Yoga for men in Hindi पुरुषों के लिए योग माहिलाओ के योग से भिन्न होते हैं। पुरुष Y-गुणसूत्र के वाहक होते हैं इसलिए पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा कुछ अलग योग करने की आवश्यकता होती हैं जो उनको अधिक लाभ देते हैं। यह योगासन आपके सेक्स क्षमता में भी वृद्धि करते हैं। अक्सर पुरुष विशेष रूप से कूल्हों, हैमस्ट्रिंग और कंधों में जकड़न से पीड़ित होते हैं, जिससे कमजोरी या अन्य कोई गंभीर समस्या हो सकती है। आज हम पुरुषों के लिए कुछ ऐसे योग आसन के बारे में बात करेंगे जो छाती और कंधों को खोलते हैं और जो पूरे शरीर में मांसपेशियों के निर्माण में मदद करते हैं। योग एक पूर्ण शारीरिक कसरत है जो आपको शक्ति और लचीलापन दोनों देता है। यह एथलेटिक्स क्षमता, मानसिक स्पष्टता और पुरुषों के लिए बहुत कुछ को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए है। आइये इन पुरुषों के लिए योग को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
नीचे कुछ योगासन दिए जा रहें हैं जो पुरुषों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं –
चेयर पोज़ या उत्कटासन पुरुषों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। इसके लिए जिम की आवश्यक नहीं होती है और यह जांघों और पैरों को मजबूत करते हुए पेट की चर्बी को कम करने का काम करता है। इस आसन को नीचे झुक कर एक कुर्सी के समान किया जाता हैं। यह आसन पिंडली और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बहुत ही अच्छा आसन हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले किसी योगा मैट को फर्श पर बिछा कर उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों हाथों को उठाएं और सिर के ऊपर ले जा कर जोड़ लें। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़े और कूल्हों को नीचे लाएं। अपने घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाने का प्रयास करें। इस मुद्रा में आप एक कुर्सी के समान दिखाई देगें। इस आसन को आप 30 से 60 सेकंड के लिए करें।
(और पढ़ें – उत्कटासन करने का तरीका और फायदे)
वीरभद्रासन एक वीर की मुद्रा हैं इसे हम योद्धा पोज़ के नाम से भी जानते हैं। यह आसन आपके शरीर को एक वीर या योद्धा के समान मजबूत बनाने के लिए जाना जाता हैं। यह आसन आपके शरीर के लिए एक अच्छा व्यायाम हैं। वीरभद्रासन योग उन क्षेत्रों में स्थान और गतिशीलता बढ़ाता है जहां पुरुषों को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है-कंधे, कूल्हे और घुटने। यह एक और मुद्रा है जो घुटने के अंदर और आसपास बहुत स्थिरता पैदा करती है, इसलिए उच्च प्रभाव वाले वर्कआउट के लिए स्थिरता बढ़ जाती है।
वीरभद्रासन करने के लिए आप एक साफ स्थान पर योग मेट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच लगभग 3.5 फिट की दूरी रखें। अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को उठा के अपने सिर के ऊपर जोड़ लें। इसके बाद अपने दाएं पैर के पंजे को 90 डिग्री के कोण पर घुमाएं और बाएं पैर के पंजे को 45 डिग्री घुमा लें। इसके बाद अपने सिर को भी अपने दायं पैर की ओर घुमाएं और दाएं घुटने से पैर को मोड़ के जांघ को फर्श के समान्तर आयें। अब अपने सिर को पीछे की ओर झुका दें और आसमान की ओर देखें। इस मुद्रा में आप 40 से 60 सेकंड तक रहें। फिर से यही पूरी क्रिया दूसरे वाले पैर से करें। यह आसन पुरुषों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं।
(और पढ़ें – वीरभद्रासन 1 करने का तरीका और लाभ)
सेतुबंध आसन को अंग्रेजी में ब्रिज पोज़ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इसमें व्यक्ति की स्थिति एक पुल के सामान दिखाई देती हैं। यह पोज़ पुरुषों के लिए बहुत ही लाभकारी है। कई पुरुष इंटरकोस्टल मांसपेशियों और रिब केस के आसपास संयोजी ऊतक से परेशान होते हैं, जो फेफड़ों की क्षमता को सीमित कर सकते हैं। ब्रिज पोज़ छाती को खोलता है और उन तंग मांसपेशियों को मुक्त करता है, जिससे आसानी से साँस लेने में मददमिलती है। समय के साथ, इस मुद्रा का अभ्यास सभी शारीरिक गतिविधियों में प्रदर्शन में सुधार कर सकता है और ऊपरी श्वसन समस्याओं से राहत के लिए सहायक है। यह आसन ह्रदय रोग और पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। सेतुबंध आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के सीधे लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़े और दोनों पैरों पर वजन डालते हुए अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठायें। इस स्थिति में केवल आपके पैर और कंधे दोनों ही फर्श पर रहेंगे। दोनों हाथों को कमर के नीचे ले आयें और उँगलियों को आपस में फंसा के हाथों को जोड़ लें। इस स्थिति में रहते हुए 20 बार साँस लें और फिर आसन को छोड़े।
(और पढ़ें – सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां)
अपवर्ड फेसिंग डॉग पोज़ को ऊर्ध्व मुख श्वानासन के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन भुजंगासन के सामान हैं। यह आसन पुरुषों की छाती को फिलाने, पीठ और हाथों को मजबूत करने में मदद करता हैं। यह आसन उन पुरुषों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं जो व्यायाम करके अपने शरीर को कठोर और मजबूत करना चाहते हैं। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के सीधे लेट जाएं और अपने पैर के तलवे को ऊपर की ओर रखें। अपने दोनों हाथों को फर्श पर कंधो से थोड़ा आगे रखें। अब अपने दोनों हाथों के उँगलियों पर जोर डालते हुयें अपनी छाती को फर्श से ऊपर उठायें और धीरे-धीरे सिर को पीछे के ओर करते जाएं, अपने नीचे के शरीर को जमीन पर ही रखें। अपवर्ड फेसिंग डॉग पोज़ को 20 से 30 सेकंड तक करें।
इस आसन को करने के लिए आपको खड़े रहते हुए आगे की ओर झुकना पड़ता हैं इसलिए इसे स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पोज़ के नाम से जाना जाता है। इस आसन को संस्कृत में उत्तानासन के नाम से भी जाना जाता है यह आसन पैरों, कूल्हों और पीठ को खोलता हैं जो आपको आकर्षक दिखने में मदद करता है। स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड पोज़ को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर सीधा कर लें, अब धीरे-धीरे कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को पकड़ें।
हस्तपादासन मुद्रा में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें।
(और पढ़ें – उत्तानासन (हस्तपादासन) करने का तरीका और फायदे)
नवासना या नौकासन योग कोर (core ) और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने के अलावा थायरॉयड और प्रोस्टेट ग्रंथि के कार्य को बढ़ावा देता है। यह आसन पेट की पाचन क्रिया को सुधारने में भी मदद करता है। इस आसन में व्यक्ति की स्थिति एक नाव के सामान दिखाई देती हैं। नवासना करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठ जाएं, अब दोनों पैरों को सीधा रखें हुए ऊपर की ओर उठायें। अब आप थोड़ा सा पीछे की ओर झुक के संतुलन बनाए और हाथों को अपने आगे की ओर सीधा रखें। इस मुद्रा में आपके पैरों और शरीर के ऊपरी हिस्से के मध्य कमर पर 45 डिग्री का कोण बनेगा। इस मुद्रा को आप अपनी क्षमता के अनुसार कुछ सेकंड करने का प्रयास करें।
(और पढ़ें – नावासन (नौकासन) करने का तरीका और फायदे)
अधोमुख श्वान आसन पुरुषों में रीढ़ हड्डी को मजबूत और लचीला बनाने के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। यह मुद्रा आपके सीने को फैलाती हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ा सा अंतर रखें। अब आगे की ओर झुकते जाएं अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखे। दोनों पैरों को हाथों से दूर करें जिससे आपके हाथ और रीढ़ की हड्डी एक सीधी रेखा में आ जाएं। इसमें आपके पैर और सीने के बीच 90 डिग्री का कोण बनेगा।
अधोमुख श्वान आसन को एक-दो मिनिट के लिए करें।
(और पढ़ें – अधोमुख श्वानासन के फायदे और करने का तरीका)
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