Yoga for arthritis in Hindi इस लेख में गठिया रोग के लिए योग के बारे में बताया गया है। गठिया (आर्थराइटिस) रोग एक बहुत ही बड़ी समस्या हैं, यह एक गंभीर रोग हैं। इसके कारण आपके शरीर के जोड़ो में सूजन और दर्द होने लगता हैं। कुछ लोग इसे संधिशोथ के नाम से भी बुलाते हैं। अगर आपको यह लगता हैं कि यह रोग केवल दादा-दादी की उम्र में होता हैं तो आप गलत हो सकते हैं क्योंकि यह किसी भी उम्र बच्चें, किशोर, युवा, व्यस्क में भी हो सकता हैं। अगर आप गठिया रोग से ग्रस्त हैं और दवाइयां खा-खा के परेशान हो गए हैं तो आप इसके इलाज के लिए योग को अवश्य करें, इससे आपको लाभ होगा। आइये गठिया के उपचार के लिए कुछ योग आसन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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गठिया रोग जोड़ों में होने वाला एक रोग हैं जिस संधिशोथ नाम से भी जाना हैं, इसके कारण आपको जोड़ों में दर्द और सूजन हो जाती हैं। इसके कारण शरीर की कोमल हड्डी भी टूट सकती हैं, हाथों में छोटी-छोटी गांठ भी हो जाती हैं। इसके कारण सुबह के समय जोड़ो में अधिक दर्द होता हैं और आपकी त्वचा पर लालीपन आ जाता हैं। इसके उपचार के लिए हम आपको कुछ योग बताने जा रहें जिससे आप इसमें आराम पा सकते हैं।
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गठिया रोग के उपचार के लिए हम यहाँ कुछ प्रमुख योग आसन दे रहे हैं जिसका अभ्यास करके आप अपने रोग में आराम पा सकते हैं-
यह आसन उन लोगों के लिए थोड़ा कठिन हो सकता हैं जो अभी योग में नये हैं पर अभ्यास से इसे किया जा सकता हैं। इसे आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। इसके बाद आप अपने दोनों पैरों को घुटने के यहाँ से मोड़ लें और अपने कूल्हों को ऊपर की ओर उठायें। अब अपने दोनों हाथों को अपने कन्धों के पीछे याने सिर के पास जमीन से टिका लें। उसके बाद आप दोनों हाथों पर अपना वजन डालते हुए कन्धों को ऊपर उठायें। इसके बाद अपने दोनों पैरों को घुटनों के यहाँ से धीरे धीरे सीधे करते जाएं साथ में हाथों को भी पूरी तरह से सीधा कर लें।
इसके बाद दोनों पैरों को अपने दोनों हाथों के पास लाने का प्रयास करें जितना आप कर सकते हैं। इस आसन में आपको 20 से 30 सेकंड तक रहना हैं। यह आसन आपकी उंगली के जोड़, कलाई, और कन्धों को मजबूत करता हैं और आपकी छाती और कूल्हों को फैलता हैं।
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बालासन विभिन्न योग आसन में से एक सरल आसन हैं इसमें योग करने वाले की स्थिति एक बच्चे के सामान दिखाई देती हैं। यह आसन पीठ दर्द में भी राहत देता हैं दिमाग को शांत रखता हैं। बालासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी साफ स्थान पर योगा मैट बिछाकर घुटनों के बल बैठ जाएं, इसेक लिए आप वज्रासन में भी बैठ सकते हैं। अपने कूल्हों को अपनी एड़ी पर रखें। साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली रखें यानि उंगलियों को सीधा रखना हैं। अपनी साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुयें शरीर के ऊपर के हिस्से को यानि धड़ को धीरे धीरे जमीन पर झुकाते जाएं और अपने सिर को जमीन पर रख दें।
इस आसन में आपको कम से कम 45 सेकंड से 1 मिनिट तक रुकना हैं। इसके बाद अपने हाथों को नीचे करें और शरीर के ऊपर हिस्से को ऊपर उठाते जाएं, इस प्रकार आप पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएंगे। यह आसन गठिया रोग के लिए लाभ दायक होती हैं।
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इस आसन में व्यक्ति की स्थिति एक कबूतर के समान दिखाई देती हैं, यह आसन आपके शरीर में एक अद्भुत खिंचाव देता हैं। यह योग आपके हिप्स को बड़े करने में भी मदद करता हैं। इसके अलवा यह आसन शरीर के सभी अंगों पर कार्य करता हैं।
इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप एक योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। इसके बाद आप अपने दोनों हाथों को जमीन रखें अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं इस स्थिति में आप मार्जरी आसन के सामान हो जायेगें। इसके बाद अपने बाएं पैर को पीछे की ओर सीधा कर लें और दाएं पैर को घुटने के यह से मोड़े और बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठायें और दोनों हाथों को जोड़ के पीछे की ओर ले जाएं। अब आप इस स्थिति में समय अपनी क्षमता के अनुसार रहें। इस स्थिति से बाहर आने के लिए अपने दोनों हाथों को नीचे ले आयें और जमीन से टिका लें। पीछे के पैर को आगे लाएं। यह आसन करके आप अपने जोड़ों को मजबूत कर सकते हैं।
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कपालभाति योगासन हमारे पेट के अनेक रोगों के लिए एक बहुत ही अच्छा उपचार हैं। जब आप कपालभाति करते हैं तो साँस के साथ 80% हानिकारक तत्व आपके पेट से बहार निकल जाते हैं। यह पाचन की समस्या को खत्म कर देता हैं।
कपालभाति योग आसन को करने के लिए आप पहले किसी स्थान पर योगा मैट बिछा के बैठ जाएं। इसके लिए आप पद्मासन की स्थिति में बैठे और अपनी रीड के हड्डी को सीधा रखें। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। अब एक गहरी साँस को अन्दर की ओर लें। उसके बाद साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुए अपने पेट को अन्दर की ओर जितना अधिक हो सकते हैं खींचे। इसमें आपके पेट की मांसपेशियां पूरी तरह से सिकुड़ जाएगी और नाभि अन्दर की ओर हो जाएगी। फिर साँस को अन्दर लेते हुए अपनें पेट को ढीला करते जाएं। यह क्रिया आपको 1 से 5 मिनिट करना हैं। यह आसन गठिया रोग के इलाज में मदद करेगा।
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गोमुखासन योग गठिया रोग के उपचार के लिए बहुत ही लाभदायक हैं इस आसन में व्यक्ति की स्थिति गाय के मुख के सामान दिखाई देता हैं, यह आसन जांघ और कंधे की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछाकर उस पर सुखासन में बैठ जाएं। अपने दाएं पैर को खिंच के अपने शरीर के पास लाएं फिर अपने बाएं पैर को भी खिंच के दाएं पैर की जांघ के ऊपर से अपने पास लाएं। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर से पीठ पर ले जाएं और बाएं हाथ को कोहनी के यह से मोड़ें के पीठ के पीछे ले जाये और अपने दोनों हाथों को आपस में मिला लें। आप इस स्थिति में कुछ समय तक रहें।
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यह आसन करने वाला बिल्ली के समान दिखाई देता हैं इसलिए इसे कैट पोज़ भी कहते हैं। यह आपकी रीड की हड्डी को लचीला बनता हैं और रक्त के प्रवाह को बढ़ता हैं। इस आसन को करने के लिए आप घुटने टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें, अपने सिर को सीधा रखें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की और अपनी ठोड़ी को ऊपर करें। अब साँस छोड़ते हुए सिर को सीधा करें। इसके बाद फिर से अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठोड़ी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस आसन को पांच से छः बार करें इससे आपको लाभ होगा।
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इस आसन में आप एक पेड़ के समान दिखाई देते हैं। यह आसन आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं अपने दोनों हाथों को जोड़ लें। अब अपने एक पैर को ऊपर कर के दूसरे पैर की जांघ पर रखें। अब इस आसन में अपनी क्षमता के अनुसार रहें और फिर पैर को नीचे करके प्रारंभिक अवस्था में आयें। यह आसन गठिया रोग में मदद करेगा।
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