Yoni me yeast infection ke gharelu upay घरेलू उपायों की मदद से योनि में यीस्ट इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है। महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन की समस्या होना आम बात है इसलिए महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन का इलाज घरेलू उपाय के साथ किया जा सकता है। यीस्ट इंफेक्शन, यीस्ट संक्रमण फंगल संक्रमण का एक सामान्य प्रकार है। यह मुख्य रूप से जननांग क्षेत्र में होने वाला रोग है। इसके कारण आपको दर्द, खुजली, जलन और स्मेली डिस्चार्ज आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। अधिकांश महिलाएं अपने जीवनकाल के दौरान कभी न कभी यीस्ट संक्रमण का अनुभव करती हैं।
यदि आप बस एक एंटिफंगल क्रीम या डॉक्टर के द्वारा बताये गए उपचार के अतिरिक्त कोई अन्य यीस्ट इंफेक्शन के घरेलू उपाय खोज रहे हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार के बारे में बताएँगे जिससे आप योनि में यीस्ट संक्रमण से छुटकारा पा सकते हैं।
विषय सूची
यीस्ट इंफेक्शन के घरेलू उपाय के लिए आप नारियल का तेल प्रयोग में ले सकते हैं। नारियल तेल एक वसायुक्त तेल है, इस तेल में कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जिनमें एंटिफंगल गुण भी शामिल हैं। इसके अलावा नारियल के तेल में एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि नारियल का तेल सी. अल्बिकन्स (C. albicans) के खिलाफ प्रभावी है। नारियल तेल का उपयोग करके एक योनि यीस्ट संक्रमण का इलाज करने के लिए आप इस प्रभावित क्षेत्र को अच्छी तरह से धोएं और एक मुलायम कपड़े का उपयोग करके इसे अच्छे से सुखाएं। इसके बाद आप शुद्ध जैविक नारियल तेल को लें और प्रभावित क्षेत्र पर नारियल के तेल की एक पतली परत को लगायें। इसे आप दिन में दो या तीन बार दोहराएं आपको आराम मिलेगा।
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दही को एक प्रोबायोटिक माना जा सकता है क्योंकि इसमें लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस जैसे जीवित बैक्टीरिया होते हैं। कुछ प्रोबायोटिक्स सी अल्बिकन्स के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया आपकी योनि में स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए आवश्यक हैं। यीस्ट संक्रमण के उपचार के लिए आप सादा दही को लें और उसमे कॉटन टैम्पोन (Cotton tampon) को डुबोकर अपनी योनि में लगायें और इसे आप एक या दो घंटे के लिए छोड़ दें। अधिक परेशानी होने पर आप इसे हर कुछ घंटों में फिर से दोहरा सकते हैं। दही का उपयोग योनि में यीस्ट इंफेक्शन के प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।
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लहसुन कैंडीडा प्रजातियों के खिलाफ मजबूत एंटिफंगल गुणों का प्रदर्शन करता है, जिसके कारण यह यीस्ट संक्रमण के लिए एक प्रभावी और आसान घरेलू उपाय है। कुछ वेबसाइट लहसुन को योनि में डालने की सलाह देती हैं, लेकिन इसके कारण आपको जलन और अधिक दर्द हो सकता है। यीस्ट की अतिवृद्धि से लड़ने के लिए अपने आहार में लहसुन की भरपूर मात्रा शामिल करें। फंगल संक्रमण के उपचार के लिए आप 1-2 लहसुन की लौंग ले और उनको पानी के साथ निगल लें। आप ऐसा दिन में एक या दो बार करें, पर ध्यान रखें की लहसुन गर्म प्रकति का होता है इसलिए इसका अधिक सेवन ना करें।
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सेब के सिरके के कई औषधीय उपयोग हैं और इसे कई अनुसंधान द्वारा सिद्ध भी किया गया हैं। सेब के सिरका का प्रयोग और भी कई उपचार जैसे वजन कम करना हो, त्वचा की देखभाल करना हो या बालों का झड़ रहे हो इस सभी के लिए सेब का सिरका बहुत काम की चीज है। यीस्ट संक्रमण में यह बहुत ही लाभदायक हैं क्योंकि इसमें एंटीफंगल गुण होता है। इसका उपयोग बाहरी और आंतरिक दोनों रूप में किया जा सकता है। इसका प्रयोग करने के लिए आप 1-2 बड़े चम्मच सेब के सिरके का लें और एक ग्लास पानी में इसे मिला लें। फिर इस को पूरा पी लें। यह आपको यीस्ट संक्रमण के पूरे तरह से ठीक होने तक दिन में दो से तीन बार करना हैं।
इसके अलवा आप अपने शरीर की खुजली के लिए एक कप सेब के सिरके को लेकर उसे पानी में मिला के स्नान भी कर सकते हैं।
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बोरिक एसिड एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक है जो कुछ महिलाओं के लिए दवा का कार्य कर सकता है। यह यीस्ट संक्रमण के इलाज के लिए बहुत ही उपयोगी है। आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि चींटियों से छुटकारा पाने के लिए आप घर के आस-पास इस्तेमाल होने वाले बोरिक एसिड का इस्तेमाल योनि में यीस्ट संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए भी कर सकते हैं। बोरिक एसिड में एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते है जो योनि में होने वाले यीस्ट संक्रमण के इलाज में आपकी मदद करता हैं।
इसका प्रयोग करने के लिए आप बोरिक एसिड पाउडर को लेकर जिलेटिन कैप्सूल (Gelatin capsules) में अच्छे से भरें और उसे बंद कर लें। इस कैप्सूल को सोने से पहले अपनी योनि में रख लें। इस उपचार से यीस्ट संक्रमण ठीक करने लिए इसे 12 से 15 दिनों के लिए दोहराएं। ध्यान रखें कि यदि आप गर्भवती हैं तो इस घरेलू उपचार का उपयोग न करें।
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टी ट्री ऑयल एक आवश्यक तेल है जिसका उपयोग कवक, बैक्टीरिया और वायरस को मारने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि टी ट्री ऑयल योनि में एक स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। टी ट्री ऑयल में एंटीफंगल, एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण पाए जाते है जो योनि संक्रमण के इलाज में मदद कर सकते है। आप टी ट्री ऑयल को ऑनलाइन और दुकानों में खरीद सकते हैं। इसका उपयोग करने के लिए आप 3 बूंद टी ट्री ऑयल को 2 बड़े चम्मच शहद में अच्छे से मिलाएं। अब इसे प्रभावित क्षेत्र पर रात भर के लिए लगा रहने दें। इसके बाद सुबह गर्म पानी से धो लें। यह उपचार आप यीस्ट संक्रमण को दूर करने लिए कुछ रातों के लिए दोहराहएं।
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ओरिजिनम मार्जोरम (Originum marjoram) या अजवायन की पत्ती यह हमें आसानी से किराने की दुकान पर मिलने वाले मसाले के अन्दर मिल जाती हैं। हालांकि यह यीस्ट इंफेक्शन के उपयोग में नहीं लाया जा सकता है इसके लिए आप जंगली अजवाइन की पत्ती से बने तेल का प्रयोग करें। इसमें थाइमोल और कारवाक्रोल होते हैं जो कि एक शक्तिशाली एंटीफंगल होते हैं। 2001 के एक पुराने अध्ययन में पाया गया कि जंगली अजवायन का तेल इस्तेमाल सी. एल्बीकैंस की वृद्धि को रोक या धीमा कर सकता है।
यीस्ट इंफेक्शन के लिए अजवायन की पत्ती का तेल का प्रयोग करने के लिए आप अजवायन के तेल की 3 बूँदें को एक गिलास पानी में डालें (आप चाहें तो इसे 6 बूंद तक इसे बढ़ा सकते हैं) और अच्छे से मिला लें और इसे पियें। इसको आप हप्ते में दो बार पिए। ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए अजवायन के तेल का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
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योनि में यीस्ट इंफेक्शन के लिए घरेलू उपचार में एलोवेरा बहुत ही फायदेमंद हैं। एलोवेरा जेल की ठंडक जलन को कम करेगी और प्रभावित क्षेत्र में सूजन को भी कम करेगी। इसमें छह अलग-अलग एंटीसेप्टिक गुण भी शामिल हैं जो कवक और बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। यीस्ट संक्रमण में एलोवेरा का प्रयोग करने के लिए ताजे एलोवेरा जेल के लिए एक पत्ती से एलोवेरा जेल निकालें। इसके बाद इसकी पतली परत प्रभावित क्षत्रे पर लगायें और इसे सूखने दें। इस आप एक दिन में दो या तीन बार पुन: लागू करें इससे आपको लाभ मिलेगा।
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विटामिन सी को एक प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर की रूप में जाना जाता है। यह मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर को संतुलन में लाने की अनुमति देती है। विटामिन सी को एस्कॉर्बिक एसिड भी कहा जाता है इसमें रोगाणुरोधी घटक होते हैं जो महिलाओं में कैंडीडा प्रजातियों की अतिवृद्धि को मारने के लिए जाने जाते हैं। योनि में यीस्ट इंफेक्शन के उपचार के लिए अपने आहार में विटामिन सी के सेवन को बढ़ाएं। पर संवेदनशील योनि ऊतक के लिए अम्लीय विटामिन सी का प्रयोग ना करें।
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यीस्ट संक्रमण लिए ज़िम्मेदार कवक को मरने के लिए पेपरमिंट ऑयल बहुत ही उपयोगी है। पेपरमिंट ऑयल मुँह के छाले के लिए भी बहुत ही असरदायक उपचार हैं। योनि में यीस्ट इंफेक्शन में पेपरमिंट ऑयल का प्रयोग करने के लिए 2-3 बूंद पेपरमिंट ऑयल की लें और उसे 8 oz. पानी को एक गिलास में डाल के मिला लें। इसके योनि के मुँह पर कुछ मिनट के लिए घुमाएं। कुछ देर बाद इसे साफ पानी से धो लें। आप पेपरमिंट तेल के एक या दो कैप्सूल को खा भी सकते हैं। ध्यान रखें कि प्रत्येक कैप्सूल में कम से कम 0.2 मिलीलीटर तेल होता है। इस उपचार को आप एक दिन में दो बार कर सकते हैं।
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एप्सम नमक मुख्य रूप से मैग्नीशियम सल्फेट है। यह रासायनिक नमक यीस्ट को मारने और संक्रमण का इलाज करने में सक्षम है। योनि में यीस्ट इंफेक्शन के इलाज के लिए आप 2 कप एप्सम नमक को लेकर गर्म पानी से भरे हुए बाथटब में अच्छे से मिला लें। अब इस इस पानी में अपने आप को 10 से 15 मिनट के लिए भिगो दें। यह उपचार आप सप्ताह में दो बार करें।
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