Zinc Sources, Benefits and Side Effects In Hindi जिंक प्रकति में पाई जाने वाली एक आवश्यक धातु है। इसकी बहुत सीमित मात्रा मानव शरीर के लिए अतिआवश्यक होती है। इसकी कमी और अधिकता मानव शरीर पर बुरा प्रभाव डालती है। जस्ते की कमी (zinc deficiency) के कारण उत्पन्न लक्षणों के निवारण और उपचार के लिए जस्ता (जिंक) का उपयोग किया जाता है। जिंक की पूर्ति मानव शरीर को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कैप्सूल और टैबलेट के माध्यम से की जा सकती है। जस्ता की अधिक मात्रा मानव स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकती है। अतः आज के इस लेख में आप जानेंगे कि जस्ता क्या है, इसके लाभ और नुकसान क्या-क्या हैं।
विषय सूची
1. जिंक क्या है – what is zinc in Hindi
2. जिंक के फायदे – Zinc Benefits in Hindi
3. जस्ता के अन्य संभावित लाभ – Other possible zinc benefits in Hindi
4. जस्ता के स्रोत – Zinc Sources in Hindi
5. जिंक की कितनी मात्रा जरुरी है – Recommended intake of Zinc in Hindi
6. जिंक की अधिकता और कमी के नुकसान – Side Effects of Zinc in Hindi
जस्ता (Zinc) एक धातु है। इसे “आवश्यक ट्रेस तत्व” (essential trace element) कहा जाता है क्योंकि मानव स्वास्थ्य के लिए जस्ता (जिंक) की बहुत कम मात्रा आवश्यक होती है।
मानव शरीर में इसका उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, सामान्य ठंड, बार-बार होने वाला कान के संक्रमण का इलाज करने और श्वसन संक्रमण को रोकने के लिए भी किया जाता है। परजीवी (parasites) के द्वारा होने वाला मलेरिया (malaria) और अन्य बीमारियों को ठीक करने के लिए जिंक (Zinc) का प्रयोग किया जाता है।
कुछ लोग आंख की बीमारी जैसे रतौंधी, मोतियाबिंद और मैक्युलर डीजेनेरेशन (macular degeneration) के लिए भी जस्ता का उपयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त यह अस्थमा (asthma), मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एड्स और त्वचा की स्थिति जैसे सोरायसिस (psoriasis), एक्जिमा, (eczema), और मुँहासे (acne) के लिए अधिक प्रयोग किया जाता है।
(और पढ़े – एक्जिमा क्या है, कारण, लक्षण, बचाव और घरेलू उपचार…)
जस्ता (Zinc) प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाने, सही ढंग से डीएनए (DNA) संश्लेषित करने, बचपन के समय स्वस्थ विकास को बढ़ावा देना और घावों के उपचार के लिए महत्वपूर्ण है।
जिंक (Zinc) के कुछ स्वास्थ्य लाभ निम्नलिखित हैं:
मानव शरीर को टी लिम्फोसाइट (T lymphocytes) (टी कोशिकाओं) को सक्रिय बनाने के लिए जस्ता (zinc) अति महत्वपूर्ण होता है। टी कोशिकाएं (T cells) शरीर के लिए दो तरह से महत्वपूर्ण होती है:
प्रतिरक्षा सम्बन्धी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करने के लिए,
संक्रमित कोशिकाओं या कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए,
शरीर में जस्ता की मात्रा में कमी प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। एक अध्ययन के अनुसार “जस्ता की कमी वाले व्यक्तियों में विभिन्न रोगों के होने की संभावनाएँ बहुत अधिक होती है।”
(और पढ़े – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय…)
zinc benefits for skin शोध से पता चलता है कि मुँहासे वाले लोगों के रक्त और त्वचा में जस्ता का स्तर कम होता है। मुँहासे के इलाज के लिए जिंक सल्फेट सप्लीमेंट अत्यधिक प्रभावी परिणाम देता है।
(और पढ़े – मुँहासों को दूर करने के घरेलू उपाय…)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दस्त (diarrhea) के कारण हर साल 50 लाख बच्चों में से लगभग 16 लाख बच्चे अति गंभीर हालत के कारण मोत का शिकार हो जाते हैं। जिंक गोलियां (Zinc pills) दस्त को कम करने में मदद करती हैं। जस्ता (जिंक) की गोलियों का 10-दिनों तक नियमित सेवन, दस्त (diarrhea) के इलाज में प्रभावी भूमिका निभाती है और इस स्थिति को भविष्य में दोबारा होने से रोकने में भी मदद करती हैं।
(और पढ़े – बच्चों के दस्त (डायरिया) दूर करने के घरेलू उपाय…)
अनेक अध्ययनों और न्यूरॉन पत्रिका में प्रकाशित सुझाव के अनुसार, न्यूरॉन्स (neurons) एक-दूसरे के साथ सूचना का आदान-प्रदान कैसे करते हैं, दिमाग में यादें कैसे बनती हैं और हम किसी कार्य को किस तरह से सीखते हैं, इस बात को नियंत्रित करने में जस्ता (जिंक) की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
(और पढ़े – मानसिक रोग के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज, और बचाव…)
एक अध्ययन के अनुसार व्यक्तियों में सामान्य शीत के प्रभाव को 40 प्रतिशत तक कम करने के लिए जिंक लोज़ेजेस (Zinc lozenges) बहुत प्रभावी पाया गया।
जब स्वस्थ लोगों में शीत के लक्षणों की शुरुआत के 24 घंटे के अन्दर जस्ता (lozenges या सिरप) लिया जाता है तो यह सामान्य सर्दी की अवधि और गंभीरता को कम करने में बहुत फायदेमंद होता है।
(और पढ़े – जीभ पर जमी सफेद परत को साफ करने के घरेलू उपाय…)
जस्ता (Zinc) त्वचा की संरचना और पवित्रता को बनाए रखने में एक भूमिका निभाता है। अक्सर पुराने घावों या अल्सर के मरीजों में जस्ता चयापचय में कमी और सीरम जिंक के स्तर में भी बहुत कमी पाई जाती है। डायपर रैश (diaper rash) या अन्य त्वचा परेशानियों का इलाज करने के लिए त्वचा क्रीम में सामान्यतः जिंक का उपयोग किया जाता है।
घाव चिकित्सा में जस्ता का उपयोग अल्सर उपचार में, सूजन और जीवाणु वृद्धि को रोकने में किया जाता है। घावों या अल्सर वाले मरीजों के उपचार के लिए जिंक सल्फेट एक प्रभावी माध्यम है।
(और पढ़े – सूजन के कारण, लक्षण और कम करने के घरेलू उपाय…)
शोधकर्ताओं के माध्यम से यह पता लगाया गया है, कि आहार और सप्लीमेंट के रूप में जस्ता का प्रयोग किया जाने पर सूजन संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। प्रतिरक्षा कार्य प्रणाली में जिंक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पुरानी बीमारी से सम्बंधित बढ़ती सूजन और नई सूजन को कम करने में जिंक सहायक होता है।
(और पढ़े – संतुलित आहार के लिए जरूरी तत्व , जिसे अपनाकर आप रोंगों से बच पाएंगे…)
अभिलेखों में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिंक रेटिना (retina) में कोशिका (cellular) क्षति को रोकने में सहायक है। रेटिना (retina) में कोशिका (cellular) क्षति, AMD (age-related macular degeneration) की प्रगति और दृष्टि हीनता (vision loss) के लिए ज़िम्मेदार है।
(और पढ़े – लेजर आई सर्जरी कराने की प्रक्रिया, फायदे, नुकसान और कीमत…)
कई अध्ययनों और परीक्षणों में कम शुक्राणु गुणवत्ता का कारण शरीर में जस्ता (जिंक) के स्तर में खराबी को बताया जाता है। जस्ता सल्फेट और फोलिक एसिड सप्लीमेंट का उपयोग शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में उपयोग होता है। निष्कर्ष के रूप में, जस्ता (जिंक) का कम सेवन मानव शरीर में शुक्राणु की कमी और पुरुष बांझपन का कारण बन सकता है।
(और पढ़े – शुक्राणु क्या है, कैसे बनते है, कार्य और संचरना…)
इसके अतिरिक्त जिंक के चमत्कारी गुणों के कारण यह निम्न समस्याओं के इलाज के लिए भी प्रभावी हो सकता है:
ध्यान में कमी और अति सक्रियता विकार (attention deficit hyperactivity disorder) (ADHD) के उपचार में सहायक है।
ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) एक ऐसा रोग है, जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं तथा हड्डियों के फ़्रैक्चर होने का ख़तरा बढ़ जाता है। अतः जस्ता (जिंक), ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के उपचार में सहायक है।
निमोनिया (pneumonia) को रोकने और इसके इलाज के लिए भी जिंक प्रभावी है।
(और पढ़े – बच्चों में निमोनिया के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव…)
शरीर में जस्ता का स्तर अच्छा रखने के लिए जिंक से परिपूर्ण आवश्यक खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए। जस्ता (जिंक) के सबसे अच्छे स्रोत के रूप में सेम (beans), नट्स (nuts), मछली और अन्य समुद्री भोजन, साबुत अनाज और डेयरी उत्पाद उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त मांसाहारी भोजन में जिंक का स्तर सबसे अधिक पाया जाता है।
पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में जस्ता की कम उपलब्धता के कारण, शाकाहारियों को जिंक की उचित मात्रा की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक सेवन की आवश्यकता हो सकती है।
उच्चतम जस्ता सामग्री वाले खाद्य पदार्थ में दही, पका मटर, मूंगफली, फलदार सब्जियां, अंडे आदि शामिल हैं।
(और पढ़े – दही खाने से सेहत को होते हैं ये बड़े फायदे…)
बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में जस्ता (जिंक) का सेवन बहुत आवश्यक होता है क्योंकि जस्ता की मात्रा में थोड़ी से भी कमी बच्चों की वृद्धि में बाधा डाल सकती है, इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और दस्त तथा श्वसन रोग का खतरा भी बढ़ जाता है।
1 से 8 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए 3-5 मिलीग्राम (milligrams) जिंक की मात्रा आवश्यक होती है।
9 से13 वर्ष के पुरुषों के लिए प्रति दिन 8 मिलीग्राम जस्ता की आवश्यकता होती है। 14 साल की उम्र के बाद, प्रत्येक वयस्क को प्रतिदिन 11 मिलीग्राम (milligrams) अधिक जस्ता (जिंक) आवश्यक हो जाता है।
8 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए, जस्ता (जिंक) की आवश्यकता प्रति दिन 8 मिलीग्राम पर ही स्थिर रहती है, 14 से18 आयु के लिए प्रति दिन 9 मिलीग्राम की सिफारिश की जा सकती है।
उम्र के आधार पर गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 11-13 मिलीग्राम (milligrams) जस्ता की आवश्यकता बढ़ जाती है।
जस्ता (जिंक) की खुराक कैप्सूल और टैबलेट के रूप में भी उपलब्ध है। चूँकि जिंक की अधिक मात्रा मानव शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। जिंक के मात्रा व्यक्तियों द्वारा एक सीमा तक ही सहन की जा सकती है। हालांकि, जिंक के लिए शरीर की सहनशीलता, 18 साल से अधिक उम्र के पुरुषों और महिलाओं के लिए 40 मिलीग्राम तक है।
(और पढ़े – जानिए गर्भवती पत्नी की देखभाल के लिए पति को क्या करना चाहिए…)
सामान्य अवस्था में स्वास्थ्य की देखभाल के बिना नियमित रूप से जस्ता (जिंक) सप्लीमेंट की सिफारिश नहीं की जा सकती है। क्योंकि कुछ लोगों में जस्ता जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, धातु स्वाद (metallic taste), गुर्दे (kidney) और पेट की समस्या तथा अन्य दुष्प्रभाव को जन्म दे सकता है। घाव वाली त्वचा पर जिंक का उपयोग करना जलन, चुभन, खुजली और झुनझुनी (tingling) का कारण बन सकता है।
जस्ता की उच्च मात्रा या सिफारिश की गई मात्रा से अधिक खुराक बुखार, खांसी, पेट दर्द, थकान, और कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
(और पढ़े – कमजोरी और थकान के कारण, लक्षण और इलाज…)
जिंक की नाक के माध्यम से सांस लेना सामान्यतः खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे सूंघने की क्षमता में स्थायी हानि (permanent loss of smell) या एनोस्मिया (anosmia) हो सकता है। अतः जस्ता युक्त नाक स्प्रे (nose sprays) का उपयोग करने से बचें।
(और पढ़े – नाक और कान छिदवाने के फायदे, नुकसान और सावधानियां…)
प्रतिदिन 100 मिलीग्राम जिंक सप्लीमेंट का उपयोग या 10 या उससे अधिक वर्षों के लिए सप्लीमेंट जस्ता लेना से प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) का खतरा बढ़ जाता है। मल्टीविटामिन के साथ-साथ, अलग से जिंक सप्लीमेंट का अधिक मात्रा में प्रयोग, व्यक्तियों में प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer) से होने वाली मृत्यु का कारण बन सकता है।
(और पढ़े – ब्रैस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के लक्षण, कारण, जांच, इलाज और बचाव…)
डॉक्टर के माध्यम से सिफारिश की गई जिंक की मात्रा, मुंह से उचित रूप में ली जानी सुरक्षित है। लेकिन जब इसकी उच्च खुराक को मुहँ द्वारा उपयोग किया जाता है तो संभवतः यह खतरनाक होती है।
(और पढ़े – शिशु के रोने के कारण और उसे चुप कराने के तरीके…)
सिफारिश की गई दैनिक जस्ता की मात्रा का उपयोग गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं द्वारा ली जाने वाली जस्ता की उच्च खुराक पूरी तरह से खतरनाक होती है। 18 वर्ष से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 40 मिलीग्राम से अधिक जस्ता नहीं लेना चाहिए। इसी तरह 18 वर्ष से अधिक उम्र की स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 40 मिलीग्राम से अधिक जस्ता (जिंक) नहीं लेनी चाहिए।
(और पढ़े – ब्रेस्ट मिल्क (मां का दूध) बढ़ाने के लिए क्या खाएं…)
जस्ता की अधिक मात्रा मधुमेह (Diabetes) वाले लोगों में रक्त शर्करा (blood sugar) को कम कर सकती है। मधुमेह (Diabetes) वाले रोगियों को जस्ता (जिंक) उत्पादों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।
(और पढ़े – शुगर ,मधुमेह लक्षण, कारण, निदान और बचाव के उपाय…)
जिस व्यक्ति को एचआईवी / एड्स (HIV/AIDS) है, तो उस व्यक्ति को जस्ता का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। जिंक का उपयोग एचआईवी / एड्स वाले लोगों में कम जीवन-यापन के समय से जुड़ा हुआ है। अतः कहने का तात्पर्य है की जिंक का उपयोग एचआईवी / एड्स वाले व्यक्तिओं के लिए अधिक जोखिम पैदा कर सकता है, जिससे सम्बंधित व्यक्ति की मोत भी हो सकती है।
(और पढ़े – HIV एड्स के शुरुआती लक्षण जो आपको पता होने चाहिए…)
हेमोडायलिसिस (Hemodialysis: commonly called kidney dialysis or simply dialysis) का उपचार प्राप्त करने वाले लोगों को जस्ता की कमी के कारण इसके जोखिमों का खतरा बढ़ जाता है और अतः इसके इलाज में सहायता के लिए जस्ता की खुराक की आवश्यकता हो सकती है।
(और पढ़े – किडनी फ़ैल, कारण, लक्षण, निदान और उपचार…)
मानव शरीर में जस्ता की कमी कोशिकाओं को कमजोर कर सकती है। यह सिर पर कमजोर कोशिकाओं के कारण बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। अतः जस्ते की कमी बालों के लिए खतरा पैदा करती है।
(और पढ़े – टूटते बालों से हैं परेशान तो अपनाएं ये घरेलू उपाय…)
इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।
Homemade face pack for summer गर्मी आपकी स्किन को ख़राब कर सकती है, जिससे पसीना,…
वर्तमान में अनहेल्दी डाइट और उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन लोगों में बीमारी की…
Skin Pigmentation Face Pack in Hindi हर कोई बेदाग त्वचा पाना चाहता है। पिगमेंटेशन, जिसे…
चेहरे का कालापन या सांवलापन सबसे ज्यादा लोगों की पर्सनालिटी को प्रभावित करता है। ब्लैक…
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिन्हें पहचान कर आप…
त्वचा पर निखार होना, स्वस्थ त्वचा की पहचान है। हालांकि कई तरह की चीजें हैं,…