Yoga For Lungs In Hindi फेफड़ों के लिए योग: फेफड़े हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं। फेफड़ों को मजबूत करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण योग अभ्यास है। योग आपके फेफड़ों के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है अपने फेफड़ों को धूम्रपान मुक्त रखने के अलावा एक नियमित व्यायाम उन्हें मजबूत कर सकता। योग ऐसे परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए सबसे सही तरीकों में से एक है जो फेफड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं। योग के माध्यम से आप अपनी शारीरिक शक्ति में सुधार कर सकते हैं और अपनी भावनात्मक ऊर्जा को नियंत्रण में रख सकते हैं।
योग अभ्यास न केवल फेफड़ों के स्वास्थ्य और क्षमता में सुधार करते हैं, बल्कि तनाव, चिंता और अवसाद से छुटकारा दिलाने में भी मदद कर सकते हैं जो कभी-कभी फेफड़ों की बीमारी के साथ होते हैं। आइये अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए योग आसन को जानते हैं।
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यदि आप फेफड़ों की बीमारी जैसे कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा या फेफड़ों के कैंसर से प्रभावित हैं, तो ऐसे मरीजों के लिए व्यायाम एक अच्छा विकल्प हैं, जिन्हें सांस लेने में कठिनाई होती है वो श्वसन चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के मार्गदर्शन में इन योग आसन को कर सकते हैं।
भुजंगासन करने से आपके फेफड़ों को पर्याप्त फैलाव मिलता हैं यह फैलाव आपके शरीर में अधिक ऑक्सीजन ग्रहण करने में आपकी मदद करता हैं जिससे आपके फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। इस आसन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर की ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
(और पढ़े – भुजंगासन के फायदे और करने का तरीका…)
अनुलोम विलोम रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए एक उत्कृष्ट योग अभ्यास है स्वस्थ फेफड़ों के लिए योग अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद हैं। यह प्राणायाम दिल की रुकावटों (heart blockages) को दूर करता है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को भी स्वाभाविक रूप से दूर करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा कर सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं। अब अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठायें और अंगूठे से दाहिने नाके नथुने को बंद करके बाएं नथुने से लम्बी साँस लें अब अपने दाहिने हाथ की अनामिका से बाएं नथुने को बंद करके दाहिने नथुने से साँस को बाहर छोड़े। इस स्थिति में आपका बायां हाथ घुटने पर रहेगा।
(और पढ़े – अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे और करने का तरीका…)
कपालभाति प्राणायाम एक साँस लेने की प्रकिया है जो हमारे श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है। यह वजन को कम करने के लिए कपालभाति एक बहुत ही अच्छा आसन हैं। कपालभाती प्राणायाम पेट की बीमारी, मोटापा, पाचन विकार और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को ठीक करने में बहुत प्रभावी है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखे और ध्यान की मुद्रा में बैठे। साँस अन्दर को ओर ले अब साँस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अन्दर की ओर इस प्रकार खींचे की पेट और पीठ आपस में मिल जाएं। फिर साँस को अन्दर ले ओर पेट को ढीला करें। यह क्रिया फिर से दोहराहएं। कपालभाति प्राणायाम को पांच मिनट तक लगातार दोहराएं।
(और पढ़े – कपालभाति करने का तरीका और लाभ…)
त्रिकोणासन योग मुद्रा तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और फेफड़ों को आसान वायु मार्ग की अनुमति देता है। इस योग मुद्रा की प्रमुख विशेषता है कि यह छाती गुहा का विस्तार करने में मदद करता है, जिससे फेफड़ों का एक अच्छा व्यायाम सुनिश्चित हो जाता है। यह आसान केवल फेफड़े ही नहीं बल्कि आंतरिक जांघों और पेट की मांसपेशियों को खींचने और रीढ़ को मजबूत करने में भी बेहद फायदेमंद है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट पर दोनों पैरों को दूर-दूर करके सीधे खड़े हो जाएं, अपने दाएं पैर के साइड झुकें और अपने हाथ को जमीन पर रखें और दूसरे हाथ को ऊपर करके सीधा करें जिससे दोनों हाथ एक सीधी रेखा में हो जाएं। कुछ देर इस आसन में रहें, अगर आपको जमीन पर हाथ रखने में कठिनाई होती हैं तो आप हाथ को पैर के ऊपर रख सकते हैं।
(और पढ़े – त्रिकोणासन के फायदे और करने का तरीका…)
नौकासन योग आसान छाती का विस्तार करता है और गहरी साँस को प्रोत्साहित करता है जो फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बेहद फायदेमंद है। यह आसन मांसपेशियों, पाचन, रक्त संचार, तंत्रिका और हार्मोनल सिस्टम को उत्तेजित करता है। नौकासन करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठ जाएं, अब दोनों पैरों को सीधा रखें हुए ऊपर की ओर उठायें। अब आप थोड़ा सा पीछे की ओर झुक के संतुलन बनाए और हाथों को अपने आगे की ओर सीधा रखें। इस मुद्रा में आपके पैरों और शरीर के ऊपरी हिस्से के मध्य कमर पर 45 डिग्री का कोण बनना चाहिए। इस आसन में आप अपनी क्षमता के अनुसार कुछ सेकंड करने का प्रयास करें।
(और पढ़े – नावासन (नौकासन) करने का तरीका और फायदे…)
गोमुखासन, योग का एक और हिस्सा जो आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बेहद फायदेमंद है। गोमुखासन विश्राम को प्रेरित करने के लिए उत्कृष्ट आसन है। यह आसन न केवल छाती के क्षेत्र को खोलता है बल्कि पीठ दर्द, थकावट, तनाव और चिंता को कम करता है। इस आसन को करने के लिए आप आप सबसे एक योगा मैट बिछा के सुखासन में बैठ जाएं। अपने दाएं पैर को खिंच के अपने शरीर के पास लाएं फिर अपने बाएं पैर को भी खिंच के दाएं पैर की जांघ के ऊपर से अपने पास लाएं। अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर से पीठ पर ले जाएं और बाएं हाथ को कोहनी के यह से मोड़ें के पीठ के पीछे ले जाये और अपने दोनों हाथों को आपस में मिला लें। आप इस स्थिति में कुछ समय तक रहें।
(और पढ़े – गोमुखासन करने का तरीका और फायदे…)
अर्धमत्स्येन्द्रासन योग आसन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इस आसन के दौरान गहरी सांस फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती है और अंततः श्वसन प्रणाली को मजबूत करती है। यह शरीर में रीढ़ की हड्डी और उत्तेजक ग्रंथियों को फैलाने के लिए बिल्कुल सही आसान है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दायं पैर को बाएं पैर के घुटने के साइड में बाहर की ओर रखें। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें अपने गर्दन कंधे और कमर को दाहिनी ओर घुमा लें। कुछ सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहे और फिर यही पूरी प्रक्रिया दूसरे पैर से करें।
(और पढ़े – अर्ध मत्स्येन्द्रासन के फायदे और करने का तरीका…)
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