Yoga For Gas and Acidity in Hindi गैस और एसिडिटी एक बहुत दुखदाई समस्या हैं। हम आपको बता रहें है गैस व एसिडिटी के लिए योग कौन से है जिन्हें आप घर पर करके आसानी से पेट की गैस व एसिडिटी से छुटकारा पा सकते हैं। हम सभी ने अपने जीवन में किसी न किसी समय एसिडिटी की समस्या का सामना किया है। एसिडिटी व्यक्तियों में काफी सामान्य स्थिति है और यह अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों का प्रत्यक्ष परिणाम है। यह एसिड रिफ्लक्स के रूप में भी जाना जाता है। एसिडिटी आपके पेट में बेचैनी और एक अत्यधिक जलन पैदा करती है जहां पानी भी आपके बचाव में नहीं आ सकता है। आइये जानते हैं गैस व एसिडिटी के लिए योग कौन से है जो गैस और एसिडिटी ठीक करने में मदद करते हैं।
1. गैस और एसिडिटी के कारण – Cause of Gas and Acidity in Hindi
2. गैस और एसिडिटी के लक्षण – Symptoms of Gas and Acidity in Hindi
3. गैस और एसिडिटी के लिये योग – Pet Ki Gas Ke Liye Yoga In Hindi
गैस और एसिडिटी के कई साधारण कारण हो सकते हैं। यह हमारे खाना खाने के कारण हो सकता है जो अत्यधिक तैलीय, नमकीन, मसालेदार या मीठा होता है। इसके अलावा कैफीन, तंबाकू और शराब के अत्यधिक सेवन से यह समस्या और अधिक बिगड़ सकती है। एसिडिटी का एक अन्य संभावित कारण खाना खाने के तुरंत बाद सोना हो सकता है।
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एसिडिटी के कई लक्षण हैं जैसे – बेचैनी और दिल की जलन से लेकर मतली और उल्टी और कभी-कभी कब्ज तक की समस्या हो जाती है ये लक्षण दर्दनाक और असुविधाजनक हो सकते हैं। इस अम्लता के प्रभावों को रोकने और उसी से बचने के लिए सबसे सरल उपाय योग आसन हैं। आइये इसके उपचार के लिए कुछ योग आसन को जानते हैं।
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योग के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र मजबूत होता है और सभी अंगों का समुचित कार्य सुनिश्चित होता है। यह शरीर में रक्त के परिसंचरण में भी सुधार करता है, जिससे ताजा ऑक्सीजन और बेहतर पोषक अवशोषण प्राप्त होते हैं। गैस और एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए योग आसन निम्न हैं-
अर्धमत्स्येन्द्रासन एक बहुत ही अच्छा डिटॉक्स (detox) हैं जो हम अपने शरीर को दे सकते हैं। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है बदले में यह आपके पाचन तंत्र को ऑक्सीजन देता है और गैस व एसिडिटी को कम करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दायं पैर को बाएं पैर के घुटने के साइड में बाहर की ओर रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें अपने गर्दन कंधे और कमर को दाहिनी ओर घुमा लें। कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहे और फिर यही पूरी प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
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बालासन पेट में होने वाली गैस और एसिडिटी में बहुत ही लाभदायक है, बालासन एक आपके शरीर को मजबूत करने वाला पोज़ है। यह शरीर की कार्य प्रणाली को आराम देता है और अम्लता से राहत देता है। जब आप इस आसन में होते हैं तो इस आसन द्वारा आपके पेट के अंगों की मालिश और मजबूत किया जाता है।
इस योग आसन को करने के लिए सबसे पहले आप किसी योगा मैट पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने हिप्स को अपनी एड़ियों पर रखें, साँस को अंदर की ओर लें और अपने दोनों हाथों को सीधा ऊपर की ओर रखें, इसमें अपनी हथेली को खुली रखें तथा उंगलियों को सीधा रखना हैं। साँस को बाहर की ओर छोड़ते हुयें शरीर के ऊपर के हिस्से को को धीरे-धीरे फर्श पर झुकाते जाएं और अपने माथे (सिर) को जमीन पर रख दें। इसमें आपके दोनों हाथ भी फर्श पर सीधे रहेंगे। इस आसन को कम से कम 1 से 2 मिनिट तक करें।
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अधोमुख श्वान आसन पेट की गैस व एसिडिटी को खत्म करने में मदद करता हैं। जब आप अधोमुख श्वान आसन करते हैं तो शरीर का वजन भुजाओं और पैरों में स्थानांतरित हो जाता है। यह आसन आपके पेट को ऑक्सीजन देने में भी मदद करता है जो जलन से छुटकारा दिलाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक चटाई पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब नीचे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे, ध्यान रखें दोनों हाथ और रीढ़ की हड्डी एक सीधी रेखा में होनी चाहिए। इस स्थिति में आप एक उल्टे V के समान दिखाई देगें पर इसमें आपके पैर और सीने के बीच 90 डिग्री का कोण बनेगा।
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वारियर-2 या वीरभद्रासन-2 एसिड रिफ्लक्स में राहत के लिए एक शक्तिशाली योग आसन है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और एसिडिटी से राहत दिलाता है। यह सभी अंगों के समुचित कार्य को सुनिश्चित करता है और पेट से संबंधित अन्य समस्याओं का इलाज करता है। वीरभद्रासन-2 करने के लिए आप सबसे पहले एक साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के उस पर दोनों पैरों को 3 से 3.5 फिट फैला लें खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को सीधा जमीन के समान्तर करें और दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमाएं। अपने सिर को भी दाएं पैर की दिशा में घुमाएं और दाएं पैर के घुटने को मोड़ के 90 डिग्री मोड़ लें। इस स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रहें।
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मार्जरासन हमारे पेट में बनने वाली गैस से छुटकारा दिलाने में बहुत ही मददगार हैं। इस आसन का अभ्यास रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और पाचन अंगों की मालिश करता है। इससे आपको एसिडिटी से तुरंत राहत मिलेगी। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर घुटनों को टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। अपने धड़ को फर्श के समान्तर रखें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर तथा अपनी ठुड्डी को ऊपर करें। इसके बाद साँस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठुड्डी को छाती से लगाने का प्रयास करें। फिर से साँस को छोड़ते हुए अपने सिर को सीधा करें। इस आसन को कम से कम 5 से 6 बार करें।
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वज्रासन आपके पेट में बनने वाली गैस और एसिडिटी को ठीक करने में मदद करता हैं। यह मुद्रा पेट और आंत में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है और भोजन को प्रभावी ढंग से पचाने में मदद करती है भले ही आपका पाचन तंत्र कमजोर हो। वज्रासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर घुटने टेक के बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें। इस आसन को 5 से 10 मिनट तक करें। ऐसा आप भोजन के बाद भी कर सकते हैं इससे आपको गैस व एसिडिटी से राहत मिलेगी ।
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कपालभाति प्राणायाम पेट की बीमारी, मोटापा, पाचन विकार और पेट से जुड़ी गैस व एसिडिटी जैसी कई समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखे और ध्यान की मुद्रा में बैठे। साँस अन्दर को ओर ले अब साँस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अन्दर की ओर इस प्रकार खींचे की पेट और पीठ आपस में मिल जाएं। फिर साँस को अन्दर ले ओर पेट को ढीला करें। यह क्रिया फिर से दोहराहएं। कपालभाति प्राणायाम को पांच मिनट तक लगातार दोहराएं।
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