Yoga for fertility in female in Hindi बांझपन दूर करने के योगासन, महिलाओं में इनफर्टिलिटी (बांझपन) आज एक गंभीर समस्या हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जो महिलाएं फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासन का अभ्यास करती हैं, उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना अन्य महिलाओं से अधिक होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 15 प्रतिशत जोड़े, प्रजनन मुद्दों के लिए मदद चाहते हैं। बांझपन, तनाव और अनियमित जीवनशैली से होने वाली सबसे आम परेशानियों में से एक है।
महिलाओं में फर्टिलिटी के लिए योग बहुत मदद करता है जो अंतःस्रावी और प्रजनन प्रणाली को पोषण, समर्थन और मजबूत करने में मदद करता है। आपका अंतःस्रावी तंत्र उचित हार्मोनल संतुलन के लिए आवश्यक है, योग आपके स्वस्थ अंतःस्रावी के कार्य को बढ़ावा देता है इसके लिए आपको बस उन महत्वपूर्ण योग आसन का उपयोग करना है जो प्रजनन प्रणाली का समर्थन करते है। आइये महिलाओं में इनफर्टिलिटी को दूर करने लिए योगासन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारण – Causes of Infertility in female in Hindi
2. योग कैसे प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) बढ़ाता है – How Does Yoga Increase Fertility in Hindi
3. महिलाओं में इनफर्टिलिटी को दूर करने लिय योगासन – Yoga for infertility in female in Hindi
महिलाओं में इनफर्टिलिटी और बांझपन के कई कारण हैं। इसमें सबसे आम कारण तनाव है जिससे हम रोजमर्रा की जिंदगी से गुजरते हैं। एक शोध से साबित होता है कि तनाव व्यक्ति की प्रजनन क्षमता में एक बड़ी बाधा का काम करता है। इसके अलावा अन्य कारण जैसे आयु, तंबाकू, शराब, भोजन विकार और फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय का क्षतिग्रस्त होना आदि कारण हो सकते हैं।
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जब आप इन महत्वपूर्ण योग का अभ्यास करते हैं तो तनाव कम हो जाता है। जो कि महिलाओं में इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण है। गर्भावस्था के लिए योग आपके शरीर और दिमाग को भी तैयार करता है। हालाँकि इसमें गर्भाधान की गारंटी नहीं है, लेकिन आपके लिए फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासन बेहतर हैं। फर्टिलिटी योग कोई अलग प्रकार का योग नहीं है जो आपके गर्भावस्था की संभावनाओं को बढ़ाता है, बल्कि कुछ विशेष योग और आसनों का एक सेट है जो तनाव के स्तर को कम करने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से साफ करने में मदद करता है। आइये महिलाओं में इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए योगासन को विस्तार से जानते हैं।
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यह योगासन आपके पेल्विक में रक्त का प्रवाह को बढ़ते है। यह हार्मोन पैदा करने वाली ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और मांसपेशियों में बने तनाव को भी मुक्त करते है। आइये जानते है फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासनों के बारे में। इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए योग निम्न हैं-
उत्तानासन को स्टैंडिंग फ़ॉरवर्ड बेंडिंग पोज़ कहा जाता है। यह श्रोणि क्षेत्र और तंत्रिका तंत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। यह रीढ़ को अधिक लचीला बनाता है और उदर क्षेत्र से तनाव मुक्त करता है, जिससे महिला में गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने की ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
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पश्चिमोत्तानासन योग हैमस्ट्रिंग, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों को एक अच्छा खिंचाव देता है। यह महिला प्रजनन अंगों, खासकर गर्भाशय और अंडाशय को भी उत्तेजित करता है। जिससे प्रजनन स्तर में सुधार होता है और तनाव दूर होता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपनी सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
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जानुशीर्षासन निचली पीठ को एक अच्छा खिंचाव देता है। यह पीठ का खिंचाव पीठ को मजबूत करता है। गर्भावस्था के लिए शरीर को तैयार करते समय यह आवश्यक है। यह आसन तनाव मुक्त करने में भी मदद करता है। इसलिए यह प्रजनन क्षमता और फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासन में एक उत्कृष्ट आसन है। जानुशीर्षासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें सीधा खड़ा करें। अब अपने ऊपर के शरीर को बाएं पैर की ओर नीचे झुकाएं और बाएं पैर के पंजें को पकड़ लें। अपने सिर को बाएं पैर के घुटने पर रख लें। इस मुद्रा में रहते हुयें 5 से 10 बार साँस लें।
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बटरफ्लाई पोज़ या बद्ध कोणासन प्रजनन क्षमता के लिए सबसे प्रभावी योगों में से एक है क्योंकि यह कमर, आंतरिक जांघों और घुटनों को बढ़ाता है। यह आसान कमर और कूल्हे के क्षेत्रों में लचीलेपन के स्तर में सुधार करता है। यह सब गर्भवती होने की संभावना को अनुकूल बनाता है और यदि गर्भावस्था में बाद में इस आसन का अभ्यास किया जाता है, तो आपका सुचारू प्रसव भी होना तय है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ जगह में बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर को अपनी ओर मोड़ लें और दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं। अब दोनों हाथों से घुटनों को धीरे-धीरे दबाएँ जिससे दोनों घुटने फर्श पर रख जाएं। इस मुद्रा को आप 2 से 3 मिनिट के लिए करें।
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यह आसन एक विश्राम मुद्रा है। लेकिन जब आप इसका अभ्यास करते हैं, तो आपकी एड़ियों, कूल्हों और जांघों को फैलाया और मजबूत किया जाता है। इस आसान से आपके मस्तिष्क को आराम मिलता है जिससे तनाव और थकान से राहत मिलती है। इससे श्रोणि क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जो आपकी प्रजनन दर को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। इस आसन को करने से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सामान्य हो जाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने सिर को झुकाते जाएं और जमीन पर सिर को रखें। अपने दोनों हाथों को सामने की ओर सीधे करके फर्श पर रखें। इस आसन में आप कम से कम 2 से 3 मिनिट रहने का प्रयास करें।
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जब आप सेतुबंधासन को करते हैं तो आप अपने श्रोणि क्षेत्र को ऊपर उठाते हैं। जब आप इस आसन में होते हैं तो श्रोणि ऊपर की ओर जोर देती है जिससे अंडाशय और गर्भाशय में रक्त परिसंचरण में वृद्धि होती है। यह निश्चित रूप से आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार करता है और आपके गर्भवती होने की संभावना को बढ़ाता है। सेतुबंध आसन करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं, अब अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़ें और अपने हिप्स को ऊपर उठायें, अपने दोनों हाथों को पीठ के नीचे आपस में जोड़ लें। इस स्थिति में रहते हुयें 20 बार साँस लें और स्थिति से बाहर आयें।
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सलंबा सर्वांगासन को जब आप करते हैं तो आप अपने शरीर के वजन को अपने कंधों पर संतुलित करते हैं। यह आसन थायरॉयड ग्रंथि को ट्रिगर करता है क्योंकि उरोस्थि (sternum) थायरॉयड क्षेत्र को दबाता है। इससे श्रोणि और गर्भाशय क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में वृद्धि होती है जिसके कारण प्रजनन दर में सुधार होता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट के सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा देते हुए उठायें। अपने पैरों को अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर करें। इस स्थिति में आपकी रीड की हड्डी और आपके पैर एक सीधी रेखा में रहनी चाहियें।
आपके शरीर का पूरा वजन कन्धों पर होगा और दोनों हाथ पीठ को ऊपर की ओर सीधा रखने में सहायता करेगें। इस आसन में आपको कम से कम 30 सेकंड तक रुकना हैं उसेक बाद पैरों को नीचे करते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आना हैं।
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विपरीता करणी उनके लिए एक महान आसन जो बांझपन की समस्याओं को दूर कर गर्भाधान के अवसरों को बढ़ाना चाहते है। जब आप अपने पैरों को ऊपर उठाते हैं, तो रक्त आपके श्रोणि क्षेत्र में बहता है जिससे आपके बच्चे बनाने वाले हार्मोन में वृद्धि होती है। जब संभोग के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास किया जाता है, तो आपके पास उस महीने गर्भधारण करने की अधिक संभावना होती हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दीवार की ओर पैर करके सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा के दीवार पर रखें और अपनी पीठ को जमींन पर ही रहने दें। इस स्थिति में आपकी कमर पर 90 डिग्री का कोण बनेगा। अपने दोनों हाथों को फर्श पर सीधा रखें।
इस मुद्रा में 5 से 15 मिनट तक बने रहें।
(और पढ़े – विपरीत करणी योग करने का तरीका और फायदे…)
शवासन एक योग निद्रा नामक आसान हैं जो सचेत योग निद्रा को प्रेरित करने में सहायक है। यह आसान शरीर और मन में संतुलन बनाने में सहायता करता है। यह मुद्रा महिलाओं के लिए अन्य प्रजनन योग आसन की अपेक्षा बहुत सरल है, लेकिन यह मन की अवस्था को बढ़ाने और उनके दृष्टिकोण को आशावादी बनाने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। अब इस मुद्रा में आराम करें, इस आसन में आपको सोना नहीं हैं। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है।
(और पढ़े – शवासन योग करने के फायदे और तरीका…)
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