Yoga for heart in Hindi दिल को मजबूत बनाने के लिए योगासन बहुत जरूरी हैं क्योंकि दिल हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शरीर के सबसे व्यस्त हिस्से में से एक है। आप साँस भले ही एक-दो मिनिट के लिए रोक सकते हैं पर दिल अपना काम करना नहीं छोड़ सकता। अगर आप सो भी रहे हैं तो भी दिल अपना काम करता है। इसलिए हमारे दिल को स्वस्थ रखना बहुत ही आवश्यक हैं। आज की जीवन शैली और खान-पान के कारण हमारे दिल में कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। ह्रदय रोग के मुख्य कारण उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रोल और धुम्रपान है। इसके अलावा तनाव, चिंता ख़राब आहार भी आपके ह्रदय से सम्बंधित समस्या का कारण बन सकता है। योग आपके शरीर में लचीलापन को बढ़ाने, मांसपेशियों को मजबूत करने, तनाव से राहत देने, सहनशक्ति को बढ़ाने और अपने शरीर को फिर से जीवंत करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। दिल को मजबूत बनाने के लिए अच्छे आहार के साथ योगासन भी बहुत आवश्यक हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि योग का समग्र ह्रदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइये कुछ आसान योग आसन को जानते है जो आपके दिल को मजबूत बनने के साथ उसे रोग मुक्त रखने में मदद करते हैं।
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योग करना आपके दिल के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है। नवीनतम शोध में पाया गया है कि योग कई तरह से कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य को बढ़ाता है, तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और ह्रदय रोग पैदा करने वाली सूजन को कम करके उच्च रक्तचाप को कम करता है और लाभकारी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह परिसंचरण और फेफड़ों के कार्य को भी बेहतर बनाता है, और यहां तक कि ब्रिस्क वॉकिंग और साइक्लिंग के रूप में प्रभावी रूप से हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। पुरुषों सहित सभी स्तरों के योगियों के लिए यह अच्छी खबर है, जो अब योग करने के फायदे ले सकते हैं। ये योगा पोज़ दिल की सेहत के लिए विशेष रूप से अच्छे हैं।
यहां, हृदय की समस्याओं के लिए योग दिये गए हैं दिल को मजबूत रखने के लिए योगासन निम्न है-
वृक्षासन में व्यक्ति की स्थिति एक वृक्ष के सामान दिखाई देती है। वृक्षासन एक संतुलन की मुद्रा हैं, यह एक सरल आसन हैं और इस आसन को भी आसानी से कर सकता है। वृक्षासन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपने दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर जोड़ लें। अब अपने बाएं पैर को फर्श से उठा कर दाएं पैर की जांघ पर रखें। अब संतुलन बनाये और इस आसन में अपनी क्षमता के अनुसार रहें और फिर पैर को नीचे करके प्रारंभिक अवस्था में आयें। यह आसन आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं, साथ ही यह आपके दिल को मजबूत रखने में मदद करता है।
(और पढ़ें – वृक्षासन के फायदे और करने का तरीका)
ताड़ासन एक संस्कृत भाषा का शब्द है, इसमें “ताडा” का अर्थ “जहाँ” होता हैं। यह मुद्रा आपको एक पहाड़ के सामान स्थिर रहना सिखाती हैं। ताड़ासन करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच आधा से एक फुट की दूरी बना के रखें। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर करें और उंगलियों को आपस में फस लें। इसके बाद अपनों दोनों हथेलियों को घुमा के उल्टा कर लें, जिससे हाथ की हथेलियां असमान की ओर हो जाएं। अब दोनों हाथों और पैरों को ऊपर की ओर खींचे और एड़ियों को ऊपर उठा के पंजों के बल खड़े हो जाएं। ताड़ासन में आप 20-30 सेकंड के लिए रहें। यह आसन आपके पूरे शरीर को एक अच्छा खिंचाव देता है। यह आसन दिल के स्वास्थ के लिए बहुत ही अच्छा है।
(और पढ़ें – ताड़ासन करने के फायदे, सावधानियां और करने का तरीका)
भुजंगासन आपके दिल के लिए बहुत ही फायदेमंद आसन हैं। भुजंगासन को कोबार पोज़ के नाम से भी जाना जाता हैं। भुजंगासन एक बहुत ही सरल आसन हैं। इस आसन में आपकी स्थिति एक कोबरा सांप के सामान दिखाई देती हैं। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के पेट के बल यानि उल्टा लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को फर्श पर कंधो से थोड़ा आगे रखें। अब अपने दोनों हाथों पर आगे का शरीर ऊपर उठायें और धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करते जाएं, अपनी ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें अपने हिप्स से नीचे का शरीर फर्श पर ही रखा रखने दें। भुजंगासन को आप कम से कम 20 से 30 सेकंड तक करें। यह आसन रीढ़ के हड्डी और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं।
(और पढ़ें – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका )
सेतुबंध आसन में आपका शरीर एक ब्रिज के समान दिखाई देता हैं। यह आसन आपको ह्रदय से सम्बंधित रोगों से बचाता हैं। इसके अलावा यह पेट की चर्बी को भी कम करने में मदद करता हैं। सेतुबंध आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के पीठ के बल यानि सीधे लेट जाएं। इसके बाद अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़े और दोनों पैरों पर वजन डालते हुए अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठायें। अपने दोनों हाथों को पीठ के नीचे ले आयें और उंगली को उंगली में फंसा के दोनों को आपस में जोड़ लें। इस स्थिति में रहते हुए 20 बार साँस लें और आसन को छोड़े।
(और पढ़ें – सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां)
वीरभद्रासन की मुद्रा को योद्धा पोस के रूप में भी जाना जाता है। यह आसन आपके शरीर के लिए एक अच्छे व्यायाम के रूप में जाना जाता हैं। वीरभद्रासन करने के लिए आप एक साफ स्थान पर योग मेट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को 3 से 3.5 फिट फैला लें। अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सिर के ऊपर जोड़ लें। इसके बाद अपने दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमाएं। अपने सिर को भी अपने दायं पैर की ओर घुमाएं और फिर अपने दायं पैर को 90 डिग्री मोड़ के अपने सिर को पीछे की ओर झुका दें और ऊपर की ओर देखें। इस स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रहें। फिर से यही पूरी प्रक्रिया दूसरे वाले पैर से करें।
(और पढ़ें – वीरभद्रासन 1 करने का तरीका और लाभ)
पादहस्तासन दो शब्द “पद” और “हस्त” का मेल हैं। इस आसन को करने में आपके हाथ, पैर को छूते हैं। यह आसन आपके दिल के लिए बहुत ही फायदेमंद है। पादहस्तासन ह्रदय में होने होने वाले अनेक प्रकार के रोगों से हमें बचाता हैं। पेट के वजन को कम करने के लिए पादहस्तासन एक अच्छा आसन हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें, अब धीरे-धीरे कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को पकड़ें। इस मुद्रा में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें।
(और पढ़ें – उत्तानासन (हस्तपादासन) करने का तरीका और फायदे)
त्रिकोणासन को करने वाले व्यक्ति की स्थिति एक त्रिकोण के समान दिखाई देती हैं। यह आसन दिल से सम्बंधित सभी प्रकार की समस्या को दूर करने में मदद करता है। यह आसन पैरों को मजबूत करने और पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता हैं।। इस आसन को करने के लिए आप एक स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर की तरफ झुकें और अपने हाथ को फर्श पर रखें। दूसरे हाथ को ऊपर सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। इस आसन में कुछ सेकंड से एक मिनिट के लिए रहें।
(और पढ़ें – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका)
उत्कटासन को चेयर पोज़ के नाम से भी जाना जाता हैं इस आसन को करने वाले की स्थिति एक कुर्सी के सामान दिखाई देती हैं। यह आसन हमारे ह्रदय को मजबूत करने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर लेकर जोड़ लें। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़े और कूल्हों को नीचे लाएं। इस स्थिति में आप एक कुर्सी के समान दिखाई देगें। इस आसन को आप 30 से 60 सेकंड के लिए करें।
(और पढ़ें – उत्कटासन करने का तरीका और फायदे)
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