Yoga For Better Sleep in Hindi (नींद के लिए योग): अच्छी और गहरी रात की नींद एक स्वस्थ आहार के बराबर महत्वपूर्ण है। आज कल की तनाव भरी जिंदगी में लोग अच्छी तरह से नींद नहीं ले पाते हैं। जिससे हमारे शरीर को पूरी तरह से आराम नहीं मिल पता है और वह कई प्रकार कि बिमारियों का कारण भी बन जाता हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि खराब नींद का आपके हार्मोन, व्यायाम प्रदर्शन (exercise performance) और मस्तिष्क के कार्य पर बहुत ही ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नींद पूरी ना होने से आपका वजन बढ़ने लगता है जो कई तरह की गंभीर बीमारी होने के खतरे की संभावना को बढ़ा सकता है।
एक अच्छी नींद आपको कम खाने, स्वस्थ रहने, खुशहाल और तनाव से दूर रहने में मदद करती है। यदि आप अच्छी नींद के लिए किसी दवाइयों का सहारा लेते है तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक स्वस्थ और गहरी नींद के लिए आप आप योग का सहरा ले सकते है जो प्राकृतिक रूप से आपको अच्छी नींद में सहायक होता है। आइये गहरी और स्वस्थ नींद के लिए योग के लिय योग आसन को जानते है।
योग का नींद पर सकारात्मक प्रभाव पाया गया है और यह एक अच्छी नींद के लिए बेहतर घरेलू उपचारों में से एक है। योग करने से तनाव कम होता है, शारीरिक कार्य क्षमता में सुधार होता है। योग करने से रात को नींद आने में मदद मिलती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है। यदि आपको रात में ठीक से नींद नहीं आती है तो निम्न योगासन रोजाना करें, इससे आपको कुछ ही दिनों में फायदा मिलेगा।
(और पढ़ें – गहरी और अच्छी नींद लेने के लिए घरेलू उपाय)
बालासन योग जिसको हम चाइल्ड पोज़ के नाम से भी जानते हैं। यह योग तनाव को कम करके मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे आपको अच्छी नींद आती हैं। यह एक आरामदायक मुद्रा है जो नर्वस सिस्टम को ठीक करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने सिर को झुकाते जाएं और जमीन पर सिर को रखें। अपने दोनों हाथों को सामने की ओर सीधे करके फर्श पर रखें। इस आसन में आप कम से कम 2 से 3 मिनिट रहने का प्रयास करें। यह आसन कमर दर्द को ठीक करता हैं और साथ ही आपकी मासिक थकान को कम करने में मदद करता हैं।
(और पढ़े – बालासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां…)
यदि आप रात में ठीक से नींद लेना चाहते है तो इसके लिए उत्तानासन योग बहुत माना जाता है। यह योग आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करता है। उत्तानासन करने से नर्वस सिस्टम ठीक करके शरीर में रक्त का संचार को बढ़ता है। उत्तानासन योग करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने को ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
(और पढ़ें –उत्तानासन योग करने का तरीका और फायदे)
विपरीत करनी योग एक आरामदायक योग है। गहरी नींद के लिए इस योग को करना अच्छा माना जाता है। यह थकान और तनाव को कम करता है। यह रक्तचाप को भी कम करता है और इससे अनिद्रा की समस्या खत्म हो जाती है। विपरीत करनी योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दीवार की ओर पैर करके सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा के दीवार पर रखें और अपनी पीठ को जमींन पर ही रहने दें। इस स्थिति में आपकी कमर पर 90 डिग्री का कोण बनेगा। अपने दोनों हाथों को फर्श पर सीधा रखें। इस मुद्रा में 5 से 15 मिनट तक बने रहें।
(और पढ़े – विपरीत करणी योग करने का तरीका और फायदे…)
बद्ध कोणासन योग को तितली आसन के नाम से भी जाना जाता हैं। थकान को मिटाने और रात में अच्छी नींद के लिए आप बद्ध कोणासन योग को करें। साथ ही यह योग इनर थाई, घुटनों और पैरों के ज्वॉइंट्स को दर्द से राहत देता है। जिसके कारण से नींद अच्छी आती है।
बद्ध कोणासन योग को करने के लिए आप सबसे पहले योगा मेट बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद श्वास अन्दर लें अपने बाएं पैर को अपनी ओर मोड़ें। फिर उसके बाद अपने दाएं पैर को भी अपने ओर मोड़ लें। दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं और दोनों पैरों की उंगलियां आपस में मिला लें। अब दोनों हाथों से घुटनों को धीरे-धीरे दबाएँ जिससे दोनों घुटने फर्श रख जाएं। ध्यान रखें की अगर आपके घुटने जमीन पर नहीं आ रहे हैं तो इसे जबरजस्ती करने का प्रयास ना करें। इस मुद्रा में आप 2 से 3 मिनिट के लिए रहें।
(और पढ़ें –बद्ध कोणासन करने का तरीका और फायदे)
मार्जरासन योग को कुछ लोग मार्जरी आसन और कैट पोज़ के नाम से भी जानते हैं। बेहतर नींद के लिए और इंसोम्निया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए है यह योग बहुत ही फायदेमंद है। यह आपकी रीड की हड्डी को लोचदार बनता हैं और रक्त के प्रवाह को बढ़ता हैं। इस योग को करने के लिए आप एक योगा मैट पर अपने सिर को सीधा रखें हुयें घुटने टेक के अपने दोनों हाथों को जमीन पर रख लें। अब साँस को अन्दर लेते हुए अपने सिर को पीछे की ओर तथा अपनी ठोड़ी को ऊपर करें। अब साँस छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे करें और अपनी ठोड़ी को अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। इस आसन को कम से कम 5 से 6 बार करें। यह पोज़ प्रसव के बाद पेट कम करने में लाभदायक होता हैं।
(और पढ़े – मार्जरासन करने के तरीके और उससे होने वाले फायदे…)
भस्त्रिका प्राणायाम एक बहुत ही अच्छा श्वास अभ्यास हैं यह शरीर को स्वस्थ और दिमाग को खुश रखता हैं। ह्रदय और मस्तिष्क के रोगियों को एक चमत्कारी परिमाण प्राप्त करने लिए इस आसन को करना लाभदायक होता हैं। यदि आपको रात में ठीक से नींद नहीं आती है तो आप भस्त्रिका प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करें। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपनी आँखों को बंद कर लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। कुछ देर ध्यान की मुद्रा में बैठे और तर्जनी को अंगूठे से मिलाएं। अब एक गहरी साँस अन्दर लें और फिर बलपूर्वक उसके बाहर निकालें। फिर से बलपूर्वक अन्दर की ओर साँस लें और फिर से बलपूर्वक उसे बाहर निकले। इस भस्त्रिका प्राणायाम को कम से कम 21 बार करें।
(और पढ़ें –प्राणायाम करने के तरीके और फायदे)
जानुशीर्षासन योग मस्तिष्क को शांत करता है और हल्के अवसाद की चिंता, थकान, सिरदर्द, मासिक धर्म की परेशानी और अनिद्रा से राहत दिलाने में मदद करती है। यह आसन एक प्रकार से रीढ़ की हड्डी का मोड़ है। जानुशीर्षासन योग करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछाएं और दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें सीधा खड़ा करें। अब अपने ऊपर के शरीर को बाएं पैर की ओर नीचे झुकाएं और बाएं पैर के पंजें को पकड़ लें। अपने सिर को बाएं पैर के घुटने पर रख लें। इस मुद्रा में रहते हुयें 5 से 10 बार साँस लें।
(और पढ़ें – जानुशीर्षासन करने का तरीका और फायदे)
शवासन योग को आराम मुद्रा भी कहा जाता है इसे सब योग करने के अंत में किया जाता है टेंशन को दूर करने के लिए शवासन योग आसन एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। शवासन तंत्रिका तंत्र को एकीकृत करने का मौका देता है जो दैनिक जीवन के सभी सामान्य तनावों से निपटने में हमारी मदद करता है। शवासन योग को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है।
(और पढ़ें – शवासन योग करने के फायदे और तरीका )
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