Yoga Poses For Healthy Menstruation In Hindi: मासिक धर्म के लिए योग महिलाओं में होने वाली अनियमित माहवारी और दर्द को कम करने में सहायक होते है। महिलाओं के लिए पीरियड्स का समय बहुत ही पीड़ादायक होता।
पीरियड्स में योग करने से उस समय होने वाले दर्द, ऐंठन और तनाव से छुटकारा मिलता है। मासिक धर्म के समय एक्सरसाइज की जगह योग आसन करना अधिक लाभदायक होता है।
आज इस लेख में हम आपको बतायेंगे की पीरियड में योग करना चाहिए या नहीं और अगर माहवारी में योग करें तो कौन से योग आसन करें और इन्हें करने में क्या सावधानियां रखनी चाहिए। आइये मासिक धर्म के लिए योग (Yoga Poses For Healthy Period In Hindi) के बारे में विस्तार से जानते है।
क्या आप पीरियड के दौरान योग करने के बारे में सोच रहीं है। यदि आप इस बारे में चिंतित हैं कि मासिक धर्म में योग करना चाहिए या नहीं? तो हम आपको बता दें कि सभी महिलाएं माहवारी के दौरान भी योग को कर सकती है।
नियमित योग आपके शरीर और आपके दिमाग के लिए फायदेमंद है। कोई भी वैज्ञानिक कारण नहीं है कि आपको अपने पीरियड्स के दौरान अपने योग नहीं करना चाहिए। वास्तव में, इस बात के प्रमाण हैं कि पीरियड्स के दौरान योग इसे दर्द को कम करने में मददगार हो सकता है।
(और पढ़ें – पीरियड्स की जानकारी और अनियमित पीरियड्स के लिए योग और घरेलू उपचार)
पीरियड में योग करना महिलाओं के लिए कई प्रकार से फायदेमंद होता है। अगर आप जानना चाहती है कि पीरियड में कौन सा योग करना चाहिए तो, आप मासिक धर्म के दौरान निम्न योग आसन को कर सकती हैं।
(और पढ़ें – पीरियड्स के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं)
धनुरासन योग करना महिलाओं के मासिक धर्म के लिए लाभदायक माना जाता है। यह आपके प्रजनन तंत्र के लिए सबसे अच्छे पोज़ में से एक है। यह एक मूल हठ योग आसन है जो पेट की चर्बी को कम करने, आपकी रीढ़ की हड्डी, जांघों और टखनों को मजबूत करने में फायदेमंद है।
धनुरासन योग को करने के लिए एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने दोनों हाथों को शरीर के समांतर रखें, अब अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर घुटनों के यहाँ से मोड़े। अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और दोनों पैरों को दोनों हाथों से पकड़ लें। इस आसन में कम से कम 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें। अंत में दोनों हाथों को खोल के अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें।
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बद्ध कोणासन योग मासिक धर्म की समस्याओं के उपचार के लिए सबसे बेहतर आसन में से एक है। यह योग महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में सुधार करता है। रक्त परिसंचरण में सुधार करने और गुर्दे तथा मूत्राशय को उत्तेजित करने में मदद करता है। बद्ध कोणासन प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है।
बद्ध कोणासन योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ जगह में बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर को अपनी ओर मोड़ लें और दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं। अब दोनों हाथों से घुटनों को धीरे-धीरे दबाएँ जिससे दोनों घुटने फर्श पर रख जाएं। इस मुद्रा को आप 2 से 3 मिनिट के लिए करें।
उष्ट्रासन योग महिलाओं के पीरियड्स को नियमित करने और मासिक धर्म के दर्द से राहत देने के लिए एक बेहतरीन योग है। यह कंधे और पीठ को भी मजबूत करता है, मुद्रा और लचीलेपन में सुधार करता है, आपके आंतरिक अंगों की मालिश करता है।
उष्ट्रासन योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा कर उस पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपनी कमर के यहाँ से पीछे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों को पीछे ले जाएं। अपने सिर को पीछे झुका लें और दोनों हाथों को पैर की एड़ियों पर रखें। उष्ट्रासन की स्थिति में आप 30 से 60 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
कोबरा पोज या भुजंगासन योग महिलाओं के प्रजनन अंगों के लिए एक उत्कृष्ट योग आसन है। यह पाचन में भी सुधार करता है, आपकी छाती को खोलता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है।
भुजंगासन योग को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं, जिसमें आपकी पीट ऊपर की ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें की आपके कमर से नीचे का शरीर जमीन से ऊपर ना उठे। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
मलासन योग अनियमित माहवारी और दर्द को कम करने में सहायक होता है। यह योग चयापचय में सुधार करने, पेट को टोन करने, पाचन तंत्र को सक्रिय करने, आपके कमर को मजबूत करने और आपके प्रजनन प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है।
मलासन योग करने के लिए आप सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के मध्य 1 से 1.5 फिट की दूरी रखें। अब अपने दोनों हाथों को छाती के सामने जोड़ लें और धीरे-धीरे नीचें की ओर बैठ जाएं। अपनी जांघों को शरीर के ऊपरी हिस्से से अधिक चौड़ा रखें। दोनों हाथों को इस स्थिति में जोड़ें की कोहनी पर 90 डिग्री का एंगल बन जाएं। मलसाना योग में आप कम से कम एक मिनिट तक रहें।
पश्चिमोत्तानासन योग महिला प्रजनन अंगों, खासकर गर्भाशय और अंडाशय को भी उत्तेजित करता है। जिससे प्रजनन स्तर में सुधार होता है और तनाव दूर होता है।
पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपनी सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
जानुशीर्षासन योग मासिक धर्म की परेशानी और अनिद्रा से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा जानुशीर्षासन मुद्रा मस्तिष्क को शांत करती है और हल्के अवसाद की चिंता, थकान, सिरदर्द को दूर करता है।
जानुशीर्षासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें सीधा खड़ा करें।
अब अपने ऊपर के शरीर को बाएं पैर की ओर नीचे झुकाएं और बाएं पैर के पंजें को पकड़ लें। अपने सिर को बाएं पैर के घुटने पर रख लें। इस मुद्रा में रहते हुये 5 से 10 बार साँस लें।
(और पढ़ें – पीरियड में एक्सरसाइज करनी चाहिए या नहीं)
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