Yoga for Polycystic ovary syndrome (PCOS) in Hindi पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए योग एक प्रभावी उपचार प्रक्रिया हो सकती है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या PCOS एक बीमारी है जिसे अंडाशय में विभिन्न प्रकार के अल्सर के रूप में वर्णित किया गया है। योग का विज्ञान शरीर के ऊपरी स्तर की तुलना में बहुत अधिक सूक्ष्मता और गहरे स्तर पर काम करता है। योग प्रणाली गहराई से संग्रहीत तनाव को छोड़ने में मदद करता है जो पीसीओएस (PCOS) के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। योग तनाव और स्ट्रेस को कम करने का एक महान उपचार है और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का मुख्य कारण तनाव और स्ट्रेस ही है। आइये PCOS की समस्या के उपचार के लिए योगासन को विस्तार से जानते हैं।
विषय सूची
1. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम क्या है – What is PCOS in Hindi
2. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के कारण – Causes of PCOS in Hindi
3. पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए योग – Polycystic ovary syndrome ke liye yoga in Hindi
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या PCOS महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है जो कि अंडाशय में अल्सर के रूप में होती है। पॉलीसिस्टिक अंडाशय सामान्य अंडाशय से बड़े होते हैं। डिम्बग्रंथि रोग होने के कारण पीसीओडी गर्भावस्था, मासिक धर्म, मधुमेह और हृदय समारोह के दौरान समस्याओं का कारण बनता है। आज 5 से 10% महिलाएं इससे प्रभावित है यह हर तीन महिलाओं में से एक को पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या PCOS महसूस होता है यह विशेषकर छोटी आयु वर्ग में अधिक होता हैं।
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पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानि PCOS के कई कारण हो सकते हैं यह रोग माता से उसके वंश में स्थानांतरित होने की संभावना है। इसके मुख्य कारण तनाव और थकान, चिरस्थायी तनाव (Perennial tension), आधुनिक दोषपूर्ण जीवन शैली, चिंता और डिप्रेशन आदि हैं।
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पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक गंभीर समस्या है पर सौभाग्य से पीसीओएस के इलाज के लिए कई प्राकृतिक विकल्प हैं, जिसमें आहार, व्यायाम, एक्यूपंक्चर, और योग शामिल हैं। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम PCOS के लिए कुछ प्रभावी योग आसनों पर नजर डालते हैं।
पीसीओएस उपचार के लिए नाव की मुद्रा या नौकासन योग सबसे फायदेमंद योग में से एक है। यह पेट की चर्बी को कम करने का सबसे अच्छा तरीका भी है। यह प्रजनन अंगों में उचित रक्त प्रवाह और अंडाशय के समुचित कार्य को सुनिश्चित करता है। नौकासन योग करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को अपने सामने सीधा करके बैठ जाएं, अब दोनों पैरों को सीधा रखें हुए ऊपर की ओर उठायें। अब आप थोड़ा सा पीछे की ओर झुक के संतुलन बनाए और हाथों को अपने आगे की ओर सीधा रखें। इस मुद्रा में आपके पैरों और शरीर के ऊपरी हिस्से के मध्य कमर पर 45 डिग्री का कोण बनना चाहिए। इस आसन में आप अपनी क्षमता के अनुसार कुछ सेकंड करने का प्रयास करें।
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पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए योग कपालभाति प्राणायाम बहुत ही लाभदायक है। ऐसा माना जाता है कि कपालभाति प्राणायाम का नियमित अभ्यास चेहरे पर एक प्राकृतिक चमक लाता है। यह एक सफाई तकनीक है जो शरीर से विषाक्त हवा और विषाक्त पदार्थों को निकालती है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखे और ध्यान की मुद्रा में बैठे। साँस अन्दर को ओर ले अब साँस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अन्दर की ओर इस प्रकार खींचे की पेट और पीठ आपस में मिल जाएं। फिर साँस को अन्दर ले ओर पेट को ढीला करें। यह क्रिया फिर से दोहराहएं। कपालभाति प्राणायाम को पांच मिनट तक लगातार दोहराएं।
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पवनमुक्तासन योग को पवन रिलीज मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है और यह पेट और पाचन समस्याओं के लिए उत्कृष्ट है। यह पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और रक्त परिसंचरण को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैर को घुटने से मोड़ें और घुटने को अपने मुँह की ओर कर लें। अपने कंधों को ऊपर उठायें, अपनी नाक से घुटने को छूने का प्रयास करें। इस आसन को आप 10 से 60 सेकंड के लिए करने का प्रयास करें।
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धनुरासन योग या बो पोज़ पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) के इलाज का एक और शक्तिशाली योग आसन है। यह आपके प्रजनन अंगों को सही काम करने और मासिक धर्म की परेशानी से राहत दिलाने का एक प्रभावी तरीका है। इसे धनुष मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है, यह तनाव और चिंता से राहत देने में फायदेमंद है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को शरीर के समान्तर रखें और पैरों को पीछे की ओर मोड़ लें। अब अपने हाथों को पीछे ले जाएं और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़ लें। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। अंत में दोनों हाथों को खोल के अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।
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हलासाना योग या प्लव पोज़ (plow pose) का अर्थ हल मुद्रा हैं, यह किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाला कृषि उपकरण है। हलासन आमतौर पर सर्वांगासन योग के बाद किया जाता है, जो मूल रूप से एक कंधे का स्टैंड है। यह आसन पीसीओएस में बहुत ही लाभदायक हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट बिछा के सीधे हाथ पैर कर के लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। अपने दोनों हाथों को सीधा जमीन पर ही रखें रहने दें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे अपने सिर के पीछे की ओर जमीन से लगाने की कोशिश करें। इस स्थिति में अपने क्षमता के अनुसार करने ओर अपनी प्रारंभिक अवस्था में आयें।
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चाइल्ड पोज़ या बालासन योग केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करता है, और पीठ के निचले हिस्से में तनाव और मासिक धर्म की ऐंठन से राहत देता है। चाइल्ड पोज़ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद करता है, और पीठ के निचले हिस्से में तनाव और मासिक धर्म की ऐंठन से राहत देता है। इस आसन को करने से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सामान्य हो जाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने सिर को झुकाते जाएं और जमीन पर सिर को रखें। अपने दोनों हाथों को सामने की ओर सीधे करके फर्श पर रखें। इस आसन में आप कम से कम 2 से 3 मिनिट रहने का प्रयास करें।
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पीसीओएस के लिए भुजंगासन या कोबरा योग बहुत ही लाभदायक आसन हैं। यह आसन पेट पर दबाव डालता है और डिम्बग्रंथि समारोह को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। यह सभी उम्र की महिलाओं में पीसीओएस लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा योग आसन है। इस आसन को करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट बिछा के अपने पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीठ ऊपर की ओर रहें। अपने दोनों हाथों को कोहनी के यह से मोड़ें और अपनी छाती के साइड में रखें। अब अन्दर की ओर साँस लें और अपने सिर को ऊपर की ओर उठायें। ध्यान रखें की आपके कमर से लेके पैरों तक का हिस्सा जमीन से ऊपर ना उठे। साँस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें। आप इस आसन को कम से कम 20 से 30 सेकंड तक करना चाहिए।
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पीसीओएस की प्राकृतिक रोकथाम में बद्ध कोणासन योग अच्छी तरह से काम कर सकता है। यह आसन श्रोणि क्षेत्र को खोलने में मदद करेगा, विश्राम को बढ़ावा देगा और तनाव को कम करेगा। यह आसन मासिक धर्म के दर्द को दूर करने में भी मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ जगह में बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर को अपनी ओर मोड़ लें और दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं। अब दोनों हाथों से घुटनों को धीरे-धीरे दबाएँ जिससे दोनों घुटने फर्श पर रख जाएं। इस मुद्रा को आप 2 से 3 मिनिट के लिए करें। ध्यान रखें की अगर आपके घुटने जमीन पर नहीं आ रहे हैं तो इसे जबरजस्ती करने का प्रयास ना करें।
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कॉर्पस पोज या शवासन योग अंतिम विश्राम मुद्रा है। यह आपके तनाव हार्मोन को संतुलित करते हुए पूरी तरह से आराम करने की अनुमति देता है। यह आसन आपको जागरूक और श्वास पर ध्यान केंद्रित करके विश्राम को बढ़ावा देता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। अब इस मुद्रा में आराम करें, इस आसन में आपको सोना नहीं हैं। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है।
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