Zucchini Benefits in Hindi: तोरई की सब्जी खाना अधिकांश लोगों को पसंद नहीं है। लेकिन क्या आप तोरई के फायदे जानते हैं। तोरई के औषधीय गुण कई सामान्य और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करते है। तोरई को पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। तोरई में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जो हमें ऊर्जा दिलाने में सहायक है।
तोरई के फायदे प्राप्त करने के लिए आप तोरई के बीज और तोरई के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तोरई खाने के लाभ वजन कम करने, मधुमेह नियंत्रित करने, हृदय को स्वस्थ रखने, देखने की क्षमता बढ़ाने आदि में होते हैं। ऐसा नहीं है कि तोरई खाने के केवल लाभ होते हैं।
तोरई खाने के कुछ नुकसान भी होते हैं जो सामान्य होते हैं। आज इस लेख में आप तोरई के फायदे और नुकसान संबंधी जानकारी प्राप्त करेगें। आइए इन्हें जानें।
तोरई का पौधा सामान्य रूप से लगभग सभी घरों में पाया जाता है। यह ग्रीष्मकालीन सब्जी है तोरई का अंग्रेजी नाम Zucchini है और वैज्ञानिक नाम कुकुर्बिता पेपो (Cucurbitapepo) है। यह कद्दू के परिवार से संबंधित सब्जी है।
जो कि कई प्रकार के व्यंजनों को तैयार करने के लिए उपयोग की जाती है। तोरई पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही पानी की उच्च मात्रा रखता है। उच्च फाइबर युक्त आहारों में तोरई को भी शामिल किया जाता है।
तोरई की कई प्रजातियां हैं जिनका उपयोग खाद्य रूप में किया जाता है। ये सभी प्रकार जलवायु और स्वाद के अनुसार अलग-अलग प्रभाव दिखाती हैं। तोरई के अन्य प्रकारों में शामिल हैं :
एरिस्टोक्रेट (Arstocrat) – तोरई की इस प्रजाति के ऊपरी हिस्से या छिलके में मोम जैसी परत होती है। यह मध्यम हरे रंग की होती है।
गोल्ड रश (Gold Rush)– इस प्रकार की तोरई का रंग सुनेहरा होता है।
काली तोरई (Black Zucchini) – इस तोरई का रंग गहरा हरा और अंदर का मांस सफेद होता है। यह तोरई की सबसे आम किस्मों में से एक है।
तोरई गडजुक (Zucchini Gadzukes) – यह हल्के हरे रंग की लकीरों वाली तोरई होती है।
तोरई के पोषक तत्वों की बात की जाये तो इसमें फाइबर और प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है। तोरई की 100 ग्राम मात्रा में पाये जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं।
कैलोरी 17, कार्बोहाइड्रेट 3.11 ग्राम, प्रोटीन 1.21 ग्राम, और फाइबर 1.0 ग्राम आदि। इसके अलावा तोरई में फोलेट, नियासिन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन K भी मौजूद होता है।
यदि खनिज पदार्थों की बात की जाये तो तोरई में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सेलेनियम और जिंक मौजूद रहता है। आइए जाने इन पोषक तत्वों की मौजूदगी हमें कौन से स्वास्थ्य लाभ दिलाते हैं।
तोरई भारत में प्रमुख खाद्य सब्जी के रूप में उपयोग की जाती है। हालांकि बहुत से लोगों को तोरई की सब्जी पसंद नहीं आती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शायद उन्हें तोरई खाने के फायदे पता नहीं हैं। तोरई की सब्जी खाना कई असाध्य बीमारियों के लक्षणों को कम कर सकती है। आइए विस्तार से जाने तोरई खाने के फायदे और नुकसान क्या हैं।
तोरई में स्टार्च और फैट आदि की बहुत ही कम मात्रा होती है। साथ ही इसमें फाइबर भी अच्छी मात्रा होता है। इस कारण ही मोटापा कम करने वाले आहार में तोरई को शामिल किया जाता है। यदि आप भी अपना वजन घटाना चाहते हैं तो तोरई को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
इस सब्जी में पानी की उच्च मात्रा होती है जिसके कारण इसका सेवन करने पर आपको बहुत देर तक भूख का एहसास नहीं होता है। यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों में से एक है। जो वजन कम करने में सहायक होते हैं।
भले ही तोरई का स्वाद आपको पसंद न हो लेकिन यदि आप अपने वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं तो तोरई की सब्जी का सेवन करना प्रारंभ कर दें।
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उच्च रक्त चाप के लक्षणों को कम करने के लिए डीएएसएच (DASH) आहार करने की सलाह दी जाती है। तोरई भी इसी प्रकार के आहार में शामिल है। तोरई के लाभ इसलिए होते हैं क्योंकि इसमें सोडियम, वसा और कोलेस्ट्रॉल आदि की बहुत ही कम मात्रा होती है। इसके अलावा यह कार्बोहाइड्रेट के संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक है।
इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी रोगों की संभावना को कम करते हैं। इसके अलावा तोरई में फोलेट भी होता है। एक अध्ययन के अनुसार फोलेट का नियमित सेवन दिल की बीमारियों के लक्षणों को कम कर सकता है। आप भी अपने हृदय को स्वस्थ रखने और हृदय रोगों से बचने के लिए तोरई का सेवन कर सकते हैं।
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तोरई की सब्जी या तोरई के औषधीय गुण मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। क्या आप भी मधुमेह रोगी हैं यदि ऐसा है तो तोरई के फायदे प्राप्त करें। तोरई जैसे गैर-स्टार्च वाले खाद्य पदार्थ आपको ऊर्जा दिलाने के साथ ही मधुमेह का भी उपचार कर सकते हैं।
इसके अलावा तोरई में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा ग्लूकोज अवशोषण को कम करता है जिससे मधुमेह प्रकार 2 के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। एक अध्ययन से पता चलता है कि मधुमेह प्रकार 2 के रोगियों के लिए अघुलनशील फाइबर बहुत ही प्रभावी होता है जो कि तोरई में भरपूर मात्रा में होता है।
यदि आप भी मधुमेह के लक्षणों को नियंत्रित करना चाहते हैं तो विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के रूप में तोरई का सेवन कर सकते हैं।
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तोरई उन खाद्य पदार्थों में से एक है जो कोलेस्ट्रॉल मुक्त या बहुत ही कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉल युक्त होते हैं। यही कारण हैं कि अधिकांश डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले लोगों को तोरई खाने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तोरई में घुलनशील फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण के साथ हस्तक्षेप कर सकता है।
इसके अलावा नियमित रूप से तोरई का उपभोग करने में खराब कोलेस्ट्रॉल और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के बीच संतुलन बनाने में भी मदद मिलती है।
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एक अध्ययन के अनुसार तोरई में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकती है। तोरई में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं जो अस्थमा उपचार में सहायक होते हैं। तोरई की सब्जी में विटामिन सी के साथ ही कॉपर
भी होता है जो अस्थमा रोगी के लिए लाभकारी है।विटामिन सी के लाभों में न केवल अस्थमा के हमलों बल्कि ब्रोन्कियल अतिसंवेदनशीलता का इलाज भी शामिल है। हम सभी जानते हैं कि विटामिन सी सर्दी और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं को भी ठीक करने में प्रभावी होताहै। आप भी अस्थमा को ठीक करने के लिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों के साथ ही तोरई को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं।
जो लोग नियमित रूप से तोरई और तोरई के छिलके की सब्जी खाते हैं उन्हें कैंसर होने की संभावना कम होती है। तोरई में मौजूद फाइबर प्रमुख घटक है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकता है। कैंसर भी उन्हीं स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। फाइबर कोलन कैंसर सहित अन्य कैंसरों के उपचार में सहायक होता है। फाइबर बृहदान्त्र में अतिरिक्त पानी को अवशोषित करता है साथ ही पचे हुए अपशिष्ट पदार्थ में पर्याप्त नमी बनाए रखता है। जिससे मल त्याग में आसानी होती है।
इन्हीं गुणों के कारण तोरई बृहदान्त्र में होने वाले कैंसर को रोकने में प्रभावी होता है। एक अध्ययन के अनुसार फाइबर आंतों के सामान्य कामकाज को विनियमित करने और आंतों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इन सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए आप तोरई का सेवन करें। तोरई के फायदे भविष्य में भी कैंसर की संभावना को रोकने का अच्छा विकल्प है।
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हम सभी जानते हैं कि पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए फाइबर की उच्च मात्रा आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। तोरई में फाइबर की उच्च मात्रा होती है। एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार तोजे फलों और हरी सब्जीयों जैसे तोरई पाचन तंत्र को स्वस्थ्य रखने में सहायक होते हैं।
आप पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए तोरई को विभिन्न प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। जैसे तोरई की सब्जी, तोरई का सूप आदि। नियमित रूप से तोरई का सेवन करने पर पाचन संबंधी समस्याओं जैसे अपच, कब्ज, पेट दर्द, दस्त और पेट फूलना जैसे लक्षणों को कम किया जा सकता है।
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उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। क्योंकि इस बीमारी के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। यह निश्चित करना मुश्किल होता है कि रोगी का रक्तचाप कब उच्च हो सकता है। लेकिन यदि आप नियमित रूप से तोरई की साग का सेवन करते हैं तो यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तोरई में अन्य पोषक तत्वों के साथ पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में होता है।
एक अध्ययन के अनुसार तोरई में केले की तुलना में पोटेशियम अधिक होता है। पोटेशियम एक वासोएक्टिव घटक है। इसका मतलब यह है कि पोटेशियम रक्त वाहिकाओं की आंतरिक परत को लचीला बनानेऔर उन्हें स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
उच्च रक्तचाप रोगी को पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। पोटेशियम की उचित खुराक पाने के लिए आप तोरई की सब्जी का सेवन कर सकते हैं।
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त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी तोरई फायदेमंद होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस खाद्य पदार्थ में पानी की पर्याप्त मात्रा होती है। जिसके कारण यह त्वचा को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज करती है।
इसके अलावा तोरई में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं। जो त्वाचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाते हैं। ये फ्री रेडिकल्स समय से पहले बुढ़ापे के संकेतों का प्रमुख कारण होते हैं। लेकिन तोरई खाने के लाभ इन लक्षणों को प्रभावी रूप से दूर करने में सहायक होते हैं।
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तोरई जैसी हरी सब्जियां और फल दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। तोरई में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन (lutein and zeaxanthin) होते हैं जो हड्डियों और दांतों को मजबूत रखते हैं। इसके अलावा वे रक्त कोशिकाओं को भी मजबूत बनाते हैं जिससे हड्डियों को पर्याप्त पोषण प्राप्त होता है।
तोरई के लाभ इसमें मौजूद मैग्नीशियम के कारण भी होते हैं। क्योंकि यह हड्डियों में प्रमुख घटक होता है। इसकी कमी के कारण हड्डीयां कमजोर होने लगती हैं। लेकिन मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए आप अपने आहार में तोरई को शामिल कर सकते हैं।
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यदि आप बालों संबंधी समस्या से परेशान हैं तब भी तोरई के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। तोरई में जिंक की अच्छी मात्रा होती है जो बालों को बढ़ने में मदद करती है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी शुष्क और दो मुंहे बालों का इलाज करने में भी सहायक है। नियमित रूप से इस सब्जी का सेवन करने से इसके पोषक तत्व बालों को मजबूत और कोमल बनाते हैं।
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स्वास्थ्य संबंधी लाभों को प्राप्त करने के लिए तोरई का सेवन किया जाता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में तोरई का अधिक सेवन करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे कि :
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