Yoga for Fibroid Treatment in Hindi फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट के लिए योग एक अच्छा उपचार विकल्प है। फाइब्रॉइड महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। लगभग 70% महिलाओं को उनके जीवनकाल में गर्भाशय के भीतर फाइब्रॉएड विकसित होते हैं। गर्भाशय फाइब्रॉएड आपके जीवन को कठिन बना सकता है, जिससे दर्द, गंभीर मासिक धर्म और पेल्विक ऐंठन जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। मेडलाइन प्लस (MedlinePlus) का कहना है कि पांच में से लगभग एक महिला अपने बच्चे के जन्म के वर्षों में गर्भाशय फाइब्रॉएड, एक प्रकार का गैर-कैंसर ट्यूमर विकसित करती है। फाइब्रॉएड को प्राकृतिक रूप से ठीक करने या उन्हें प्राकृतिक तरीकों से रोकने के कई तरीके हैं और इनमें से एक तरीका योग है। आइये फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट के लिए योगासन को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. फाइब्रॉइड के कारण – Fibroid Ke Karan in Hindi
2. फाइब्रॉइड के लक्षण – Fibroid Ke Lakshan in Hindi
3. फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट इन योग – Yoga for Fibroid Treatment in Hindi
गर्भाशय फाइब्रॉइड के मुख्य कारण आज तक पता नहीं चला हैं। फिर भी कुछ शोधों ने इसके कारण बताये हैं जैसे हार्मोनल कारण में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलन बिगड़ना, आनुवांशिक कारण में आपके परिवार में किसी को फाइब्रॉइड है, आयु के कारण से यह 30 वर्ष की आयु के बाद सबसे आम है। आहार के कारण से लाल मांस के सेवन से फाइब्रॉइड होने का खतरा बढ़ जाता है।और अधिक वजन वाली महिलाओं में गर्भाशय फाइब्रॉइड होने की प्रवृत्ति अधिक होती है।
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यदि फाइब्रॉइड बहुत बड़े हैं, तो वे एक बड़ी असुविधा पैदा कर सकते हैं। बिना किसी कारण के दर्द होना, पेशाब करने में कठिनाई होना, कब्ज होना या पेट फूलना, संभोग करते समय दर्द, जांघों के पिछले हिस्से में दर्द, बांझपन आदि फाइब्रॉइड के लक्षण होते हैं।
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फाइब्रॉइड का ट्रीटमेंट योग के द्वारा भी किया जा सकता हैं। आइये इसके लिए कुछ योगासन को विस्तार से जानते हैं-
यदि आप अपने फाइब्रॉइड के लक्षणों के रूप में अधिक मासिक धर्म और दर्द का अनुभव करती हैं तो सुप्त बुद्ध कोणासन आपकी मदद कर सकता है। यह पेट के अंगों, मूत्राशय और गुर्दे को उत्तेजित करने के लिए बहुत अच्छा है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ जगह में बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर को अपनी ओर मोड़ लें और दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं। अब धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और आपकी पीठ को फर्श रखें दें। अपने शरीर के साथ अपने हाथों को आराम दें। आप अपने पैरों और कूल्हों में खिंचाव को गहरा करने के लिए अपनी जांघों पर भी दबा सकते हैं।
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गर्भाशय फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट में आप सुप्त वीरासन योग आसन की सहायता ले सकती हैं यह काफी लाभदायक आसन हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह मुद्रा एक मध्यवर्ती योग आसन है और इसका अभ्यास केवल तभी किया जाना चाहिए जब आप पहले से ही हीरो पोज़ कर सकें। इस आसन में नितंब पैरों के बीच करके फर्श पर बैठते हैं। सुप्त वीरासन के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर घुटने टेक के बैठ जाएं। दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और जोड़ लें। अब पीछे की ओर झुके और फर्श पर लेट जाएं। इसे अपने क्षमता के अनुसार करें और फिर आसन से बाहर आयें।
इस तरह से महिलाएं फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट में सुप्त वीरासन योग का उपयोग कर सकती हैं।
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जानुशीर्षासन योग मन को शांत करता है। यह आसन कठोर पेट के ऊतकों को नरम करता है और फाइब्रॉइड को रोक सकता है। जानुशीर्षासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं।अब अपने दाएं पैर को मोड़ के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें सीधा खड़ा करें।अब अपने ऊपर के शरीर को बाएं पैर की ओर नीचे झुकाएं औरबाएं पैर के पंजें को पकड़ लें।अपने सिर को बाएं पैर के घुटने पर रख लें। इस मुद्रा में रहते हुयें 5 से 10 बार साँस लें।
(और पढ़े – जानुशीर्षासन करने का तरीका और फायदे…)
ऐसा माना जाता है कि यह सर्वांगासन योग पेट को लंबा करने और फाइब्रॉइड को कम करने में मदद करता है।इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैटपर सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा देते हुए उठायें। अपने पैरों को अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर करें। इस स्थिति में आपकी रीड की हड्डी और आपके पैर एक सीधी रेखा में रहनी चाहियें। आपके शरीर का पूरा वजन कन्धों पर होगा और दोनों हाथ पीठ को ऊपर की ओर सीधा रखने में सहायता करेगें। इस आसन में आपको कम से कम 30 सेकंड तक रुकना हैं उसेक बाद पैरों को नीचे करते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आना हैं।
बहुत से स्वास्थ्य सलाहकार भी फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट के लिए योग की सहलाह देते हैं।
(और पढ़े – सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे…)
भारद्वाजासन ट्विस्ट योग रीढ़ को टोन करता है और पेट के अंगों को खोलता है।इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के अपने दोनों पैर को अपने समाने सीधा करके बैठ जाएं। अब अपने बाएं पैर को मोड़ें और उसे बायीं जंग से बाहरी साइड रखें। फिर अपने दाएं पैर को मोड़ें और बाएं जांघ पर रखें। अपने दाएं हाथ को पीठ के पीछे से लेकर दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ लें और बाएं हाथ को दाएं पैर के घुटने के नीचे दबा लें।कुछ देर के बाद यही क्रिया दूसरे पैर से दोहराहएं। फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट में इस योग का उपयोग लाभकारी होता है।
गर्भाशय फाइब्रॉइड ट्रीटमेंट लिए सेतुबंधासन योग बहुत ही अच्छा आसन हैं। यह योग थायरायड के उपचार में भी लाभदायक होता हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सीधे पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों व पैरों के सीधा रखें। अब अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़े और कूल्हों को धीरे-धीरे ऊपर करते जाएं। अपने दोनों हाथों से पैर की एड़ी को स्पर्श करें। इस आसन को आप 10 से 15 सेकंड के लिए करें और फिर से प्रारंभिक स्थिति में आयें। यह आपको 2 से 3 बार करना हैं।
(और पढ़े – सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
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