों, विशेष रूप से यकृत और आंतों के मार्ग को सक्रिय करता है। यह आसन पाचन में सुधार करता है और कब्ज को दूर करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर की तरफ झुकें और अपने हाथ को फर्श पर रखें। दूसरे हाथ को ऊपर सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। इस आसन में कुछ सेकंड से एक मिनिट के लिए रहें।
(और पढ़े – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका…)
शवासन योग या लाश मुद्रा पाचन अंगों को ऑक्सीजन प्रदान करता है। यह आसन पाचन और पेट की सफाई के उपचार हेतु आदर्श वातावरण भी बनाता है। इस आसन को “रेस्ट एंड डाइजेस्ट” प्रतिक्रिया के रूप में भी जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है। शवासन मुद्रा का अर्थ सोना नहीं हैं बस आपको ऑंखें बंद रखना हैं।
(और पढ़े – शवासन योग करने के फायदे और तरीका…)
मार्जरासन योग आंतरिक अंगों, विशेष रूप से पेट और आंतों की मालिश करती है जो भारी भोजन या अन्य आंतों की समस्या जैसे दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। इस आसन को बिल्ली और गाय की मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर अपने सिर को सीधा रखें हुयें घुटने टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर तथा अपनी ठोड़ी को ऊपर करें। अब साँस छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठोड़ी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस आसन को कम से कम 5 से 6 बार करें।
और पढ़े –
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…