Yoga for back pain in Hindi जानें पीठ दर्द के लिए योग के प्रकार और करने का तरीका, पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए योगासन बहुत ही लाभदायक माना जाता है। पीठ का दर्द एक असहनीय दर्द होता हैं, इसकी वजह से कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं इसके कारण से आपकी पूरे दिन की योजनाओं पर ताला लग जाता हैं। हमारी रीढ़ की हड्डी किसी न किसी तरह से पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ज़िम्मेदार होती है। यह एक जड़ के समान है जो शरीर को मजबूत करती है और उसे सीधा रखती है।
लेकिन हमारी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण हम में से ज्यादातर लोगों को पीठ दर्द और सायटिका की समस्यांए होती हैं। हर किसी के जीवन में कुछ बिंदुओं पर पीठ दर्द और तनाव का अनुभव होता है और हमें याद आती है कि हमें हमारी पीठ को देखभाल करने की आवश्यकता है। योग के माध्यम से आपके पीठ के दर्द को दूर किया जा सकता है। योग आसन हमारे शरीर के लिए एक चिकित्सक के रूप में कार्य करते है जो कमर दर्द के साथ हमारे मन को शांत करके तनाव को दूर करने में हमारी मदद करते हैं। आइये पीठ दर्द को ठीक करने लिए योगासन को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. पीठ दर्द का कारण – Cause of Back pain in Hindi
2. पीठ दर्द के प्रकार – Type of back pain in Hindi
3. पीठ दर्द के लिए योग – Yoga for back pain in Hindi
पीठ दर्द को ठीक करने के लिए इसके कारण को जनना बहुत ही आवश्यक होता है। पीठ दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं जैसे लम्बे समय तक कंप्यूटर पर कार्य करना, अधिक समय तक असामान्य स्थति में बैठना, किसी भारी वजन को वस्तु को उठाना, लम्बी दूरी तक गाड़ी चलाना आदि। पीट दर्द को ठीक करने का सबसे अच्छा माध्यम योगासन हैं।
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पीठ दर्द के कुछ प्रकार जैसे पीठ के ऊपरी हिस्से का दर्द, पीठ के निचले हिस्से का दर्द, गर्दन के पास का दर्द और टेलबोन का दर्द होते हैं। आइये इनको दूर करने के तरीकों को विस्तार से जानते हैं।
यदि आपकी पीठ के किसी भी हिस्से में एक सामान्य दर्द, जकड़न या अधिक बेचैनी है तो इसके लिए आपको कुछ योगासन करने की सिफारिश की जाती है जो इसमें बहुत ही लाभदायक सिद्ध होते हैं। लेकिन इन्हें करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए। पीठ दर्द के लिए योगासन इस प्रकार हैं-
मार्जरासन करने से आपकी रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लगता है यह खिंचाव हमारी रीढ़ की हड्डी को कोमल मालिश प्रदान करता हैं। इस मुद्रा का अभ्यास करने से आपकी छाती, कंधे और गर्दन में खिंचाव होता है। यह आसन आपके पेट के अंगों की मालिश करने के लिए भी जाना जाता है।
इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर घुटनों को टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। अपने धड को फर्श के समान्तर रखें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर तथा अपनी ठुड्डी को ऊपर करें। इसके बाद साँस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठुड्डी को छाती से लगाने का प्रयास करें। फिर से साँस को छोड़ते हुए अपने सिर को सीधा करें। इस आसन को कम से कम 1 से 3 मिनिट करें।
कलाई और हाथ में दर्द होने पर इस आसन को न करें।
इस आसान के दौरान अपने सिर को बहुत अधिक झुकाने के लिए दबाएं नहीं। जितना झुकता है उतना ही सिर को झुकाएं।
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अधोमुख श्वान आसन का अभ्यास करने से पीठ दर्द और साइटिका से राहत मिलती है। इस आसन का नाम संस्कृत भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ नीचे मुख वाला कुत्ता है। व्यक्ति अधोमुख श्वान आसन में जब आगे झुकता है तो वह एक कुत्ते के समान दिखता है। यह शरीर में असंतुलन को कम करने में मदद करता है और ताकत में सुधार करता है।
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब आगे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे।
दोनों पैरों को हाथों से दूर करें जिससे आपके हाथ और रीढ़ की हड्डी एक सीधी रेखा में आ जाएं। इसमें आपके पैर और सीने के बीच 90 डिग्री का कोण बनेगा। अधोमुख श्वान आसन में रहते हुयें पांच से सात बार साँस लें।
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सलंब भुजंगासन पीठ दर्द को ठीक करने के लिए एक उत्कृष्ट आसन है। यह आसन आपकी रीढ़ और नितंबों को मजबूत करता है। यह आपकी छाती, कंधों और पेट को फैलाता है साथ में तनाव को दूर करने में भी मदद करता है।
इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के पेट के बल लेट जाएं। लोअर हैंड को जमीन पर कंधो से थोड़ा आगे रखें और अपने केवल धड़ को फर्श से ऊपर उठायें। धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करते जाएं और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें कि आपके कूल्हों से नीचे का शरीर जमीन पर ही रहे। इस आसन को आप एक से तीन मिनिट के लिए करें।
(और पढ़े – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका…)
पीठ दर्द में सेतुबंध आसन बहुत ही फायदेमंद होता हैं। यह रीढ़ को फैलाता है, पीठ दर्द से राहत देता है और सिरदर्द को कम करता है। यह आसन हैमस्ट्रिंग, ग्लूटस की मांसपेशियां और मेरुदंड की मांशपेशियों के खिंचाव में बहुत ही लाभदायक होता हैं।
सेतुबंध आसन करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं, अब अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़ें और अपने हिप्स को ऊपर उठायें, अपने दोनों हाथों को पीठ के नीचे आपस में जोड़ लें। इस स्थिति में रहते हुयें 20 बार साँस लें और स्थिति से बाहर आयें, इस क्रिया को आप 3 बार करें आपको पीठ दर्द में लाभ होगा।
(और पढ़े – सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
बालासन पीठ दर्द से छुटकारा दिलाने में बहुत ही लाभकारी आसन हैं। चाइल्ड पोज़ न केवल आराम करने का एक अद्भुत तरीका है बल्कि यह आपकी पूरी पीठ और आपके कूल्हों को भी खींच सकता है। यह आसन आपके कूल्हों, जांघों और एड़ियों को भी फैलाता है। इस मुद्रा का अभ्यास तनाव और थकान को दूर करने में मदद कर सकता है।
इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने हिप्स को अपनी एड़ियों पर रखें, साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली रखें तथा उंगलियों को सीधा रखना हैं।
साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुयें शरीर के ऊपर के हिस्से को को धीरे-धीरे फर्श पर झुकाते जाएं और अपने माथे (सिर) को जमीन पर रख दें। इसमें आपके दोनों हाथ भी फर्श पर सीधे रहेंगे। इस आसन को कम से कम 1 से 3 मिनिट तक करें।
(और पढ़े – बालासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
ऊपरी पीठ दर्द के लिए त्रिकोणासन योग अति उत्कृष्ट आसन हैं। यह आसन सायटिका और गर्दन के दर्द को कम करने में मदद करता है। यह आपकी रीढ़, कूल्हों और कमर को फैलाता है और आपके कंधों, छाती और पैरों को मजबूत बनाता है।
इस आसन को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर की तरफ झुकें और अपने हाथ को फर्श पर रखें। दूसरे हाथ को ऊपर सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। इस आसन में कुछ सेकंड से एक मिनिट के लिए रहें।
(और पढ़े – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका…)
पीठ की मांशपेशियों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए शलभासन बहुत ही लाभदायक आसन हैं। इस आसन का नाम संस्कृत शब्द शलभ से आया है जिसका अर्थ झींगुर है। यह आसन आपके शरीर के पूरे हिस्से को फैलाता है और टोन करता है।
इस आसन को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों और पैर को सीधा फर्श पर रखें। अब अपने धड़ और दोनों पैरो को ऊपर की ओर उठायें। साथ में दोनों हाथों को भी ऊपर उठायें। आप इस मुद्रा में कम से कम 20 सेकंड तक रहने की कोशिश करें।
हृदय रोग से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
यदि गर्दन में कोई मोच आ गई है, तो इस आसन को नहीं करना चाहिए।
थायराइड के रोगियों को बिना ट्रेनर के यह आसन नहीं करना चाहिए।
(और पढ़े – शलभासन करने की विधि और फायदे…)
हलासन योग रीढ़ हड्डी और अपने कंधों को मजबूत करता हैं, इसके अलावा यह अन्य बीमारियों जैसे दमा, कफ, मधुमेह और पाचन सम्बन्धी समस्या को खत्म करता हैं। हलासन में आपके शरीर की स्थिति एक हल के समान दिखाई देती हैं।
इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सीधे हाथ पैर कर के लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर ही रखें रहने दें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर के पीछे की ओर जमीन से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में अपने क्षमता के अनुसार रहें और अपनी प्रारंभिक अवस्था में आयें।
(और पढ़े – हलासन के फायदे और करने का तरीका…)
पवनमुक्तासन करने से व्यक्ति को पीठ और कमर दर्द से राहत मिल सकती है। यह योगासन कूल्हों, कमर, पैरों और उनकी मांसपेशियों को फैलाने में मदद करता है। यह पीठ के निचले हिस्से में दर्द को कम करने के लिए भी जाना जाता है। इस योगाभ्यास को करने से तनाव से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, पवनमुक्तासन के नियमित अभ्यास से जोड़ों की गतिशीलता कम हो जाती है। यह योग अभ्यास और स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित आहार गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके कारण, यह आसन पीठ, कमर और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी लोचदार और मजबूत बनती है। यह रीढ़ की सभी बीमारियों को दूर करने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा, शरीर की वसा को कम करने से मोटापा कम करने में भी मदद मिल सकती है। इसलिए, यह माना जाता है कि इस आसन को करने से पीठ और कमर दर्द से राहत मिल सकती है। एक शोध के अनुसार, महिलाओं द्वारा इस योग को करने से रीढ़ की गतिशीलता में सुधार करने के साथ-साथ पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिली। यह योग रीढ़ की हड्डी के दर्द से राहत दिलाने में भी सहायक माना जाता है। फिलहाल, इस विषय पर और अधिक शोध भी सुझाए गए हैं।
उष्ट्रासन (Ustrasana) और कैमल पोज (Camel pose) भी कमर दर्द से राहत पाने के लिए अच्छे माने जाते हैं। इस योगासन को करने से कमर दर्द को भी कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। वास्तव में, उष्ट्रासन के दौरान, कमर पूरी तरह से फैली होती है, जिससे इसका लचीलापन बढ़ता है और दर्द से राहत मिलती है। यह योगासन मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है।
पीठ और कमर दर्द से राहत पाने के लिए अर्धमत्स्येन्द्रासन भी एक अच्छा योग माना जाता है। पीठ दर्द का सामना करने वाले लोग इस आसन को करने से कमर और पीठ के दर्द को कम कर सकते हैं। यह योगासन रीढ़ की लोच बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी और नसों के कार्य में सुधार करता है। इस आसन को करने से पूरे शरीर में लचीलापन आता है।
इस आसन में आपको एक पैर पर खड़े होकर मन को एकाग्र करना होता है। ऐसा माना जाता है कि वृक्षासन करने से व्यक्ति चिंता से छुटकारा पा सकता है। तनाव को भी दूर किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति तनाव के कारण पीठ और कमर के दर्द से छुटकारा पा सकता है। इस योगासन को करने से रीढ़ को लचीला बनाने में मदद मिलती है, जिसकी मदद से रीढ़ और कमर से संबंधित दर्द को ठीक किया जा सकता है।
धनुरासन पेट के बल किया जाता है। यह आसन पीठ और कमर दर्द के लिए भी एक बहुत प्रभावी आसन माना जाता है। यह रीढ़ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। इसलिए, यह माना जाता है कि इस योगासन को करने से कमर और पीठ का दर्द ठीक हो जाता है।
गरुड़ासन पीठ को लचीला बनाने में मदद कर सकता है। यह एक तरह का स्ट्रेचिंग और शरीर को मजबूत बनाने वाला व्यायाम है। साथ ही, इस योगासन को करने से तनाव से भी राहत मिलती है। इसलिए, गरुड़ासन को पीठ और कमर के दर्द को ठीक करने में मदद करने के लिए जाना जाता है।
बद्धकोणासन तीन शब्दों से बना है। पहला जो बंधे हुए का अर्थ है, दूसरा कोण यानी कोने और तीसरा आसन, जिसका अर्थ है योग मुद्रा। यह पाया गया है कि इस योग को करने वाले लोगों में सेरोटोनिन नामक रसायन के स्तर में वृद्धि होती है। इसकी मदद से, मानसिक और न्यूरोलॉजिकल विकारों जैसे अवसाद आदि में यह योग लाभकारी होता है। इसके साथ ही यह रसायन, जो योग करने से बढ़ता है, दर्द निवारक के रूप में भी काम करता है। यह साइकोसिस के लक्षणों को कम करने के साथ ही पीठ और कमर के दर्द को ठीक करने में मददगार पाया गया है।
बितिलासन दो शब्दों से बना है। बितिला, जिसका अर्थ है गाय और आसनयानी मुद्रा। इस योगासन के दौरान, शरीर गाय की मुद्रा में होता है। यह आसन कैट काऊ पोज यानी मार्जरी आसन के साथ किया जाता है। यह आसन भुजाओं, ऊपरी पीठ, छाती और पेट के किनारों को फैलाने में मदद करता है। यह योगासन पेट की मांसपेशियों और गर्दन और पीठ के दर्द को ठीक करने में मदद कर सकता है। बिटिलसाना भी हाथों, उंगलियों और कलाई को मजबूत कर सकता है।
नोट: इन सभी योगासनों को एक प्रशिक्षित योग ट्रेनर की देखरेख में करें, अन्यथा आपको लाभ के बजाय नुकसान भी हो सकता है।
इस लेख के माध्यम से, आप पीठ और कमर दर्द के लिए योगासन के बारे में जान गए होगें। इनकी मदद से, आप दर्द से राहत पा सकते हैं। पीठ और कमर दर्द का इलाज करने के अलावा, आप अन्य शारीरिक समस्याओं से दूर रहने के लिए भी इन योग को अपना सकते हैं। ध्यान रखें कि योग नियमित रूप से किया जाना चाहिए। यदि आपको कोई दुविधा है, तो आप किसी योग विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते हैं। वहीं, अगर कमर में दर्द ज्यादा है, तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से चेकअप करवाएं और फिर डॉक्टर से पूछकर ही योगासन करें। साथ ही आप अपने सवाल हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से भेज सकते हैं। अपने दोस्तों के साथ इस लेख को शेयर करके, उन्हें जिद्दी पीठ दर्द से राहत पाने में मदद करें।
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