Yoga For Depression In Hindi: डिप्रेशन आज बहुत सारे लोगों के जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। लोग छोटी छोटी वजह से भी डिप्रेशन में चले जाते है। डिप्रेशन से बचने में योग आपकी मदद कर सकता है। आज हम आपको डिप्रेशन के लिये योग के बारे बताएंगे।
जब व्यक्ति किसी वजह से अत्यधिक तनाव लेने लगता है तब वह डिप्रेशन में चला जाता है और अधिकांश लोगों को इसका पता भी नहीं चलता है। पर्याप्त नींद लेना और टेंसन न लेकर भी डिप्रेशन से बचा जा सकता है।
योग और मेडिटेशन आपको इस समस्या से बचा सकते है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको योग फॉर डिप्रेशन एंड एंग्जायोगयटी के बारे विस्तार से जानकारी देगें। यहाँ दिए गए योग आसान को करके आप आसानी से डिप्रेशन से बच सकते है।
डिप्रेशन (Depression) को हिंदी में अवसाद के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का मानसिक विकार (mood disorder) जो मन को दुखी करने वाली भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इसे किसी व्यक्ति की प्रतिदिन की गतिविधियों (कार्यों) में हस्तक्षेप करने वाली उदासी, निराशा या क्रोध की भावनाओं के रूप में समझा जा सकता है।
अवसाद (डिप्रेशन) महसूस करने की क्षमता, सोच और व्यवहार आदि को प्रभावित करता हैं और विभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों में परेशानी हो सकती है।
अवसाद को दूर करने के लिए लंबे समय तक उपचार की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन डिप्रेशन की समस्या से पीड़ित लोग योग की सहायता से बेहतर महसूस कर सकते हैं।
डिप्रेशन में सामान्य तौर पर निम्न लक्षण दिखाई देते है-
आइये अवसाद के नियंत्रण में योग की भूमिका को विस्तार से जानते है।
(और पढ़ें – मन को शांत करने के योग)
बालासन योग आसन बहुत ही सरल योग है, इसे करने वाला व्यक्ति एक छोटे बच्चे के सामान दिखाई देता है। बालासन आपके मस्तिष्क को शांत करने में मदद करता है और तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाता है। इस योग को करते समय आप गुरुत्वाकर्षण बल के विपरीत कार्य करते है जो मानसिक और भावनात्मक राहत दिलाने में सहायक होता है।
बालासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने सिर को झुकाते जाएं और जमीन पर सिर को रखें। अपने दोनों हाथों को सामने की ओर सीधे करके फर्श पर रखें। इस आसन में आप कम से कम 2 से 3 मिनिट रहने का प्रयास करें।
कोबरा पोज़ योग तनाव को कम करके डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है। भुजंगासन योग करने से शरीर में रक्त का प्रवाह सही तरीके से होता है। जिससे मन भी ठीक रहता है और उसे चिड़चिड़ापन या गुस्सा बहुत कम आता है।
कोबरा पोज को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, जिसमें आपकी पीट ऊपर की ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें की आपके कमर से नीचे का शरीर जमीन से ऊपर ना उठे। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
इजी पोज को सुखासन योग के नाम से भी जाना जाता है। सुखासन योग के लाभ आपको शारीरिक और मानसिक रूप से आराम दिलाने में मदद करते हैं। यदि आप मानसिक थकान और तनाव से ग्रसित हैं तो सुखासन एक अच्छा उपाय है। क्योंकि यह न केवल आपके मन शांत करता है बल्कि स्ट्रेस को भी दूर करने
में मदद करता है।सुखासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के बैठ जाएं, अपने पैरों के यहाँ से मोड़ लें एक पैर बाहर की ओर तथा दूसरा पैर अन्दर के ओर रहता हैं। अपने रीढ़ के हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें, आखों को बंद करके ध्यान करें। इस आसन में आप अपनी इच्छा के अनुसार रह सकते हैं।
सेतुबंधासन योग का प्रतिदिन और सही तरीके से अभ्यास करने से डिप्रेशन, स्ट्रेस और चिंता दूर हो जाती है और व्यक्ति का मस्तिष्क शांत रहता है। मन को शांत रखने के लिए सेतुबंधासन काफी लोकप्रिय आसन माना जाता है। माइग्रेन की समस्या को दूर करने में भी यह आसन बहुत सहायक होता है।
सेतुबंधासन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के पीठ के बल यानि सीधे लेट जाएं। इसके बाद अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़े और दोनों पैरों पर वजन डालते हुए अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठायें। अपने दोनों हाथों को पीठ के नीचे ले आयें और उंगली को उंगली में फंसा के दोनों को आपस में जोड़ लें। इस स्थिति में रहते हुए 20 बार साँस लें और आसन को छोड़े।
नियमित रूप से प्रतिदिन हलासन योग को करने से व्यक्ति को तंत्रिका तंत्र से संबंधित दिक्कत नहीं होती है और इसकी वजह से व्यक्ति को तनाव और थकान की समस्या भी कम होती है। यह आसन महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों से भी राहत प्रदान करता है।
अवसाद (डिप्रेशन) में हलासन योग को करने के लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं।
अपने पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं और पैरों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए 180 डिग्री के कोण पर मोड़े जब तक कि आपके पैरों की उंगलियां फर्श से नहीं छू जाती हैं। आपकी पीठ फर्श पर लंबवत होनी चाहिए। इस मुद्रा में होने में शुरू में आपको मुश्किल जरूर होगी लेकिन थोड़े प्रयत्न के बाद आप इसे आसानी से कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आपको अपने गर्दन पर दबाव नहीं डालना है ना ही इससे जमीन की ओर धक्का देना है।
अधोमुख श्वानासन योग करने से दिमाग शांत रहता है और हर तरह की चिंता से मुक्ति मिलती है। इस योग को करने से गर्दन और गर्दन की हड्डी (cervical spine) में खिंचाव उत्पन्न होता है जिसके कारण मस्तिष्क से चिंता दूर हो जाती है और डिप्रेशन से राहत मिलती है।
आप अधोमुख श्वानासन योग करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं और उसके बाद दोनों हाथों को आगे करते हुए नीचे जमीन पर हाथ रखें। इस दौरान आपके घुटने और रीढ़ की हड्डी सीधी होना चाहिए। श्वास छोड़ें और अपने घुटनों को अधोमुख श्वानासन मुद्रा के लिए हल्का सा धनुष के आकार में मो़ड़े और एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाएं। अब आप पूरी तरह अधोमुख श्वानासन मुद्रा में हैं।
उत्तानासन आपके मानसिक तनाव को कम करने और डिप्रेशन से बचने के लिए अच्छा योग हैं, वैसे तो सभी योग अपने तनाव को कम करने में मदद करते हैं यह आपके शरीर की थकान को खत्म करता हैं और अवसाद को कम कर के मन को शांति प्रदान करता हैं।
उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने को ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
शवासन योग शरीर को गहरे मेडिटेशन मुद्रा में लाता है जो ऊतकों एवं कोशिकाओं की मरम्मत करता है और मस्तिष्क से स्ट्रेस को बाहर निकालता है। इस योग आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें।
अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1 से 1.5 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है। शवासन मुद्रा का अर्थ सोना नहीं हैं बस आपको ऑंखें बंद रखना हैं।
(और पढ़ें – तनाव दूर करने के लिए योग)
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